Book Title: Bhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan
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जैन शब्दकोश के विषय में मेरे विचार
संसार में प्रतिदिन हजारों प्रकार का साहित्य प्रकाशित होता है, किन्तु भाषा की कठिनाई के कारण उसे सभी लोग नहीं पढ़ पाते। उन्हें समझने के लिए शब्दकोश सशक्त माध्यम हैं। संसार की अनेक भाषाओं में अब तक शब्दकोश प्रकाशित हो चुके हैं, जिनके द्वारा विभिन्न भाषाओं तथा विषयों को सुगमता से समझा जा सकता है।
जैनधर्म संसार का प्राचीनतम धर्म है किन्तु वर्तमान में संख्या की दृष्टि से पूरे संसार में जैन धर्मावलंबी अति अल्पसंख्यक हैं। फिर
भी भगवान महावीर के पश्चात् विगत 2500 साल में हजारों जैन ग्रंथों का लेखन प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी, कन्नड़, मराठी, गुजराती आदि भाषाओं में हुआ है, किन्तु विश्य में सर्वाधिक प्रचलित भाषा अंग्रेजी में तो नहीं के बराबर जैन साहित्य प्रकाशित हुआ है। जैन साहित्य का अंग्रेजी भाषा में प्रकाशन लगभग विगत 100 वर्ष में ही हुआ देखने में आता है।
जैन साहित्य को विश्व में प्रचारित करने की भावना से अभी 10-15 वर्षों से अंग्रेजी जैन शब्दकोश प्रकाशित करने का उपक्रम प्रारंभ हुआ। उसी श्रृंखला में जैन समाज की वरिष्ठ साध्वी गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की शिष्या प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के भाव हिन्दी-अंग्रेजी जैन शब्दकोश तैयार करने के हुए. जिसके लिए उन्होंने पूज्य गणिनी ज्ञानमती माताजी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
शब्दकोश तैयार करने की प्रक्रिया धीरे-धीरे प्रारंभ हुई। इस कार्य में सहयोग के लिए सक्षम तथा लगनशील व्यक्तियों का चयन कर टीम के साथ कार्य प्रारंभ करने के लिए डॉ. अनुपम जैन, इंदौर को योग्य समझकर उन्हें यह कार्यभार सौंपा गया। पहले हिन्दी भाषा के जैन धर्मग्रंों से शब्दों का चयन तथा उनकी व्याख्या तदनंतर उनका अंग्रेजीरूपान्तरण निश्चितरूप से बहुत कठिन काम था। किन्तु दृढ़ संकल्प के कारण वह कठिन होते हुए भी हो गया।
आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के अतिरिक्त जिन-जिन महानुभावों ने इसमें अपना समय तथा शक्ति लगाई उन सबका नामोल्लेख इसमें किया गया है, किन्तु चंदनामती माताजी ने अपनी शक्ति से भी अधिक इसके लिए श्रम किया है, जिसके लिए गणिनी ज्ञानमती माताजी का आशीर्वाद उन्हें विशेषरूप से बल प्रदान करता रहा।
मुझे तो पूर्ण विश्वास है कि अब निकट भविष्य में जैन धर्म ग्रंथों का अंग्रेजी में प्रकाशन करने में सुगमता रहेगी और आगे बड़ी मात्रा में अंग्रेजी जैन साहित्य प्रकाशित होने लगेगा।
मेरी शुभकामना है कि यह भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शब्दकोश पूरे विश्व में समादर एवं सर्वमान्यता को प्राप्त हो तथा जैनधर्म के मर्म को समझकर सर्वत्र अहिंसा की प्रतिष्ठापना हो। भगवान महावीर जन्मभूमि-कुण्डलपुर (नालंदा) पीठाधीश झुलक मोतीसागर 14-7-2004
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