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श्री स्थानांग सूत्र
॥ श्री आगम-गुण-मञ्जूषा ॥ ।। श्री आगम-गुण-भंभूषा ।।
II Sri Agama Guna Manjusa II
(सचित्र)
प्रेरक-संपादक
अचलगच्छाधिपति प.पू. आ. भ. स्व. श्री गुणसागर सूरीश्वरजी म.सा.
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HOROS555555555555555555555555555 ४५ आगमो का संक्षिप्त परिचय 555555555555555555555555555QUOTE
| ४५ आगमो का संक्षिप्त परिचय |
११ अंगसूत्र
के जीवन चरित्र है, धर्मकथानुयोग के साथ चरणकरणानुयोग भी इस सूत्र मे सामील है
। इसमे ८०० से ज्यादा श्लोक है। श्री आचारांग सूत्र :- इस सूत्र मे साधु और श्रावक के उत्तम आचारो का सुंदर वर्णन है । इनके दो श्रुतस्कंध और कुल २५ अध्ययन है। द्रव्यानुयोग, गणितानुयोग,
श्री अन्तकृद्दशांग सूत्र :- यह मुख्यत: धर्मकथानुयोग मे रचित है। इस सूत्र में श्री धर्मकथानुयोग और चरणकरणानुयोगोमे से मुख्य चौथा अनुयोग है। उपलब्ध श्लोको
शत्रुजयतीर्थ के उपर अनशन की आराधना करके मोक्ष मे जानेवाले उत्तम जीवो के
छोटे छोटे चरित्र दिए हए है। फिलाल ८०० श्लोको मे ही ग्रंथ की समाप्ति हो जाती 5 कि संख्या २५०० एवं दो चुलिका विद्यमान है।
है। श्री सूत्रकृतांग सूत्र :- श्री सुयगडांग नाम से भी प्रसिद्ध इस सूत्र मे दो श्रुतस्कंध और २३ अध्ययन के साथ कुलमिला के २००० श्लोक वर्तमान में विद्यमान है । १८०
श्री अनुत्तरोपपातिक दशांग सूत्र :- अंत समय मे चारित्र की आराधना करके क्रियावादी, ८४ अक्रियावादी, ६७ अज्ञानवादी अपरंच द्रव्यानुयोग इस आगम का
अनुत्तर विमानवासी देव बनकर दूसरे भव मे फीर से चारित्र लेकर मुक्तिपद को प्राप्त मुख्य विषय रहा है।
करने वाले महान् श्रावको के जीवनचरित्र है इसलीए मुख्यतया धर्मकथानुयोगवाला
यह ग्रंथ २०० श्लोक प्रमाणका है। श्री स्थानांग सूत्र :- इस सूत्र ने मुख्य गणितानुयोग से लेकर चारो अनुयोंगो कि बाते आती है। एक अंक से लेकर दस अंको तक मे कितनी वस्तुओं है इनका रोचक वर्णन
श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र :- इस सूत्र मे मुख्यविषय चरणकरणानुयोग है। इस आगम है, ऐसे देखा जाय तो यह आगम की शैली विशिष्ट है और लगभग ७६०० श्लोक है।
में देव-विद्याघर-साधु-साध्वी श्रावकादि ने पुछे हुए प्रश्नों का उत्तर प्रभु ने कैसे दिया
इसका वर्णन है । जो नंदिसूत्र मे आश्रव-संवरद्वार है ठीक उसी तरह का वर्णन इस सूत्र श्री समवायांग सूत्र :- यह सूत्र भी ठाणांगसूत्र की भांति कराता है । यह भी
मे भी है । कुलमिला के इसके २०० श्लोक है। संग्रहग्रंथ है । एक से सो तक कौन कौन सी चीजे है उनका उल्लेख है। सो के बाद देढसो, दोसो, तीनसो, चारसो, पांचसो और दोहजार से लेकर कोटाकोटी तक
११) श्री विपाक सूत्र :- इस अंग मे २ श्रुतस्कंध है पहला दुःखविपाक और दूसरा कौनसे कौनसे पदार्थ है उनका वर्णन है। यह आगमग्रंथ लगभग १६०० श्लोक प्रमाण
सुखविपाक, पहेले में १० पापीओं के और दूसरे में १० धर्मीओ के द्रष्टांत है मुख्यतया मे उपलब्ध है।
धर्मकथानुयोग रहा है । १२०० श्लोक प्रमाण का यह अंगसूत्र है। श्री व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र (भगवती सूत्र) :- यह सबसे बडा सूत्र है, इसमे ४२
१२ उपांग सूत्र शतक है, इनमे भी उपविभाग है, १९२५ उद्देश है। इस आगमग्रंथ मे प्रभु महावीर के प्रथम शिष्य श्री गौतमस्वामी गणधरादि ने पुछे हुए प्रश्नो का प्रभु वीर ने समाधान
१) श्री औपपातिक सूत्र :- यह आगम आचारांग सूत्र का उपांग है । इस मे चंपानगरी किया है। प्रश्नोत्तर संकलन से इस ग्रंथ की रचना हुइ है। चारो अनुयोगो कि बाते
का वर्णन १२ प्रकार के तपों का विस्तार कोणिक का जुलुस अम्बडपरिव्राजक के
७०० शिष्यो की बाते है। १५०० श्लोक प्रमाण का यह ग्रंथ है। अलग अलग शतको मे वर्णित है। अगर संक्षेप मे कहना हो तो श्री भगवतीसूत्र रत्नो का खजाना है। यह आगम १५००० से भी अधिक संकलित श्लोको मे उपलब्ध है।
श्री राजप्रश्नीय सूत्र :- यह आगम सुयगडांगसूत्र का उपांग है। इसमें प्रदेशीराजा का ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र :- यह सूत्र धर्मकथानुयोग से है। पहले इसमे साडेतीन करोड
अधिकार सूर्याभदेव के जरीए जिनप्रतिमाओं की पूजा का वर्णन है। २००० श्लोको
से भी अधिक प्रमाण का ग्रंथ है। कथाओ थी अब ६००० श्लोको मे उन्नीस कथाओं उपलब्ध है। १७) श्री उपासकदशांग सूत्र :- इसमें बाराह व्रतो का वर्णन आता है और १० महाश्रावको Gorak45555555555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा G555555555555555555555555555555ory
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२) त्रास
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KAROKKAXXE E EEEE994%953589 ४५ आगमो का संक्षिप्त परिचय 985555359999999455889 श्री जीवाजीवाभिगम सूत्र :- यह ठाणांगसूत्र का उपांग है । जीव और अजीव के
दश प्रकीर्णक सूत्र बारे मे अच्छा विश्लेषण किया है। इसके अलावा जम्बुद्विप की जगती एवं विजयदेव ने कि हुइ पूजा की विधि सविस्तर बताइ है। फिलाल जिज्ञासु ४ प्रकरण, क्षेत्रसमासादि
श्री चतुशरण प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने में अरिहन्त, सिद्ध, साधु और गच्छधर्म जो पढ़ते है वह सभी ग्रंथे जीवाभिगम अपरग्च पनवणासूत्र के ही पदार्थ है । यह
के आचार के स्वरूप का वर्णन एवं चारों शरण की स्वीकृति है। आगम सूत्र ४७०० श्लोक प्रमाण का है। श्री प्रज्ञापना सूत्र- यह आगम समवायांग सूत्र का उपांग है । इसमे ३६ पदो का वर्णन
श्री आतुर प्रत्याख्यान प्रकीर्णक सूत्र :- इस आगम का विषय है अंतिम आराधना है। प्रायः ८००० श्लोक प्रमाण का यह सूत्र है।
और मृत्युसुधार ५) श्री सुर्यप्रज्ञप्ति सूत्र :
श्री चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र :- इस दो आगमो मे गणितानुयोग मुख्य विषय रहा है। सूर्य, ३) श्री भक्तपरिज्ञा प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने में पंडित मृत्यु के तीन प्रकार (१) चन्द्र, ग्रहादि की गति, दिनमान ऋतु अयनादि का वर्णन है, दोनो आगमो मे २२००,
भक्त परिज्ञा मरण (२) इंगिनी मरण (३) पादोपगमन मरण इत्यादि का वर्णन है। २२०० श्लोक है। श्री जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र :- यह आगम भी अगले दो आगमों की तरह गणितानुयोग
६) श्री संस्तारक प्रकीर्णक सूत्र :- नामानुसार इस पयन्ने में संथारा की महिमा का वर्णन मे है। यह ग्रंथ नाम के मुताबित जंबूद्विप का सविस्तर वर्णन है। ६ आरे के स्वरूप
है। इन चारों पयन्ने पठन के अधिकारी श्रावक भी है। बताया है। ४५०० श्लोक प्रमाण का यह ग्रंथ है।
श्री तंदुल वैचारिक प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने को पूर्वाचार्यगण वैराग्य रस के श्री निरयावली सूत्र :- इन आगम ग्रंथो में हाथी और हारादि के कारण नानाजी का
समुद्र के नाम से चीन्हित करते है । १०० वर्षों में जीवात्मा कितना खानपान करे दोहित्र के साथ जो भयंकर युद्ध हुआ उस मे श्रेणिक राजा के १० पुत्र मरकर नरक मे
इसकी विस्तृत जानकारी दी गई है। धर्म की आराधना ही मानव मन की सफलता है। गये उसका वर्णन है।
ऐसी बातों से गुंफित यह वैराग्यमय कृति है। श्री कल्पावतंसक सूत्र :- इसमें पद्यकुमार और श्रेणिकपुत्र कालकुमार इत्यादि १० भाइओं के १० पुत्रों का जीवन चरित्र है।
८) श्री चन्दाविजय प्रकीर्णक सूत्र :- मृत्यु सुधार हेतु कैसी आराधना हो इसे इस पयन्ने । १०) श्री पुष्पिका उपांग सूत्र :- इसमें १० अध्ययन है । चन्द्र, सूर्य, शुक्र, बहुपुत्रिका
में समजाया गया है। देवी, पूर्णभद्र, माणिभद्र, दत्त, शील, जल, अणाढ्य श्रावक के अधिकार है। ११) श्री पुष्पचुलीका सूत्र :- इसमें श्रीदेवी आदि १० देवीओ का पूर्वभव का वर्णन है। ९) श्री देवेन्द्र-स्तव प्रकीर्णक सूत्र :- इन्द्र द्वारा परमात्मा की स्तुति एवं इन्द्र संबधित ई श्री वृष्णिदशा सूत्र :- यादववंश के राजा अंधकवृष्णि के समुद्रादि १०पुत्र, १० मे
अन्य बातों का वर्णन है। पुत्र वासुदेव के पुत्र बलभद्रजी, निषधकुमार इत्यादि १२ कथाएं है। अंतके पांचो उपांगो को निरियावली पञ्चक भी कहते है।
१०A) श्री मरणसमाथि प्रकीर्णक सूत्र :- मृत्यु संबधित आठ प्रकरणों के सार एवं अंतिम
आराधना का विस्तृत वर्णन इस पयन्ने में है।
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१०B) श्री महाप्रत्याख्यान प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने में साधु के अंतिम समय में किए
जाने योग्य पयन्ना एवं विविध आत्महितकारी उपयोगी बातों का विस्तृत वर्णन है।
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N54555554454549 श्री आगमगुणमजूषा
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१०C) श्री गणिविद्या प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने में ज्योतिष संबंधित बड़े ग्रंथो का सार है।
उपरोक्त दसों पयन्नों का परिमाण लगभग २५०० श्लोकों में बध्य हे। इसके अलावा २२ अन्य पयन्ना भी उपलब्ध हैं। और दस पयन्नों में चंदाविजय पयन्नो के स्थान पर गच्छाचार पयन्ना को गिनते हैं।
छह छेद सूत्र
(१) निशिथ सूत्र (२) महानिशिथ सूत्र (३) व्यवहार सूत्र (४) जीतकल्प सूत्र (५) पंचकल्प सूत्र (६) दशा श्रुतस्कंध सूत्र
इन छेद सूत्र ग्रन्थों में उत्सर्ग, अपवाद और आलोचना की गंभीर चर्चा है। अति गंभीर केवल आत्मार्थ, भवभीरू, संयम में परिणत, जयणावंत, सूक्ष्म दष्टि से द्रव्यक्षेत्रादिक विचार धर्मदष्टि से करने वाले, प्रतिपल छहकाया के जीवों की रक्षा हेतु चिंतन करने वाले, गीतार्थ, परंपरागत उत्तम साधु, समाचारी पालक, सर्वजीवो के सच्चे हित की चिंता करने वाले ऐसे उत्तम मुनिवर जिन्होंने गुरु महाराज की निश्रा में योगद्वहन इत्यादि करके विशेष योग्यता अर्जित की हो ऐसे मुनिवरों को ही इन ग्रन्थों के अध्ययन पठन का अधिकार है।
चार मूल सूत्र
१)
श्री दशवैकालिक सूत्र :- पंचम काल के साधु साध्वीओं के लिए यह आगमग्रन्थ अमृत सरोवर सरीखा है। इसमें दश अध्ययन हैं तथा अन्त में दो चूलिकाए र तिवाक्या व, विवित्तचरिया नाम से दी हैं। इन चूलिकाओं के बारे में कहा जाता है कि श्री स्थूलभद्रस्वामी की बहन यक्षासाध्वीजी महाविदेहक्षेत्र में से श्री सीमंधर स्वामी से चार चूलिकाए लाइ थी। उनमें से दो चूलिकाएं इस ग्रंथ में दी हैं। यह आगम ७०० श्लोक प्रमाण का है।
२)
श्री उत्तराध्ययन सूत्र :- परम कृपालु श्री महावीरभगवान के अंतिम समय के उपदेश इस सूत्र में हैं । वैराग्य की बातें और मुनिवरों के उच्च आचारों का वर्णन इस आगम ग्रंथ में ३६ अध्ययनों में लगभग २००० श्लोकों द्वारा प्रस्तुत हैं।
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३)
श्री निर्युक्ति सूत्र :- चरण सत्तरी-करण सत्तरी इत्यादि का वर्णन इस आगम ग्रन्थ में है। पिंडनियुक्ति भी कई लोग ओघ निर्युक्ति के साथ मानते हैं अन्य कई लोग इसे अलग आगम की मान्यता देते हैं। पिंडनियुक्ति में आहार प्राप्ति की रीत बताई हैं । ४२ दोष कैसे दूर हों और आहार करने के छह कारण और आहार न करने के छह कारण इत्यादि बातें हैं ।
४)
श्री आवश्यक सूत्र :- छह अध्ययन के इस सूत्र का उपयोग चतुर्विध संघ में छोट बड़े सभी को है । प्रत्येक साधु साध्वी, श्रावक-श्राविका के द्वारा अवश्य प्रतिदिन प्रातः एवं सायं करने योग्य क्रिया (प्रतिक्रमण आवश्यक) इस प्रकार हैं :
(१) सामायिक (२) चतुर्विंशति (३) वंदन (४) प्रतिक्रमण (५) कार्योत्सर्ग (६) पच्चक्खाण
दो चूलिकाए
१) श्री नंदी सूत्र :- ७०० श्लोक के इस आगम ग्रन्थ में परमात्मा महावीर की स्तुति, संघ की अनेक उपमाए, २४ तीर्थकरों के नाम ग्यारह गणधरों के नाम, स्थविरावली और पांच ज्ञान का विस्तृत वर्णन है।
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२)
श्री अनुयोगद्वार सूत्र :- २००० श्लोकों के इस ग्रन्थ में निश्चय एवं व्यवहार के आलंबन द्वारा आराधना के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी गई है। अनुयोग याने शास्त्र की व्याख्या जिसके चार द्वार है (१) उत्क्रम (२) निक्षेप (३) अनुगम (४) नय
यह आगम सब आगमों की चावी है। आगम पढने वाले को प्रथम इस आगम से शुरुआत करनी पडती है। यह आगम मुखपाठ करने जैसा है।
॥ इति शम् ॥
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Introduction
45 Agamas, a short sketch I Eleven Angas : Acäränga-sutra : It deals with the religious conduct of the monks and the Jain householders. It consists of 02 Parts of learning, 25 lessons and among the four teachings on entity, calculation, religious discourse and the ways of conduct, the teaching of the ways of conduct is the main topic here. The Agama is of the size of 2500 ślokas.
Sayagadanga-sutra : It is also known as Sütra-Kytänga. It's two parts of learning consist of 23 lessons. It discusses at length views of 363 doctrine-holders. Among them are 180 ritualists, 84 nonritualists, 67 agnostics and 32 restraint-propounders, though it's main area of discussion is the teaching of entity. It is available in the size of 2000 ślokas.
Thápānga-sūtra : It begins with the teaching of calculation mainly and discusses other three teachings subordinately. It introduces the topic of one dealing with the single objects and ends with the topic of eight objects. It is of the size of 7600 ślokas.
Samavāyanga-sutra : This is an encompendium, introducing 01 to 100 objects, then 150, 200 to 500 and 2000 to crores and crores of objects. It contains the text of size of 1600 Slokas.
Vyakhya-prajñapti-sutra : It is also known as Bhagavati-sutra. It is the largest of all the Angas. It contains 41 centuries with subsections. It consists of 1925 topics. It depicts the questions of Gautama Ganadhara and answers of Lord Mahavira. It discusses the four teachings in the centuries. This Agama is really a treasure of gems. It is of the size of more than 15000 ślokas.
Jäätādharma-Kathanga-sutra : It is of the form of the teaching of the religious discourses. Previously it contained three and a half crores of discourses, but at present there are 19 religious discourses. It is of the size of 6000 ślokas.
Upasaka-dasānga-sutra : It deals with 12 vows, life-sketches of 10 great Jain householders and of Lord Mahavira, too. This deals with the teaching of the religious discourses and the ways of conduct.
It is of the size of around 800 Slokas. (8) Antagada-dasänga-sutra : It deals mainly with the teaching of
the religious discourses. It contains brief life-sketches of the highly spiritual souls who are born to liberate and those who are liberating ones: they are Andhaka Vrsni, Gautama and other 9 sons of queen Dharini, 8 princes like Akşobhakumara, 6 sons of Devaki, Gajasukumāra, Yadava princes like Jali, Mayāli, Vasudeva Krsna, 8 queens like Rukmini. It is available of the size of 800 Slokas.
Anuttarovavayi-daśãnga-sútra: It deals with the teaching of the religious discourses. It contains the life-sketches of those who practise the path of religious conduct, reach the Anuttara Vimana, from there they drop in this world and attain Liberation in the next birth. Such souls are Abhayakumāra and other 9 princes of king Srenika, Dirghasena and other 11 sons, Dhanna Anagara, etc. It is of
the size of 200 ślokas. (10) Prasna-vyakarana-sūtra : It deals mainly with the teaching of
the ways of conduct. As per the remark of the Nandi-satra, it contained previously Lord Mahāvira's answers to the questions put by gods, Vidyadharas, monks, nuns and the Jain householders. At present it contains the description of the ways leading to
transgression and the self-control. It is of the size of 200 ślokas. (11) Vipaka-sütrānga-sūtra : It consists of 2 parts of learning. The first
part is called the Fruition of miseries and depicts the life of 10 sinful souls, while the second part called the Fruition of happiness narrates illustrations of 10 meritorious souls. It is available of the size of 1200 ślokas.
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(5)
(6)
(1)
II Twelve Upangas Uvaväyi-sütra : It is a subservient text to the Acāranga-sutra. It deals with the description of Campā city, 12 types of austerity, procession-arrival of Koñika's marriage, 700 disciples of the monk Ambada. It is of the size of 1000 ślokas.
Rayapaseni-sutra : It is a subservient text to Süyagađanga-sutra. It depicts king Pradesi's jurisdiction, god Suryabha worshipping the Jina idols, etc. It is of the size of 2000 ślokas.
(7)
(2)
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(3) Jivābhigama-sutra : It is a subservient text to Thāṇānga-sūtra. It one Vasudeva, his son Balabhadra and his son Nişadha.
deals with the wisdom regarding the self and the non-self, the Jambo continent and its areas, etc. and the detailed description of the III Ten Payanna-sutras : veneration offered by god Vijaya. The four chapters on areas, society, (1) Aurapaccakhāņa-sūtra : It deals with the final religious practice etc. published recently are composed on the line of the topics of this and the way of improving (the life so that the) death (may be Sutra and of the Pannavaņa-sutra. It is of the size of 4700 Slokas. improved).
Pannavaņā-sutra : It is a subservient text to the Samavāyānga- (2) Bhattaparinna-sutra : It describes (1) three types of Pandita death, sätra. It describes 36 steps or topics and it is of the size of 8000
(2) knowledge, (3) Ingini devotee ślokas.
(4) Pādapopagamana, etc. (5) Sürya-prajfapti-sutra and
(4) Santhäraga-payannā-sutra : It extols the Samstäraka. Candra-prajñapti-sätra : These two falls under the teaching of the calculation. They depict the solar and the lunar transit, the ** These four payannás can also be learnt and recited by the Jain movement of planets, the variations in the length of a day, seasons,
householders. ** northward and the southward solstices, etc. Each one of these Āgamas are of the size of 2200 Slokas.
