Book Title: Anuyogadwara Sutra
Author(s): Aryarakshit, 
Publisher: Sujalpur

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Page 398
________________ लोलानाला द्रषत्रायास-तेश्रर्थभा. भावला हुन पर नतिक यात्रागमथकी नो। लाभ किंकोणते-ते भतेवस्तु का पा नाभागमथकी सएशारासतम्लागुप्तरिएदवाएतकिंतंभाराएरविहिपन्नात्ततंजहा स- अर्थविक्रीगने लेवा-भागमभा-भावभावाभ गाजा उ उपजा अापनाभ गसहित भागमातायानाभागमानायासक्तिंभागमउभाबावभावाएजाय स-एमागमभार श्राय-लाभास-श्रा यकीनो.नागम भावधाश्ते गभटु विप्रकार र परम्पा का कोणनेते एउत्तामसंगमउभावापासबिताना अण्णमउभावाएरदुविशल्पी ते नेकप-प्रशस्तव अप्रशस्तवस्तु सिथकि प.प्रशस्त-नित्रीणप्रकार ने कराइना ना बई स्तुनालाभ नोलाभ काणन ले रसुनोगाम पंपस्य्या ननावाभ मावर्तजहापसब्यप्रयासब्यासकीतपसातिविारपंन्नाततंजल err

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