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प्रवचन ९
संकेतिका १. जीवन जितना दृश्य है उतना ही नहीं है। २. द्रव्य है-न बदलने वाला।
पर्याय है-बदलने वाला। ३. पर्याय के दो प्रकार–सामूहिक और यौगिक । ४. आदमी पर्यायों का जीवन अधिक जीता है। ५. जानने से बदलता है । भोगने से बढ़ता है।
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