(5) Tandula-viyaliya-payanna-sūtra : The ancient preceptors call this Jambadvipa-prajñapti-sutra : It mainly deals with the teaching Payanna-sutra as an ocean of the sentiment of detachment. It of the calculations. As it's name indicates, it describes at length the describes what amount of food an individual soul will eat in his life objects of the Jambu continent, the form and nature of 06 corners of 100 years, the human life can be justified by way of practising a (ära). It is available in the size of 4500 Slokas.
religious life. Nirayávali-pacaka :
(6) Candāvijaya-payannā-sūtra : It mainly deals with the religious (8) Nirayávali-sütra : It depicts the war between the grandfather and practice that improves one's death.
the daughter's son, caused of a necklace and the elephant, the death (7) Devendrathui-payanna-sutra : It presents the hymns to the Lord of king Greñika's 10 sons who attained hell after death. This war is sung by Indras and also furnishes important details on those Indras. designated as the most dreadful war of the Downward (avasarpini) (8) Maranasamadhi-payanna-sutra : It describes at length the final age.
religious practice and gives the summary of the 08 chapters dealing (9) Kalpāvatamsaka-sutra : It deals with the life-sketches of with death.
Kalakumara and other 09 princes of king Sreņika, the life-sketch of (9) Mahäpaccakhāņa-payanna-sutra : It deals specially with what a Padamakumpra and others.
monk should practise at the time of death and gives various beneficial (10) Pupphiya-upanga-sutra : It consists of 10 lessons that covers the informations.
topics of the Moon-god, Sun-god, Venus, queen Bahuputrikā, (10) Gaņivijaya-payanna-sūtra : It gives the summary of some treatise Purnabhadra, Manibhadra, Datta, sila, Bala and Aņāddhiya.
on astrology (11) Pupphacultya-upanga-sutra : It depicts previous births of the 10 These 10 Payannās are of the size of 2500 ślokas. queens like Sridevi and others.
Besides about 22 Payannās are known and even for these above (12) Vahnidaśa-upanga sätra : It contains 10 stories of Yadu king 10 also there is a difference of opinion about their names. The Gacchācāra
Andhakavrşni, his 10 princes named Samudra and others, the tenth is taken, by some, in place of the Candāvijaya of the 10 Payannās.
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IV Six Cheda-sūtras
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(2) Nisitha-sūtra,
(4) Pancakalpa-sutra,
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(1) Vyavahara-sutra,
(3)
Mahānisitha-sutra,
(5) Daśāśruta-skandha-sūtra and (6) Bṛhatkalpa-sūtra. These Chedasûtras deal with the rules, exceptions and vows.
The study of these is restricted only to those best monks who are (1) serene, (2) introvert, (3) fearing from the worldly existence, (4) exalted in restraint, (5) self-controlled, (6) rightfully descerning the subtlety of entity, territories, etc. (7) pondering over continuously the protection of the six-limbed souls, (8) praiseworthy, (9) exalted in keeping the tradition, (10) observing good religious conduct, (11) beneficial to all the beings and (12) Who have paved the path of Yoga under the guidance of their master.
V Four Malasitras
(1) Daśavaikalika-sutra: It is compared with a lake of nectar for the monks and nuns established in the fifth stage. It consists of 10 lessons and ends with 02 Cūlikäs called Rativakya and Vivittacariya. It is said that monk Sthulabhadra's sister nun Yakşă approached Simandhara Svāmi in the Mahāvideha region and received four Culikās. Here are incorporated two of them.
(2) Uttaradhyayana-sutra: It incorporates the last sermons of Lord Mahavira. In 36 lessons it describes detachment, the conduct of monks and so on. It is available in the size of 2000 Slokas.
(3) Anuyogadvara-sutra: It discusses 17 topics on conduct, behaviour, etc. Some combine Pifaniryukti with it, while others take it as a separate Agama. Pindaniryukti deals with the method of receiving food (bhiksă or gocari), avoidance of 42 faults and to receive food, 06 reasons of taking food, 06 reasons for avoiding food, etc. (4) Avasyaka-sutra: It is the most useful Agama for all the four groups
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of the Jain religious constituency. It consists of 06 lessons. It describes 06 obligatory duties of monks, nuns, house-holders and housewives. They are (1) Samayika, (2) Caturvimśatistava, (3) Vandana, (4) Pratikramana, (5) Kayotsarga and (6) Paccakhāṇa.
VI Two Culikäs
(1) Nandi-sütra: It contains hymn to Lord Mahavira, numerous similies for the religious constituency, name-list of 24 Tirthankaras and 11 Gaṇadharas, list of Sthaviras and the fivefold knowledge. It is available in the size of around 700 Ślokas.
(2) Anuyogadvara-sutra: Though it comes last in the serial order of the 45 Agamas, the learner needs it first. It is designated as the key to all the Agamas. The term Anuyoga means explanatory device which is of four types: (1) Statement of proposition to be proved, (2) logical argument, (3) statement of accordance and (4) conclusion.
It teaches to pave the righteous path with the support of firm resolve and wordly involvements.
It is of the size of 2000 Ślokas.
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આગમ – ૩ દ્રવ્યાનુયોગ પ્રધાન સ્થાનાંગ સૂત્ર - ૩
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અન્યનામ : ઠાણ - સ્થાન. શ્રુતસ્કંધ -------
સ્થાને - - - - - - - ઉદ્દેશક ------ પદ -----
ર
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છે.
- ૩૭ ૭૦ શ્લોક
ઉપલબ્ધ પાઠ -- ગદ્યસૂત્ર ----- ‘પદ્યસૂત્ર -----
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(ઠાણાંગ - સમવાયાંગના જ્ઞાતા શ્રુતસ્થવિર કહેવાય છે.)
શ્રુતરકલ્પ (૧) પ્રથમ સ્થાન
પ્રથમ ઉદ્દેશકમાં આત્મા, દંડ, ક્રિયા, લોક વગેરે અલગ અલગ પદાર્થોનું એક એક દષ્ટિકોણથી વર્ણન કરી અંતે પુદ્દગલનું વર્ણન કર્યું છે. (૨) દ્વિતીય સ્થાન - પહેલા ઉદ્દેશકમાં લોકમાં બે પ્રકારના પદાર્થો છે તેનું વિસ્તૃત વર્ણન કરવામાં આવ્યું છે. એના મુખ્ય મુદ્દા : જીવ-અજીવ છે, એમાં જીવના સયોનિ - અયોનિ અને અજીવમાં ધર્મ-અધર્મ વગેરેનું વર્ણન, ક્રિયાવિચારમાં બે પ્રકારની ક્રિયા, જ્ઞાનના બે ભેદો, સંયમના બે પ્રકારો અને અંતે દિશાવિચારની વાત જણાવી છે.
બીજા ઉદ્દેશકમાં ચોવીસ દંડકોમાં વેદના વગેરે ૧૯(ઓગણીસ) વસ્તુઓનું વર્ણન કરી, લોકમાં બે પ્રકારના આત્માની વાત જણાવી છે. અંતે ભક્તપતિ આદિ કલ્પોત્પન્ન અને કલ્પનાત એમ બે પ્રકાર બતાવ્યા છે.
ત્રીજા ઉદ્દેશકમાં શબ્દના બે પ્રકારોથી શરુ કરી વિવિધ વસ્તુઓનું વિસ્તૃત વર્ણન કરી અંતે શૈવેયક દેવોની ઉચાઈની વાત જણાવી છે,
ચોથા ઉદશકમાં પચાસ સમય-બાધક નામ જણાવી અંતે બે ગુણ હોય એમ રુક્ષ
પુદ્ગલો અનંત છે તેનું વર્ણન કરેલું છે. ¥ÉyÉ શ્રી મનમણુનમંજૂષા - ૭, F%%%%%B%% %%%DIO 3
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સરળ ગુજરાતી ભાવાર્થ ]
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છે (૩) તૃતીયસ્થાન
થવાથી વિહાર કરવાના નિષેધમાં અપવાદરૂપ વિધાન જણાવ્યું છે. અંતે આચાર્ય અને છે પહેલા ઉદ્દેરાકમાં ત્રણ પ્રકારના ઈન્દ્ર અને ત્રણ પ્રકારે વિવિધ વસ્તુઓનું વિસ્તૃત ઉપાધ્યાયના ગણવિષયક પાંચ અતિશયની અને પાંચ કારણની વાત જણાવી છે. વર્ણન કરી અંતે ચંદ્ર-સૂર્ય-જંબૂદીપની પ્રજ્ઞપ્તિની વાત જણાવી છે.
ત્રીજા ઉદ્દેશકમાં પાંચ પ્રકારના અસ્તિકાય, ગતિ, ઈન્દ્રિયોના વિષય, મુંડન વગેરેની બીજા ઉદ્દેશકની શરૂઆતમાં ત્રણ પ્રકારના ભાવલોક અને વિવિધ વસ્તુઓનું વિસ્તૃત વાત જણાવી વિવિધ વર્ણનો કરી અંતે પાંચ સ્થાનોમાં પાંચ કર્મોના પુગલોનું ચયન, ૪ ઉં વર્ણન કરી અંતે :ખના સંબંધમાં ત્રણ પ્રશ્નોના ઉત્તર આપી, દુઃખની વેદનાના સંબંધમાં ઉપચયન, બંધ, ઉદીરણા, વેદના, નિર્જરા તથા ૫ગલની વાત જણાવી છે. અન્ય તીર્થિકોનું મંતવ્ય અને એનું નિરાકરણ છે.
(૬) સ્થાન ત્રીજા ઉદ્દેશકમાં ત્રણ કારણોથી માયાયુક્ત આલોચના, પ્રતિક્રમણ, નિંદા, ગહ, આના એક ઉદ્દેશમાં ગણમાં રહેવા યોગ્ય છ પ્રકારના અણગારની વાત જણાવી ખરાબ વિચારોનો નાશ, વિશુદ્ધિ વગેરે ન કરનારનું વર્ણન કર્યા પછી વિવિધ વસ્તુઓનું વચ્ચે પૃથ્વી આદિ છ કાયિકોના ગતિ-આગતિ, છ દિશાઓમાં જીવોના ગતિ- આગતિ કે વિસ્તૃત વર્ણન કરી અંતે ત્રણ પ્રકારની કથા, ત્રણ પ્રકારનો નિશ્ચય વગેરે વર્ણન છે. વગેરે વિસ્તૃત વર્ણન કરી અંતે છ સ્થાનોમાં પાપકર્મની વેદના, નિર્જરા, છ પ્રાદેશિક સ્કંધ,
ચોથા ઉદ્દેશમાં પ્રતિભાધારી ત્રણ ઉપાશ્રયો વગેરેનું વર્ણન કર્યા બાદ જુદી જુદી પુદ્ગલ વગેરેની વાત જણાવી છે. વસ્તુઓનું વિસ્તૃત વર્ણન કરી અને ત્રણ પ્રદેશી સંઘની વાત જણાવી છે.
(૭) સપ્તમ સ્થાન (૪) ચતુર્થ સ્થાન
આના એક ઉદ્દેશકમાં સાધુને ગણમાંથી કાઢી મૂક્વાના સાત કારણોનું વર્ણન કરી પહેલા ઉદ્દેશકની શરૂઆતમાં ચાર અન્તક્રિયાથી સિદ્ધિગતિ પ્રાપ્ત થવાના ઉપાય વચ્ચે વચ્ચે સંઘ વ્યવસ્થા, સ્વરમંડલ, પૂનમ વગેરેનું વર્ણન કરી અંતે સાત પ્રાદેશિક સ્કંધ જ બતાવ્યા છે, જેવા કે : ઉન્નતપ્રણત, ઉન્નતપરિણત, પ્રણતપરિણત, ઉન્નત મન, પ્રણત યુગલોની વાત જણાવી છે. કે મન વગેરે. ત્યારબાદ ઋજુ-વક વર્ણન કર્યા પછી શુદ્ધ-અશુદ્ધ પરિણત મનનું વર્ણન, (૮) અષ્ટમ સ્થાન છેસત્ય-અસત્યનું વર્ણન અને અંતે ચંદ્ર પરગામિ ચાર અંગ, બાહ્ય પ્રજ્ઞપ્તિનું વર્ણન છે.
આના એક ઉદ્દેશકમાં એકાકી વિહાર પ્રતિમાના યોગ્ય આઠ પ્રકારના અણગારની ' બીજા ઉદ્દેરાકમાં ક્લાયનિગ્રહથી શરૂઆત કરી વિવિધ વસ્તુઓનું વિસ્તારપૂર્વક વર્ણન વાત જણાવી, આઠ પ્રકારની યોનિઓ બતાવીને એ આઠ સ્થાનોનું વિસ્તૃત વર્ણન કરી કે અને અંતે ચાર પ્રકારનો સંયમ, ચાર પ્રકારનો ત્યાગ, ચાર પ્રકારની અકિંચનતાનું વર્ણન અંતે આઠ પ્રાદેશિક સ્કંધ અને પુગલોની વાત જણાવી છે.
(૯) નવમ સ્થાન ત્રીજા ઉદ્દેશકમાં ચાર પ્રકારના ક્રોધ, ક્રોધની ગતિનું વર્ણન, ચાર પ્રકારનું ગણિત, આના એક ઉદ્દેશકમાં સંભોગી નિગ્રંથીને વિસંભોગી કરવામાં નવકારણ, બ્રહ્મચર્ય, નરક વગેરે અપોલોકમાં અંધકાર કરનારા ચાર અને સૂર્ય, ચંદ્ર વગેરે તિર્યક તેમજ ઊર્ધ્વલોકમાં નવ અધ્યયન, વગેરે નવ-નવ સ્થાનોનું વિસ્તૃત વર્ણન કરી અંતે નવ પ્રાદેશિક સ્કંધ અને ઉદ્યોત કરનારા ચારનું વર્ણન છે.
પુદ્ગલોનું વર્ણન છે. ચોથા ઉદ્દેશકમાં ચાર પ્રકારના પ્રવાસીની વાત જણાવી નરક, તિર્યંચ, મનુષ્ય અને (૧૦) દશમસ્થાન દેવતાના ચાર આહારનું વર્ણન કરી વિવિધ પદાર્થોના વર્ણન પછી અંતે પગલોનું વર્ણન છે. આના એક ઉદ્દેરાકમાં દસ પ્રકારની લોકસ્થિતિ, દસ પ્રકારના શબ્દ વગેરે વાત (૫) પંચમ સ્થાન
જણાવી દસ-દસ સ્થાનોનું વિસ્તૃત વર્ણન કરી છેલ્લે દસ પ્રાદેશિક સંઘ, દસ પ્રદેશાવગાઢ - પહેલા ઉદ્દેશકમાં પાંચ મહાવ્રત, પાંચ અણુવ્રતની વાત જણાવી વિવિધ વસ્તુઓનું પુગલ, દસ સમયની સ્થિતિવાળા પુગલ, દસ ગુણકાલ પુદ્ગલથી માંડીને દસ ગુણલૂખા વર્ણન કરી અંતે પદ્મપ્રભ વગેરે ૧૪ (ચૌદ) પરમાત્માના એક જ નક્ષત્રમાં પાંચ પુગલોના વર્ણન સાથે આ આગમગ્રંથની સમાપ્તિ થાય છે. કલ્યાણકોની વાત જણાવી છે.
બીજા ઉદ્દેશકમાં એક માસમાં બે-ત્રણ વાર પાંચ નદીઓ ઓળંગવાનો નિષેધ જણાવી અપવાદમાં એ નદીઓને ઓળંગવાનું વિધાન પણ બતાવ્યું છે, તથા પ્રથમ વર્ષા
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(३) ठाणं १ अन्झयणं एगठ्ठाणं [१]
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सिरि उसहदेव सामिस्स णमो। सिरि गोडी - जिराउला - सव्वोदयपासणाहाणं णमो। नमोऽत्थुणं समणस्स भगवओ महइ महावीर वद्धमाण सामिस्स। सिरि गोयम - सोहम्माइ सव्व गणहराणं णमो । सिरि सुगुरु - देवाणं णमो। पंचमगणहरभयवंसिरिसुहम्मसामिविरइयं तइयमंगं ठाणंगसुत्तं १ पढमं अज्झयणं एगट्ठाणं' | ॐ नमो वीतरागाय ॥ १. सुयं मे आउसं ! तेणं भगवता एवमक्खायं २. एगे आया। ३. एगे दंडे। ४. एगा किरिया। ५. एगे लोए। एगे अलोए। ६. एगे धम्मे। एगे अधम्मे । ७. एगे बंधे । एगे मोक्खे । ८. एगे पुण्णे | एगे पावे । ९. एगे आसवे । एगे संवरे। १०. एगा वेयणा । एगा निज्जरा । ११. एगे जीवे पाडिक्कएणं सरीरएणं । १२. एगा जीवाणं अपरिआइत्ता विगुव्वणा। १३. एगे मणे । एगा वयी। एगे कायवाया। १४. एगा उप्पा।१५. एगा वियती। १६.एगा वियच्चा । १७.एगा गती। एगा आगती। १८. एगे चयणे । एगे उववाए। १९. एगा तक्का । २०. एगा सन्ना। २१.एगा मन्ना। २२. एगा विन्नू । २३. एगा वेयणा । २४. एगे छेयणे । २५. एगे भेयणे । २६. एगे मरणे अंतिमसारीरियाणं । २७. एगे संसुद्धे अहाभूते पत्ते । २८. एगदुक्खे जीवाणं एगभूते । २९. एगा अहम्मपडिमा जं से आया परिकिलेसति । ३०. एगा धम्मपडिमा जं से आया पज्जवजाए। ३१. एगे मणे देवा-ऽसुर-मणुयाणं तंसि तंसि समयंसि। ३२. एगा वती देवा-ऽसुर-मणुयाणं तंसि तंसि समयंसि । ३३. एगे कायवायामे देवा-ऽसुर-मणुयाणं तंसि तंसि समयंसि। ३४. एगे उट्ठाण कम्म-बल-वीरिय-पुरिसकार-परक्कमे देवा-ऽसुर-मणुयाणं
तंसि तंसि समयंसि । ३५. एगे नाणे । एगे दंसणे । एगे चरित्ते । ३६. एगे समए । एगे पएसे। एगे परमाणू । ३७. एगा सिद्धी। एगे सिद्धे । एगे परिनिव्वाणे । एगे , परिनिव्वुडे। ३८. एगे सद्दे। एगे रूवे। एगे गंधे । एगे रसे। एगे फासे। १० एगे सुब्भिसहे। एगे दुब्भिसद्दे । एगे सुरूवे । एगे दुरूवे। एगे दीहे । एगे रहस्से । एगे वट्टे । एगे मतंसे। एगे चउरंसे । एगे पिहुले । एगे परिमंडले। एगे किण्हे । एगेणीले। एगे लोहिते । एगे हालिद्दे । एगे सुक्किले। १५ एगे सुब्भिगंधे। एगे दुब्भिगंधे । एगे तित्ते । एगे
कडुए। एगे कसाए । एगे अंबिले। एगे महुरे । एगे कक्खडे जाव लुक्खे। ३९. एगे पाणातिवाए जाव एगे परिगहे। एगे कोधे जाव लोभे । एगे पेजे, एगे दोसे जाव एगे परपरिवाए । एगा अरतिरती। एगे मायामोसे । एगे मिच्छादंसणसल्ले । एगे पाणातिवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे । एगे कोधविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे। ४०. एगा ओसप्पिणी, एगा सुसमसुसमा जाव एगा दूसमदूसमा । एगा उस्सप्पिणी, एगा दुस्समदुस्समा जाव एगा सुसमसुसमा। ४१. (१) एगा नेरइयाणं वग्गणा, एगा असुरकुमाराणं वग्गणा, चउवीसादंडओ जाव एगा वेमाणियाणं वग्गणा। (२) एगा भवसिद्धीयाणं वग्गणा, एगा अभवसिद्धीयाणं वग्गणा। एगा भवसिद्धीयाणं णेरतियाणं वग्गणा, एगां अभवसिद्धीयाणं णेरतियाणं वग्गणा, एवं जाव एगा भवसिद्धीयाणं वेमाणियाणं वग्गणा, एगा अभवसिद्धीयाणं वेमाणियाणं वग्गणा। (३) एगा सम्मद्दिट्ठियाणं वग्गणा, एगा मिच्छदिट्ठीयाणं वग्गणा, एगा सम्ममिच्छदिट्ठीयाणं वग्गणा। एगा सम्मदिट्ठीयाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा मिच्छदिट्ठीयाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा सम्ममिच्छदिट्ठीयाणं णेरइयाणं वग्गणा, एवं जाव थणितकुमाराणं वग्गणा । एगा मिच्छदिट्ठीयाणं पुढविक्काइयाणं वग्गणा, एवं जाव वणस्सतिकाइयाणं । एगा सम्मदिट्ठियाणं बेइंदियाणं वग्गणा, एगा मिच्छदिट्ठियाणं बेइंदियाणं वग्गणा, एवं तेइंदियाण वि चउरिंदयाण वि, सेसा जहा नेरइया जाव एगा सम्मामिच्छदिट्ठियाणं वेमाणियाणं वग्गणा। (४) एगा कण्हपक्खियाणं वग्गणा, एगा सुक्कपक्खियाणं वग्गणा । एगा कण्हपक्खियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा सुक्कपक्खियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एवं चउवीसादडओ भाणियव्वो। (५) एगा कण्हलेसाणं वग्गणा, एगा नीललेसाणं वग्गणा, एवं जाव सुक्कलेसाणं वग्गणा । एगा कण्हलेसाणं नेरइयाणं वग्गणा जाव काउलेसाणं णेरइयाणं वग्गणा, एवं जस्स जति लेसाओ, भवणवइ-वाणमंतर-पुढवि-आउवणस्सइकाइयाणं च चत्तारिलेसाओ, तेउ-वाउ-बेइंदिय-तेइंदिअ-चउरिदियाणं तिन्निलेसाओ, पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणंछ लेस्साओ, जोतिसियाणं एगा तेउलेसा, वेमाणियाणं तिन्नि उवरिमलेसाओ। (६) एगा कण्हलेसाणं भवसिद्धियाणं वग्गणा, एगा कण्हलेसाणं अभवसिद्धियाणं वग्गणा, एवं छसु वि लेसासु दो दो पयाणि भाणियव्वाणि | एगा कण्हले साणं भवसिद्धियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एगा कण्हले साणं अभवसिद्धियाणं णेरइयाणं
સૌજન્ય: પ.પૂ. સાધ્વી શ્રી ધૈર્યપ્રભાશ્રીજી મ.સા.ના શિષ્યા પ.પૂ. સાધ્વીશ્રી ગુણમાલાશ્રીજી ના શિષ્યા)
પ.પૂ. સાધ્વીશ્રી હીતપ્રજ્ઞાશ્રીજી મ.સા. ની પ્રેરણાથી શ્રી મુલુન્ડ (પૂર્વ) અચલગચ્છ જૈન સંઘ.
