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जुलाई - २०१४
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त्यां स्यूं गछपति मोहीया गुरु म्हारों, मूंक्या अमने वीसार हो, घांणोरा नगर पधारीइं " ", वंदावण इणवार हो. ११
हार रो हीरो..... धर्मध्यांन इहां किण घणा गुरु म्हारों, नित नित नवलै नेह हो, ओछव महोच्छव अभिनवा " " , केहैतां नावै छेह हो. १२
हार रो हीरो..... सुगुरु सुदेव सुधर्मना गुरु म्हारों, रागी सहू नरनार हो, श्रावक इहां नित साधता " ", धर्मना च्यार प्रकार हो. १३
• हार रो हीरो..... छठ अठम दस पनरना गुरु म्हारों, मासखमण तपनेम हो, ते थास्यै इहां किण घणां " ", उपधानविधि ध्रमनेम हो. १४
हार रो हीरो..... परब पजूषण पारणै गुरु म्हारों, सांहमीवच्छल सार हो, पोसह पडिकमणा तणौ " ", वधस्यै प्रेम अपार हो. १५
हार रो हीरो..... आदरस्य भवियण घणां गुरु म्हारों, समकित अणुव्रतनेम हो, जिनहर जिनपूजा तणों " ", उदय थस्यै रवि जेम हो. १६
हार रो हीरो..... मालमहोच्छव पामीइ गुरु म्हारों, खरचस्यें जन बहु आथ हो, लाभ घणों तुमने हुस्यै " ", इहां आयां गछनाथ हो. १७
हार रो हीरो..... प्रगट इहां पंचतीरथी गुरु म्हारों, सुरघट सुरगवी तुल्य हो, जगत-जनेता जगतमें " ", चिंतामणिसूं अमूल्य हो. १८
हार रो हीरो..... रम्यक राणकपुर भलों गुरु म्हारों, पदमप्रभू नाडूल हो, घांणोरै वीर जादवों " ", श्रीवरकांणों अमूल हो. १९
हार रो हीरो..... ने जिनवर प्रणमंतडा गुरु म्हारों, भव जाइ सह(ह) भाज हो, ध्यांन धर्या नित तेहनों "", पामीइ शिवपदराज हो. २०
हार रो हीरो.....
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