Book Title: Bhagvati Sutram Part 04
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 220
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra व्याख्यावासिः ॥१०५३॥ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir स्कंध, एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध, अने एक चतुष्प्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ एक परमाणुवुगल अने एक तरफ त्रण त्रिप्रादेशिक स्कन्धो होय . अथवा एक तरफ त्रण द्विप्रदेशिक स्कन्धो अने एक तरफ एक चतुष्प्रदेशिक स्कंध होय . अथवा एक तरफ एक परमाणु हल अने एक तरफ त्रण त्रिप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. अथवा एक तरफ वे द्विप्रदेशिक स्कन्धो अने एक तरफ वे त्रिदेशिक स्कन्धो होय ले, तेना पांच विभाग करवामां आवे तो एक तरफ चार परमाणुपुल अने एक तरफ एक छप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ एक पंचप्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो, एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध अने एक चतुष्प्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ वे परमाणुओं, एक तरफ वे द्विप्रदेशिक स्कन्धो अने एक तरफ एक चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध होय छे. | अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो, एक द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ वे त्रिप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. अथवा एक तरफ परमाणुपुल, एक तरफ त्रण द्विप्रदेशिक स्कन्धो अने एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा पांच द्विप्रादेशिक स्कन्धो होय छे. तेना छ विभाग करवामां आवे तो एक तरफ जूदा पांच परमाणुओं अने एक तरफ एक पंचप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ चारपरमाणुपुङ्गलो, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्वस्थ तथा एक तरफ एक चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ चार परमाणुपुद्गलो, अने एक तरफ वे त्रिप्रदेशिक स्कन्धों होय छे. अथवा एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो, एक तरफ बे द्विप्रदेशिक स्कन्धो अने एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्रलो अने एक तरफ चार द्विप्रदेशिक स्कन्धो होय . तेना सात विभाग करवामां आवे तो एक तरफ छ परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ एक चतुःप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. For Private And Personal १२ शतके उद्देशः४ ॥१०५२५

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