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(३) ठाणं १-अ./२-अ. बिट्ठाणं उ.१
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वग्गणा, एवं जस्स जति लेसाओ तस्स तति भाणियव्वाओ जाव वेमाणियाणं । (७) एगा कण्हलेसाणं सम्मद्दिट्ठियाणं वग्गणा, एगा कण्हलेसाणं मिच्छदिट्ठियाणं वग्गणा, एगा कण्हलेसाणं सम्मामिच्छदिट्ठियाणं वग्गणा, एवं छसु वि लेसासु जाव वेमाणियाणं जेसिं जति दिट्ठीओ। (८) एगा कण्हलेसाणं कण्हपक्खियाणं वग्गणा, एगा कण्हलेसाणं सुक्कपक्खियाणं वग्गणा, जाव वेमाणियाणं,.जस्स जति लेसाओ । एए अट्ठ चउवीसदंडया। ४२. एगा तित्थसिद्धाणं वग्गणा, एगा अतित्थसिद्धाणं वग्गणा, एवं जाव एगा एक्कसिद्धाणं वग्गणा, एगा अणेक्कसिद्धाणं वग्गणा । एगा पढमसमयसिद्धाणं वगणा एवं जाव अणंतसमयसिद्धाणं वग्गणा । ४३. (१) एगा परमाणुपोग्गलाणं वग्गणा, एवं जाव एगा अणंतपएसियाणं पोग्गलाणं वग्गणा १ । एगा एगपदेसोगाढाणं पोग्गलाणं वग्गणा जाव एगा असंखेज्जपदेसोगाढाणं पोग्गलाणं वग्गणा २। एगा एगसमयट्ठितियाणं पोग्गलाणं वग्गणा जाव असंखेजसमयट्ठितियाणं पोग्गलाणं वग्गणा ३ । एगा एगगुणकालगाणं पोग्गलाणं वग्गणा जाव एगा असंखेज्जगुणकालगाणं पोग्गलाणं वग्गणा, एगा अणंतगुणकालगाणं पोग्गलाणं वग्गणा । एवं वण्ण-गंध-रस-फासा भाणियव्वा जाव एगा अणंतगुणलुक्खाणं पोग्गलाणं वग्गणा ४ । (२) एगा जहन्नपतेसियाणं खंधाणं वग्गणा, एगा उक्कस्सपतेसियाणं खंधाणं वग्गणा, एगा अजहन्नुक्कस्सपतेसियाणं खंधाणं वग्गणा १, एवं जहन्नोगाहणगाणं उक्कस्सोगाहणगाणं अजहन्नुक्कस्सोगाहणगाणं २, जहन्नट्ठितियाणं उक्कस्सट्ठितियाणं अजहन्नुक्कस्सद्वितीयाणं ३, जहन्नगुणकालगाणं उक्कस्सगुणकालयाणं अजहन्नुक्कस्सगूणकालगाणं, एवं वण्ण-गंध-रस-फासाणं वग्गणा भाणियव्वा, जाव एगा अजहन्नुक्कस्सगुणलुक्खाणं पोग्गलाणं वग्गणा ४ । ४४. एगे जंबुद्दीवे दीवे सव्वदीवसमुद्दाणं जाव अद्धंगुलगं च किंचिविसेसाधिए परिक्खेवेणं । ४५. एगे समणे भगवं महावीरे इमीसे
ओसप्पिणीए चउव्वीसाए तित्थगराणं चरिमतित्थगरे सिद्धे बुद्धे मुत्ते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । ४६. अणुत्तरोववातिया णं देवा णं एगं रतणि उहुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता। ४७. अदाणक्खत्ते एगतारे पन्नत्ते । चित्ताणक्खत्ते एगतारे पन्नत्ते। सातीणक्खते एगतारे पन्नत्ते। ४८. एगपदेसोगाढा पोग्गला अणंता पन्नता, एवमेगसमयद्वितीया । एगगुणकालगा पोग्गला अणंता पन्नत्ता, जाव एगगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पन्नत्ता। [|| एगट्ठाणं समत्तं ।। २ बीयं अज्झयणं 'बिट्ठाणं' पढमो उद्देसओजी ४९. जदत्थि णं लोगे तं सव्वं दुपओआरं, तंजहा-जीवच्चेव अजीवच्चेव। (१) तसच्चेव थावरच्चेव १, सजोणियच्चेव अजोणियच्चेव २, साउयच्चेव अणाउयच्चेव ३, सइंदियच्चेव, अणिदियच्चेव ४, सवेयगा चेव अवेयगा चेव ५, सरूवि चेव अरूवि चेव ६, सपोग्गला चेव अपोग्गला चेव ७, संसारसमावन्नगा चेव असंसारसमावन्नगा चेव ८, सासया चेव असासया चेव ९ । (२) आगासे चेव, नो आगासे चेव । धम्मे चेव अधम्मे चेव । बंधे चेव मोक्खे चेव। पुन्ने चेव पावे चेव । आसवे चेव संवरे चेव । वेयणा चेव निज्जरा चेव । ५०. दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-जीवकिरिया चेव अजीवकिरिया चेव | जीवकिरिया ॥ दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सम्मत्तकिरिया चेव, मिच्छत्तकिरिया चेव । अजीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-इरियावहिया चेव संपराइगा चेव । दो किरियाओ पन्नत्ताओ. तंजहा-काइया चेव आधिकरणिया चेव । काइया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-अणुवरयकायकिरिया चेव दुप्पउत्तकायकिरिया चेव । आधिकरणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-संजोयणाधिकरणिया चेव णिव्वत्तणाधिकरणिया चेव । दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाओसिया चेव पारियावणिया चेव । पातोसिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवपाओसिया चेव अजीवपाओसिया चेव । पारियावणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सहत्थपारियावणिया चेव परहत्थपारियावणिया चेव । दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाणातिवायकिरिया चेव अपच्चक्खाणकिरिया चेव । पाणातिवायकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहासहत्थपाणातिवायकि रिया चेव परहत्थपाणातिवायकि रिया चेव । अपच्चक्खाणकि रिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव अजीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव । दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-आरंभिया चेव पारिग्गहिया चेव । आरंभिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवआरंभिया चेव ॥ अजीवआरंभिया चेव । एवं पारिग्गहिया वि । दो किरियाओ पन्नत्ताओ. तंजहा-मायावत्तिया चेव मिच्छादसणवत्तिया चेव । मायावत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता,
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तंजहा-आयभाववंकणता चेव परभाववंकणता चेव । मिच्छादसणवत्तिया कि रिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-ऊणाइरित्तमिच्छादंसणवत्तिया चेव तव्वइरित्तमिच्छादसणवत्तिया चेव । दो किरियाओ पत्ताओ, तंजहा-दिट्ठिया चेव पुट्ठिया चेव । दिट्ठिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवदिट्ठिया चेव अजीवदिट्ठिया चेव । एवं पुट्ठिया वि । दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाडुच्चिया चेव सामंतोवणिवाइया चेव । पाडुच्चिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवपाडुच्चिया चेव अजीवपाडुच्चिया चेव । एवं सामंतोवणिवाइया वि। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-साहत्थिया चेव णेसत्थिया चेव । साहत्थिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहाजीवसाहत्थिया चेव अजीवसाहत्थिया चेव । एवं णेसत्थिंया वि । दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा- आणवणिया चेव वेतारणिया चेव, जहेव णेसत्थिया । दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-अणाभोगवत्तिया चेव अणवकंखवत्तिया चेव । अणाभोगवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-अणाउत्तआइयणता चेव अणाउत्तपमज्जणता चेव । अणवकंखवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-आयसरीरअणवकंखवत्तिया चेव परसरीरअणवकंखवत्तिया चेव । दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पिज्जवत्तिया चेव दोसवत्तिया चेव । पेज्जवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-मायावत्तिया चेव लोभवत्तिया चेव । दोसवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-कोहे चेव माणे चेव । ५१. दुविहा गरिहा पन्नत्ता, तंजहा-मणसा वेगे गरहति, वयसा वेगे गरहति । अहवा गरहा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-दीहं पेगे अद्धं गरहति, रहस्सं पेगे अद्धं गरहति । ५२. दुविहे पच्चक्खाणे, पन्नत्ते, तंजहा-मणसा वेगे पच्चक्खाति, वयसा वेगे पचक्खाति । अहवा पच्चक्खाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-दीहं पेगे अद्धं पच्चक्खाति, रहस्सं पेगे अद्धं पच्चक्खाति। ५३.दोहिं ठाणेहिं अणगारे संपन्ने अणादीयं अणवयग्गंदीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं वीतिवतेज्जा, तंजहा-विज्जाए चेव चरणेण चेव । ५४. दो ठाणाई अपरियाणित्ता आया णो केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, तंजहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव १ । दो ठाणाई अपरियाणित्ता आया णो केवलं बोधिं बुज्झेज्जा, तंजहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव २। दो ठाणाइं अपरियाइत्ता आया नो केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वएज्जा, तंजहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव ३ । एवं णो केवलं बंभचेरवासमावसेज्जा ४ । णो केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा ५ । नो केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा ६ । नो केवलमाभिणिबोधियणाणं उप्पाडेज्जा ७ । एवं सुयनाणं ८ । ओहिनाणं ९ । मणपज्जवनाणं १० । केवलनाणं ११ । ५५. दो ठाणाइं परियाइत्ता आया केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज सवणयाए, तंजहा-आरंभे चेव परिग्गहे चेव, एवं जाव केवलनाणमुप्पाडेज्जा । दोहिं ठाणेहिं आया केवलिपन्नतं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, तंजहा - सोच्चच्चेव अभिसमेच्चच्चेव जाव केवलनाणं उप्पाडेज्जा । ५६. दो समाओ पन्नत्ताओ, तंजहा ओसप्पिणी समा चेव उस्सप्पिणी समा चेव । ५७. दुविहे उम्माए पन्नत्ते, तंजहा जक्खावेसे चेव, मोहणिज्जस्स चेव कम्मस्स उदएणं । तत्थ णं जे से जक्खावेसे से णं सुहवेयतराए चेव सुहविमोयतराए चेव । तत्थ णं जे से मोहणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं से णं दुहवेयतराएं चेव दुहविमोयतराए चेव । ५८. दो दंडा पन्नत्ता, तंजहा अट्ठादंडे चेव अणट्ठांदंडे चेव, नेरझ्याणं दो दंडा पन्नत्ता, तंजहा अट्ठादंडे य अणट्ठादंडे य । एवं चउवीसादडओ जाव वेमाणियाणं । ५९. दुविहे दंसणे पन्नत्ते, तंजहा सम्मइंसणे चेव मिच्छादसणे चेव १ । सम्मइंसणे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा णिसग्गसम्मइंसणे चेव अभिगमसम्मइंसणे चेव २। णिसग्गसम्मइंसणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पडिवाति चेव अपडिवाति चेव ३ । अभिगमसम्मईसणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पडिवाति चेव अपडिवाति चेव ४ । मिच्छादसणे दुविहे पन्नत्तेतंजहा अभिगहियमिच्छादसणे चेव अणभिगहियमिच्छादसणे चेव ५। अभिगहियमिच्छादसणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा सपज्जवसिंते चेव अपज्जवसिते चेव ६ । एवमणभिगहितमिच्छादसणे वि७।६०. दुविहे नाणे पन्नत्ते, तंजहा पच्चक्खे चेव परोक्खे चेव १ । पच्चक्खे नाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा केवलनाणेचेवणोकेवलनाणे चेव २ । केवलणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा भवत्थकेवलनाणे चेव सिद्धकेवलणाणे चेव ३ । भवत्थकेवलणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा सजोगिभवत्थकेवलणाणेचेव, अजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव ४ । सजोगिभवत्थकेवलणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणे
चेव अपढमसमसजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव ५ । अहवा चरिमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव अचरिमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणे चेव ६ । एवं र अजोगिभवत्थकेवलनाणे वि७ ८ । सिद्धकेवलणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा अणंतरसिद्धकेवलणाणे चेव परंपरसिद्धकेवलनाणे चेव ९ । अणंतरसिद्धकेवलनाणे दुविहे xero####
FFFFFFFFFFFFश्री आगमगुणमंजूषा - १०० 05555555555555555555555555FFOROF
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(३) ठाणे
२.अ. बिद्वाणं उ-१ [१]
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पन्नत्ते, तंजहा एक्काणंतरसिद्धकेवलणाणे चेव अणेक्काणंतरसिद्धकेवलणाणे चेव १० । परंपरसिद्धकेवलणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा एक्कपरंपरसिद्धकेवलणाणे चेव अणेक्कपरंपरसिद्धकेवलणाणे चेव ११ । णोकेवलणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा ओहिणाणे चेव मणपज्जवणाणे चेव १२। ओहिणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा भवपच्चइए चेव खतोवसमिते चेव १३ । दोण्हं भवपच्चइए पन्नत्ते, तंजहा देवाणं चेव नेरइयाणं चेव १४ । दोण्हं खओवसमिते पन्नत्ते, तंजहा मणुस्साणं व पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं चेव १५ । मणपज्जवणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा उज्जुमति चेव विउलमति चेव १६ । परोक्खे णाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा आभिणिबोहियणाणे चेव सुयनाणे चेव १७। ॥ आभिणिबोहियणाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा सुतनिस्सिते चेव असुतनिस्सिते चेव १८ । सुतनिस्सिते दुविहे पन्नत्ते, तंजहा अत्थोग्गहे चेव वंजणोग्गहे चेव १९ । असुयनिस्सिते वि एमेव २० । सुयनाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा अंगपविढे चेव अंगबाहिरे चेव २१ । अंगबाहिरे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा आवस्सए चेव आवस्सयवतिरित्ते ॥
चेव २२ । आवस्सयवतिरित्ते दुविहे पन्नत्ते, तंजहा कालिते चेव उक्कालिते चेव २३ । ६१. दुविहे धम्मे पन्नत्ते, तंजहा सुयधम्मे चेव चरितधम्मे चेव । सुयधम्मे दुविहे प्र पन्नत्ते, तंजहा सुत्तसुयधम्मे चेव अत्थसुयधम्मे चेव । चरित्तधम्मे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा अगारचरित्तधम्मे चेव अणगारचरित्तधम्मे चेव । ६२. दुविहे संजमे पन्नते, म तंजहा सरागसंजमेचेव वीयरागसंजमेचेव। सरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा सुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव बादरसंपरायसरागसंजमे चेव । सुहुमसंपरायसरागसंजमे
दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव अपढमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चैव, अधवा चरमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव अचरिमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव । अधवा सुहुमसंपरायसरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा संकिलेसमाणते चेव विसुज्झमाणते चेव । बादरसंपरायसरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे चेव अपढमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे चेव । अहवा चरिमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे चेव अचरिमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे चेव । अहवा बायरसंपरायसरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पडिवाति चेव अपडिवाति चेव । वीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा उवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव खीणकसायवीतरागसंजमे चेव । उवसंतकसायवीयरागसंजमे दुविधे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयउवसंतकसायवीतरागसंजमे चेव अपढमसमयउवसंतकसायवीतरागसंजमे चेव । अहवा चरिमसमयउवसंतकसायवीतरागसंजमे चेव अचरिमसमयउवसंतकसायवीतरागसंजमे चेव । खीणकसायवीतरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा छउमत्थखीणकसायवीतरागसंजमे चेव केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव । छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव बुद्धबोधियछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव । सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पढम- समय- सयंबुद्ध-छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव अपढमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, अहवा चरिमसमयसयं बुद्ध छउमत्थ खीण क सायवीय रागसं जमेचे व अचरिम समय सयं बुद्ध छ उमत्थ खीण क सायवीय रागसं जमे चे व। बुद्धबोधियछ उमत्थखीणक सायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयबुद्धबोधियछउमत्थखीणक सायवीयरागसंज़मे चेव अपढमसमयबुद्धबोधियछ उमत्थखीणक सायवीयरागसंजमे चेव, अहवा चरिमसमयबुद्धबोधियछ उमत्थखीणक सायवीयरागसंजमे चेव अचरिमसमयबुद्धबोधियखीणकसायवीयरागसंजमे चेव । केवलिखीणकसायवीतरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा सजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागसंजमे चेव ॥
अजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागसंजमे चेव । सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे है चेव अपढमसमयसजोगिके वलिखीणक सायवीयरागसंजमेचेव । अहवा चरिमसमयसजोगिके वलिखीणक सायवीयरागसंजमे चेव
अचरिमसमयसजोगिके वलिखीणक सायवीयरागसंजमे चेव । अजोगिके वलिखीणक सायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयअजोगिके वलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव अपढमसमयअजोगिके वलिखीणक सायवीयरागसंजमे चेव । अहवा श् चरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव अचरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव।६३. दुविहा पुढविकाइया पन्नता, तंजहा सुहुमा NEE24444444451545455555 श्री आगमगुणमंजूषा - १०१5555555555 5 55555$$$OOR
