Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Anuogdaraim Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 51
________________ ३३८ अणुओमदाराई खओवस मिया सुहुमसंपरायचरित्तलद्धी, खओवसमिया चरित्ताचरित्तलद्धी; खओवसमिया दाणलद्धी, खओवसमिया लाभलद्धी, खओवसमिया भोगलद्धी, खओवसमिया उवभोगलद्धी, खओवस मिया वीरियलद्धी; खओवसमिया बालवीरियलद्धी, खओवस मिया पंडियवीरियलद्धी, खओवस मिया बालपंडियवीरियलद्धी; खओवसमिया सोइंदियलद्धी, खओवसमिया चविखंदियलद्धी, खजोवसमिया धाणिदियलद्धी, खओवस मिया जिभिदियलद्धी, खओवसमिया फासिं दियलद्धी; खओवंसमिए आयारधरे, खओवसमिए सयगडधरे, खओवसमिए ठाणाधरे, खओवसमिए समवायधरे, खओवसमिए वियाहपण्णत्तिधरे, खओवसमिए नायाधम्मकहाधरे, खओवसमिए उवासमदसाधरे, खओवसमिए अंतगडदसाधरे, खओवसमिए अणुत्तरोववाइयदसाधरे, खओवसमिए पाहावागरणधरे, खओवसमिए विवागसुयधरे, खओवस मिए दिट्टिवायधरे, खओवसमिए नवपुवी, खओवस मिए दसपुयी, खओवसमिए चउद्दसपुव्वी, खओवस मिए गणी, खओवसमिए वायए"। से तं खओवसमनिप्फण्णे । से तं खओवस मिए । २८६. से किं तं पारिणामिए' ? पारिणामिए दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-साइ-पारिणामिए य अणाई-पारिणामिए य॥ १. खओयसमिया आभिणिबोहियनाणलद्धी एवं खओवसमिआ सामाईयचरित्तलद्धी एवं सुयमोहिमणपज्जवनाण, मइअनाणसुअअन्नाण- छेदोवट्ठावणलद्धी परिहारविसुद्धिअलद्धी सुहुविभंगनाण, चक्खुअचक्खुओहिदंसण, सम्म- मसंपरायचरित्तलद्धी एवं चरित्ताचरित्तलद्धी, दसणमिच्छादसणसम्मामिच्छदसण, समाइय- खओवसमिआ दाणलद्धी एवं लाभ भोगउवपरित्तच्छेओवट्ठाबणपरिहारसुहमसंपरायखओ- भोगलद्धी खओवस मिआ वीरिअलद्धी, एवं वसमियचरित्ताचरित्तलद्धी, खओवसमिया पंडिअवीरिअलद्धी बालवीरिअलद्धी बालपंडियदाणभोगनीरियलद्धी, खओवसमिया बाल- वीरिअलद्धी, खओवसमिया सोइंदिअलद्धी वीरियलद्धी खओवसमिया पंडियवीरियलद्धी जाव खओवसमिआ फासिदिअलद्धी खोवखओवसमिया बालपंडियवीरियलद्धी, खओ- समिए आयारधरे एवं सुअगडघरे ठाणघरे बसमिया य सोइंदियलद्धी जाव फासिदिय- समवाय धरे विवाहपत्ति णायाधम्मकहा लद्धी, खओवसमिया आयारधरलद्धी जाब उवासगदसा अंतगडदसा अणुत्तरोववाइअदसा दिट्टिवायधरे खओवसमिया नवपुव्वधरे जाव पण्हावागरणधरे खओवसमिए विवागसुअधरे बोइसपुग्वधरे, खओवसमिए गणी वायए खओवसमिए दिट्ठिवायधरे, खओवसमिए (क); खओवसमिआ आभिणिवोहिअणाण- णवपुन्वी जाव खओवसमिए चउद्दस्सपुवीधरे लद्धी जाव खओवसमिआ मणपज्जवणाणलद्धी, (ख, ग)। सओवसमिआ मतिअणाणलद्धी खओवसमिआ २. खओवसमिए नामे (क)। सुअअणाणलद्धी खओवस मिआ विभंगणाण- ३. पारिणामिए भावे (क)। लद्धी, खओवसमिआ चखुदंसणलद्धी अचखु- ४. साइय (क); सादि (ग)। दसणलद्धी ओहिदसणलद्धी, एवं संमईसणलद्धी ५. अगादि (क, ग)। मिच्छादसणलद्धी सम्ममिच्छादसणलद्धी, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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