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व्याख्याप्रज्ञप्तिः १०४४॥
१२शतके उमेश ॥१०४७
खंघे एगयओ तिपएसिए खंधे भवह अहवा एयो परमाणु० एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा भवंति, पंचहा | कलमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ निपएसिए बंधे भवह अहवा एगयओ तिन्नि परमाणु | एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कन्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएमिए खधे | भवह, सत्तहा कन्जमाणे सच परमाणुपोग्गला भवंति ।
प्र०] हे भगवन् ! सात परमाणुपुद्गलो संवन्धे प्रश्न. [उ०] हे गौतम ! सप्तप्रदेशिक स्कंध थाय. जो तेना विभाम थाय तो बे, पण, यावत् सात विभाग थाय छे. जो वे विभाग थाय तो एक तरफ एक परमाणुपुद्गल अने एक तरफ छप्रदेशिक स्कंध थाय, अथवा एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ पंचप्रदेशिक स्कंध थाय, अथवा एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ चतुष्पदेशिक स्कंध थाय. जो तेना त्रण भाग थाय तो एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ पंचप्रदेशिक स्कंध थाय. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ द्विप्रदेशिक अने चतुष्पदेशिक स्कंध थाय. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुदूगल अने एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय. अथवा एक तरफ वे द्विप्रदेशिक स्कंधो अने एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय. जो तेना चार भाग थाय तो एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ एक चतुष्पदेशिक स्कंध थाय. अथवा एक तरफ ये पर माणुपुद्गलो, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल अने एक तरफ त्रण द्विप्रदेशिक स्कंधो थाय. जो तेना पांच विभाग थाय तो जुदा चार परमणुपुद्गलो, अने एक त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय. अथवा एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ बे द्विप्रदेशिक स्कंधो पाय. जो तेना छ भाग थाय तो एक तरफ जुदा पांच
पुद्गलो, एकतरफा एक तरफ वण परमाना एक तरफ वे निष्प
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