Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 618
________________ प्रमेयद्योतिका टीका प्रति० २ सू०२१. विशेषतः सप्तमाष्टमाल्पबहुत्वनिरूपणम् ६०५ त्थियाओ दो वि तुल्ला संखेज्जगुणा । अंतरदीवगमणुस्सणपुंसगा असंखेज्जगुणा,देवकुरु उत्तरकुरुअकम्मभूमिगमणुस्सणपुंसगा दो वि तुल्ला संखेज्जगुणा, तहेव जाव पुव्वविदेहअवरविदेहकम्मभूमिगमणुस्सणपुंसगा दो वि तुल्ला संखेज्जगुणा ७॥ एयासि णं भंते ! देवित्थीणं भवणवासिणीणं वाणमंतरीणं जोइसिणीणं वेमाणिणीणं देवपुरिसाणं भवणवासीणं जाववेमाणियाणं सोहम्मगाणं जाव गेवेज्जगाणं अणुत्तरोववाइयाणं णेरइयणपुंसगाणं, रयणप्पभापुढवीणेरइयणपुंसगाणं जाव अहेसत्तमपुढवीणेरइयाण य कयरेकयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणुत्तरोववाइयदेवपुरिसा, उवरिमगेवेज्जदेवपुरिसा संखेज्जगुणा, तं चेव जाव आणाए कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा । अहे सत्तमाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा, सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा । महासुक्के कप्पे देवपुरिसा असंखज्जगुणा पंचमाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा, लंतए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, चउत्थीए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा, बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, तच्चाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा, माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, सणंकुमारकप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, दोच्चाए पुढवीए णेरइया असंखज्जगुणा, ईसाणे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ईसाणे कप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा, सोहम्मे कप्पे देवत्थियाओ संखेज्जगुणाओ, भवणवासिदेवपुरिसा असंखज्जगुणा । भवणवासिदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, इमीसे જીવાભિગમસૂત્ર

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