Book Title: Bhagvati Sutram Part 04
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 223
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsun Gyanmandir व्याख्याप्रज्ञप्तिा ॥१.५६॥ ४ार की संख्याता प्रदेशनो स्कन्ध थाय. जो तेनो भेद-विभाग थाय तो तेना बे, यावत् दस के संख्याता विभाग थाय. जो तेना चे भाग र करवामां आवे तो एक तरफ एक परमाणुपुद्गल अने एक तरफ संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध थाय के अथवा एक तरफ एक द्विप्रदेशिक काउद्देशा स्कन्ध अने एक तरफ एक संख्यातप्रदेशिक स्कंध थाय . अथवा एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ एक संख्या- १०५६॥ तप्रदेशिक स्कन्ध थाय छे. ए प्रमाणे यावद् एक तरफ दशप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा घे संख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. तेना त्रण विभाग करवामां आवे तो एक तरफ वे परमाणुओ अने एक तरफ एक संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ एक परमाणु, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ एक संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय . अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ एक संग्ख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. ए प्रमाणे यावत्-अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ दश प्रेदशिक स्कन्ध अने एक संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, अने एक तरफ वे संख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. अथवा एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ वे संख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे, ए प्रमाणे यावत् -अथवा एक तरफ एक दशप्रदेशिक स्कन्ध अने बे संख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय , अथवा त्रण संख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय के. तेना चार भाग करवामां आवे तो एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो, अने एक तरफ एक संख्यातनदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ एक संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ बे परमाणुओ, एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, For Private And Personal

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