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२. अ. बिद्वाणं उ-१-२ [3]+
चेव बायरा चेव १ । एवं जाव दुविहा वणस्सतिकाइया पन्नत्ता, तंजहा सुहुमा चेव बायरा चेव ५। दुविहा पुढविकाइया पन्नता, तंजहा पज्जत्तगा चेव अपज्जत्तगा चेव ६ । एवं जाव वणस्सतिकाइया १० । दुविहा पुढविकाइया पन्नता, तंजहा परिणता चेव अपरिणता चेव ११ । एवं जाव वणस्सतिकाइया १५ । दुविहा दव्वा पन्नत्ता, तंजा परिणता चेव अपरिणता चेव १६ । दुविहा पुढविकाइया पन्नत्ता, तंजहा गतिसमावन्नगा चेव अगतिसमावन्नगा चेव १७ । एवं जाव वणस्सतिकाइया २१ । दुविहा दव्वा पत्ता, तंजहा गतिसमावन्नगा चेव अगतिसमावन्नगा चेव २२ । दुविहा पुढविकाइया पन्नत्ता, तंजहा अणंतरोगाढगा चेव परंपरोगाढगा चेव २३, जाव दव्वा २८ । ६४. दुविधे काले पन्नत्ते, तंजहा ओसप्पिणीकाले चेव उस्सप्पिणीकाले चेव । दुविधे आगासे पन्नत्ते, तंजहा लोगागासे चेव अलोगागासे चेव । ६५. रइयाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव । अब्भंतरए कम्मए, बाहिरए वेउव्विए। एवं देवाणं भाणियव्वं । पुढविकाइयाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव । अब्भंतरगे कम्मए, बाहिरगे ओरालिगे । जाव वणस्सइकाइयाणं । बेइंदियाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरए चेव बाहिरए चेव । अब्भंतरगे कम्मए, अद्वि-मंससोणितबद्धे बाहिरए ओरालिए। जाव चउरिदियाणं । पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरगे चेव बाहिरगे चेव । अब्भंतरगे कम्मए, अट्ठि मंस-सोणिय ण्हारु छिराबद्धे बाहिरए ओरालिए। मणुस्साण वि एवं चेव । विग्गहगतिसमावन्नगाणं नेरइयाणं दो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा-तेयते चेव कम्मते चेव । निरंतरं जाव वेमाणियाणं । नेरइयाणं दोहिं ठाणेहिं सरीरुप्पत्ती सिया, तंजहा रागेण चेव दोसेण चेव । जाव वेमाणियाणं । नेरइयाणं दुट्ठाणनिव्वत्तिए सरीरगे पन्नते, तंजहा रागनिव्वत्तिए चेव दोसनिव्वत्तिए चेव । जाव वेमाणियाणं । दो काया पन्नत्ता, तंजहा तसकाए चेव थावरकाए चेव । तसकाए दुविहे पन्नत्ते, तंजहा भवसिद्धिए चेव अभवसिद्धिए चेव । एवं थावरकाए वि । ६६. दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पव्वावित्तए पाई चेव उदीणं चेव । एवं मुंडावित्तए, सिक्खावित्तए, उवट्ठावित्तए, संभुंजित्तए, संवसित्तए, सज्झायमुद्दिसित्तए, सज्झायं समुद्दिसित्तए, सज्झायमणुजाणित्तए, आलोइत्तए,पडिक्कमित्तए, निदित्तए, गरहित्तए, विउट्टित्तए, विसोहित्तए, अकरणयाए अब्भुट्ठित्तए, अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवज्जित्तए। दो दिसातो अभिगिज्झ कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अपच्छिममारणंतियसंलेहणाजूसणाझूसिताणं भत्तपाणपडियाइक्खिताणं पाओवगताणं कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तए, तंजा पाईणं चेव उदीणं चेव । ॥ [ बिट्ठाणस्स पढमो उद्देसओ समत्तो ]||★ ★ ★ बीओ उद्देसओ★★★ ६७. जे देवा उडोववन्नगा कप्पोववन्नगा विमाणोववन्नगा चारोववन्नगा चारद्वितीया गतिरतिया गतिसमावन्नगा तेसि णं देवाणं सता समितं जे पावे कम्मे कज्जति तत्थगता वि एगतिया वेदणं वेदेति, अन्नत्थगता वि एगतिया वेयणं वेदंति । णेरइयाणं सत्ता समियं जे पावे कम्मे कज्जति तत्थगता वि एगतिया वेयणं वेदेति अन्नत्थगता वि एगतिता वेयणं वेदेति, जाव पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं । मणुस्साणं सता समितं जे पावे कम्मे कज्जति इहगता वि एगतिता वेयणं वेयंति, अन्नत्थगता वि एगतिया वेयणं वेति । मणुस्सवज्जा सेसा एक्कगमा । ६८. नेरइया दुगतिया दुयागतिया पन्नत्ता, तंजहा नेरइए नेरइएस उववज्जमाणे मणुस्सेहिंतो वा पंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से नेरइए णेरइयत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा पंचेदियतिरिक्खजोणियत्ताए वा गच्छेज्जा । एवं असुरकुमारा वि, णवरं से चेव णं से असुरकुमारे असुरकुमारत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा तिरिक्खजोणियत्ताए वा गच्छिज्जा, एवं सव्वदेवा । पुढविकाइया दुगतिया दुयागतिया पन्नत्ता, तंजहा - पुढविकाइए पुढविकाइए उववज्जमाणे पुढविकाइएहिंतो वा णोपुढविकाइएहिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से पुढविकाइए पुढविकाइयत्तं विप्पजहमाणे पुढविकाइयत्ताए वा णोपुढविकाइयत्ता वा गच्छेज्जा, एवं जाव मणुस्सा । ६९. दुविहा णेरतिया पन्नत्ता, तंजहा भवसिद्धिया चेव अभवसिद्धिया चेव, जाव वेमाणिया १ । दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा अणंतरोववन्नगा चेव परंपरोववन्नगा चेव, जाव वेमाणिया २ । दुविहा णेरतिया पन्नत्ता, तंजहा गतिसमावन्नगा चेव अगतिसमावन्नगा चेव, जाव वेमाणिया ३ । दुविधा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा पढमसमओववन्नगा चेव अपंढमसमओववन्नगा चेव, जाव वेमाणिया ४ । दुविधा नेरतिया पन्नत्ता, तंजहा आहारंगा चेव अणाहारगा
(३) ठाणं
ॐॐॐॐॐॐॐॐ श्री आगमगुणमंजूषा १०२ 52
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(३) ठाण
-२ अ. बिट्ठाणं उ.२.३ [५]
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चेव, एवं जाव वेमाणिया ५ । दुविहा णेरतिया पन्नत्ता, तंजहा उस्सासगा चेव णोउस्सासगा चेव, जाव वेमाणिया ६ । दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा सइंदिया चेव अणिदिया चेव, जाव वेमाणिया ७। दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा पज्जत्तगा चेव अपज्जत्तगाचेव, जाव वेमाणिया ८ । दुविहा नेरइया पन्नता, तंजहा-सन्नि चेव असन्नि चेव, एवं पंचेंदिया सव्वे विगलिदियवज्जा, जाव वाणमंतरा ९ । दुविधा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा- भासगा चेव अभासगा चेव, एवमेगिदियवना सव्वे १० । दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा सम्मदिट्ठीया चेव मिच्छदिठ्ठीया चेव, एगिदियवज्जा सव्वे ११ । दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा परित्तसंसारिता चेव, अणंतसंसारिता चेव, जाव वेमाणिया १२। दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा संखेजकालसमयद्वितीया चेव असंखेज्जकालसमयद्वितीया चेव, एवं पंचेदियाएगिदियविगलिदियवज्जा जाव वाणमंतरा १३ । दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा सुलभबोधिया चेव दुल्लभबोधिया चेव, जाव वेमाणिया १४ । विहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा कण्हपक्खिया चेव सुक्कपक्खिया चेव, जाव वेमाणिया १५ । दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा चरिमा चेव अचरिमा चेव, जाव वेमाणिया १६ । ७०. दोहिं ठाणेहिं आया अधेलोगं जाणति पासति, तंजहा समोहतेणं चेव अप्पाणेणं आता अहेलोगं जाणति पासति, असमोहतेणं चेव अप्पाणेणं आता अहेलोगं जाणति पासति, आधोहि समोहतासमोहतेणं चेव अप्पाणेणं आता अहेलोगं जाणति पासति । एवं तिरियलोगं २ उड्डलोगं ३ केवलकप्पं लोग ४ । दोहिं ठाणेहिं आता अधेलोगं जाणति पासति, तंजहा विउवितेण चेव
अप्पाणेणं आता अधेलोगं जाणति पासति, अविउव्वितेणं चेव अप्पाणेणं आता अधेलोगं जाणति पासति, आहोधि विउब्वियाविउव्वितेण चेव अप्पाणेणं आता * अधेलोगं जाणति पासति १ । एवं तिरियलोग २ उड्ढलोगं ३ केवलकप्पं लोगं ४।७१. दोहिं ठाणेहिं आया सद्दाई सुणेति, तंजहा देसेण वि आया सद्दाइं सुणेति,
सव्वेण वि आया सहाई सुणेति, एवं रूवाई पासति, गंधाई अग्घाति, रसाई आसादेति, फासाइं पडिसंवेदेति ५ । दोहिं ठाणेहिं आया ओभासइ, तंजहा देसेण वि आया ओभासति सव्वेण वि आया ओभासति । एवं पभासति, विकुव्वति, परियारेति, भासं भासति, आहारेति, परिणामेति, वेदेति, निजरेति ९ । दोहिं ठाणेहिं देवे सद्दाइं सुणेति, तंजहा-देसेण वि देवे सद्दाई सुणेति, सव्वेण वि देवे सद्दाई सुणेइ, जाव निज्जरेति १४।७२. मरुया देवा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा एगसरीरि चेव बिसरीरि चेव । एवं किन्नरा, किंपुरिसा, गंधव्वा, णागकुमारा, सुवन्नकुमारा, अग्गिकुमारा, वायुकुमारा ८ । देवा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-एगसरीरि चेव बिसरीरि चेव ॥[ बिट्ठाणस्स बीओ उद्देसओ समत्तो ]||★ ★ ★ तइओ उद्देसओ ★★★ ७३. दुविहे सद्दे पन्नत्ते, तंजहा-भासासद्दे चेव णोभासासद्दे चेव १ । भासासद्दे दुविहे
पन्नत्ते, तंजहा अक्खरसंबद्धे चेव नोअक्खरसंबद्धे चेव २। णोभासासद्दे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा आउज्जसद्दे चेव णोआउज्जसद्दे चेव ३ । आउज्जसद्दे दुविहे पन्नत्ते, ई तंजहा तते चेव वितते चेव ४। तते दुविहे पन्नत्ते, तंजहा घणे चेव झुसिरे चेव ५। एवं वितते वि६। णोआउज्जसद्दे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा भूसणसद्दे चेव नोभूसणसद्दे चेव ई
७। णोभूसणसद्दे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा तालसद्दे चेव लत्तियासद्दे चेव ८ । दोहिं ठाणेहिं सद्दुप्पाते सिया, तंजहा साहन्नंताण चेव पुग्गलाणं सदुप्पाए सिया, भिज्जंताण चेव पोग्गलाणं सदुप्पाते सिया । ७४. दोहिं ठाणेहिं पोग्गला साहन्नंति, तंजहा-सई वा पोग्गला साहन्नंति, परेण वा पोग्गला साहन्नंति १ । दोहि ठाणेहिं पोग्गला भिज्जति, तंजहा सई वा पोग्गला भिज्जंति, परेण वा पोग्गला भिज्जति २। दोहिं ठाणेहिं पोग्गला परिपडंति, तजंहा सई वा पोग्गला परिपडंति, परेण वा पोग्गलाई
परिप(पा?)डिज्जति ३, एवं परिसडंति ४, विद्धंसंति ५।७५. दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा भिन्ना चेव अभिन्ना चेव १। दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा भेउरधम्मा चेव 5 नोभेउरधम्मा चेव २। दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा परमाणुपोग्गला चेव नोपरमाणुपोग्गला चेव ३ । दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा सुहुमा चेव बायरा चेव ।।
दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा बद्धपासपुट्ठा चेव नोबद्धपासपुट्ठा चेव ५ । दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा परियाइयच्चेव अपरियाइयच्चेव ६। दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा अत्ता चेव अणत्ता चेव ७ । दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा इट्ठा चेव अणिट्ठा चेव ८, एवं कंता ९, पिया १०, मणुन्ना ११, मणामा १२ । दुविहा सद्दा पन्नत्ता, तंजहा अत्ता चेव अणत्ता चेव १, एवमिट्ठा जाव मणामा ६ । दविहा रूवा पन्नत्ता, तंजहा अत्ता चेव अणत्ता चेव, जाव मणामा ६ । एवं गंधा ६, रसा६, फासा ६,
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Ke55555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १०३5555555555555555555555556IOR
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२- अ. विद्वाणं उ ३ [६]
एवमेक्वेक्के छ आलावगा भाणियव्वा । ७६. दुविहे आयारे पन्नत्ते, तंजहा णाणायारे चेव नोनाणायारे चेव १ | णोनाणायारे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा दंसणायारे चेव नोदंसणायारे चेव २ । नोदंसणायारे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा चरित्तायारे चेव नोचरित्तायारे चेव ३ | णोचरित्तायारे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा तवायारे चेव वीरियायारे चेव ४ । ७७. दो पडिमाओ पन्नत्ताओ, तंजहा समाहिपडिमा चेव उवहाणपडिमा चेव १ । दो पडिमाओ पन्नत्ताओ, तंजहा विवेगपडिमा चेव विउसग्गपडिमा चेव २ | दो डिमाओ पत्ताओ, तंजहा भद्दा चेव सुभद्दा चेव ३ | दो पडिमाओ पन्नत्ताओ, तंजहा महाभद्दा चेव सव्वतोभद्दा चेव ४ । दो पडिमाओ पन्नत्ताओ, तंजहा खुड्डिया चेव मोयपडिमा, महल्लिया चेव मोयपडिमा ५ । दो पडिमाओ पन्नत्ताओ, तंजहा जवमज्झा चेव चंदपडिमा वइरमज्झा चेव चंदपडिमा ६ । ७८. दुविधे सामाइए पन्नत्ते, तंजा अगारसामाइए चेव अणगारसामाइए चेव । ७९. दोण्हं उववाते पन्नत्ते, तंजहा देवाण चेव नेरइयाण चेव १ । दोण्हं उव्वट्टणा पन्नत्ता, तंजहा रइयाण व भवणवासी व २ । दोण्हं चयणे पन्नत्ते, तंजहा जोइसियाण चेव वेमाणियाण चेव ३ । दोण्हं गब्भवक्कंती पन्नता, तंजहा मणुस्साण चेव पंचेंदियतिरिक्खजोणियाण चेव ४ । दोण्हं गब्भत्थाणं आहारे पन्नत्ते, तंजहा मणुस्साण चेव पंचेदियतिरिक्खजोणियाण चेव ५ । दोण्हं गब्भत्थाणं बुड्डी पन्नत्ता, तंजहा मणुस्साण चेव पंचेंद्रियतिरिक्खजोणियाण चेव ६ । एवं निवुड्डी ७, विगुव्वणा ८, गतिपरियाए ९, समुग्धाते १०, कालसंजोगे ११, आयाती १२, मरणे १३ । दोण्हं छविपव्वा पन्नत्ता, तंजहा मणुस्साण चेव पंचेदियतिरिक्खजोणियाण चेव १४ । दो सुक्क सोणितसंभवा पन्नत्ता, तंजहा मणुस्सा चेव पंचेदियतिरिक्खजोणिया चेव १५ | ठिती पन्नत्ता, तंजा कायद्विती चेव भवट्ठिती चेव १६ । दोण्हं कायद्विती पन्नत्ता, तंजहा मणुस्साण चेव पंचेदियतिरिक्खजोणियाण चेव १७ । दोण्हं भवट्ठिती पन्नत्ता, तंजहा देवाण चेव नेरइयाण चेव १८ । दुविहे आउए पन्नत्ते, तंजहा अद्वाउए चेव भवाउए चेव १९ । दोण्हं अद्धाउए पन्नत्ते, तंजहा मणुस्साण चेव पंचेदियतिरिक्खजोणियाण चेव २० । दोण्हं भवाउए पन्नत्ते, तंजहा देवाण चेव णेरइयाण चेव २१ । दुविहे कम्मे पन्नत्ते, तंजहा पदेसकम्मे चेव अणुभावकम्मे चेव २२ । दो अहाउयं पालेति, तंजा देवच्चेव नेरइयच्चेव २३ । दोण्हं आउयसंवट्टए पन्नत्ते, तंजहा मणुस्साण चेव पंचेंदियतिरिक्खजोणियाण चेव २४ । ८०. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहणेणं दो वासा पन्नत्ता बहुसमतुल्ला अविसेसमणाणत्ता अन्नमन्नं णातिवट्टंति आयाम विक्खंभ-संठाण-परिणाहेणं, तंजहा भरहे चेव एरवते चेव । एवमेतेणमभिलावेणं हेमवते चेव हरेत्रवते चेव, हरिवासे चेव रम्मयवासे चेव । ८१. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं दो खेत्ता पन्नत्ता बहुसमतुल्ला अविसेस जाव पुव्वविदेहे चेव अवरविदेहे चेव । ८२. जंबूमंदरस्स पव्वतस्स उत्तरदाहिणेणं दो कुराओ पन्नत्ताओ बहुसमतुल्लाओ जाव देवकुरा चेव उत्तरकुरा । तत्थ णं दो महतिमहालया महादुमा पन्नत्ता बहुसमतुल्ला अविसेसमणाणत्ता अन्नमन्नं णाइवट्टंति आयाम - विक्खंभुच्चतोव्वेध - संठाण - परिणाहेणं, जहा कूड चेव, जंबू चेव सुदंसणा । तत्थ णं दो देवा महिड्डिया जाव महासोक्खा पलिओवमद्वितीया परिवसंति, तंजहा गरूले चेव वेणुदेवे, अणाढिते चेव जंबूदीवाहिवती । ८३. जंबूमंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दो वासहरपव्वया पन्नत्ता बहुसमतुल्ला अविसेसमणाणत्ता अन्नमन्नं णातिवट्टंति आयामविक्खंभुच्चत्तोव्वेधसंठाण - परिणाहेणं, तंजा चुल्लहिमवंते चेव सिहरी चेव, एवं महाहिमवंते चेव रूप्पी चेव, एवं णिसढे चेव णीलवंते चेव । ८४. जंबूमंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं हेमवतेरण्णवतेसु वासेसु दो वट्टवेयढपव्वता पन्नत्ता बहुसमतुल्ला अविसेसमणाणत्ता जाव सद्दावती चैव वियडावती चेव, तत्थ णं दो देवा महिड्डिया जाव पलिओवमट्ठितीया परिवसंति, तंजा साती चेव पभासे चेव । जंबूमंदरस्स उत्तरदाहिणेणं हरिवरिस-रम्मतेसु वासेसु दो वट्टवेयढपव्वया पन्नत्ता बहुसमतुल्ला अविसेसमणाणत्ता जाव गंधावती चेव मालवंतपरियाए चेव, तत्थ णं दो देवा महिड्डिया जाव पलिओवमद्वितीया परिवसंति, तंजहा अरुणे चेव पउमे चेव । ८५. जंबूमंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं देवकुराए कुराए पुव्वावरे पासे एत्थ णं आसक्खंधगसरिसा अद्धचंदसंठाणसंठिया दो वक्खारपव्वता पन्नत्ता बहुसम जाव सोमणसे चेव विज्जुप्पभे चेव । जंबूमंदरउत्तरेण उत्तरकुराए कुराए पुव्वावरे पासे एत्थ णं आसक्खंधगसरिसा अद्धचंदसंठाणसंठिया दो वक्खारपव्वया पन्नत्ता बहुसम जाव गंधमादणे चेव मालवंते चेव । ८६. जंबूमंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दो दीहवेयहुपव्वया पन्नत्ता बहुसमतुल्ला जाव भारहए चेव दीहवेयड्डे, एरावयते चेव दीहवेयड्डे । भारहए णं दीहवेयड्डे दो
ॐ श्री आगमगुणमंजूषा १०४
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(३) ठाणं
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(३) ठाणं २. अ. विद्वाणं उ३ [७]
