Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 632
________________ प्रमेयद्योतिका टीका प्रति० २ सू० २२ विशेषतस्तिर्यगादीनां संमिश्रं नवममल्पबहुत्वम् ६१९ असंखेज्जगुणा लंतए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, चउत्थीए पुढवीए णेरइणपुंसगा असंखेज्जगुणा, बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, तच्चाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, सणंकुमारकप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, दोचाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा अंतरदीवगअकम्मभूमिगमणुस्स णपुंसगा दो वि तुल्ला संखेज्जगुणा देवकुरु उत्तरकुरु अकम्मभूमिग मणुस्स णपुंसगा दो वि तुल्ला संखेज्जगुणा एवं जाव विदेहत्ति ईसाणे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ईसाणे कप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ सोधम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा सोहम्मे कप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ भवनवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा, भवणवासिदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ इमीसे रयणप्पभापुढवीए णेरइणपुंसगा असंखज्जगुणा. खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा खहयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, थलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा थलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ जलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा जलयरतिरिक्यजोणिस्थियाओ संखज्जगुणाओ, वाणमंतरदेवपुरिसा संखेज्जगुणा वाणमंतरदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ जोइसियदेवपुरिसा संखेज्जगुणा, जोइसियदेवित्थियाओ संखेज्जगणाओ, खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा संखेज्जगुणा, थलयरठणपुंसगा संखेज्जगुणा जलयर०णपुंसगा, संखेज्जगुणा चउरिदियणपुंसगा विसेसाहिया तेइंदियणपुंसगा विसेसाहिया बेइंदियणपुंसगा विसेसाहिया तेउकाइयएगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा असंखेज्जगुणा पुढवी काइयएगिदियः જીવાભિગમસૂત્ર

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