Book Title: Agam 18 Jambudwippragnapti Sutra Hindi Anuwad
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 84
________________ आगम सूत्र १८, उपांगसूत्र-७, 'जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति' वक्षस्कार/सूत्र वे आभियोगिक देव देवेन्द्र देवराज शक्र का आदेश स्वीकार करते हैं । वहाँ से प्रतिनिष्क्रान्त होते हैं-वे शीघ्र ही तीर्थंकर के जन्म-नगर में आते हैं । वहाँ पूर्वोक्त घोषणा करते हैं । ऐसी घोषणा कर वे आभियोगिक देव देवराज शक्र को, उनके आदेश का पालन किया जा चूका है, ऐसा अवगत कराते हैं। तदनन्तर बहुत से भवनपति, वानव्यन्तर, ज्योतिष्क तथा वैमानिक देव भगवान् तीर्थंकर का जन्मोत्सव मनाते हैं । तत्पश्चात् नन्दीश्वर द्वीप आकर अष्टदिवसीय विराट् जन्म-महोत्सव आयोजित करते हैं । वैसा करके जिस दिशा से आये थे, उसी दिशा में चले जाते हैं। वक्षस्कार-५-का मुनि दीपरत्नसागरकृत् हिन्दी अनुवाद पूर्ण मुनि दीपरत्नसागर कृत् ' (जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति) आगमसूत्र-हिन्द-अनुवाद Page 84

Loading...

Page Navigation
1 ... 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105