Book Title: Bhagavana Mahavira ke Hajar Updesh
Author(s): Ganeshmuni
Publisher: Amar Jain Sahitya Sansthan
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२५६
भगवान महावीर के हजार उपदेश
8.
अणेगचित्ते खलु अय पुरिसे, से केयण अरिहए पूरइत्तए ।
६०१
कामा दुरतिक्कमा |
६०२
इह लोए निष्पिवासस्स, नत्थि किचि वि दुक्कर ।
६०३
कह न कुज्जा सामण्ण, जो कामे न निवारण ।
६०४
विणीय तण्हो विहरे ।
६०५
से हु चक्खू मणुस्साण, जे कखाए य अतए ।
६०६
मेहावी अप्पणो गिद्धिमुद्धरे ।
६०० आचा० १/३/२ ६०३ दश० २।१
६०६. सूत्र० ८।१३
६०१ आचा० ११२१५ ६०४ दश० ८१६०
६०२ उत्त० १६/४४ ६०५ सूत्र० १५ १४

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