गुहाओ पन्नत्ताओ बहुसमतुल्लाओ अविसेसमणाणत्ताओ अन्नमन्नं णातिवट्टंति आयामविक्खंभुच्चत्तसंठाणपरिणाहेणं, तंजहा तिमिसगुहा चेव खंडगप्पवायगुहा चेव, तत्थ णं दो देवा महिड्डिया जाव पलिओवमाद्वितीया परिवसंति, तंजहा कयमालए चेव नट्टमालए चेव । एरावयए णं दीहवेयडे दो गुहाओ पन्नत्ताओ जाव कयमालए चेव नट्टमालए चेव । ८७. जंबूमंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं चुल्लहिमवंते वासहरपव्वए दो कूडा पन्नत्ता बहुसमतुल्ला जाव विक्खंभुच्चत्तसंठाणपरिणाहेणं, तं जहा चुल्लहिमवंतकूडे चेव वेसमणकूडे चेव । जंबूमंदरदाहिणेणं महाहिमवंते वासहरपव्वते दो कूडा पन्नत्ता बहुसम जाव महाहिमवंतकूडे चेव वेरुलियकूडे चेव । एवं निसढे वासहरपव्वते दो कूडा पन्नता बहुसम जाव निसढकूडे चेव रुयगकूडे चेव । जंबूमंदरउत्तरेण नीलवंते वासहरपव्वते दो कूडा पन्नत्ता बहुसम जाव तंजहा नीलवंतकूडे चेव उवदंसणकूडे चेव । एवं रुप्पिम्मि वासहरपव्वते दो कूडा पन्नत्ता बहुसम जाव तंजहा रुप्पिकूडे चेव मणिकंचणकूडे चेव । एवं सिहरिम्मि वासहरपव्वते दो कूडा पन्नत्ता बहुसम जाव तंजहा सिहरिकूडे चेव तिर्गिच्छिकूडे चेव । ८८. जंबूमंदरउत्तरदाहिणेणं चुल्लहिमवंत सिहरीसु वासहरपव्वतेसु दो महद्दहा पन्नत्ता बहुसमतुल्ला अविसेसमणाणत्ता अण्णमण्णं णातिवट्टंति, आयामविक्खंभउव्वेहसंठाणपरिणाहेणं, तंजहा पउमद्दहे चेव पुंडरियद्दहे चेव, तत्थ णं दो देवयाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमद्वितीयाओ परिवसंति, तंजहा सिरी चेव लच्छी चेव । एवं महाहिमवंत-रुप्पीसु वासहरपव्वएस दो महद्दहा पन्नत्ता बहुसम जाव तंजहा महापउमद्दहे चेव महापुंडरीयद्दहे चेव, देवताओ हिरिच्चेव बुद्धिच्चेव । एवं निसढनीलवंतेसु तिगिच्छिद्दहे चेव केसरिद्दहे चेव, देवताओ धिती चेव कित्ती चेव । ८९. जंबूमंदरदाहिणेणं महाहिमवंताओ वासहरपव्वयाओ महापउमद्दहाओ दहाओ दो महाणदीओ पवहंति, तंजहा रोहियच्चेव हरिकंतच्चेव । एवं निसढाओ वासहरपव्वताओ तिगिच्छिद्दहाओ दहाओ दो महाणईओ पवहंति, तंजहा हरिच्चेव सीतोतच्चेव । जंबूमंदरउत्तरेणं नीलवंताओ वासधरपव्वताओ केसरिद्दहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति, तंजहासीता चेव नारिकंता चेव । एवं रुप्पीओ वासहरपव्वताओ महापुंडरीयद्दहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति, तंजहा णरकंता चेव रुप्पकूला चेव । ९०. जंबूमंदरदाहिणेणं भरहे वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता बहुसम जाव तंजहा गंगप्पवातद्दहे चेव सिंधुप्पवायद्दहे चेव । एवं हेमवए वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता बहु सम जाव तंजहा रोहियप्पवातद्दहे चेव रोहियंसप्पवातद्दहे चेव । जंबूमंदरदाहिणेणं हरिवासे वासे दो पवायद्दहा पन्नता बहुसम जाव तंजहा हरिपवातद्दहे चेव हरिकंतपवातद्दहे चेव । जंबूमंदरउत्तरदाहिणेणं महाविदेहे वासे दो पायद्दहा पन्नत्ता बहुसम जाव सीयप्पवातद्दहे चेव सीतोदप्पवायद्दहे चेव । जंबूमंदरउत्तरेणं रम्मए वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता बहु सम नरकंतप्पवायंद्दहे णारीकंतप्पवायद्दहे चेव । एवं हेरन्नवते वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता बहु समजाव सुवन्नकूलप्पवायद्दहे चेव रूप्पकूलप्पवायद्दहे चेव । जंबूमंदरउत्तरेणं एरवए वासे दो पायद्दा पन्नत्ता बहु सम जाव रत्तप्पवायद्दहे चेव रत्तावइप्पवातद्दहे चेव । ९१. जंबूमंदरदाहिणेण भरहे वासे दो महानईओ पन्नत्ताओ बहु सम जाव गंगा व सिंधू चेव । एवं जधा पवातद्दहा एवं ईओ भाणियव्वाओ, जाव एरवए वासे दो महानईओ पन्नत्ताओ बहुसमतुल्लाओ जाव रत्ता चेव रत्तवती चेव । ९२. जंबूदीवे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमदूसमाए समाए दो सागरोवमकोडाकोडीओ काले होत्था १, एवमिमीसे ओसप्पिणीए जाव पन्नत्ते २, एवं आगमेसाए उस्सप्पिणीए जाव भविस्सति ३ | जंबूदीवे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमाए समाए मणुया दो गाउयाई उड्डुंउच्चत्तेणं होत्था दोन्नि य पलिओवमाइं परमाउं पालयित्था ४, एवमिमीसे ओसप्पिणीए जाव पालयित्था ५, एवमागमेसाते उस्सप्पिणीए जाव पालयिस्संति ६ । ९३. जंबूदीवे दीवे भररवसु वासेस एगसमये एगजुगे दो अरहंतवंसा उप्पज्जिसु वा उप्पज्जेति वा उप्पज्जिस्संति वा ७, एवं चक्कवट्टिवंसा ८, दसारवंसा ९ । जंबू ( दीवे दीवे) भरहेरवतेसु वासेसु एगसमते दो अरहंता उप्पज्जिसु वा उप्पज्जेति वा उप्पज्जिस्संति वा १०, एवं चक्कवट्टि ११, एवं बलदेवा १२, एवं वासुदेवा जाव उप्पज्जिस्संति वा १३ । ९४. जंबूदीवे दीवे दोसु कुरासु मणुया सता सुसमसुसममुत्तमं इड्डि पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा देवकुराए चेव उत्तरकुराए चेव १४ । जंबूदीवे दीवे दोसु वासेसु मणुया सता सुसममुत्तमं इद्धिं पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा हरिवासे चेव रम्मगवासे चेव १५ । जंबूदीवे दीवे दोसु वासेसु मणुया सता सुसमदूसममुत्तममिडि पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा हेमवते चेव हेरन्नवते चेव १६ । जंबूदीवे दीवे दोसु खेत्तेसु मणुया सता दुसमसुसममुत्तममिद्धिं पत्ता
श्री आगमगुणमजूषा - १०५
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१३) ठाण
-अ.बट्ठाण उ-३
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पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा पुव्वविदेहे चेव अवरविदेहे चेव १७ । जंबूदीवे दीवे दोसु वासेसु मणुया छव्विहं पि कालं पच्चणुभवमाणा विहरति, तंजहा भरहे चेव एरवते चेव १८ । ९५. जंबूदीवे दीवे दो चंदा पभासिंसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा, दो सूरिआ तवइंसु वा तवंति वा तवइस्संति वा, दो कत्तियाओ, दो रोहिणीओ, दो मगसिरा, दो अदाओ, एवं भाणियव्वं, “कत्तिय, रोहिणि, मगसिर, अद्दा य, पुणव्वसू य, पूसो य ६ तत्तो वि अस्सलेसा, महा य, दो फग्गुणीओ य९-१० ॥१॥"हत्थो, चित्ता, साती य, विसाहा, तह य होति अणुराहा १५ जेठ्ठा, मुलो, पुव्वा य आसाढा, उत्तरा चेव १९" ॥२॥"अभिई, सवण, धणिट्ठा, सयभिसया, दो य होति भद्दवया २४-२५ । रेवति, अस्सिणि, भरणी, २८ नेतव्वा आणुपुव्वीए" ॥३॥ एवं गाहाणुसारेणं णेयव्वं जाव दो भरणीओ। दो अग्गी १, दो पयावती २, दो सोमा ३, दो रुद्दा ४, दो अदिती ५, दो बहस्सती ६, दो सप्पी ७, दो पीती ८, दो भगा ९, दो अज्जमा १०, दो सविता ११, दो तट्ठा १२, दो वाऊ १३, दो इंदग्गी १४, दो मित्ता १५, दो इंदा १६, दो निरीती १७, दो आऊ १८, दो विस्सा १९, दो बम्हा २०, दो विण्हू २१, दो वसू २२, दो वरूणा २३, दो अया २४, दो विविद्धी २५, दो पुस्सा २६, दो अस्सा २७, दो यमा २८ । दो इंगलगा १, दो वियालगा २, दो लोहितक्खा ३, दो सणिचरा ४, दो आहुणिया ५, दो पाहुणिया ६, दो कणा ७, दो कणगा ८, दो कणकणगा ९, दो कणगविताणगा १०, दो कणगसंताणगा ११, दो सोमा १२, दो सहिया १३, दो आसासणा १४, दो कज्जोवगा १५, दो कब्बडगा १६, दो अयकरगा १७, दो दुंदुभगा १८, दो संखा १९, दो संखवन्ना २०, दो संखवन्नाभा २१, दो कंसा २२, दो कंसवन्ना २३, दो कंसवन्नामा २४, दो रुप्पी २५, दो रुप्पाभासा २६, दो णीला २७, दो णीलोभासा २८, दो भासा २९, दो भासरासी ३०, दो तिला ३१, दो तिलपुप्फवण्णा ३२, दो दगा ३३, दो दगपंचवन्ना ३४, दो काका ३५, दो कक्कंधा ३६, दो इंदग्गी ३७, दो धूमकेऊ ३८, दो हरी ३९, दो पिंगला ४०, दो बुधा ४१, दो सुक्का ४२, दो बहस्सती ४३, दो राहू ४४, दो अगत्थी ४५, दो माणवगा'४६, दो कासा ४७, दो फासा ४८, दो धुरा ४९, दो पमुहा ५०, दो वियडा ५१, दो विसंधी ५२, दो नियल्ला ५३, दो पइल्ला ५४, दो जडियाइल्ला ५५, दो अरुणा ५६, दो अग्गिल्ला ५७, दो काला ५८, दो महाकालगा ५९, दो सोत्थिया ६०, दो सोवत्थिया ६१, दो वद्धमाणगा ६२, दो पूसमाणगा, दो अंकुसा दो पलंबा ६३, दो निच्चालोगा ६४, दो णिच्चुज्जोता ६५, दो सयंपभा ६६, दो ओभासा ६७, दो सेयंकरा ६८, दो खेमंकरा ६९, दो आभंकरा ७०, दो पभंकरा ७१, दो अपराजिता ७२, दो अरया ७३, दो असोगा७४, दो विगतसोगा ७५, दो विमला ७६, दो विमुहा, दो वितत्ता ७७, दो वितत्था ७८, दो विसाला ७९, दो साला ८०, दो सुव्वता ८१, दो अणियट्टी ८२, दो एगजडी ८३, दो दुजडी ८४, दो करकरिगा ८५, दो रायग्गला ८६, दो पुप्फकेतू ८७, दो भावकेऊ ८८ । ९६, जंबूदीवस्स णं दीवस्स वेइया दो गाउयाई उहुंउच्चत्तेणं पण्णत्ता । ९७, लवणे णं समुद्दे दो जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते । ९८, लवणस्स णं समुद्दस्स वेतिया दो गाउयाइं उहुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता । ९९, धायइसंडे दीवे पुरथिमद्धे णं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दो वासा पन्नत्ता बहुसमतुल्ला जाव भरहे चेव एरवए चेव, एवं जहा जंबुद्दीवे तहा एत्थ वि भाणियव्वं जाव दोसु वासेसु मणुया छव्विहं पि कालं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा भरहे चेव एरवते चेव, णवरं कूडसामली चेव धायइरुक्खे चेव, देवा गरुले चेव वेणुदेवे, सुदंसणे चेव । धाततीसंडदीवपच्चत्थिमद्धे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणणं दो वासा पन्नत्ता बहु समतुल्ला जाव भरहे चेव एरवए चेव जाव छव्विहं पि कालं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा भरहे चेव एरवए
चेव, णवरं कूडसामली चेव महाधायईरुक्खे चेव, देवा गरुले चेव वेणुदेवे, पियदंसणे चेव । १००. धायइसंडे णं दीवे दो भरहाई, दो एरवताई, दो हेमवताई, दो हेरन्नवताई, दो हरिवासाइं, दो रम्मगवासाई, दो पुव्वविदेहाई, दो अवरविदेहाई, दो देवकुराओ, दो देवकुरमहदुमा, दो देवकुरमहदुमवासी देवा, दो उत्तरकुराओ, दो . उत्तरकुरमहद्दुमा, दो उत्तरकुरमहद्दुमवासी देवा, दो चुल्लहिमवंता, दो महाहिमवंता, दो निसहा, दो नीलवंता, दो रुप्पी, दो सिहरी, दो सद्दावत्ती, दो सद्दावतिवासी म साती देवा, दो वियडावती, दो वियडावतिवासी पभासा देवा, दो गंधावती, दो गंधावतिवासी अरुणा देवा, दो मालवंतपरियागा, दो मालवंतपरियागवासी पउमा । र देवा, दो मालवंता, दो चित्तकूडा, दो पम्हकूडा, दो नलिणकूडा, दो एगसेला, दो तिकूडा, दो वेसमणकूडा, दो अंजणा, दो मातंजणा, दो सोमणसा, दो विज्जुप्पभा, MeroF#$$$$$$$$$$$5555 श्री आगमगुणमजूषा - १०६ 555
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AGO5555555
(३) ठाणं
२
.अ. बिट्ठाणं उ-३ [१]
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दो अंकावती, दो पम्हावती, दो आसीविसा, दो सुहावहा, दो चंदपव्वता, दो सूरपव्वता, दो णागपव्वता, दो देवपव्वया, दो गंधमायणा, दो उसुगारपव्वता, दो। ई चुल्लहिमवतंकूडा, दो वेसमणकूडा, दो महाहिमवंतकूडा, दो वेरुलियकूडा, दो निसहकूडा, दो रुयगकूडा, दो नीलवंतकूडा, दो उवदंसणकूडा, दो रुप्पिकूडा, दो
मणिकंचणकूडा, दो सिहरिकूडा, दो तिगिच्छिकूडा, दो पउमद्दहा, दो पउमद्दहवासिणीओ सिरीदेवीओ, दो महापउमद्दहा दो महापउमद्दहवासिणीओ हिरीओ देवीओ, एवं जाव दो पुंडरीयद्दहा, दो पुंडरीयद्दहवासिणीओ लच्छीओ देवीओ, दो गंगप्पवायदहा.जाव दो रत्तावतिप्पवातद्दहा, दो रोहियाओ जाव दो रुप्पकूलातो, दो गाहावतीओ, दो दहवतीओ, दो पंकवतीओ, दो तत्तजलाओ, दो मत्तजलाओ, दो उम्मत्तजलाओ, दो खारोयाओं, दो सीहसोताओ, दो अंतोवाहिणीओ, दो उम्मिमालिणीओ, दो फेणमालिणीओ, दो गंभीरमालीणीओ, दो कच्छा, दो सुकच्छा, दो महाकच्छा, दो कच्छावती, दो आवत्ता, दोणंगलावत्ता, दो पुक्खला, दो पुक्खलावती, दो वच्छा, दो सुवच्छा, दो महावच्छा, दो वच्छगावती, दो रम्मा, दो रम्मगा, दो रमण्णिजा, दो मंगलावती, दो पम्हा, दो सुपम्हा, दो महापम्हा, दो पम्हगावती, दो संखा, दोणलिणा, दो कुमुया, दो सलिलावती, दो वप्पा, दो सुवप्पा, दो महावप्पा, दो वप्पगावती, दो वग्गू, दो सुवग्गू, दो गंधिला, दो गंधिलावती ३२, दो खेमाओ, दो खेमपुराओ, दो रिट्ठाओ, दो रिट्ठपुराओ, दो खग्गीतो, दो मंजूसाओ, दो ओसधीओ, दो पुंडरिगिणीओ, दो सुसीमाओ, दो कुंडलाओ, दो अपराजियाओ, दो पभंकराओ, दो अंकावईओ, दो पम्हावईओ, दो सुभाओ, दो रयणसंचयाओ, दो आसपुराओ, दो सीहपुराओ, दो महापुराओ, दो विजयपुराओ, दो अवराजिताओ, दो अरयाओ, दो असोगाओ, दो विगयसोगाओ, दो विजयाओ, दो वेजयंतीओ, दो जयंतीओ, दो अपराजियाओ, दो चक्कपुराओ, दो खग्गपुराओ, दो अवज्झाओ, दो अउज्झाओ ३२, दो भद्दसालवणा, दो णंदणवणा, दो सोमणसवणा, दो पंडगवणाई, दो पंडुकंबलसिलाओ, दो अतिपंडुकंबलसिलाओ, दो रत्तकंबलसिलाओ, दो अतिरत्तकंबलसिलाओ, दो मंदरा, दो मंदरचूलिताओ।१०१. धायइसंडस्सणं दीवस्स वेदिया दो गाउयाइं उड्ढमुच्चत्तेणं पण्णत्ता । १०२. कालोदस्स णं समुदस्स वेइया दो गाउयाइं उखुउच्चत्तेणं पण्णत्ता । १०३. पुक्खरवरवदीवड्डपुरथिमद्धे णं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दो वासा पन्नत्ता बहुसमतुल्लाजाव भरहे चेव एरवए चेव, तहेव जावदो कुराओ पन्नत्ताओ० देवकुरा चेव उत्तरकुरा चेव । तत्थ णं दो महतिमहालया महद्रुमा पन्नत्ता, तंजहा कूडसामली
चेव पउमरुक्खे चेव, देवा गरुले चेव वेणुदेवे, पउमे चेव, जाव छव्विहं पि कालं पच्चणुभवमाणा विहरंति । पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे णं मंदरस्स पव्वयस्स ई उत्तरदाहिणेणं दो वासा पन्नत्ता तहेव, णाणत्तं कूडसामली चेव, महापउमरुक्खे चेव, देवा गरुले चेव वेणुदेवे, पुंडरीए चेव । पुक्खरवरदीवड्ढेणं दीवे दो भरहाई, दो
एरवताई, जाव दो मंदरा, दो मंदरचूलियाओ। १०४. पुक्खरवरस्सणं दीवस्स वेइया दो गाउयाई उड्डमुच्चत्तेणं पन्नत्ता । सव्वेसि पिणं दीवस्समुद्दाणं वेदियाओ दो गाउयाई उड्डमुच्चत्तेणं पन्नत्ताओ।१०५. दो असुरकुमारिंदा पण्णत्ता, तंजहा चमरे चेव बली चेव । दो णागकुमारिंदा पण्णत्ता, तंजहा धरणे चेव भुयाणंदे चेव २ । दो सुवन्नकुमारिंदा पन्नत्ता, तंजहा वेणुदेवे चेव वेणुदाली चेव ३। दो विज्जुकुमारिंदा पण्णत्ता, तंजहा हरिच्चेव हरिस्सहे चेव ४ । दो अग्गिकुमारिंदा पन्नता तंजहा अग्गिसिहे चेव अग्गिमाणवे चेव ५। दो दीवकुमारिंदा पण्णत्ता, तंजहा पुन्ने चेव वसिढे चेव ६।दो उदहिकुमारिंदा पण्णत्ता तंजहा जलकंते चेव जलप्पभे चेव७। दो दिसाकुमारिंदा पन्नत्ता, तंजहा अमियगति चेव अमितवाहणे चेव ८ । दो वातकुमारिंदा पन्नत्ता, तंजहा वेलंबे चेव पभंजणे चेव ९। दो थणियकुमारिंदा पण्णत्ता, तंजहा घोसे चेव महाघोसे चेव १०। दो पिसाइंदा पन्नत्ता, तंजहा काले चेव महाकाले चेव १।दो भूइंदा पन्नता, तंजहा सुरूवे चेव पडिरूवे चेव २। दो जक्खिंदा पन्नत्ता, तंजहा पुन्नभद्दे चेव माणिभद्दे चेव ३। दो रक्खसिंदा पन्नत्ता, तंजहा भीमे चेव महाभीमे चेव ४। दो किन्नरिंदा पन्नत्ता, तं जहा किन्नरे चेव किंपुरिसे चेव ५। दो किंपुरिसिंदा पन्नत्ता,
तंजहा सप्पुरिसे चेव महापुरिसे चेव ६।दो महोरगिंदा पन्नत्ता, तंजहा अतिकाए चेव महाकाए चेव ७। दो गंधव्विंदा पन्नत्ता, तंजहा गीतरती चेव गीयजसे चेव ८ । दो फ अणपन्निंदा पन्नत्ता, तंजहा संनिहिए चेव सामाणे चेव १। दोपणपन्निंदा पन्नत्ता, तंजहा धाते चेव विधाते चेवरा दो इसिवाइंदा पन्नत्ता, तंजहा इसिच्चेव इसिवालए चेव २३दो भूतवाइंदा पन्नत्ता, तंजहा इस्सरे चेव महिस्सरे चेव ४।दो कंदिदा पन्नत्ता तंजहा सुवच्छे चेव विसाले चेव ५। दो महाकदिंदा पन्नत्ता, तंजहा हस्से चेव हस्सरती reO
श्री आगमगुणमंजूषा - १०७ #55555555555$$$ $OOK
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(३) ठाण२
-अ. बिट्टाणं उ -३-४ [१०]
