Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Saubhagyachandra
Publisher: Saubhagyachandra
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वैज्ञानिक, ऐतिहासिक और वक्त की क्या २ विशेषता है ?
कौनसा रसायन है? आप उन २ दृष्टियों से २ उप गाइ
के पास
होने पर कात्रि
मानस पट पर विन होता गया ।
वैसे तो भगवान महावीर के सासू में है पहिले यद वो शि होने से भारत में, ( : ) सा और इसीलिये पहनना नाही थी।
किन्तु उनमें से रित करने की भावना ( २ ) सर्वव्यापकता । देने की जिज्ञासा मत उसके साथ हो म भित्र दृष्टिबिन्दुओं से नादमय को गुजराती भाषा में विसित करने के मनोरथ भी में दते रहते थे ।
श्रीर
मानसशास्त्र का नियम है:-जापरामध्य
न कछु सन्देहू ।' जिसकी जैसी भावना होती के लिये साधन भी वैसे ही मिल जाया करते हैं। मानों टन हार्दिक
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ही यह परिणाम था कि कुछ ही समय बाद एक जिज्ञासु भाई भी मिल गये । " महावीर के अमोल सर्वतोमा अमृत वन घर घर में क्यों न पहुँचे ?” – यह हार्दिक प्रेरणा उनके हृदय में हन्तु नपा रही थी । टन भाई का नाम है श्री० बुधाभाई महानुभाई । उनकी प्रेरणा मे एक दूसरे सेवाभावों-बन्धु भो आ मिले और उनका नाम है श्री० जटाभाई अमरशीभाई । उन तथा अन्य दूसरे सदस्यों ने मिल पर परस्पर विचार करने के बाद जुड़ी २ योजनाओं में से एक गास योजना निश्चित की ।
।
उस योजना के फलस्वरूप 'महावीर साहित्य प्रकाशन मंदिर' नाम की संस्कृ स्थापित हुई । उसके जो २ विद्वान, सभ्य हुए उनने सेवावृत्ति को सामने रख कर लोकसेवा के लिये बिलकुल सस्ता साहित्य प्रका शित करने का निश्चय किया ।

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