Book Title: Aptapariksha
Author(s): Vidyanandacharya, Darbarilal Kothiya
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ समर्पण चारित्र शिरोमणि सन्मार्ग दिवाकर करुणा निधि वात्सल्य मूर्ति अतिशय योगीतीर्थोद्धारक चूड़ामणि अपाय विचय धर्मध्यान के ध्याता शान्ति-सुधामृत के दानी वर्तमान में धर्मं- पतितों के उद्धारक Jain Education International ज्योति पुञ्ज - पतितों के पालक तेजस्वी अमर पुञ्ज कल्याणकर्त्ता, दुःखों के हर्ता, समदृष्टा बीसवीं सदी के अमर सन्त परम तपस्वी, इस युग के महान् साधक जिनभक्ति के अमर प्रेरणास्रोत पुण्य पुञ्ज गुरुदेव आचार्यवर्य श्री 108 श्रीविमलसागर जी महाराज के कर-कमलों में " ग्रन्थराज " समर्पित For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 476