Book Title: Bhagvati Sutram Part 04
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 213
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kalashsagarsun Gyanmandir ध्याख्या अज्ञप्तिा एगयओ छ परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवह अदुहा कजमाणे अट्ठ परमाणुपोग्गला भवंति ॥ | [प्र०] हे भगवन् ! आठ परमाणुपुद्गलो संवन्धे प्रश्न. [उ०] हे गौतम ! आठ प्रदेशनो एक स्कंध थाय. (जो तेना चिमाम है थाय तो चे, त्रण, चार, पांच, छ, सात के आठ विभाग थाय.) यावत् तेनावे विभाग थया तो एक तरफ एक परमाणुपुद्गल अने उमेश | एक तरफ सात प्रदेशनो एक स्कंध थाय छे. अथवा एक तरफ के प्रदेशोनो एक स्कंध अने एक तरफ छ प्रदेशनो एक स्कंघ थाय IND१०१६॥ के. अथवा एक तरफ त्रण प्रदेशनो एक स्कंध अने एक तरफ पांच प्रदेशनो एक स्कंध थाय ने. अथवा चार चार प्रदेशना वे स्कंध थाय छे. जो तेना त्रण विभाग थाय तो एक तरफ जुदा बे परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ छ प्रदेशनो एक स्कंध याय छे. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ पंचप्रदेशिक स्कंध थाय छे. अथका एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ चतुष्प्रदेशिक स्कंध थाय छे. अथवा एक तरफ वे द्विप्रदेशिक स्कयो । अने एक चतुष्पदेशिक स्कंध थाय छे. अथवा एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ चे त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय छे. जो तेना चार विभग थाय तो एक तरफ जुदा त्रण परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ पांच प्रदेशनो एक स्कंध थाय छे. अथवा एक तरफ जुदा व परमाणु पुद्गलो, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक चार प्रदेशनो स्कंध थाय छे. अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ चे त्रिप्रदेशिक स्कंधो क्षय छे अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ वे द्विप्रदेशिक स्कंधो अने एक त्रिप्रदेशिक एक स्कंध थाय छे अथवा चार द्विप्रदेशिक स्कंधो थाय छे. तेना पांच विभाग थाय तो एक तरफ जुदा चार परमाणुपुद्गलो, अने एक तरफ एक चतुष्पदेशिक स्कंध थाय छे. अथवा एक तरफ त्रण परमाणुओ अने एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक SHESARKAACA%95649 For Private And Personal

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