Book Title: Aptavani Shreni 06
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Dada Bhagwan Aradhana Trust

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Page 4
________________ समर्पण अनादिकाल से आत्मसुख की खोज में खोए हुए, अतृप्ति की जलन में, इस कलिकाल में भी दिग्मूढ़ बनकर तप्तहृदय से भटकते हुए मुक्तिगामी जीवों को परम राह पर पहुँचाने के लिए, दिन-रात झूझते हुए, कारुण्यमूर्ति श्री दादा भगवान' के विश्वकल्याणक यज्ञ में परमऋणीय भाव से समर्पित । 3

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