Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Anuogdaraim Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
अणभोगदाराई
४०७
यारेणं' जहा कुंडे बदराणि, तदुभयसमोयारेणं जहा घरे थंभो आयभावे य, जहा घडे
गीवा आयभावे य॥ ६१४. अहवा जाणगसरीर-भवियसरीर-वतिरित्ते दव्वसमोयारे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा
आयसमोयारे य तदुभयसमोयारे य । चउस ट्ठिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं बत्ती सियाए समोयरइ आयभावे य । बत्ती सिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरड, तदुभयसमोयारेणं सोलसियाए समोयरइ आयभावे य । 'सोलसिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं अट्रभाइयाए समोपरइ आयभावे य । अट्ठभाइया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं चउभाइयाए समीयर इ आयभावे य। चउभाइया आयसमोयारेणं आयभावे समोयर, तदुभयसमोयारेणं अद्धमाणीए समोयरइ आयभावे य। अद्धमाणी आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ", तदुभयसमोयारेणं माणीए समोयरइ आयभावे य । से तं जाणगसरीर-भवियसरीर-वतिरित्ते दव्वसमोयारे । से तं नोआगमओ दव्वसमोयारे।
से तं दव्वसमोयारे॥ ६१५. से कि तं खेतसमोयारे ? खेत्तसमोयारे दुविहे पण्णते, तं जहा--आयसमोयारे य
तदुभयसमोयारे य । भरहे वासे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं जंबुद्दीवे दीवे समोयरइ आयभावे य । जंबुद्दीवे दीवे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं तिरियलोए समोयरइ आयभावे य। तिरियलोए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं लोए समोयरइ आयभावे य । 'लोए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं अलोए समोयरइ
आयभावे य।" से तं खेत्तसमोयारे।। ६१६. 'से कि तं कालसमोयारे ? कालसमोयारे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा—आयसमोयारे य
तदुभयसमोयारे य" । समए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं आवलियाए समोयरइ आयभावे य। 'आवलिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ. तदभयसमोयारेणं आणापाणए समोयरइ आयभावे य। एवं जाव' सागरोवमे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं ओस प्पिणुस्स प्पिणीसु समोयरइ आयभावे य । 'ओसप्पिणुस्सप्पिणीओ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ,
तदुभयसमोयारेणं पोग्गलपरियट्टे समोयरइ आयभावे य । पोग्गलपरियट्टे आय१. परभावे (क)।
वाससहस्से वाससतसहस्से पुव्वंगे पुब्वे तुडिअंगे २. एवं जाव अद्धमाणी (क)।
डिए अडडंगे अडडे अववंगे अववे हहअंगे हहए ३. लोए वि एवं चेव नवरं अलोए समोयरइ उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पउमे णलिणंगे णणिले आयभावे य (क); (ख, ग) ।
अस्थनिपूरंगे अत्थनिपूरे अउअंगे अउए नउअंगे ४. एवं काल समोयारे वि नवरं (क)।
नउए पउअंगे पउए चूलिअंमे चूलिआ सीसपहे५. अणु० सू० २१६ ।
लिअंगे सीसपहेलिआ पलिओवमे सागरोवमे ६. एवं आणापाणू थोवे लवे मुहत्ते अहोरत्ते पक्खे (ख, ग)। मासे उऊ अयणे संवच्छरे जुगे वाससते
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135