Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 04
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 477
________________ 464 ) [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्थो विभागः इया सीसगभरिएहि अप्पेगइया कलकलभरिएहिं अप्पेगइया खारतेल्लभरिएहिं महया 2 रायाभिसेएणं अभिसिंचिते, तयाणंतरं च णं तत्तं अयोमयं संमजोइभूयं अयोमयसंडासएणं गहाय हारं पिणद्धति तयाणंतरं च णं श्रद्धहारंजाव पट्ट मउडं चिंता तहेव जाव वागरेति 4 / एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे सीहपुरे नामं नगरे होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धे, तत्थ णं सीहपुरे नयरे सीहरहे नामं राया होत्था, तस्स णं सीहरहस्स रन्नो दुजोहणे नामे चारगपालए होत्था अहम्मिए जाव दुप्पडि. याणंदे, तस्स णं दुजोहणस्स चारगपालगस्म इमेयारूवे चारगभंडे होत्था 5 / तस्स णं दुजोहणस्स चारगपालस्स बहवे अयकुडीयो अप्पेगइयायो तंबभरियायो अप्पेगइयायो तउयभरियायो अप्पेगइया सीसगभरियायो अप्पेगइया कलकलभरियायो अप्पेगइया खारतेल्लभरियायो गणिकायंसि श्रदहिया चिट्ठति, तस्स णं दुजोहणस्स चारगपालस्स बहवे उट्टियायो श्रासमुत्तभरियायो अप्पेगइया हत्थिमुत्तमरित्रायो अप्पेगइया गोमुत्तभरियायो अप्पेगइया महिसमुत्तभरियायो अप्पेगइया उट्टमुत्तभरियायो अप्पेगइया अयमुत्तभरियायो अप्पेगइया एलमुत्तभरियायो बहुपडिपुन्नायो चिट्ठति 6 / तस्स णं दुजोहणस्स चारगपालगस्स बहवे हत्थुडुयाण य पायंदुयाण य हडीण य नियलाण य संकलाण य पुजा निगग य सन्निक्खित्ता चिट्ठांति, तस्स णं दुजोहणस्स चारगपालस्स बहवे वेणुलयाण य वेत्तलयाण य चिञ्चालयाण य छियाणं कसाण य वायरासीण य पुजा णिगरा चिट्ठति, तस्स णं दुजोहणस्स चारगपालस्स बहवे सिलाण य लउडाण य मोग्गराण य कनंगराण य पुजा णिगरा चिट्ठांति, तस्स णं (तए णं से) दुजोहणस्स चारगपालस्स बहवे तंता(ती)ण य वरत्ताण य वागरजा(ज्जू )ण य वालयरज्जूण य सुत्तरज्जूण य पुंजा निगरा य संनिक्खित्ता चिट्ठांति 7 / तस्स णं दुजोहणस्स चारगपालस्स बहवे असिपत्ताण

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