Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 04
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 507
________________ 164] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्थो विभागः भारिया, जिणदासो पुत्तो, तित्थयरागमणं, निणदासपुब्वभवो, मज्झमिया णगरी, मेहरहो राया, सुधम्मे अणगारे, पडिलाभिए जाव सिद्धे, // सू० 35 // पंचमं यज्झयणं समत्तं // 5 // // अथ धनपतिनामकं षष्ठमध्ययनम् // छठुस्स उक्लेवयो-कणगपुरं एगर सेयासोयं उजाणं, वीरभद्दो जक्खो, पियचंदो राया, सुभदा देवी, वेसमणे कुमारे जुवराया, सिरीदेवीपामोक्खा पंचसया कन्ना पाणिग्गहणं, तित्थयरागमणं, धनवती जुवरायापुत्ते जाव पुत्वभवो, मणिवया नगरी, मित्तो राया, संभूतिविजए अणगारे पडिलाभिते जाव सिद्धे // सू० 36 // छ8 अज्झयणं समत्तं // 6 // // अथ महाबलाख्यं सप्तममध्ययनम् / / सत्तमस्स उक्खेवो, महापुरं णगरं रत्तासोगं उजाणं, रत्तपात्रो जक्खो, बले राया, सुभदा देवी, महब्बले कुमारे, रत्तवईपामोक्खा पंचसया कना पाणिग्गहणं, तित्थयरागमणं जाव पुवभवो, मणिपुरं णगरं, णागदत्ते गाहावती, इंदपुरे अणगारे पडिलाभिते जाव सिद्धे // सू० 37 // सत्तम अज्मयणं समत्तं // 7 // // अथ भद्रनन्दीनामकं अष्टममध्ययनम् // . अट्ठमस्स उक्खेवो-सुघोसं णगरं देवरमणं उजाणं, वीरसेणो जक्खो, अजुराणो राया, तत्तवती देवी, भद्दनंदी कुमारे, सिरोदेवीपामोक्खा पंचसया जाव पुब्बभवे, महाघोसे णगरे, धम्मघोसे गाहावती, धम्मसीहे अणगारे पडिलाभिए जाव सिद्धे // सू० 38 // अट्ठमं अज्झयणं समत्तं // 8 //

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