Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 14
________________ २. अ. बिद्वाणं उ-१-२ [3]+ चेव बायरा चेव १ । एवं जाव दुविहा वणस्सतिकाइया पन्नत्ता, तंजहा सुहुमा चेव बायरा चेव ५। दुविहा पुढविकाइया पन्नता, तंजहा पज्जत्तगा चेव अपज्जत्तगा चेव ६ । एवं जाव वणस्सतिकाइया १० । दुविहा पुढविकाइया पन्नता, तंजहा परिणता चेव अपरिणता चेव ११ । एवं जाव वणस्सतिकाइया १५ । दुविहा दव्वा पन्नत्ता, तंजा परिणता चेव अपरिणता चेव १६ । दुविहा पुढविकाइया पन्नत्ता, तंजहा गतिसमावन्नगा चेव अगतिसमावन्नगा चेव १७ । एवं जाव वणस्सतिकाइया २१ । दुविहा दव्वा पत्ता, तंजहा गतिसमावन्नगा चेव अगतिसमावन्नगा चेव २२ । दुविहा पुढविकाइया पन्नत्ता, तंजहा अणंतरोगाढगा चेव परंपरोगाढगा चेव २३, जाव दव्वा २८ । ६४. दुविधे काले पन्नत्ते, तंजहा ओसप्पिणीकाले चेव उस्सप्पिणीकाले चेव । दुविधे आगासे पन्नत्ते, तंजहा लोगागासे चेव अलोगागासे चेव । ६५. रइयाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव । अब्भंतरए कम्मए, बाहिरए वेउव्विए। एवं देवाणं भाणियव्वं । पुढविकाइयाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव । अब्भंतरगे कम्मए, बाहिरगे ओरालिगे । जाव वणस्सइकाइयाणं । बेइंदियाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरए चेव बाहिरए चेव । अब्भंतरगे कम्मए, अद्वि-मंससोणितबद्धे बाहिरए ओरालिए। जाव चउरिदियाणं । पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव । अब्भंतरगे कम्मए, अट्ठि मंस-सोणिय ण्हारु छिराबद्धे बाहिरए ओरालिए। मणुस्साण वि एवं चेव । विग्गहगतिसमावन्नगाणं नेरइयाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा-तेयते चेव कम्मते चेव । निरंतरं जाव वेमाणियाणं । नेरइयाणं दोहिं ठाणेहिं सरीरुप्पत्ती सिया, तंजहा रागेण चेव दोसेण चेव । जाव वेमाणियाणं । नेरइयाणं दुट्ठाणनिव्वत्तिए सरीरगे पन्नते, तंजहा रागनिव्वत्तिए चेव दोसनिव्वत्तिए चेव । जाव वेमाणियाणं । दो काया पन्नत्ता, तंजहा तसकाए चेव थावरकाए चेव । तसकाए दुविहे पन्नत्ते, तंजहा भवसिद्धिए चेव अभवसिद्धिए चेव । एवं थावरकाए वि । ६६. दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पव्वावित्तए पाई चेव उदीणं चेव । एवं मुंडावित्तए, सिक्खावित्तए, उवट्ठावित्तए, संभुंजित्तए, संवसित्तए, सज्झायमुद्दिसित्तए, सज्झायं समुद्दिसित्तए, सज्झायमणुजाणित्तए, आलोइत्तए,पडिक्कमित्तए, निदित्तए, गरहित्तए, विउट्टित्तए, विसोहित्तए, अकरणयाए अब्भुट्ठित्तए, अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवज्जित्तए। दो दिसातो अभिगिज्झ कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अपच्छिममारणंतियसंलेहणाजूसणाझूसिताणं भत्तपाणपडियाइक्खिताणं पाओवगताणं कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तए, तंजा पाईणं चेव उदीणं चेव । ॥ [ बिट्ठाणस्स पढमो उद्देसओ समत्तो ]||★ ★ ★ बीओ उद्देसओ★★★ ६७. जे देवा उडोववन्नगा कप्पोववन्नगा विमाणोववन्नगा चारोववन्नगा चारद्वितीया गतिरतिया गतिसमावन्नगा तेसि णं देवाणं सता समितं जे पावे कम्मे कज्जति तत्थगता वि एगतिया वेदणं वेदेति, अन्नत्थगता वि एगतिया वेयणं वेदंति । णेरइयाणं सत्ता समियं जे पावे कम्मे कज्जति तत्थगता वि एगतिया वेयणं वेदेति अन्नत्थगता वि एगतिता वेयणं वेदेति, जाव पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं । मणुस्साणं सता समितं जे पावे कम्मे कज्जति इहगता वि एगतिता वेयणं वेयंति, अन्नत्थगता वि एगतिया वेयणं वेति । मणुस्सवज्जा सेसा एक्कगमा । ६८. नेरइया दुगतिया दुयागतिया पन्नत्ता, तंजहा नेरइए नेरइएस उववज्जमाणे मणुस्सेहिंतो वा पंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से नेरइए णेरइयत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा पंचेदियतिरिक्खजोणियत्ताए वा गच्छेज्जा । एवं असुरकुमारा वि, णवरं से चेव णं से असुरकुमारे असुरकुमारत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा तिरिक्खजोणियत्ताए वा गच्छिज्जा, एवं सव्वदेवा । पुढविकाइया दुगतिया दुयागतिया पन्नत्ता, तंजहा - पुढविकाइए पुढविकाइए उववज्जमाणे पुढविकाइएहिंतो वा णोपुढविकाइएहिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से पुढविकाइए पुढविकाइयत्तं विप्पजहमाणे पुढविकाइयत्ताए वा णोपुढविकाइयत्ता वा गच्छेज्जा, एवं जाव मणुस्सा । ६९. दुविहा णेरतिया पन्नत्ता, तंजहा भवसिद्धिया चेव अभवसिद्धिया चेव, जाव वेमाणिया १ । दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा अणंतरोववन्नगा चेव परंपरोववन्नगा चेव, जाव वेमाणिया २ । दुविहा णेरतिया पन्नत्ता, तंजहा गतिसमावन्नगा चेव अगतिसमावन्नगा चेव, जाव वेमाणिया ३ । दुविधा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा पढमसमओववन्नगा चेव अपंढमसमओववन्नगा चेव, जाव वेमाणिया ४ । दुविधा नेरतिया पन्नत्ता, तंजहा आहारंगा चेव अणाहारगा (३) ठाणं ॐॐॐॐॐॐॐॐ श्री आगमगुणमंजूषा १०२ 52

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