Book Title: Anuyoga Dwar Sutra Author(s): Aryarakshit, Shivchandra Porwal Publisher: Ratlam View full book textPage 9
________________ जा जेणे गुरुक जातक्षमभमाकनागुण कायनवाश्मनुकंवा घोहनीपबीक हस्विनी गिरवाशाम सीमा हालयकामुकता यावार। हने कारहीत एकसरहतएजध कानुयो मेसमागमुकजोगाछकायणिरफकंप्यातियाश्यामागयाश्वासा घाम 2.4 मास्तुसिचमक्तकसे। चैन्यमुरजलधीयाप नियुकिरमानापोत्तानेना विचमा प्रजातन्य माव लादिकोचीपुच्ची हो चस्वपहिस्याने । द६ । थासाकसक हागाईपाहातारचडपाजवणातरीमाणाारसबदेविदारिननकाल साधने व्यावसकरहातीलाधतष्टात्तसेमयतेने जाणासरीरनवियसरथकीव्यति लोकोतरमीनाथप्रतिवोचअग्निन्नक्तनलीका रिक्तहम्पन्नावसक मावस्समधईन्ति। ततोगुत्तरियरवावस्सयसतंजाज-समिवियसरीरवरिनद्या मेथाम्ने नोच्यासमथक भावकसितम्रता यजाजरहतमक्रियाया बव्यावसकरण । सेमथकील नावावसके तातेकोला वस्सयासतनीसागभरधावस्सये । सेतरवानस्सयlaसेकितनावावस्सय हमाचमावसकना यागमनलचा नागनते कियाथकीत्तले किया विधीसहित चापूनोआगाएत लै चनाचवण्या थकी अतिक्रमलानोसामसनिषेधनुचिकनही। विहेपन्नताशमय पनीयारामध्य कैनलएकाक्तेप्राममनोहतन्मथताराम थेको सकतन्मानजावा जम्ममावसकत्तेकीला जाग्रिनेउपयोगसहत से अथात्रामथकमावस अशकोहातेनारामथी निमगुरुकजा मावसककरवानोशन वसकपदमर्थन ककहिावन्नावसककोणामि घस्सयस जाणवत सतगमनाचावसयीसेकितनी आममता अपुलेका तिन्नोनयासमधीसावन्नावलौकीक ऊप्राक्चनीकालीकोतरासते प्रथलाकीकभावमा कहने सक्नानिएाप्रकारतकहले कोतातेविसकतेको वावरतापिनllaiलोर्यकम्पाचयलायलोउत्तरिया सेकिता लोऽयजावाPage Navigation
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