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चेव ६ । दो कुभंडिंदा पन्नत्ता, तंजहा सेए चेव महासेए चेव ७ । दो पतइंदा पन्नत्ता, तंजहा पतए चेव पतयवई चेव ८ । जोतिसियाणं देवाणं दो इंदा पन्नत्ता, तंजहा चंदे चेव सूरे चेव । सोहम्मीसाणेसुणं कप्पेसु दो इंदा पन्नत्ता, तंजहा सक्के चेव ईसाणे चेव । एवं सणंकुमार-माहिदेसु कप्पेसु दो इंदा पन्नत्ता, तंजहा सणंकुमारे चेव माहिंदै चेव । बंभलोग-लंतएसु णंकप्पेसुदो इंदा पन्नत्ता, तंजहा बंभे चेव लंतए चेव । महासुक्क-सहस्सारेसु णं कप्पेसुदो इंदा पन्नत्ता, तंजहा महासुक्के चेव सहस्सारे चेव । आणतपाणतारणच्चुतेसु णं कप्पेसु दो इंदा पन्नत्ता, तंजहा पाणते चेव अच्युते चेव । महासुक्क-सहस्सारेसु णं कप्पेसु विमाणा दुवण्णा पन्नत्ता, तंजहा हालिद्दा चेव सुक्किला चेव । गेविज्जगा णं देवा णं दो रयणीओ उड्डमुच्चत्तेणं पन्नत्ता मातइओ उद्देसओ समत्तो ]॥★ ★ ★ चउत्थो उद्देसओ ★ ★ ★ १०६. समया ति वा आवलिया ति वा जीवा ति या अजीवा ति या पवुच्चति १, आणापाणू ति वा थोवा ति वा जीवा ति या अजीवा ति या पवुच्चति २, खणा ति वालवा ति वा जीवा ति या अजीवा ति या पवुच्चति ३, एवं मुहुत्ता ति वा अहोरत्ता ति वा ४, पक्खा ति वा मासा ति वा ५, उदू ति वा अयणा ति वा ६, संवच्छरा ति वा जुगा ति वा ७, वाससता ति वा वाससहस्सा ति वा ८, वाससतसहस्सा ति वा वासकोडी ति वा ९, पुव्वंगा ति वा पुव्वा ति वा १०, तुडियंगा ति वा तुडिया ति वा ११, अटटंगा ति वा अटटा ति वा १२, अववंगा ति वा अववा ति वा १३, हूहूयंगा ति वा हूहूया ति वा १४, उप्पलंगा ति वा उप्पला ति वा १५, पउमंगा ति वा पउमा ति वा १६, णलिणंगा ति वा णलिणा ति वा १७, अत्थणिकुरंगा ति वा अत्थणिउरा ति वा, १८, अउअंगा ति वा अउआ ति वा १९, णउअंगा ति वा णउआ ति वा २०, पउतंगा ति वा पउता ति वा २१, चूलितंगा ति वा चूलिता ति वा २२, सीसपहेलियंगा ति वा सीसपहेलिया ति वा २३, पलिओवमा ति वा सागरोवमा ति वा २४, उस्सप्पिणी ति वा ओसप्पिणी ति वा जीवा ति या अजीवा ति या पवुच्चति २५ । गामा ति वा णगरा ति वा १, निगमा ति वा रायहाणी ति वा २, खेडा ति वा कब्बडा ति वा ३, मडंबा ति वा दोणमुहा ति वा ४, पट्टणा ति वा आगरा ति वा ५, आसमा ति वा संबाहा ति वा ६, संनिवेसा इ वा घोसा ति वा ७, आरामा ति वा उज्जाणा ति वा ८, वणा ति वा वणसंडा ति वा ९, वावी ति वा पुक्खरणि ति वा १०, सरा ति वा सरपंतिता ति वा ११, अगडा ति वा तलागा ति वा १२, दहा ति वा णदी ति वा १३, पुढवी ति वा उदही ति वा १४, वातखंधा ति वा उवासंतरा ति वा १५, वलता ति वा विग्गहा ति वा १६, दीवा ति वा समुद्दा ति वा १७, वेला ति वा वेतिता ति वा १८, दारा ति वा तोरणा ति वा १९, णेरतिता ति वा णेरतितावासा ति वा २०, जाव वेमाणिया ति वा वेमाणियावासा ति वा ४३, कप्पा ति वा कप्पविमाणावासा ति वा ४४, वासा ति वा वासधरपव्वता ति वा ४५, कूडा ति वा कूडागारा ति वा ४६, विजया ति वा रायहाणी ति वा ४७, जीवा ति या अजीवा ति या पवुच्चति । छाया ति वा आतवा ति वा १, दोसिणा ति वा अंधगारा ति वा २, ओमाणा ति वा उम्माणा ति वा ३, अतिताणगिहा ति वा उज्जाणगिहा ति वा ४, अवलिंबा ति वा सणिप्यवाता ति वा ५, जीवा ति या अजीवा ति या पवुच्चइ । दो रासी पन्नत्ता, तंजहा जीवरासी चेव अजीवरासी चेव । १०७. दुविहे बंधे पन्नत्ते, तंजहा पेज्जबंधे चेव दोसबंधे चेव । जीवाणं दोहिं ठाणेहिं पावं कम्मं बंधंति तंजहा रागेण चेव दोसेण चेव । जीवा णं दोहिं ठाणेहिं पावं कम्मं उदिरेति तंजहा अब्भोवगमिताते चेव वेतणाते, उवक्कमिताते चेव वेयणाते । एवं वेदेति, एवं णिज्जरेति अब्भोवगमिताते चेव वेयणाते, उवकृमिताते चेव वेयणाते । १०८. दोहिं ठाणेहिं आता सरीरं फुसित्ताणं णिज्जाति, तंजहा देसेण वि आता सरीरं फुसित्ताणं णिज्जाति, सव्वेण वि आया सरीरं फुसित्ताणं णिज्जाति, एवं फुरित्ताणं, एवं फुडित्ताणं, एवं संवट्टतित्ताणं, एवं निव्वदृतित्ताणं । १०९. दोहिं ठाणेहिं आता केवलिपन्नतं धर्म लभेज्जा सवणताते, तंजहा खतेण चेव उवसमेण चेव, एवं जाव मणपज्जवनाणं उप्पाडेज्जा, तंजहा खतेण
चेव उवसमेण चेव । ११०. दुविहे अद्धोवमिए पन्नत्ते, तंजहा पलिओवमे चेव सागरोवमे चेव । से किं तं पलिओवमे ? पलिओवमे "जं जोयणवित्थिन्नं, पल्लं एगाहियप्परूढाणं । होज्ज निरंतरणिचितं, भरितं बालग्गकोडीणं" ||४|| "वाससते वाससते, एक्वेक्के अवहडंमि जो कालो । सो कालो बोद्धव्वो, उवमा एगस्स : पल्लस्स"|५|| "एतेसिं पल्लाणं, कोडाकोडी हवेज्ज दसगुणिता। तं सागरोवमस्स उ, एगस्स भवे परीमाणं" ।।६।१११. दुविहे कोहे पन्नत्ते, तंजहा आयपतिट्टिते
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श्री आगमगुणमजूषा - १०८5555555555555555555555$$2
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(३) ठाणं
२- अ. विद्वाणं उ -४
चेव परपइट्ठिए चेव, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । एवं जाव मिच्छादंसणसल्ले । ११२. दुविहा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तंजहा तसा चेव थावरा चेव । दुविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा सिद्धा चेव असिद्धा चेव । दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा सइंदिया चेव अणिदिया चेव । एवं एसा गाहा फासेतव्वा जाव ससरीरी चेव असंरीरी चेव सिद्ध-सइंदिय-काए, जोगे वेदे कसाय लेसा य । णाणुवओगाहारे, भासग चरिमे य ससरीरी ||७|| ११३. दो मरणाइं समणेणं भगवता महावीरेणं समणाणं णिग्गंथाणं णो णिच्वं वन्नियाई णो णिच्वं कित्तियाइं णो णिच्चं पूइयाइं णो णिच्चं पसत्थाइं णो णिच्चं अब्भणुण्णाताई भवंति, तंजहा वलतमरणे चेव वसट्टमरणे चेव १ । एवं णियाणमरणे चेव तब्भवमरणे चेव २ । गिरिपडणे चेव तरुपडणे चेव ३ । जलप्पवेसे चेव जलणप्पवसे चेव ४ । विसभक्खणे चेव सत्थोवाडणे चेव ५ । दो मरणाई जाव णो णिच्चं अब्भणुन्नाताई भवंति, कारणेण पुण अप्पडिकुट्ठाइं, तंजहा वेहाणसे चेव गिद्धपट्टे चेव ६ । दो मरणाहं समणेणं भगवया महावीरेणं समणाणं निग्गंथाणं णिच्चं वन्नियाई जाव अब्भणुण्णाताई भवंति, तंजहा पाओवगमणे चेव भत्तपच्चक्खाणे चेव ७ । पाओवगमणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा णीहारिमे चेव अनीहारिमे चेव, णियमं अपडिकम्मे ५ । भत्तपच्चक्खाणे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा णीहारिमे चेव अणीहारिमे चेव, णियमं सपडिकम्मे ९ । ११४. के अयं लोगे ? जीवच्चेव अजीवच्चेव । के अनंता लोए ? जीवच्चेव अजीवच्चेव । के सासया लोगे ? जीवच्चेव अजीवच्चेव । ११५. दुविधा बोधी पन्नत्ता, तंजहा णाणबोधी चेव दंसणबोधी चेव । दुविहा बुद्धा पन्नत्ता, तंजहा णाणबुद्धा चेव दंसणबुद्धा चेव । एवं मोहे, मूढा । ११६. णाणावरणिज्जे कम्मे दुविधे पन्नत्ते, तंजहा देसणाणावर णिज्जे चेव सव्वणाणावरणिज्जे . चेव । दरिसणावरणिज्जे कम्मे एवं चेव । वेयणिज्ने कम्मे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा सातावेयणिज्जे चेव असातावेयणिज्जे चेव । मोहणिज्ने कम्मे दुविहे पन्नत्ते, तंजा दंसणमोहणिज्जे चेव चरित्तमोहणिज्ने चेव । आउए कम्मे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा अद्धाउए चेव भवाउए चेव । णामे कम्मे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा सुभणामे चेव असुभणामे चेव । गोत्ते कम्मे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा उच्चागोते चेव णीयागोते चेव । अंतराइए कम्मे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा पडुप्पन्नविणासिए चेव, पिहेति य आगामिषह । ११७. दुविहा मुच्छा पन्नत्ता, तंजहा पेज्जवत्तिता चेव दोसवत्तिता चेव । पेज्जवत्तिता मुच्छा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा माया चेव लोभे चेव । दोसवत्तिता मुच्छा दुव पन्नत्ता, तंजहा कोधे चेव माणे चेव । ११८. दुविधा आराहणा पन्नत्ता, तंजहा- धम्मिताराहणा चेव केवलिआराहणा चेव । धम्मियाराहणा दुविहा पन्नत्ता,. तंजहा सुतधम्माराहणा चेव चरित्तधम्माराहणा चेव । केवलि आराहणा दुविधा पन्नत्ता, तंजहा- अंतकिरिया चेव कप्पविमाणोववत्तिया चेव । ११९. दो तित्थगरा नीलुप्पसामावणेणं पन्नत्ता, तंजहा मुणिसुव्वते चेव अरिट्ठनेमी चेव । दो तित्थयरा पियंगुसामा वण्णेणं पन्नत्ता, तंजहा मल्ली चेव पासे चेव । दो तित्थगरा पउमगोरा वण्णेणं पन्नत्ता, तंजहा पउमप्पहे चेव वासुपुज्जे चेव । दो तित्थगरा चंदगोरा वण्णेणं पन्नत्ता, तंजहा चंदप्पभे चेव पुप्फदंते चेव । १२०. सच्चप्पवायपुव्वस्स णं दुवे वत्थू पन्नत्ता । १२१. पुव्वाभद्दवयाणक्खत्ते दुतारे पन्नत्ते । उत्तराभद्दवयाणक्खत्ते दुतारे पण्णत्ते। एवं पुव्वा फग्गुणी उत्तरा फग्गुणी । १२२. अंतों णं मणुस्सखेत्तस्स दो समुद्दा पन्नत्ता, तंजहा लवणे चेव कालोदे चेव । १२३. दो चक्कवट्टी अपरिचत्तकामभोगा कालमासे कालं किच्चा अहेसत्तमाए पुढवीए अप्पतिट्ठाणे णरए णेरइयत्ताए. उववन्ना, तंजहा सुभूमे चेव बंभदत्ते चेव । १२४. असुरिंदवज्जयाणं भवणवासीणं देवाणं देसूणाई दो पलिओवमाई ठिती पन्नत्ता १ । सोहम्मे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं दो सागरोवमा ठिती पन्नत्ता २ । इसाणे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं सातिरेगाई दो सागरोवमाई ठिती पन्नता ३ । सणकुमारे कप्पे देवाणं जहन्नेणं दो सागरोवमाई ठिती पन्नत्ता ४ । माहिदे कप्पे देवाणं जहन्नेणं साइरेगाइं दो सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता ५ । दोसु कप्पेसु कप्पित्थियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा सोहम्मे चेव ईसाणे चेव १ । दोसु कप्पे देवा तेउलेस्सा पन्नत्ता, तंजहा सोहम्मे चेव ईसाणे चेव २ । दोसु कप्पेसु देवा कायपरियारगा पत्नत्ता, तंजहा सोहम्मे चेव ईसाणे चेव ३ । दोसु कप्पेंसु देवा फासपरियारगा पन्नत्ता, तंजहा सणकुमारे चेव माहिदे चेव ४ । दोसु कप्पेसु देवा रूवपरियारगा पन्नत्ता, तंजहा बंभलोगे चेव लंतगे चेव ५ । दोसु कप्पेसु देवा सद्दपरियारगा पन्नत्ता, तंजहा महासुक्के चेव सहस्सारे चेव ६ । दो ईदा मणपरियारगा पन्नत्ता, तंजहा पाणते चेव अच्चुते चेव ७ । १२५. जीवा णं दुट्टाणणिव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा, तंजहा तसकायनिव्वत्तिते चेव थावरकायनिव्वत्तिते चेव १ । एवं उवचिणिसु वा उवचिणंति वा श्री आगमगुणमजूषा १०९
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(३) ठाणं ३ -अ. तिट्ठाणं उ - १ [१२]
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उवचिणिस्संति वा २, बंधिसु वा बंधंति वा बंधिस्संति वा ३, उदीरिंसु वा उदीरेति वा उदीरिस्संति वा ४, वेदेंसु वा वेदेति वा वेदिस्संति वा ५, णिज्जरिंसु वा णिज्जरिति वा णिज्जरिस्संति वा ६।१२६. दुपएसिता खंधा अणंता पण्णत्ता। दुपदेसोगाढा लोग्गला अणंता पन्नत्ता। एवं जाव दुगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता | | [ट्ठाणं समत्तं] || ३ तइयं अज्झयणं तिट्ठाणं' पढमो उद्देसओपी१२७. तयो इंदा पण्णत्ता, तंजहा णामिद, ठवणिद, दविंदे । तओ इंदा पन्नत्ता, तंजहा णाणिदे, दंसणिदे, चरित्तिदै । तयो इंदा पन्नत्ता, तंजहा देविद, असुरिंदे, मणुस्सिंद । १२८. तिविहा विकुव्वणा पन्नत्ता, तंजहा बाहिरते पोगल्लए परियातित्ता एगा विकुव्वणा, बाहिरते पोग्गले अपरियादित्ता एगा विकुव्वणा, बाहिरए पोग्गले परियादित्ता वि अपरियादित्ता वि एगा विकुव्वणा । तिविहा विकुव्वणा पन्नत्ता, तंजहा अब्भंतरए पोगल्ले परियाइत्ता एगा विकुव्वणा, अब्भंतरए पोग्गले अपरियाइत्ता एगा विकुव्वणा, अभंतरए पोग्गले परियातित्ता वि अपरियाइत्ता वि एगा विकुव्वणा । तिविहा विकुव्वणा पन्नत्ता, तंजहा बाहिरभंतरए पोगल्ले परियाइत्ता एगा विकुव्वणा, बाहिरभंतरए पोग्गले अपरियादित्ता एगा विकुव्वणा, बाहिरभंतरए पोग्गले परियाइत्ता वि अपरियाइत्ता वि एगा विकुव्वणा । १२९. तिविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा कतिसंचिता, अकतिसंचिता, अवत्तव्वगसंचिता। एवमेगिदियवज्जा जाव वेमाणिया।१३०. तिविहा परियारणा पन्नत्ता, तंजहा एगे देवे अन्ने देवे अन्नेसिं देवाणं देवीओ अभिमुंजिय २ परियारेति, अप्पणिज्जियाओ देवीओ अभिमुंज़िय २ परियारेति, अप्पाणमेव अप्पणा विकुब्विय २ परियारेति । एगे देवे णो अन्ने देवे णो अन्नेसिं देवाणं देवीओ अभिमुंजिय २ परियारेति, अप्पणिज्जियाओ देवीओ अभिमुंजिय २ परियारेइ, अप्पाणमेव अप्पणा विकुब्विय २ परियारेति । एगे देवे णो अन्ने देवे णो अन्नेसिं देवाणं देवीओ णो अप्पणिज्जियाओ देवीओ अभिमुंजिय २ परितारेति अप्पाणमेव अप्पणा विकुब्विय २ परियारेति। १३१.तिविहे मेहुणे पन्नत्ते, तंजहा दिव्वे, माणुस्सते, तिरिक्खजोणिते ॥ । तओ मेहुणं गच्छंति, तंजहा देवा, मणुस्सा, तिरिक्खजोणिता। तओ मेहुणं सेवंति, तंजहा इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा। १३२. तिविहे जोगे पन्नत्ते, तंजहा मणजोगे, वतिजोगे, कायजोगे । एवं णेरझ्याईणं विगलिंदियवज्जाणं जाव वेमाणियाणं । तिविहे पओगे पन्नत्ते, तंजहा-मणपओगे, वतिपओगे, कायपओगे । जहा जोगो विगलिंदियवज्जाणं तधा पओगो वि। तिबिहे करणे पन्नत्ते, तंजहा मणकरणे, वतिकरणे, कायकरणे । एवं विगलिदियवज्जं जाव वेमाणियाणं । तिविहे करणे पन्नत्ते, तंजहा आरंभकरणे, संरंभकरणे, समारंभकरणे। निरंतरं जाव वेमाणियाणं । १३३. तिहिं ठाणेहिं जीवा अप्पाउयत्ताए कम्मं पगरेति, तंजहा पाणे अतिवातित्ता भवति, मुसंवतित्ता भवति, तहारूवं समणं वा माहणं वा अफासुएणं अणेसणिज्जेणं असण-पाण-खाइम-साइमेणं पडिलाभेत्ता भवति, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं जीवा अप्पाउत्ताए कम्मं पगरेति । तिहिं ठाणेहिं जीवा दीहाउयत्ताए कम्मं पगरेति, तंजहा-णो पाणे अतिवातित्ता भवति, णो मुसं वतित्ता भवति, तधारूवं समणं वा माहणं वा फासुतेसणिज्जेणं असण-पाण-खाइम-साइमेणं पडिलाभेत्ता भवति, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं जीवा दीहाउयत्ताए कम्मं पगरेति । तिहिं ठाणेहिं जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मं पगरेति, तंजधा पाणे अतिवातित्ता भवति, मुसं वतित्ता भवति, तहारूवं समणं वा माहणं वा हीलित्ता णिदित्ता खिसित्ता गरहित्ता अवमाणित्ता अन्नयरेणं अमणुण्णेणं अपीतिकारतेणं असण-पाण-खाइम-साइमेणं पडिलाभित्ता भवति, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं जीवा असुभदीहाउअत्ताए कम्मं पगरेति । तिहिं ठाणेहिं जीवा सुभदीहाउअत्ताए कम्मं पगरेति, तंजहा णो पाणे अतिवातित्ता भवति, णो मुसं वदित्ता भवइ, तहारूवं समणं वा माहणं वा वंदित्ता नमंसित्ता सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता कल्लाणं मंगलं देवतं चेतितं पज्जुवासेत्ता मणुण्णेणं पीतिकारएणं असण-पाण-खाइम-साइमेणं पडिलाभेत्ता भवति, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं पगरेति । १३४. ततो गुत्तीतो पन्नत्ताओ, तंजहा मणगुत्ती, वतिगुत्ती, कायगुत्ती । संजतमणुस्साणं तंतो गुत्तीओ पण्णत्ताओ, तंजहा मणगुत्ती, वइगुत्ती, कायगुत्ती। तओ अगुत्तीओपन्नत्ताओ, तंजहा मणअगुत्ती, वइअगुत्ती, कायअगुत्ती। एवं नेरइताणं जावथणियकुमाराणं, पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं असंजतमणुस्साणं वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाणं । ततो दंडा पन्नत्ता, तंजहा मणदंडे, वइदंडे, कायदंडे । नेरइयाणं तओ दंडा पण्णत्ता, तंजहा मणदंडे, वइदंडे, कायदंडे ।
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(३) ठाणं ३ अ. तिहाणं उ - १ [१३]
$ $$$$ $$$FRESOR विगलिदियवज्जं जाव वेमाणियाणं । १३५. तिविहा गरहा पन्नत्ता, तंजहा मणसा वेगे गरहति, वयसा वेगे गरहति, कायसा वेगे गरहति पावाणं कम्माणं अकरणयाए है । अहवा गरहा तिविहा पन्नत्ता, तंजहा दीहं पेगे अद्धं गरहति, रहस्सं पेगे अद्धं गरहति, कायं पेगे पडिसाहरति पावाणं कम्माणं अकरणयाए । १३६. तिविहे
पच्चक्खाणे पन्नत्ते, तंजहा मणसा वेगे पच्चक्खाति, वयसा वेगे पच्चक्खाति, कायसा वेगे पच्चक्खाति । एवं जधा गरहा तधा पच्चक्खाणे वि दो आलावगा भाणितव्वा । १३७. ततो रुक्खा पन्नत्ता, तंजहा पत्तोवते, पुप्फोवते, फलोवते । एवामेव ततो पुरिसज्जाता पन्नत्ता, तंजहा पत्तोवारुक्खसामाणे, पुप्फोवारुक्खसामाणेफलोवारुक्खसामाणे। ततो पुरिसज्जाता पन्नत्ता, तंजहा नामपुरिसे, ठवणपुरिसे, दव्वपुरिसे १ ततो पुरिसज्जाया पन्नत्ता, तंजहा नाणपुरिसे, दंसणपुरिसे, चरित्तपुरिसे २। तओ पुरिसज्जाता पन्नत्ता, तंजहा वेदपुरिसे, चिंधपुरिसे, अभिलावपुरिसे ३। तिविहा पुरिसा पन्नत्ता, तंजहा उत्तमपुरिसा, मज्झिमपुरिसा, जहन्नपुरिसा ४ । (१) उत्तमपुरिसा तिविहा पन्नत्ता, तंजहा धम्मपुरिसा, भोगपुरिसा, कम्मपुरिसा। धम्मपुरिसा अरहंता, भोगपुरिसा चक्कवट्टी, कम्मपुरिसा वासुदेवा ५। (२) मज्झिमपुरिसा तिविधा पन्नत्ता, तंजहा उग्गा, भोगा, राइन्ना६। (३) जहन्नपुरिसा तिविहा पन्नत्ता, तंजहा दासा, भयगा, भातिल्लगा७।१३८. तिविधा मच्छा पन्नत्ता, तंजहा अंडया, पोतया, संमुच्छिमा। अंडया मच्छा तिविहा पन्नत्ता, तंजहा इत्थि, पुरिसा, णपुसंगा। पोतया मच्छा तिविहा पन्नत्ता, तंजहा इत्थि, पुरीसा, णपुसंगा। तिविधा पक्खी पन्नत्ता, तंजहा अंडया, पोतया, संमुच्छिमा। अंडया पक्खी तिविधा पन्नत्ता, तंजहा इत्थि, पुरीसा, णपुसंगा। पोतजा पक्खी तिविहा पन्नत्ता, तंजहा इत्थि, पुरिसा, णपुसमा । एवमेतेणं अभिलावेणं उरपरिसप्पा वि भाणियव्वा, भुजपरिसप्पा वि भाणियव्वा । १३९. (१) एवं चेव तिविहाओ इत्थीओ पन्नत्ताओ, तंजहा तिरिक्खजोणियाओ, मणुस्सित्थीओ, देवित्थीओ।तिरिक्खजोणित्थीओ तिविधातो पन्नत्ताओ, तंजहा जलचरीओ, थलचरीओ, खहचरीओ। मणुस्सित्थीओ तिविधाओ पन्नत्ताओ, तंजहा कम्मभूमियाओ, अकम्मभूमियाओ, अंतरदीविगाओ। (२) तिविधा पुरिसा पन्नत्ता, तंजहा तिरिक्खजोणियपुरिसा, मणुस्सपुरिसा, देवपुरिसा १ । तिरिक्खजोणियपुरिसा, तिविधा पन्नत्ता, तंजहा जलचरा, थलचरा, खहचरा २ । मणुस्सपुरिसा तिविधा पन्नत्ता, तंजहा कम्मभूमया, अकम्मभूमया, अंतरदीवगा। (३) तिविधा नपुंसगा पन्नत्ता, तंजहा रतियनपुंसगा तिरिक्खजोणियनपुंसगा मणुस्सनपुंसगा १ । तिरिक्खजोणियनपुंसगा तिविधा पन्नत्ता, तंजहा जलचरा, थलचरा, खहचरा २। मणुस्सनपुंसगा तिविधा पन्नत्ता, तंजहा कम्मभूमगा, अकम्मभूमगा, अंतरदीवगा। (४) तिविहा तिरिक्खजोणिया पन्नत्ता, तंजहा इत्थी, पुरिसा, नपुंसगा। १४०. नेरइयाणं तओ लेस्सातो पन्नत्ताओ, तंजहा कण्हलेसा नीललेसा काउलेसा । असुरकुमाराणं ततो लेस्साओ संकिलिट्ठाओ पन्नत्ताओ, तंजहा कण्हलेसानीललेसा काउलेसा, एवं जावथणियकुमाराणं, एवं पुढविकाइयाणं, आउ-वणस्सतिकाइयाण वि। तेउकाइयाणं वाउकाइयाणं बेइंदियाणं
