Book Title: Bharat ke Prachin Jain Tirth
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Jain Sanskriti Sanshodhan Mandal

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Page 82
________________ गौड़ ३१, ३२ चारण ? (वारण) गौतमस्वामी चांदूर (देखो इन्द्रभूति) चांपानेर घ चित्तौड़ घग्घर ३९, ४८ चिन्तामणि पाश्वनाथ -घाघरा चीन १९, २२, ३२ घोसिताराम ३७ चूलगिरि शिखर चेटक चटगाँव ३४ चेति चणकपुर २० चेदि -राजगृह चेर चण्डप्रद्योत ३७, ५६ चेलना -प्रद्योत चोराय संनिवेश चण्डरुद्र ५६ चोल चतुर्विध संघ ५ चौरासी चन्दनबाला १२ चन्द्रगिरि ५५ छत्र चन्द्रगुप्त १५, ५६, ६६, ६७ छेदसूत्र चन्द्रगुफ़ा ५० छोटा नागपुर चन्द्रपुरी –चन्द्रावती-चन्द्रमाधव-चन्द्रानन जगइ चन्द्रप्रभ (चन्द्रप्रभा अशुद्ध है) ३६ -मिथिला चन्द्रप्रभास ५० जनक —देवपाटन-देवपट्टन जनकपुर-मिथिला चंदनागरी १७ जनकपुरी-मिथिला चंदेरी ५९ जनपद चंपरमणिज्ज जनपद-विहार चंपा ३, ९, १२, १६, १८, २०, जनपद-परीक्षा २१, २४, २५ जमुना ३८, ४३, ४४, ४६ चंपिज्जिया १७ -यमुना चाणक्य ६६ जम्बूद्वीप (भारतवर्ष) चातुर्याम ५, ६, ७ जम्बूसंड चामुण्डराय ६७ जम्बूस्वामी ३६ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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