Book Title: Anekanta hai Tisra Netra
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 149
________________ १४८ अनेकान्त है तीसरा नेत्र ९. ज्ञान की दो सीमाएं • एक है बुद्धि की सीमा । • एक है अनुभव की सीमा। १०. अध्यात्म है—भीतर जगत् से परिचित करने का साधन । • अध्यात्म है—जीवन की समुचित दृष्टि । For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164