तेइंदियाणं चउरिदियाणं तओ लेस्सा जधा नेरइयाणं । पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं तओ लेस्साओ संकिलिट्ठाओ पन्नत्ताओ, तंजहा कण्हलेसा नीललेसा काउलेसा म । पचेदियतिरिक्खजोणियाणं तओ लेसाओ असंकिलिट्ठाओ पन्नत्ताओ, तंजहा तेउलेसा पम्हलेसा सुक्कलेसा, एवं मणुस्साण वि। वाणमंतराणं जधा असुरकुमाराणं है । वेमाणियाणं तओ लेस्साओ पन्नत्ताओ, तंजहा तेउलेसा पम्हलेसा सुक्कलेसा । १४१. तिहिं ठाणेहिं तारारूवे चलेज्जा, तंजहा विकुव्वमाणे वा; परियारेमाणे वा, मठाणातो वा ठाणं संकममाणे तारारूवे चलेज्जा। तिहिं ठाणेहिं देवे विज्जुतारं करेज्जा, तंजहा विकुव्वमाणे वा, परियारेमाणे वा, तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा # इढि जुतिं जसं बलं वीरियं पुरिसगारपरक्कम उवदंसेमाणे देवे विज्जुतारं करेज्ना । तिहिं ठाणेहिं देवे थणियसदं करेज्जा, तंजहा विकुव्वमाणे, एवं जहा विज्जुतारं तहेव ॐ थणितसई पि । १४२. तिहिं ठाणेहिं लोगंधयारे सिया, तंजहा अरहंतेहिं वोच्छिज्जमाणेहिं, अरहंतपण्णत्ते धम्मे वोच्छिज्जमाणे, पुव्वगते वोच्छिज्जमाणे १ । तिहिं
ठाणेहि लोगुज्जोते सिया, तंजहा अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहतेसु पव्वयमाणेसु, अरहताणं णाणुप्पयमहिमासु २। तिहिं ठाणेहिं देवंधगारे सिया, तंजहा-अरहतेहिं वोच्छिज्जमाणेहिं, अरहंतपण्णत्ते धम्मे वोच्छिज्जमाणे, पुव्वगते वोच्छिज्जमाणे ३ । तिहिं ठाणेहिं देवुज्जोते सिया, तंजहा अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहतेहिं पव्वयमाणेहिं, अरहंताणं णाणुप्पयमहिमासु ४ । तिहिं ठाणेहिं देवसंनिवाए सिया, तंजहा अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहतेहिं पव्वयमाणेहिं, अरहताणं नाणुप्पयमहिमासु ५, एवं
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(३) ठाण ३-अ. तिद्वाणं उ-१ [१४]
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देवुक्कलिता६, देवकहकहए७। तिहिं ठाणेहिं देविंदा माणुसंलोग हव्वमागच्छंति, तंजहा अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहतेहिं पव्वयमाणेहि, अरहताणंणाणुप्पयमहिमासु ८। एवं सामाणिया ९, तायत्तीसगा १०, लोगपाला देवा ११, अग्गमहिसीओ देवीओ १२. परिसोववन्नगा देवा १३, अणियाधिपती देवा १४, आतरक्खा देवा १५, माणुसं लोगं हव्वमागच्छंति । तिहिं ठाणेहिं देवा अब्भुटेज्जा, तंजहा अरहतेहिं जायमाणेहिं जाव तं चेव १, एवमासणाई चलेज्जा २, सीहणातं करेज्जा ३,चेलुक्खेवं करेजा ४ । तिहिं ठाणेहिं देवाणं चेतितरुक्खा चलेज्जा, तंजहा अरहतेहिं तं चेव ५ । तिहिं ठाणेहिं लोगंतिया देवा माणुसं लोगं हव्वमागच्छेज्जा, तंजहा अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहंतेहिं पव्वयमाणेहि, अरहताणं णाणुप्पयमहिमासु । १४३. तिण्हं दुप्पडियारं समणाउसो, तंजहा अम्मापिउणो, भट्टिस्स, धम्मायरियस्स। (१) संपातो वि य णं केति पुरिसे अम्मापियरं सयपागसहस्सपागेहिं तेल्लेहिं अब्भंगेत्ता सुरभिणा गंधट्टएणं उव्वट्टित्ता तिहिं उदगेहिं मज्जावित्ता सव्वालंकारविभूसियं करेत्ता मणुण्णं थालीपागसुद्धं अट्ठारसवंजणाउलं भोयणं भोयावेत्ता जावजीवं पिट्ठिवडेंसियाए परिवहेज्जा, तेणावि तस्स अम्मापिउस्स दुप्पडियारं भवइ । अहे णं
सेत्तं अम्मापियरं केवलिपण्णत्ते धम्मे आघवइत्ता पन्नवइत्ता परूवइत्ता ठावइत्ता भवति तेणामेव तस्स अम्मापिउस्स सुप्पडितारं भवति समाणाउसो! (२) केति ॥ 3 महच्चे दरिदं समुक्कसेज्जा, तते णं से दरिद्दे समुक्किट्ठे समाणे पच्छा पुरं च णं विउलभोगसमितिसमन्नागते यावि विहरेज्जा, तते णं से महच्चे अन्नदा कयाइ दरिद्दीहूते
समाणे तस्स दरिद्दस्स अंतिए हव्वमागच्छेज्जा, तते णं से दरिद्दे तस्स भट्टिस्स सव्वस्समवि दलयमाणे तेणावि तस्स दुप्पडियारं भवति । अहे णं से त्तं भट्टि केवलिपण्णत्ते धम्मे आघवइत्ता पन्नवइत्ता परूवइत्ता ठावइत्ता भवति तेणामेव तस्स भट्टिस्स सुप्पडियारं भवति । (३) केति तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतियं एगमवि आरियं धम्मियं सुवयणं सोच्चा निसम्म कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवलोगेसु देवत्ताए उववन्ने, तते णं से देवे तं धम्मायरियं दुब्भिक्खातो वा देसातो सुभिक्खं देसं साहरेज्जा, कंतारातो वा णिक्कंतारं करेज्जा, दीहकालिएणं वा रोगातंकेणं अभिभूतं समाणं विमोएज्जा, तेणावि तस्स धम्मायरियस्स दुप्पडियारं भवति । अधे णं सेत्तं धम्मायरियं केवलिपण्णत्ताओ धम्मातो भट्ठ समाणं भुज्जो वि केवलिपण्णत्ते धम्मे आघवतित्ता जाव ठावतित्ता भवति तेणामेव तस्स धम्मायरियस्स सुप्पडियारं भवति । १४४. तिहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अणादीयं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतं संसारकंतारं वीतीवतेज्जा, तंजहा अणिदाणयाए दिट्ठिसंपन्नयाए जोगवाहियाए । १४५. तिविहा ओसप्पिणी पन्नत्ता, तंजहा उक्कस्सा मज्झिमा जहन्ना १, एवं छप्पि समाओ भाणियव्वाओ जाव दूसमदूसमा ७ । तिविहा उस्सप्पिणी पन्नत्ता, तंजहा उक्कस्सा मज्झिमा जहन्ना ८, एवं छप्पि समाओ भाणियव्वाओ जाव सुसमसुसमा १४।१४६. तिहिं ठाणेहिं अच्छिन्ने पोग्गले चलेज्जा, तंजहा आहारिज्जमाणे वा पोग्गले चलेज्जा, विकुव्वमाणे वा पोग्गले चलेज्जा, ठाणातो वा ठाणं संकामिज्जमाणे पोग्गले चलेज्जा १ । तिविधे उवधी पन्नत्ते, तंजहा कम्मोवही सरीरोवही बाहिरभंडमत्तोवही । एवं असुरकुमाराणं भाणियव्वं, एवं एगिदियनेरइयवज्ज जाव वेमाणियाणं२। अहवा तिविधे उवधी पन्नत्ते, तंजहा सचित्ते अचित्ते मीसए । एवं णेरइयाणं निरंतरं जाव वेमाणियाणं ३ । तिविधे परिग्गहे पन्नत्ते, तंजहा कम्मपरिग्गहे सरीरपरिग्गहे बाहिरभंडमत्तपरिग्गहे । एवं असुरकुमाराणं, एवं एगिदियनेरतियवज्जं जाव वेमाणियाणं ४ | अहवा तिविहे परिग्गहे पन्नत्ते, तंजहा सचित्ते अचित्ते मीसए । एवं नेरतियाणं निरंतरं जाव वेमाणियाणं ५।१४७. तिविहे पणिधाणे पन्नत्ते, तंजहा मणपणिहाणे वइपणिहाणे कायपणिहाणे । एवं पंचेंदियाणं जाव वेमाणियाणं । तिविधे सुप्पणिधाणे पन्नत्ते, तंजहा मणसुप्पणिहाणे वइसुप्पणिहाणे कायसुप्पणिहाणे । संजतमणुस्साणं तिविधे सुप्पणिहाणे पन्नत्ते, तंजहा मणसुप्पणिहाणे वइसुप्पणिहाणे कायसुप्पणिहाणे । तिविधे दुप्पणिहाणे
पन्नत्ते, तंजहा मणदुप्पणिहाणे वइदुप्पणिहाणे कायदुप्पणिहाणे । एवं पंचेंदियाणं जाव वेमाणियाणं । १४८. तिविधा जोणी पन्नत्ता, तंजहा सीता उसिणा सीओसिणा ए । एवं एगिदियाणं विगलिदियाणं तेउकाइयवज्जाणं संमुच्छिमपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साण य । तिविहा जोणी पन्नत्ता, तंजहा सचिता अचिता फ़ मीसिता । एवं एगेदियाणं विगलिदियाणं संमुच्छिमपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साण य । तिविधा जोणी पन्नत्ता, तंजहा संवुडा वियडा संवुडवियडा शतिविधा जोणी पन्नत्ता, तंजहा कुम्मुन्नता संखावत्ता वंसीवत्तिया। कुम्मुन्नता णं जोणी उत्तमपुरिसमाऊणं, कुम्मुन्नताते णं जोणीते तिविहा उत्तमपुरिसा गब्भं वक्कमंति, Mero 555555
श्री आगमगुणमंजूषा ११२॥ 555555555555555555OOK
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(३) ठाणं ३ -अ.तिहाणं उ-१ [१५]
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तंजहा अरहंता, चक्कवट्टी, बलदेव-वासुदेवा । संखावत्ता णं जोणी इत्थीरयणस्स, संखावत्ताते णं जोणीते बहवे जीवा य पोग्गला य वक्कमति विउक्कमंति चयंति उववज्जति, नो चेवणं निप्फज्जति । वंसीवत्तिताणं जोणी पिहज्जणस्स, वंसिवत्तितातेणं जोणीते बहवे पिहज्जणे गम्भं वक्कमंति। १४९.तिविहा तणवणस्सतिकाइया ई पन्नत्ता, तंजहा संखेज्जजीविता असंखेज्जजीविता अणंतजीविता । १५०. जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे तओ तित्था पन्नत्ता, तंजहा मागहे वरदामे पभासे, एवं एरवए वि । जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे एगमेगे चक्कवट्टिविजये ततो तित्था पन्नत्ता, तंजहा मागधे वरदामे पभासे ३ । एवं धायइसंडे दीवे पुरत्थिमद्धे वि ३, पच्चत्थिमद्धे वि ३,
पुक्खरवरदीवड्डपुरस्थिमद्धे वि ३, पच्चत्थिमद्धे वि ३११५१. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवतेसुवासेसु तीताते उस्सप्पिणीते सुसमाए समाते तिन्नि सागरोवमकोडाकोडीओ ॐ कालो होत्था १ । एवं ओसप्पिणीते, नवरं पण्णत्ते २। आगमेस्साते उस्सप्पिणीते भविस्सति ३ । एवं धायइसंडे पुरत्थिमद्धे पच्चत्थिमद्धे वि ९, एवं पुक्खरवरदीवड्ड
पुरत्थिमद्धे पच्चत्थिमद्धे वि कालो भाणियव्वो १५ जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवतेसुवासेसु तीताते उस्सप्पिणीते सुसमसुसमाते समाए मणुया तिन्नि गाउयाइं उड्डंउच्चत्तेणं तिन्नि पलिओवमाई परमाउं पालयित्था, एवं इमीसे ओसप्पिणीते, आगमेस्साते उस्सप्पिणीते। जंबूदीवे दीवे देवकुरुउत्तरकुरासुमणुया तिन्नि गाउयाइं उडुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता, तिन्नि पलिओवमाई परमाउं पालयंति, एवं जाव पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे । १५२. जंबुदीवे भरहेरवतेसु वासेसु एगमेगाते ओसप्पिणउस्सप्पिणीते तओ वंसा उप्पज्जिसु वा उप्पज्जति वा उप्पज्जिस्संति वा, तंजहा अरहंतवंसे चक्कवट्टिवंसे दसारवंसे, एवं जाव पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे । जंबुदीवे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु एगमेगाते ओसप्पिणी-उस्सप्पिणीए तओ उत्तमपुरिसा उप्पज्जिसु वा उप्पज्जति वा उप्पज्जिस्संति वा, तंजहा अरहंता चक्कवट्टी बलदेव-वासुदेवा, एवं जाव पुक्खरवरदीवड्ढपच्चत्थिमद्धे। तओ अहाउयं पालंयति, तंजहा अरहता चक्कवट्टी बलदेव-वासुदेवा। तओमज्झिममाउयं पालयंति, तंजहा अरहंता चक्कवट्टी बलदेववासुदेवा । १५३. बादरतेउकाइयाणं उक्कोसेणं तिन्नि राइंदियाई ठिती पन्नत्ता । बादरवाउकाइयाणं उक्कोसेणं तिन्नि वाससहस्साइं ठिती पन्नत्ता। १५४. अह भंते! सालीणं वीहीणं गोधूमाणं जवाणं जवजवाणं एतेसिणं धन्नाणं कोट्ठाउत्ताणं पल्लाउत्ताणं मंचाउत्ताणं मालाउत्ताणं ओलित्ताणं लित्ताणं लंछियाणं मुद्दियाणं पिहिताणं केवतितं कालं जोणी संचिट्ठति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि संवच्छराइं, तेण परं जोणी पमिलायति, तेण परं जोणी पविद्धंसति, तेण परं जोणी विद्धंसति, तेण परं बीए अबीए भवति, तेण परं जोणीवोच्छेदे पन्नत्ते। १५५. दोच्चाते णं सक्करप्पभाते पुढवीते णेरइयाणं उक्कोसेणं तिणि सागरोवमाई ठिती पन्नत्ता । तच्चाते णं वालुयप्पभाते पुढवीते जहन्नेणं णेरइयाणं तिन्नि सागरोवमाई ठिती पण्णत्ता। पंचमाए णं धूमप्पभाए पुढवीए तिन्नि निरयावाससतसहस्सा पन्नत्ता। तिसु णं पुढवीसुनेरइया उसिणवेयणा पन्नत्ता, तंजहा पढमाते दोच्चाते तच्चाते। तिसुणं पुढवीसुणेरतिया उसिणं वेयणं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा पढमाते दोच्चाते तच्चाते । १५६. तओ लोगे समा सपक्खिं सपडिदिसि पन्नत्ता, तंजहा अप्पतिट्ठाणे णरए, जंबूदीवे दीवे, सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे । तओ लोगे समा सपक्खिं सपडिदिसिंपन्नत्ता, तंजहा सीमंतए णरए, समयक्खेत्ते, ईसिपब्भारा पुढवी। १५७. तओ समुद्दा पगतीते उदगरसेणं पन्नत्ता, तंजहा कालोदे पुक्खरोदे सयंभुरमणे। तओ समुद्दा बहुमच्छकच्छभाइण्णा पन्नत्ता, तंजहा लवणे कालोदे सयंभुरमणे।१५८. तओलोगे णिस्सीला णिव्वता निग्गुणा निम्मेरा णिप्पच्चक्खाणपोसहोववासा कालमासे कालं किच्चा अहे सत्तमाए पुढवीए अप्पतिट्ठाणे णरए णेरइयत्ताए उववनंति, तंजहा रायाणो, मंडलिया, जे य महारंभा कोडंबी । तओ लोए ससीला सव्वता सगुणा समेरा सपच्चक्खाणपोसहोववासा कालमासे कालं किच्चा सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तंजहा रायाणो परिचत्तकामभोगा, सेणावती, पसत्थारो। १५९. बंभलोग-लंतएसु णं कप्पेसु विमाणा तिवण्णा पन्नत्ता, तंजहा किण्हा नीला लोहिता । आणयपाणयारणच्चुतेसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जसरीरगा उक्कोसेणं तिण्णि रयणीओ उहुंउच्चत्तेणं पण्णत्ता । १६०. तओ पन्नत्तीओ कालेणं अधिज्जंति, तंजहा चंदपन्नत्ती सूरपन्नत्ती दीवसागरपन्नत्ती ***॥ तिहाणस्स पढमओ उद्देसओ समत्तो॥★★★ बीओ उद्देसओ★★१६१. तिविहे लोगे पन्नत्ते, तंजहा णामलोगे ठवणालोगे दव्वलोगे
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orost######5555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ११३ 5555555555555555555555FFFFOTO
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(३) ठाणं ३ -अ. तिट्ठाणं उ-२ [१६]
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। तिविधे लोगे पन्नत्ते, तंजहा णाणलोगे दंसणलोगे चरित्तलोगे। तिविधे लोगे पन्नत्ते, तंजहा उड्ढलोगे अहोलोगे तिरियलोगे। १६२. चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो ततो परिसातोपन्नत्ताओतंजहा समिता चंडा जाया। अभिंतरिता समिता, मज्झिमिता चंडा, बाहिरिताजाया। चमरस्सणं असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो सामाणियाणं देवाणं ततो परिसातो पन्नत्ताओ, तंजहा समिता जहेव चमरस्स, एवं तायत्तीसगाण वि। लोगपालाणं तुंबा तुडिया पव्वा, एवं अग्गमहिसीण वि । बलिस्स वि एवं चेव जाव अग्गमहिसीणं । धरणस्स य सामाणिय-तायत्तीसगाणं च समिता चंडा जाता, लोगपालग्गमहिसीणं ईसा तुडिया दढरधा, जहा धरणस्स तहा सेसाणं भवणवासीणं । कालस्स णं पिसाइंदस्स पिसायरण्णो तओ परिसाओ पन्नत्ताओ, तंजहा ईसा तुडिया दढरधा, एवं सामाणियअग्गमहिसीणं, एवं जाव गीयरतिगीयजसाणं । चंदस्स णं जोतिसिंदस्स जोतिसरन्नो ततो परिसातो पन्नत्ताओ, तंजहा तुंबा तुडिया पव्वा । एवं सामाणियअग्गमहिसीणं । एवं सूरस्स वि । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो ततो परिसातो पन्नत्ताओ, तंजहा समिता चंडा जाया । जहा चमरस्स एवं जाव अगमहिसीणं । एवं जाव अच्चुतस्स लोगपालाणं । १६३. ततो जामा पन्नत्ता, तंजहा पढमे जामे, मज्झिमे जामे, पच्छिमे जामे । तिहिं जामेहिं आता केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्ज सवणताते, तंजहा पढमे जामे, मज्झिमे जामे, पच्छिमे जामे । एवं जाव केवलनाणं उप्पाडेज्जा पढमे जामे, मज्झिमे जामे, पच्छिमे जामे। ततो वया पन्नत्ता, तंजहा पढमे वते, मज्झिमे वते, पच्छिमे वते। तिहिं वतेहिं आता केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, तंजहा पढमे वते, मज्झिमे वते, पच्छिमे वते, एसो चेव गमो णेयव्वो जाव केवलनाणं ति। १६४. तिविधा बोधी पन्नत्ता, तंजहा णाणबोधी, दंसणबोधी, चरित्तबोधी । तिविहा बुद्धा पन्नत्ता, तंजहा णाणबुद्धा, दंसणबुद्धा, चरित्तबुद्धा । एवं मोहे, मूढा । १६५. तिविहा पव्वज्जाम पन्नत्ता, तंजहा इहलोगपडिबद्धा, परलोगपडिबद्धा, दुहतो पडिबद्धा । तिविहा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा पुरतो पडिबद्धा, मग्गतो पडिबद्धा, दुहओ पडिबद्धा । तिविधा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा तुयावइत्ता, पुयावइत्ता, बुआवइत्ता। तिविहा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा ओवातपव्वज्जा, अक्खातपव्वज्जा, संगारपव्वज्जा । १६६. तओ णियंठा णोसण्णोवउत्ता पन्नत्ता, तंजहा पुलाए, णियंठे, सिणाते। ततो णियंठा सन्नणोसण्णोवउत्ता पन्नत्ता, तंजहा बउसे, पडिसेवणाकुसीले, कसायकुसीले । १६७. तओ सेहभूमीओ पन्नत्ताओ, तंजहा उक्कोसा, मज्झिमा, जहन्ना। उक्कोसा छम्मासा, मज्झिमा चउमासा, जहन्ना सत्तरातिदिया। ततोथेरभूमीओ पन्नत्ताओ, तंजहा जातिथेरे, सुतथेरे, परियायथेरे। सट्ठिवासजाए समणे णिग्गंथे जातिथेरे, ठाण-समवायधरेणं समणे णिग्गंथे सुयथेरे, वीसवासपरियाए णं समणे णिग्गंथे परियायथेरे। १६८. ततो पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सुमणे, दुम्मणे, णो सुमणे णो दुम्मणे । ततो पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा गंता णामेगे सुमणे भवति, गंता णामेगे दुम्मणे भवति, गंता
