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दशवकालिकसूत्र
पुगमाया मुसिर सोसइत्ता
टाल
तन्जायसंसट्ठ तत्तनिपुर तत्तफासुप तिरिच्छ संपाइम
तुपट तेगिच्छा
५।१६ आदि यज्ञ।
८।१८ शरीर का मैल ।
६३४ यापन, जीवन-निर्वाह । ६।११४ आदि जाति-पथ, संसार ।
५।११३ युगमात्रा, चार हाथ-प्रमाण ।
५५११६६ शुषिर, पोला। चू० १ सू० १ सुखाकर । ७.३२ कोमल फल, गुठली उत्पन्न होने से पहिली
अवस्था का फल। २६ तज्जातसंसृष्ट, सजातीय द्रव्य से लिप्त । ५।२।२२ गर्म होकर ठंडी हुई वस्तु ।
६ तपाकर निर्जीव हुमा पदार्थ । ५।१८ उड़कर आ गिरने वाले छोटे जन्तु । ५।१७० कद्द फल, तू बा। सू० ४।२२ सोना, करवट लेना।
३।४ रोग की चिकित्सा करना। S६११ १६।३।१२ स्तम्भ, अहंकार।
का ६।२।३ गर्वोन्मत्त। ५२१११५ ईट आदि से रोका हुआ द्वार ।
३।३ दांत घोना।
३९ दातुन करना। ५२१११५ जल-गृह ।
गीली मिट्टी, कीचड़। ॥१३६ ७४२४ दम्य, दमन करने के योग्य, बोझा ढोने के
योग्य। ५।१।१४ जल्दी या उतावल से चलना । ५।१।३२
कड़छी, दाल आदि परोसने का चम्मच । १५॥१॥३५-३६
५।२।३१ दर्शित, दिखाया हुआ।
७.२४ दोहए, दुहने के योग्य । ५।२।३२ दुस्तोषक, जो सहज में सन्तुष्ट न हो।
बंग
पिग्गल बन्तपहोयणा
बगमट्टिया
कुत्तोसम