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वीर-शासन-संघ, कलकत्ताके दो नवीन प्रकाशन
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जैनसाहित्य और इतिहाम पर विशाद प्रकाश 6.
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मनन्तभद्र मांत्र कीट शुगर श्री जगणिनी का नई गुना मगमें जो 'ममनमा मात्र हम किरणमें अन्यत्र प्रकाशित हो रहा है। उसकी मां ग्राम का गन्दा ग्यमे अलग छपाई गई है । जो मजन इस म्नोन की कांच जगपन मान मनी निम्ध ना. गिाजयो राय पुकाना ग्रादि में अन्न स्थान पर स्थापित करन' या उन्हें मारी गया हो-दो नार-चार या भंटम्याप फ्री हो जायगा ।
मिलनका पना-बीरसेवामन्दिर. २१ दरियागंज. दिल्ली