Book Title: Bharat ka Bhavishya
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Osho Rajnish

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Page 3
________________ भारत का भविष्य उपयोग होता है। पीछे का भी हमें दिखाई पड़ता रहे। यह जरूरी है। लेकिन चलना भविष्य में है, बढ़ना आगे है। और अगर भविष्य की तरफ देखने वाली आंखें बंद हो जाएं, तो दुर्घटना के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं हो सकता। भारत का दो हजार साल का इतिहास, एक्सीडेंट का, दुर्घटनाओं का इतिहास है। इन दो हजार सालों में हम सिवाय गड्डों में गिरने के किन्हीं ऊंचाइयों पर नहीं उठे। गुलामी देखी है, गरीबी देखी है, बहुत तरह की दीनता और बहत तरह की परेशानी देखी है। और आज भी हमारे पास भविष्य की कोई ऐसी योजना नहीं है कि हम यह सोच सकें कि आने वाला कल आज से बेहतर हो सकेगा। वरन जवान से जवान आदमी से भी बात की जाए तो वह भी यही कहता हुआ मिलेगा कि कल और स्थिति के बिगड़ जाने का डर है। रोज चीजें बिगड़ती चली जाएंगी ऐसी हमारी धारणा है। इस धारणा के पीछे कुछ कारण हैं। हमने अपने उटोपिया को पास्ट ओरिएनटेड रखा हुआ है। इस देश में हमने जो समय की धारणा की है, जो हमारा टाइम आर्डर है, वह यह कहता है कि सबसे अच्छा युग हो चुका। अब आने वाला युग बुरा होगा। सतयुग हो चुका, कलियुग हो रहा है और रोज हम अंधकार में उतरते चले जाएंगे। जो भी अच्छा था वह बीत चुका। राम, कृष्ण, नानक, कबीर, बद्ध, महावीर, जो भी अच्छे लोग हो सकते थे वे हो चुके। अब भविष्य, भविष्य में जैसे कोई अच्छे होने का हमें उपाय दिखाई नहीं पड़ता। लेकिन ध्यान रहे, जो भविष्य में अच्छे आदमियों को पैदा हम न कर पाए तो हमारे अतीत के अच्छे आदमी झूठे मालूम पड़ने लगेंगे। अगर हम भविष्य में और श्रेष्ठताएं न छू सके तो हमारे अतीत की सारी श्रेष्ठताएं काल्पनिक और कहानियां मालूम पड़ने लगेंगी। क्योंकि बेटा बाप का सबूत होता है। और अगर बेटे गलत निकल जाएं तो अच्छे बाप की बात सिर्फ मन भुलाने की बात रह जाती है। वह गवाही नहीं रह जाता। भविष्य तय करेगा कि हमने अतीत में राम को पैदा किया या नहीं पैदा किया। अगर हम भविष्य में राम से बेहतर आदमी पैदा कर सकते हैं तो ही हमारे राम सच्चे साबित होंगे। अगर हम राम से बेहतर आदमी पैदा नहीं कर सकते तो दुनिया हमसे कहेगी कि राम सिर्फ कहानी हैं. यह आदमी तुमने कभी पैदा किया नहीं। Page 3 of 197 http://www.oshoworld.com

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