Book Title: Bhagavana Mahavira ke Hajar Updesh
Author(s): Ganeshmuni
Publisher: Amar Jain Sahitya Sansthan

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Page 309
________________ * छपाई, सफाई और मामग्री की दृष्टि से यह प्रकाशन निःसदेह अनुपम व उपयोगी है। -सौभाग्य मुनि 'कुमुद पुस्तक क्या है ? दुर्लभ मोती, हीरे लालो का इक कोप । हर इक शब्द अहिंसा मां की, ___महिमा का करता उद्घोप । पट-सुन जिसे हजारो लाखो, पार करेंगे भवसागर । गुणी 'गणेश' मुनीश्वरजी का, ग्रन्थरत्न यह रहे अमर । --चन्दन मुनि (पंजाबी) विचार रेखा - सम्पादक : गणेश मुनि शास्त्री, साहित्यरत्न -प्रेरक : श्री जिनेन्द्र मुनिजी -प्रकाशक अमर जैन साहित्य सदन, जोधपुर -मूल्य . एक रुपया पचास पैसे प्रस्तुत पुस्तक छ अध्यायो मे विभक्त वह उद्यान है, जिसमे अहिंसा, अस्तेय, सतोप, सयम, प्रेम, हर्ष, सुख, दुख, क्षमा आदि विविध विचारो के सुमन खिले हैं, आशा है, जीवन मे इनकी सुरभि मिलती रहेगी । पुस्तक संग्रह और मनन के लायक है । मुनि श्री की इस सुन्दर कृति का सर्वत्र स्वागत हो यही हमारी मगल कामना है। -श्रमण, वाराणसी 'विचार रेखा' महापुरुपो की दिव्यवाणी एव गम्भीर विचारको के विचारो का श्रेष्ठ संग्रह है, मानव जीवन के लिए प्रकाश स्तम है । -विजय मुनि शास्त्री हाथ मे उठा जो देखा विचित्र 'विचार रेखा', सवसे निराला लेखा, कविता न गीत है। अनमोल हीरे पर, ढग से दिये हैं घर, जौहरी का जैसा घर, पावन-पुनीत है।

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