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परिशिष्ट : शब्द-कोश
गल
चू० १ श्लो० ७ वंशी, मछली फंसाने का कांटा।
८।११ गहन, वन, वृक्ष-निकुंज। गाम-कंटन
१०।११ ग्राम-कंटक, कांटों के समान चुभने वाले इन्द्रिय
विषय । गाया-भंग
३९ गात्राम्यंग, शरीर की मालिश । गिहतर-निसेम्जा
२५ घर के भीतर बैठना, दो घरों के बीच में
बैठना। गिहि-मत
३१३ गृहामत्र, गृहस्थ का वरतन, पात्र । गुज्जग
१२२।१० गुह्यक, यक्ष, देव । गुज्झाणुचरिय
७.५३ गुह्यकानुचरित, आकाश । गोच्छग
सू० ४।२३ पात्र ढांकने के वस्त्र को साफ करने का वस्त्र । गोण
५।१।१२ बैल । गोभि
७।१९ गोमान , पुरुष की प्रशंसा-सूचक शब्द । गोभिणी
७१६ गोमिनी स्त्री की प्रशंसा-सूचक शब्द । गोरहग
७२४ बल। घसा
६।६१ पोली जमीन । चंगबेर
७२८ काष्ठ पात्र, काठ की प्याली। चाउलोग
श१७५ चावल का धोवन ।
११११. प्रीतिकर या प्रतीतिकर । चुल्लपिउ
७१८ पिता का छोटा भाई, काका, चाचा। छविय
१०६ निमंत्रित कर ।
६५१ हिंसा करना । छविडय
७.३४ फली-युक्त। छाय
१७ जिसके शरीर में कशाघात से घाव हो गये हों,
भूखा। छारिय
५।१७ क्षार-(राख) सम्बन्धी । छिवाड़ी
।२।२० मूग आदि की फली।। चू० १ श्लो० ५ क्षिप्त फेंका हुआ, बन्दी किया हुआ।
४ श्लो० ११, ११ क्षेय, हित । जंतलट्ठि
२८ यंत्र-यष्टि, कोल्हू की लकड़ी, लाट । जगनिस्सिय
८।२६ जीव-रक्षा में तत्पर ।
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