Book Title: Bhagvati Sutram Part 04
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

View full book text
Previous | Next

Page 207
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kalashsagarsun Gyanmandir ॐ गौतम ! सात पृथिवीओ कही. हे, ते आ प्रमाणे-प्रथमा, द्वितीया यावत्-सप्तमी. [40] हे भगवन् ! प्रथम पृथिवी कया नामवाळी | व्याख्या द अने कथा गोत्रवाळी कही छे ? [उ.] हे गौतम ! प्रथम पृथिवीनुं नाम 'धम्मा' छे अने गोत्र रत्नप्रभा छे-ए प्रमाणे 'जीवाभिगम'दाराने प्रवतिः सूत्रमा प्रथम नैरयिक उद्देशक कयो छे ते बधो यावद्-अल्पबहुत्व सधी अहिं कहेवो. हे भगवन् ! ते ए प्रमाणे छे, हे भगवन् ! उद्देश '॥१.gon ए प्रमाणे छे. ॥ ४४४ ॥ 13॥१०४०॥ भमवत् सुधर्मस्वामीप्रणीत भीमद् भगवतीसूत्रना १२ मा शतकमां त्रीजा उद्देशानो मूलार्थ संपूर्ण थयो. उद्देशक ४. रायगिहे जाव एवं वयासी दोभंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति एगयओ साहण्णित्ता किं भवति?, गोयमा । तुप्पएसिए स्वंधे भवह, से भिबमाणे दुहा कज्जइ एगयओ परमाणुपोग्गले पगयओ परमाणुपोग्गले भवद । तिन्नि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति २ किं भवति?, गोयमा तिपएसिए खंघे भवति, से भिजमाणे दुहावि तिहावि कज्जइ, दुहा कत्रमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कन्जमाणे तिणि परमाणुपोग्गला भवंति । चत्तारि भंते। परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति जाव पुच्छा, गोयमा! चउपएसिए खंधे भवद, से मिजमाणे दुहावि तिहावि चउहावि कजइ, दुहा कजमाणे एगयओपर-14 माणुपोग्गले एगयओ तिपएसिए वंधे भवइ, अहवा दो दुपएसिया खंधा भवति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो8 परमाणुपोग्गला. एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवद, चउहा कजमाणे चत्तारि परमाणुपोग्गला भवंति। R-ACCACCOS SAHARASHARE For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235