Book Title: Baldiksha Vivechan
Author(s): Indrachandra Shastri
Publisher: Champalal Banthiya

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Page 69
________________ बाल दीक्षा प्रतिबन्धक बिल बीकानेर राज्यमें नाबालिग बच्चोंको साधु, साध्वो, यति, यतनी, सन्यासी आदि बनानेके लिये दी जाने वाली दीक्षाको रोकने के लिये बिल___ क्योंकि नाबालिग बच्चोंको साधु, साध्वी, यति, यतनी, सन्यासी आदि बनानेको प्रथाको रोकने के लिये तथा नियमोल्लंघन करने वालों को दण्ड देने के लिये विधानका होना आवश्यक है, इस लिये नीचे लिखा कानून बनाया जाता है(१) संक्षिप्त और परिधि (क) इस बिलका नाम 'बीकानेर राज्य बाल दीक्षा प्रतिबन्धक बिल' होगा। (ख) यह सारे बीकानेर राज्यमें लागू होगा। (२) आरम्भ-यह बिल उसी दिनसे लागू हो जायगा जिस दिन श्री जी साहब बहादुरकी स्वीकृति हो जायगी। (३) परिभाषाएँ-पूर्वापर सन्दर्भमें किसी प्रकारका विरोध न हो तो (क) नाबालिग बच्चे वे समझे जाएँगे जिनकी आयु १८ वर्षसे (ख) साधु, साध्वी, यति, यतनी, सन्यासी आदि से तात्पर्य उनसे है जिन्हें धार्मिक दृष्टिसे आदरणीय माना जाता है तथा जो सांसारिक धन्धोंको छोड़कर तपस्वी जीवन व्यतीत करते हैं। . (४) दण्ड-जो कोई भी किसी नाबालिग लड़के या लड़कीको दीक्षित करेगा, दीक्षामें सहायता देगा या उसके लिये ऐसा प्रयत्न करेगा, जिससे नाबालिगको साधु, साध्वो, यति, यतनी, सन्यासी Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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