Book Title: Bhagavana Mahavira ke Hajar Updesh
Author(s): Ganeshmuni
Publisher: Amar Jain Sahitya Sansthan

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Page 308
________________ NS 'अहिंसा की बोलती मीनारें' के द्वारा कृष्ण के प्रेम को, महावीर की अहिंसा को, गांधीजी की सत्याग्रहवादी भाषा को लेखक ने नवयुग की चेतना के समक्ष बड़ी सजधज के साथ रखा है। -विजय मुनि शास्त्री हे पुस्तक मे सर्वत्र लेखक की सूझ-बूझ और चिन्तन पूर्ण अनुभूतियो का दिग्दर्शन होता है। ऐसी उपयोगी पुस्तक प्रकाशन के लिए लेखक एव प्रकाशक को बधाइयाँ । -अजित शुकदेव से अहिंसा के विभिन्न पहलुओ को लेकर प्राञ्जल शैली मे लिखी गई यह कृति सर्वोपयोगी है। -मुनि नेमीचन्द्र आज के भयाक्रान्त विश्व को निर्भयता की ओर ले जाने मे यह पुस्तक पूर्णसहायक बनेगी, ऐसा मेरा विश्वास है। -प्रर्वतक मुनि मिश्रीमल ऐसा श्रम साध्य तथा महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ यदि किसी उच्चस्तरीय परीक्षा के पाठ्यक्रम में स्वीकृत हो जाय, तो समाज का अधिक हित हो सकता है । -प्रवर्तक विनयऋषि से 'अहिंसा की बोलती मीनारें मे लेखक ने अहिंसा का शास्त्रीय चिंतन प्रस्तुत करते हुए उसके व्यावहारिक, आध्यात्मिक और विविध मतो की दृष्टि से सामाजिक मूल्यो पर भी सुन्दर प्रकाश डाला है। भाव-मापा दोनो ही दृष्टि यो से पुस्तक सुन्दर से सुन्दरतर है । -आचार्य मुनि हस्तिमल V वर्तमान विचार द्वन्द्व की काली निशा मे मुनि श्री का प्रस्तुत ग्रन्थ 'अहिंसा की वोलती मीनारें प्रकाश स्तम बनकर विश्व को सही मजिल की दिशा सुझायेगा, ऐसा विश्वास है । -मालवकेशरी मुनि सौभाग्यमल पुस्तक क्या है ? वर्तमान देश, समाज व राष्ट्र की विभिन्न समस्याओ का उचित समाधान । राकेटवादी युग का प्रकाश स्तम्म । प्रत्येक मीनार का विपय वडा ही रोचक, दिलचस्प एव ज्ञानवर्धक है। -पं० शोभाचन्द्र भारिल्ल आज के युग को अहिंसा का वोध देने वाला यह एक सुसस्कृत सयोजन -मधुकर मुनि

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