Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयद्योतिका टीका प्रति० २ सू० २२ विशेषतस्तिर्यगादीनां संमिश्रं नवममल्पबहुत्वम् ६२९ नैरयिकनपुंसका असंख्येयगुणाधिका भवन्तीति । 'लंतए कप्पे देवपुरिसा असंखज्जगुणा' पञ्चमपृथिवीनारकनपुंसकापेक्षया लान्तककल्पे देवपुरुषा असंख्येगुणाधिका भवन्तीति । 'चउत्थीए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखज्जगुणा' लान्तकदेवपुरुषापेक्षया चतुर्थी पृथिव्यां नारकनपुंसका असंख्येयगुणाधिका भवन्तीति । 'बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा' चतुर्थ पृथिवीनारकनपुंसकपेक्षया ब्रह्मलोके कल्पे देवपुरुषा असंख्येयगुणा अधिका भवन्ति इति । 'तच्चाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा' ब्रह्मलोकदेवपुरुषापेक्षया तृतीयस्यां पृथिव्यां नैरयिकनपुंसकाः असंख्येयगुणा अधिका भवन्तीति । 'माहिदे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा' तृतीयपृथिवीनैरयिकनपुंसकापेक्षया माहेन्द्रे कल्पे देवपुरुषा असंख्येयगुणा अधिका भवन्ति । 'सणंकुमारे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा' माहेन्द्रकल्पदेवपुरुषापेक्षया सनत्कुमारकल्पे देवपुरुषाः असंख्येयगुणाधिका भवन्तीति । 'दोच्चाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा' सनत्कुमारकनपुंसक हैं वे महाशुक्रकल्प के देव पुरुषों की अपेक्षा असंख्यातगुणे अधिक हैं "लंतए कप्पेदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा" लान्तक कल्प में जो देव पुरुष हैं वे पाँचवीं पृथिवी के नारक नपुंसकों की अपेक्षा असंख्यातगुणे अधिक है। "चउत्थीए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा' लान्तक कल्पके देवपुरुषों की अपेक्षा चतुर्थी पृथिवी के जो नारक हैं वे असंख्यातगुणे अधिक हैं । "बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा" ब्रह्मलोक कल्प में जो देव पुरुष हैं बे चतुर्थी पृथिवी के नारकों की अपेक्षा असंख्यातगुणे अधिक हैं। "तच्चाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा" ब्रह्मलोककल्प के देवपुरुषों की अपेक्षा तृतीय पृथिवी में जो नैरयिक नपुंसक हैं वे असंख्यातगुणे अधिक हैं। “माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा” तृतीय पृथिवी के नारकों की अपेक्षा माहेन्द्रकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे अधिक हैं "सणंकुमारे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा' माहेन्द्रकल्प के देवपुरुषों की अपेक्षा सनत्कुमार कल्प में जो देव पुरुष हैं वे असंख्यातगुणे अधिक हैं । “दोच्चाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखज्ज४२त असण्यात यारे छ. “लंतए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा" alrds ४८पना हे पु३। पांयमी पृथ्वीना ना२४ नस। ४२त मन्यात वधारे छे. “चउत्थीए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा" alrds ४८५ना १५३॥ ४२di याथी पृथ्वीना नार। मसण्यात वधारे छे. "बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा" ब्रह्मा ક૯૫માં જે દેવપુરૂષે છે, તેઓ ચેથી પૃથ્વીના નૈરયિકો કરતાં અસંખ્યાતગણું વધારે છે. "तच्चाए पुढवीए रइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा" प्रक्षा पना हेवपुषा ४२ता श्री पृथ्वीना नै२यि नघुस । अस ज्यात वधारे छे. "माहिदे कप्पे देवपुरिसा असंखे. ज्जगुणा" जी पीना ना२॥ ४२i भाउन्द्र ४६५ना पु३को असन्यात वधारे छ. "सणकुमारे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा" भाडेन्द्र ४६५ना व ५३॥ ४२तां सनभार ४६५ना हेवY३षो मसभ्यात! धारे छ. "दोच्चाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा
જીવાભિગમસૂત્ર