Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 8
________________ 6 ते तेओ नृत्य करे छे के तेमनी गुंथणी के गोठवणी आपोआप 'क, ख, ग, घ, च' एवो आकार धरी ले. परिचय आपतां लख्युं छे के "कके का रूप, खखे का रूप, गगे का रूप, इम सर्व हरफा; असोकवृक्ष अंबा जंबूवृक्ष इम वृक्ष के रूप बनाय बनाय नाटक करे". आपणने संयोजनाचित्रो याद आवी जाय. पोथीनां तमाम पानांना बन्ने तरफना हांसिया वेलबूटाना सुशोभन वडे एकधारा सुशोभित छे, ते पण खास नोंधवुं जोईए. : सौजन्य अनुसन्धान – ७५ (१ - २) ना प्रकाशन माटे श्री आदीश्वर जैन देरासर ट्रस्ट - पालघर श्रीसंघनी श्राविकाबहेनोए ज्ञानद्रव्यनी आवकमांथी उदार सहयोग आपेल छे. अनुमोदना

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