Book Title: Bharat ke Prachin Jain Tirth
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Jain Sanskriti Sanshodhan Mandal

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Page 79
________________ कदंब ६६ कारकल ३, ६७ कनकखल ९ कालक आचार्य ४, ३४, ४९, ५६, ६४ कनाड़ी ६७ कालाय संनिवेश कनिष्क २ कालीदास कन्नौज ४३ कालियपुत्र कन्हन ६२ काली कपिलवस्तु २१, ३६, ४१ कालि (नदी) कम्बोज १९ काशगर कयंगला ९, २७ काशी १६, १९, २०, ३५, -कंकजोल काशी-कोसल करकण्डू ६३ कासव करकण्डूचरिय ६२ कासवज्जिया कर्णाटक ६७ कांचनपुर कलिंग १६. ३० कांचीपुर कलिंगनगर-भुवनेश्वर ३० -कांजीवर कलंबुक १० कांपिल्यपुर __५, १६, २०, ४२ कल्पसूत्र १६, २३, २७, ४५ ५२ -कपिल ५५, ६२ किरात ___४, २४, ३२, ३९ कसया ४१ -चिलात कंकाली टीला २, ४४ किष्किधापुर कंपिल ४२ -खुखुंदो कंपिलनगर ४२ ककट क्षत्रि कुण्डग्राम ८, २८ –मगध क्षितिप्रतिष्ठित-राजगृह कुक्कुटाराम काकंदी कुडुक्क ४९, ६१, ६७ काकंदिया काठियावाड़ दिखो सौराष्ट्र) ४९ कुडुक्क (आचार्य) ६१, ६७ कादम्बरी ४९ कुणाल १५, ४८, कान्यकुब्ज (देखो कन्नौज) कुणाल नगर काबुल ५२ -उज्जनी कामरूप ३१ कुणाल नगरी -आसाम -श्रावस्ति । कामिड्डिम १७ कुणाला १४, १६, ३९ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com -कुर्ग

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