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• श्रावनीबी भक्ति प्रा०विवबोते नां बिरूपधर्म? धम्मात हे एक धर्म-प्रथवा गोतम हुए
प्रथमाभकि
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सभ• होय ई
नितेसंबोधनविय मांहिलीप रान देवा उशते। एव मनभाव २ तभी निहासासामान धम्मसुतोनात रखीउ-उपरे भः शास्त्रादिकमणिकुः मकान का करिया उचैनत स्पंजे रतेरी जीविभक्तिन धर्मवतीजी विभक्ति बर शनि कहिरम एक्ये व ५ ॐ तथा विमान रावीत त्री नोमान क नाते का०करण न विवर कया० को धार
प्रथमदिभति
1935 दिने तर कतिइत्यादिक नुस
दीप हे धरणाधर्म प्रथ
एसभा मंचनंच बिया
ग्रहम
साथ विश्या पुराउ मर मिपा करिश्रमनादिकच्यूराकार लघु जो हर र करि मात सरपंजाल रहे रबाड देशन र भकिमत - पुरुवतथा पात्र र करिशमनादिकथा पात-शियादिक नर्थ - नमस्कार स्व-हुस्पा वस्तु नुनमा दिका कृतिकार्य की प्रान अर्थ रमाडा-सान से विज्ञानदेवे एलान
भारी बीएन
याकार रोमिकया भागिय चक यंचतुणवतएवाहदिनमा साधुन आणु तथा मित्राना भान गि-हम ए. एडुती ए. एमी काळा ज्ञानसामा हामी नारायणा रमाउनमा कृपा र विभूतिष्ठायाः एश्रभ्यास
प्रायरियाशा
साहारावरच उबी संपणारामि यहि सुता
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कोति व पाहिहोगया वी मुक्तिस्थादिक सुनु नामवर
कुटिए प्रथ मक्सिक्ति जाएगा ब१ते १