Book Title: Anuyogadwara Sutra
Author(s): Aryarakshit,
Publisher: Sujalpur
View full book text
________________
भा‘भाबश्रध्ययनास-याकिं-कोशाते ते 'ना-नोश्रागमय की भा-भावमृध्ययन करेबई 'चित जेरनउमा नथ ग्राणवात
श्रागम उभावयामास किंतंग्ना- प्रागमप्रभावया क-कर्म नउ च० पाना कररक्ष उचलत अन्नवान चणिइन० नवाकला ततेत मारि कर एतो सुभ ध्यान नोखा एवउ बालई
सायरकम्मच उवचियाण श्रणवचउर नवाएं तम्ब
- अध्ययनन सिब्तेएनोच्प्रा०
श्रीगम भा-भाव अध्ययन सतेना भाव अध्ययनास ते अध्यय
न
प्रक्षयणमिवंतिसितं नागमाता भावसार एस. थकी • को-अध्ययनातणतं. ते कडा न-चार प्रकाररूप- परुपातं तदेषा ना. नाम, अध्य
खे यन
सतं
यागासीतं प्रशिच उहि पेन्नात तं जहा नामसि

Page Navigation
1 ... 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412