Book Title: Anekant 1956 Book 14 Ank 01 to 12 Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 3
________________ वीर-शासन-संघ, कलकत्ताके दो नवीन प्रकाशन कसाय पाहुड सुत्त जिम ३० गाथा-मामल पायका रचना आजम दो हजार वर्ष पूर्व श्री गुमधाचार्य की. जिस पर श्री विनावाजामीनार बांक प्रमाण चणिमत्र निम्बार जिन रांगों पर भी वारमनानानि धारण मोमट हवामान टांका निवाआज नांगीम जयवान नामक नाय मित्रपक नाम प्रांग:सार.. म मरूपम न पठन पाठन कांकहिलय जिजान विदार्ग आज पृ. यात मी पोग लागनीमनमानक अप्रायगक ये चान और जिनमन जेमं महान भावामान ना। प्रथमिक.नाम..ma'पापा 'ज प्रथम घर अपने पम्पम हिनी अनुयानक पार गकाग . 14यक मान और अनार मिड प.गजानजा मिद्रामाशात्रीन यहुन पी. RT परिश्रमा -हमार म्पा । या य: प्रन्य प्रथम का ग्रन हिन्दी अनुसार मार क इप या मनमामा प्रधान यानों पर प्रकाश टाना गया ..मरियामागंज और पादानमा नाम्निा प्रम्नाना अनेक उपांगा पलिंगाट गोर हि अनुपमा मात्र मनग्य ... कपाल में मम्प गया है। गुष्ट कागज रान्दा नपाई यो परका पजन' दामना सन्यग्ल) ग्याना प्राधान। मानगानगा पनौकन म.न्डर पात्र महापराकाना यमयाबरावना या पानगान वाना की 376 में . गागमय मनि प्राईम पेशगी मेजन वानीको वह क्यल०) में ही मिल जायगा । जैनसाहित्य और इतिहाम पर विशाद प्रकाश 6. प्रथम भाग साजरं य जन्तीन नगर र जनपिका मापान कर जन मम जाना मानन कलाका गिग किया नियमान न समाजात किया. जिन नाव.. समजा भार a isin.niजनजाधाप मनाम नाबायोर मामन में नानक लेवान ममा हर्न । न"नागा गला, मनन गन"नामा उपप्पा पार उनकाराग्यमशहा प्रा. . . 0 नपामा यमनमा सरकारका समरमा प्रामाणिकini:11बन मामाका न मनाजानीरान पुगका प्रनिदान या जनार 'याTHE Tiरान मंगवानाम्यागनदार T..पि कारक-1 । और नाम REritr गहन गम्म.' नाम रनि: यनुवाः श ग अपन प्रसाद गटका.inा -गान आरपं: जुगलनिगारजी मार 'युगानी ., iii .......... समावि परियधि। पगिकृ. इन लागी प्रयन का : काका मा पर जिप्रका गगं बान कि .itोग | पृष्ट या 0. कागा न गरमागमात्र) मानवार्टर गे मन्द अग्रिम भंजनं बायो को). हारपक. १.गा। मनन्तभद्र मांत्र कीट शुगर श्री जगणिनी का नई गुना मगमें जो 'ममनमा मात्र हम किरणमें अन्यत्र प्रकाशित हो रहा है। उसकी मां ग्राम का गन्दा ग्यमे अलग छपाई गई है । जो मजन इस म्नोन की कांच जगपन मान मनी निम्ध ना. गिाजयो राय पुकाना ग्रादि में अन्न स्थान पर स्थापित करन' या उन्हें मारी गया हो-दो नार-चार या भंटम्याप फ्री हो जायगा । मिलनका पना-बीरसेवामन्दिर. २१ दरियागंज. दिल्लीPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 429