Book Title: Anusandhan 2015 03 SrNo 66
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 9
________________ 8 सिद्धहेमशब्दानुशासन - प्राकृत अध्यायगत केटलांक उदाहरणोनां सम्पूर्ण पद्यो विहंगावलोकन ट्रंकनोंध १. ‘मस्करिन्' परिव्राजक अंगे २. 'दिट्ठाऽसि कसेरुमई० ' गाथा विशे मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय १४४ उपा. भुवनचन्द्र १५० मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय ३. ‘चूलिकापैशाची' अंगे ४. 'साधुश्री पृथ्वीधरकारित - जिनभुवनस्तवनम्' विशे पूर्ति शुं महत्त्वपूर्ण ? आपणुं मन्तव्य के शास्त्रनुं ऐदम्पर्य ? : एक चर्चा विजयशीलचन्द्रसूरि विनन्ति अद्यावधि प्रगट थयेला विज्ञप्तिपत्रोना सूचीकरणनुं कार्य चालु छे. तो 'विज्ञप्तिलेखसङ्ग्रह मां प्रकाशित विज्ञप्तिपत्रो सिवाना प्रकाशित विज्ञप्तिपत्रो अंगे जणाववा विनन्ति. तेनी साभार नोंध लेवाशे स्तुतिरूप विज्ञप्तिओनो आमां समावेश नथी करवानो. १५६ १५९ .१६१ १६२ १६४ १६५

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