Book Title: Baldiksha Vivechan
Author(s): Indrachandra Shastri
Publisher: Champalal Banthiya

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Page 60
________________ ( ५४ ) उम्रवाले हैं । परन्तु दफे २ में यह भी खुलासा लिखा है कि यह नबालिगपन कोई भी श्री जी महाराजके प्रजाके धर्ममें या धार्मिक क्रिया और आचारमें बाधा नहीं देगा । जब इस कानून द्वारा हर एक नाबालिगको अपने धार्मिक भाव और धार्मिक क्रिया पूर्ण स्वतन्त्रता दो गयी है तब नहीं समझमें आता कि असेम्बली इस कानूनके रहते हुए भी इस कानूनकी मंशाका बिल्कुल रद्द करने वाले नए प्रस्ताव द्वारा कैसे नवीन कानून बनानेकी कोशिश करती है ? उत्तर-नाबालिगको धार्मिक स्वतन्त्रता वहीं तक है जहाँ तक वह किमी जोखिम में नही पड़ता। हाइड्स रिपोर्ट जिल्द १ पृष्ट १११.हेमनाथ बोसके मामलेमें जस्टिस वेल्सके फैसलेका उदाहरण देते हुए चोपड़ाजी स्वयं लिखते हैं__"इन सब मामलोंसे जाहिर है कि जहाँ नवालिग समझ बूझकर किसीका चेला बना हो या बनना चाहता हो तो भी पिता उसे वापिस अपने कब्जे में ले सकता है और नबालिगकी इच्छा पिताके पाम जानेकी न हो तब भी कोर्ट उसे पिताके हवाले कर देगी।" चोपड़ाजी यह मानते हैं कि पिताकी भाज्ञाके बिना बालक चेला नहीं बन सकता। यदि वे धार्मिक विषयमें उसे पूर्ण स्वतबता देते हैं तो फिर पिताको माझा भी किस लिये माश्यक मानते हैं ? इससे यह स्पष्ट है कि बालकको धार्मिक स्वतन्त्रता वहीं तक .जहाँतक वह अपने अधिकार तथा हितोंको नहीवा । पिता या Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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