Book Title: Baldiksha Vivechan
Author(s): Indrachandra Shastri
Publisher: Champalal Banthiya

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Page 68
________________ ( ६२ ) कड़ा विरोध हुआ था किन्तु अब एक भी ऐसा दल नहीं है जो इन्हें हितकर न मानता हो। आजसे लगभग २३ सौ वर्ष पहले अर्थात् ईसासे पूर्व चौथी सदी में भी अयोग्य दीक्षाओंका प्रचार होने लगा था। उस समयके राजनीतिके आचार्य कौटिल्यने अपने अर्थशास्त्रमें लिखा है कि दीक्षाके विषयमें कोई अनुचित बात हो तो राजाका कर्तव्य है कि उसे दण्ड द्वारा रोक दे। ___ इस प्रकार धर्मकी आड़में होनेवाले अनुचित कार्योंमें राजशासन द्वारा हस्तक्षेपका होना कोई नई बात नहीं है। इसलिये यह मावश्यक जान पड़ता है कि सरकार द्वारा ऐसा कानून बनना चाहिये जिससे कोई भी अपरिपक बुद्धि वाला बालक साधु न बन सके। इस उद्देश्यकी पूर्तिके लिये नीचे लिखा बिल बीकानेर राज्यकी व्यवस्थापिका सभाके आगामी अधिवेशनमें उपस्थित किया जाएगा। (G ) JI Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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