Book Title: Anuyogadwara Sutra
Author(s): Aryarakshit,
Publisher: Sujalpur
View full book text
________________
TH-उपनिदर्शनाररीकर्मनाक्षयोपशम सागप्रमाणामति रस-एमा प्रामासते. तेराना-सानगुएं
( तं.
थी-उपनोसामान्पस्वस्पमात्रगुचच्यारप्रकाररपं. पस माण
ही उातदर्शनकहीयात गुत्तरियासतंत्रागामाप्ततंनाणगुणयमाणासक्तिदसणगुणयमाण२उशिक्ष नेकश्वर २-चरसनजीवस्य न-तकच रस्परमननीरस्यघटाटिक सूचए उन्नछिदर्शनकादेववदं देवरइद्रिय पारिदिगाववादग्यारसरशनप.प्रमाण दैनि:गुणप्रभागमधीमनेट
पररमा योग नभवंतितीव-घटादिक द्रव्यचक्ष आरिटेयिावरुवाण्यास काररप परपासपोसायट्यानेच तितीप-रणक्षयोपसमाप्रमाण२१मारा)
Dइंटीयनाशून वनाजानी पन्नात्ततंजहाचरकुदलयमाणचरकैदसंगउरिदंसंगाकवलरसारण च-सर्शनवबवनोतजोरानघडवस्त्रादिपछादिकप-वस्त्रादि अचाहवरेजीज्ञाषाट्रियनेमन एवंफ्यूनरक। कद्रव्यनविरवहनीनेदर्शननेवस्यूदर्शनगु
चहादर्शनकहीयरनेरपून उरर्शनने रहर रणप्रमाणकतीय
दर्शनानपणवहरट्रियावरणनिरपणेषशमन यामाणेचरकुदंसगचरकुदंसित्सघरपपरमारएसुदवेमुशचरकुरसणं मायत्तावेजीबनसरधोएपशचात्राउदिनीकरीनाण स-सघव्यरूपीद्रव्एमागरोनेनाराज प्रवचनों घिमिरवचनजीरनेसपी राष्ट्रधरसकरसउहिर्शनीकरीrateनए इजराजतनधासनताविनाशाद्रपतववनायनामिना घात परतानिरिबल
वावरणीनाक्षयोपशमशीन चरकुदसिणिस्सायभावउहिटगादासस्ससंचविलाचसुनएस

Page Navigation
1 ... 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412