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जुलाई - २०१४
अवधारजोजी अने गोतमकुलकनी परत लखांणि होय तो ताकीदसु मेलि देजो
श्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्रीश्री
लीखतग छइ मुतो चंद अवधारसी । अप करप करन जधपुर वेग पधारसी ।
सिंग० मांणकचंद री वनणा १०८ वार दीन प्रतें अवधारसी नै आप कीरपा करने जोधउर वैगा पधारसी । [ आ पछी आवी ज रीते अन्यान्य श्रावको द्वारा वन्दना ने विनन्ति करवामां आवी छे. ]
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वली २ वनणदन पर८ १०८ वर कर
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