Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 4
________________ जैनाचार्य-जैनधर्मदिवाकर- पूज्यश्री-घासीलालजी-महाराजविरचितया प्रमेयचन्द्रिकाव्याख्यया व्याख्यया समलङ्कृतं हिन्दी-गुर्जर-भाषाऽनुवादसहितम् श्री राजप्रश्नीयसूत्रम् । RAAJPRASHNIYA SUTRAM (प्रथमो भागः) द्वितीयावृत्तिः 陀枪论论地把她從來從论她做做做做做做做做做做做做做做做他做 नियोजकः संस्कृत-प्राकृतज्ञ-जैनागमनिष्णात-प्रियव्याख्यानिपण्डितमुनि-श्री कन्हैयालालजी महाराज प्रकाशक: अ. भा० श्वे० स्था० जैनशास्त्रोद्धारसमितिप्रमुख श्रेष्ठि-श्री बलदेवभाई डोसाभाई पटेल महोदयः मु० अहमदाबाद द्वितीयावृतिः प्रति २५० वीर-संवत् २५१६ विक्रम संवत् २०४६ ईसवीसन् १९९० मूल्यम्-रु. १००-०० प्रकृत

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