Book Title: Bambai Chintamani Parshwanathadi Stavan Pad Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Chintamani Parshwanath Mandir

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Page 13
________________ ४ चिन्तामणि पानाथ मंदिर के प्रतिमा लेख __२६. सं. १८४२ चैत्र शुक्ल राकायां चन्द्रवासरे लक्ष्मणपुरस्थ श्रीमालान्वये भांडियागोत्रे हिरदेसिंघ भार्या चुनियाख्या आचाम्ल तपोधापने श्रीसिद्धचक्रयंत्र कारापितं श्रीमबृहत्खरतरगच्छाधीश्वर जं.। युः। भा। श्री जिनचंद्रसूरि पदस्थ भ० श्री जिननंदीवद्ध नसूरिभिः प्रतिष्ठितं । २७. सं. १८६२ चैत्र शुक्ल राकायां चंद्रवासरे लक्ष्मणपुरस्थ श्री. माल दुसाज उमदामल पुत्र । उमरामल तत्पुत्र बहादरसिंह माय मुनी.. याख्या सिद्धचक्र कारापितं प्रतिष्ठितं बृहत्खरतरगच्छाधिराज श्री जिनचंद्रसूरि पदस्थ नंदिवर्धनसूरिभिः॥ २८. संवत् १९१० फाल्गुन सिति २ बुधौ श्री धर्मनाथ जिनबिंब पांचालदेशे कोपिल्यपुरे प्रति .. २६. सं. १८८८ माघ शुक्ल ५ भौमे श्री अभिनंदन जिनबिबं का. । ओसवंसे बहोरागोंने हर्षचंद्र पुत्र कीर्तिसिंहेन भार्या दुनिख्या ३० सं. १९२४ माघ शुक्ल ५ गुरौ नमीनाथ " नीचें गुरु मन्दिर में ३१. संवत् १९४२ शाके १८०७ माघ मासे भेशु शुक्ल पक्षे दशम्या तिथौ रविवासरे दादाजी श्रीजिनकुशलसूरिनियर कमलन्यास उद्धार कारपितं श्रीसंघेन श्री बृहत्खरतर गच्छीय जं। प्रभा श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥श्री।। कल्याणनिधानगणिः उपदेशात् शुभं ।। ३२. संवत् १८८८ वष मिती वैशाख सुदि ३ सेठजी श्री मोतीचंदजी खेमचंद श्री काल भैरव मूर्ति कारापितं प्रतिष्ठितं वाणारस अमसिधुर गणि श्री खरतरगच्छे । (प्र.जैन सत्य प्रकाश वर्ष २१ अंक ८) Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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