णामेगे णो सुमणे णो दुम्मणे भवति । ततो पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जामीतेगे सुमणे भवति, जामीतेगे दुम्मणे भवति, जामीतेगे णो सुमणे णो दुम्मणे भवति । एवं 卐 जाइस्सामीतेगे सुमणे भवति ३। ततो पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अगंता णामेगे सुमणे भवति ३। ततो पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा ण जामि एगे सुमणे भवति ३। ततो
पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा ण जाइस्सामि एगे सुमणे भवति ३ । एवं आगंता णामेगे सुमणे भवति ३, एमीतेगे सुमणे भवति ३, एस्सामीति एगे सुमणे भवति ३ । एवं एतेणं अभिलावेणं- “गंता य अगंता य, आगंता खलु तथा अणागंता । चिट्ठित्तमचिट्ठित्ता, णिसितित्ता चेव नो चेव" ।। ८ ।। "हंता य अहंता य, छिदित्ता खलु तहा
अछिदित्ता। बुतित्ता अबुतित्ता, भासित्ता चेव णो चेव" ॥ ९॥ "दच्चा य अदच्चा य, भुंजित्ता खलु तथा अभुंजित्ता । लभित्ता अलभित्ता य, पिवइत्ता चेव नो चेव'' ॐ ॥१०॥ "सुतित्ता असुतित्ता य, जुज्झित्ता खलु तथा अजुज्झित्ता। जइत्ता अजइत्ता य, पराजिणित्ता चेव नो चेव ॥ ११ ॥ “सद्दा रूवा गंधा, रसा य फासा तहेव
ठाणा य । निस्सीलस्स गरहिता पसत्था पुण सीलवंतस्स" || १२ ।। एवमेक्केके तिन्नि तिन्नि उ आलावगा भाणितव्वा । सदं सुणेत्ता णामेगे सुमणे भवति ३, एवं
सुणेमीति ३, सुणेस्सामीति ३। एवं असुणेत्ता णामेगे सुमणे भवति ३, न सुणेमीति ३, ण सुणेस्सामीति ३ । एवं रूवाइं गंधाइं रसाइं फासाई, एक्वेक्के छ छ आलावगा 4 भाणियव्वा । १६९. ततो ठाणा णिस्सीलस्स निव्वयस्स णिग्गुणस्स णिम्मेरस्स णिप्पच्चक्खाणपोसहोववासस्स गरहिता भवंति, तंजहा अस्सिं लोगे गरहिते २ भवति, उववाते गरहिते भवति, आयाती गरहिता भवति । ततो ठाणा ससीलस्स सव्वयस्स सगुण्णस्स समेरस्स सपच्चक्खाणपोसहोववासस्स पसत्था भवंति, PRO: 555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १९४555555
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(३) ठाणं ३ -अ. तिहाणं उ - २-३१७)
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र तंजहा अस्सिं लोगे पसत्थे भवति, उववाते पसत्थे भवति, आयाती पसत्था भवति । १७०. तिविधा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तंजहा इत्थी, पुरिसा, नपुंसगा । तिविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा सम्मद्दिट्ठी, मिच्छदिट्ठी, सम्मामिच्छदिट्ठी। अहवा तिविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा पज्जत्तगा, अपज्जत्तगा, णो पज्जत्तगो, णो ॥ अपज्जत्तगा। एवं सम्मद्दिट्ठि परित्ता, पज्जत्तगा सुहम सन्नि भविया य। १७१. तिविधा लोगट्टिती पन्नत्ता, तंजहा आगासपतिहिते वाते, वातपतिट्टिए उदही, उदहिपतिहिता पुढवी। तओ दिसाओ पन्नत्ताओ, तंजहा उड्ढा, अहा, तिरिया १ । तिहिं दिसाहिं जीवाणं गती पवत्तति, तंजहा उड्डाते, अहाते, तिरियाते २ । एवं आगती ३,वक्कंती ४, आहारे ५, वुड्डी ६, णिवुड्डी ७, गतिपरियाते ८, समुग्धाते ९, कालसंजोगे १०, दंसणाभिगमे ११, णाणाभिगमे १२, जीवाभिगमे १३ । तिहिं दिसाहिं जीवाणं अजीवाभिगमे पन्नत्ते, तंजहा उड्ढाते अहाते तिरियाते १४ । एवं पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं, एवं मणुस्साण वि । १७२. तिविधा तसा पन्नत्ता, तंजहा तेउकाइया, वाउकाइया, उराला तसा पाणा । तिविधा थावरा पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइया, आउकाइया, वणस्सतिकाझ्या । १७३. ततो अच्छेज्जा पन्नत्ता, तंजहा समये, पदेसे, परमाणू १ । एवमभेज्जा २, अडज्झा ३, अगिज्झा ४, अणद्धा ५, अमज्झा ६, अपएसा ७। ततो अविभातिमा पन्नत्ता, तंजहा समते पएसे परमाणू ८1१७४. अज्जो त्ति समणे भगवं महावीरे गोतमादी समणे णिग्गंथे आमंतेत्ता एवं वयासी किंभया पाणा समणाउसो!, गोयमादी समणा णिग्गंधा समणं भगवं महावीरं उवसंकमंति, उवसंकमित्ता वंदंति नमसंति, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी णो खलु वयं देवाणुप्पिया ! एतमढे जाणामो वा पासामो वा, तं जदिणं देवाणुप्पिया एतमटुंणो गिलायंति परिकहित्तते तमिच्छामोणं देवाणुप्पियाणं अंतिए एयमढे जाणित्तए, अज्जो त्ति समणे भगवं महावीरे गोतमाती समणे निग्गंथे आमंतेत्ता एवं वयासी दुक्खभया पाणा समणाउसो!। सेणं भंते ! दुक्खे केण कडे ? जीवेणं कडे पमादेण । से णं भंते ! दुक्खे कहं वेइज्जति ? अप्पमादेण। १७५. अन्नउत्थिता णं भंते ! एवं आतिक्खंति एवं भासंति एवं पन्नति एवं परूवेति कहन्नं समणाणं निग्गंथाणं किरिया कज्जति ? तत्थ जा सा कडा कज्जति नो तं पुच्छंति, तत्थ जा सा कडा नो कज्जति नो तं पुच्छंति, तत्थ जा सा अकडा नो कज्जति नो तं पुच्छंति, तत्थ जा सा अकडा कज्जति तं पुच्छंति, से एवं वत्तव्वं सिया अकिच्चं दुक्खं अफुसं दुक्खं अकज्जमाणकर्ड दुक्खं अकट्ट अकट्ट पाणा भूता जीवा सत्ता वेयणं वेदेति त्ति वत्तव्वं । जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु, अहं पुण एवमाइक्खामि एवं भासामि एवं पन्नवेमि एवं परूवेमि-किच्चं दुक्खं फुसं दुक्खं कज्जमाणकडं दुक्खं कट्ट कट्ट पाणा भूया जीवा सत्ता वेयणं वेयंति त्ति वत्तव्वं सिया ॥ [तइयट्ठाणस्स बीओ उद्देसओ समत्तो] ॥ [तइओ उद्देसओ] १७६. तिहिं ठाणेहिं मायी मायं कटु णो आलोएज्जा णो पडिक्कमेज्जा णो णिदिज्जा णो गरहेज्जा णो विउद्देज्जा णो विसोहेज्जा णो अकरणताते अब्भुटेज्जा णो अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवज्जेज्जा, तंजहा अकरिंसु चाहं, करेमि चाहं, करिस्सामि चाहं । तिहिं ठाणेहिं मायी मायं कटू णो आलोएज्जा णो पडिक्कमिज्जा जाव णो पडिवज्जेज्जा, तंजहा अकित्ती वा मे सिया, अवण्णे वा मे सिया, अविणए वा मे सिया । तिहिं ठाणेहिं मायी मायं कट्ठ णो आलोएज्जा जाव नो पडिवज्जेज्जा, तंजहा-कित्ती वा मे परिहायिस्सति, जसे वा मे परिहायिस्सति, पूयासक्कारे वा मे परिहायिस्सति । तिहिं ठाणेहिं मायी मायं कट्ट आलोएज्जा पडिक्कमेज्जा निदज्जा जाव पडिवज्जेज्जा, तंजहा मायिस्सणं अस्सिं लोगे गरहिते भवति, उववाते गरहिए भवति, आयाती गरहिता भवति । तिहिं ठाणेहि मायी मायं कट्ट आलोएज्जा जाव पडिवज्जेज्जा, तंजहा अमायिस्सणं अस्सिं लोगे पसत्थे भवति, उववाते पसत्थे भवति, आयाई पसत्था भवति । तिहिं ठाणेहिमायी मायं कट्ट आलोएज्जाजाव पडिवज्जेज्जा, तंजहा णाणकृताते, दंसणट्ठताते, चरित्तकृताते। १७७. तओ पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सुत्तधरे अत्थधरे तदुभयधरे। १७८. कप्पति णिगंथाण वा णिग्गंथीण वा ततो वत्थाई धारित्तए वा परिहरित्तए वा, तंजहा जंगिते भंगिते खोमिते । कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा ततो पायाई धारित्तत्ते वा परिहरित्तत्ते वा, तंजहा लाउयपादे वा दारुपादे वा मट्टियापादे वा । १७९. तिहिं ठाणेहिं वत्थं धरेज्जा, तंजहा हिरिवत्तियं दुगुंछावत्तियं परीसहवत्तियं । १८०. तओ आयरक्खा पन्नत्ता, तंजहा धम्मियाते पडिचोयणाते पडिचोएत्ता भवति, तुसिणीतो वा सिता, उठेत्ता वा आताते एकंतमंतमवक्कमेज्जा। णिग्गंथस्सणं गिलायमाणस्स कप्पंति ततो वियडदत्तीओ पडिग्गहित्तते, तंजहा उक्कोसा मज्झिमा जहन्ना। तिहिं ठाणेहि समणे निग्गंथे साहम्मियं संभोगियं विसंभोगियं करेमाणे ------TricNELLE
श्री आगमगुणमंजूषा - ११५555555555555555555 5555
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כתבת תכב תככב ובונבונובורוכוב-אטל
(३) ठाण ३ -अ. तेिदाण उ.३ [१८]
_5555555555555555280 णातिक्कमति, तंजहा सयं वा दटुं, सड्डिस्स वा निसम्म, तच्चं मोसं आउट्टति चउत्थं नो आउट्टति । तिविधा अणुन्ना पन्नत्ता, तंजहा आयरियत्ताते उवज्झायत्ताते गणित्ताते । तिविधा समणुन्ना पन्नत्ता, तंजहा-आयरियत्ताते उवज्झायत्ताते गणित्ताते । एवं उपसंपदा, एवं विजहणा । १८१. तिविधे वयणे पन्नत्ते, तंजहा तव्वयणे तदन्नवयणे णोअवयणे । तिविहे अवयणे पन्नत्ते, तंजहा णोतव्वयणे णोतदन्नवयणे अवयणे । तिविधे मणे पन्नत्ते, तंजहा तम्मणे तदन्नमणे णोअमणे । तिविहे अमणे पन्नत्ते, तंजहा णोतम्मणे णोतदन्नमणे अमणे । १८२. तिहिं ठाणेहिं अप्पवुट्ठीकाए सिता, तंजहा तंसिं च णं देसंसि वा पदेसंसि वा णो बहवे उदगजोणिया जीवा य पोग्गला य उदगत्ताते वक्कमंति विउक्कमंति चयंति उववज्जति १. देवा णाया जक्खा भूता णो सम्ममाराहिता भवंति, तत्थ समुट्ठियं उदगपोग्गलं परिणतं वासितुकामं ॥ अन्नं देसं साहरंति २, अब्भवद्दलगं च णं समुट्ठितं परिणतं वासितुकामं वाउकाए विधुणति ३, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहि अप्पवुट्ठिगाते सिता। तिहिं ठाणेहिं महावुट्ठीकाते सिता, तंजहा तंसिंच णं देसंसि वा पतेसंसि वा बहवे उदगजोणिता जीवा य पोग्गला य उदगत्ताते वक्कमंति विउक्कमंति चयंति उववज्जति १, देवा नागा भूता जक्खा सम्ममाराहिता भवंति, अन्नत्थ समुट्टितं उदगपोग्गलं परिणतं वासिउकामं तं देसं साहरंति २, अब्भवद्दलगं च णं समुट्ठितं परिणयं वासितुकामं णो वाउआते विधुणति ३, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं महावुट्ठिकाए सिया । १८३. तिहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु इच्छेज्ज माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तए, णो चेव णं संचातेति हव्वमागच्छित्तए । अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिते गिद्धे गढिते अज्झोववन्ने, से णं माणुस्सए कामभोगे णो आढाति णो परियाणाति णो अटुं बंधति णो नियाणं पकरेति णो ठिइपकप्पं पकरेति १, अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिते गिद्धे गढिते अज्झोववन्ने, तस्स णं माणुस्सए पेम्मे वोच्छिन्ने दिव्वे संकंते भवति २, अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिते जाव अज्झोववन्ने, तस्स णं एवं भवति इयण्डिं गच्छं, मुहुत्तं गच्छं, तेणं कालेणमप्पाउया मणुस्सा कालधम्मुणा संजुत्ता भवंति ३, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसुइच्छेज्जा माणुसंलोग हव्वमागच्छित्तते, णो चेव णं संचातेति हव्वमागच्छित्तते । तिहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु इच्छेज्जा माणुसं लोग हव्वमागच्छित्तए, संचातेइ हव्वमागच्छित्तते। अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसु अमुच्छिते अगिद्धे अगढिते अणज्झोववन्ने, तस्स णमेवं भवति अत्थि णं मम माणुस्सए भवे आयरिए ति वा उवज्झाए ति वा पवत्ती ति वा थेरे ति वा गणी ति वा गणधरे ति वा गणावच्छेदिए ति वा, जेसिं पभावेणं मए इमा एतारूवा दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवजुती दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागते, तं गच्छामि णं ते भगवंते वंदामि णमंसामि सक्कारेमि सम्माणेमि कल्लाणं मंगलं देवतं चेइयं पज्जुवासामि १, अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसु अमुच्छिए जाव अणज्झोववन्ने, तस्स णं एवं भवति एस णं माणुस्सए भवेणाणी ति वा तवस्सी ति वा अतिदुक्कर-दुक्करकारगे, तं गच्छामि णं ते भगवंते वंदामि णमंसामि जाव पज्जुवासामि २, अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु जाव अणज्झोववन्ने, तस्स णमेवं भवति अस्थि णं मम माणुस्सए भवे माता ति वा जाव सुण्हा ति वा, तं गच्छामि णं तेसिमंतियं पाउब्भवामि, पासंतु ता मे इमं एतारूवं दिव्वं देविड्डिं दिव्वं देवजुतिं दिव्वं देवाणुभावं लद्धं पत्तं अभिसमन्नागतं ३, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु इच्छेज्ज माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तते, संचातेति हव्वमागच्छित्तते । १८४. ततो ठाणाई देवे पीहेज्जा, तंजहा माणुस्सगं भवं, आरिते खेत्ते जम्मं, सुकुलपच्चायातिं । तिहिं ठाणेहिं देवे परितप्पेज्जा, तंजहा अहोणं मते संते बले संते वीरिए संते पुरिसक्कारपरक्कमे खेमंसि सुभिक्खंसि आयरियउवज्झाएहिं विज्जमाणेहिं कल्लसरीरेणं णो बहुते सुते अहीते १, अहोणं मते इहलोगपडिबद्धेणं परलोगपरंमुहेणं विसयतिसितेणं णो दीहे सामन्नपरिताते अणुपालिते २, अहो णं मते इड्डि-रस-सायगरुएणं भोगासंसगिद्धेणं णो विसुद्धे चरित्ते फासिते ३, इच्चेतेहिं [तिहिं ठाणेहिं देवे परितप्पेज्जा] । १८५. तिहिं ठाणेहिं देवे चतिस्सामीति जाणति विमाणाभरणाइं णिप्पभाइं पासित्ता, कप्परूक्खगं मिलायमाणं पासित्ता, अप्पणो तेयलेस्सं परिहायमाणिं जाणित्ता, इच्चेतेहिं [तिहिं ठाणेहिं देवे चतिस्सामीति जाणति] । तिहिं ठाणेहिं देवे उव्वेगमागच्छेज्जा, तंजहा अहोणं मते इमातो एतारूवातो दिव्वातो देविड्डीओ दिव्वाओ दिवजुतीतो लद्धातो पत्तातो
अभिसमन्नागतातो चतियव्वं भविस्सति १, अहो णं मते मातुओयं पिउसुक्कं तं तदुभयसंसटुं तप्पढमयाते आहारो आहारेयव्वो भविस्सति २, अहो णं मते reOFF
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(३) ठाणं ३ अ. तिट्ठाणं उ-३ [१९]
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कलमलजंबालाते असुतीते उन्वेयणिताते भीमाते गब्भवसहीते वसियव्वं भविस्सइ, इच्चेतेहिं तिहिं [ठाणेहिं देवे उव्वेगमागच्छेज्जा] । १८६. तिसंठिया विमाणा पन्नत्ता, तंजहा वट्टा, तंसा, चउरंसा । तत्थ णं जे ते वट्टा विमाणा ते णं पुक्खरकन्नियासंठाणसंठिता सव्वतो समंता पागारपरिक्खित्ता एगदुवारा पन्नत्ता, तत्थ णं जे ते तंसा विमाणा ते णं सिंघाडगसंठाणसंठिता दुहतो पागारपरिक्खित्ता एगतो वेतितापरिक्खित्ता तिदुवारा पन्नत्ता, तत्थ णं जे ते चउरंसा विमाणा ते णं अक्खाडगसंठाणसंठिता सव्वतो समंता वेतितापरिक्खिता चउदुवारा पन्नत्ता । तिपतिट्ठिया विमाणा पन्नत्ता, तंजहा घणोदधिपतिहिता, घणवातपइट्ठिया, ओवासंतरपइद्विता । तिविधा विमाणा पन्नत्ता, तंजहा अवट्ठिता, वेउन्विता, परिजाणिता । १८७. तिविधा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा सम्मादिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी । एवं विगलिदियवज्जं जाव वेमाणियाणं । ततो दुग्गतीतो पन्नत्ताओ, तंजहा णेरइयदुग्गती, तिरिक्खजोणीयदुग्गती, मणुस्सदुग्गती। ततो सुग्गतीतो पन्नत्ताओ, तंजहा-सिद्धसुग्गती, देवसुग्गती, मणुस्ससुग्गती। ततो दुग्गता पन्नत्ता, तंजहा-णेरतितदुग्गता, तिरिक्खजोणितदुग्गता, मणुस्सदुग्गता । ततो सुग्गता पन्नत्ता, तंजहा-सिद्धसुग्गता, देवसुग्गता, मणुस्ससुग्गता। १८८. चउत्थभत्तितस्सणं भिक्खुस्स कप्पंति ततो पाणगाइं पडिगाहेत्तए, तंजहा उस्सेतिमे, संसेतिमे, चाउलधोवणे १ । छट्ठभतितस्स णं भिक्खुस्स कप्पंति ततो पाणगाइं पडिगाहेत्तए, तंजहा तिलोदए, तुसोदए, जवोदए २ । अट्ठमभत्तियस्स णं भिक्खुस्स कप्पंति ततो पाणगाई पडिगाहेत्तए, तंजहा आयामत्ते, सोवीरते, सुद्धवियडे ३ । तिविहे उवहडे पन्नत्ते, तंजहा फलिओवहडे, सुद्धोवहडे, संसट्ठोवहडे ४ । तिविहे उग्गहिते पन्नत्ते, तंजहा जं च ओगिण्हति, जं च साहरति, जं च आसगंसि पक्खिवति ५। तिविधा ओमोयरिया पन्नत्ता, तंजहा उवकरणोमोयरिया, भत्तपाणोमोदरिता, भावोमोदरिता ६ । उवकरणोमोदरिता तिविहा पन्नत्ता, तंजहा एगे वत्थे, एगे पाते, चियत्तोवहिसातिज्जणता ७। ततो ठाणा णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहियाते असुभाते अक्खमाते अणिस्सेसाते अणाणुगामियत्ताए भवंति, तंजहा कूअणता, कक्करणता, अवज्झाणता ८ । ततो ठाणा णिग्गंथाण वा णिग्गंधीण वा हिताते सुहाते खमाते णिस्सेसाते आणुगामियत्ताते भवंति, तंजहा अकूअणता, अकक्करणता, अणवज्झाणया ९ । ततो सल्ला पन्नत्ता, तंजहा मायासल्ले णिदाणसल्ले मिच्छादसणसल्ले १० । तिहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे संखित्तविउलतेउलेस्से भवति, तंजहा आतावणताते, खंतिखमाते, अपाणगेणं तवोकम्मेणं ११ । तेमासितं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स कप्पंति ततो दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, ततो पाणगस्स १२ । एगरातियं भिक्खुपडिमं सम्मं अणणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे ततो ठाणा अहिताते असुभाते अखमाते अणिस्सेसाते अणाणुगामियत्ताते भवंति, तंजहा उम्मायं वा लमज्जा, दीहकालियं वा रोगातंकं पाउणेज्जा, केवलिपन्नत्तातो वा धम्मातो भंसेज्जा १३ । एगरातियं णं भिक्खुपडिमं सम्मं अणुपालेमाणस्स अणगारस्स ततो ठाणा हिताते सुभाते खमाते णिस्सेसाते आणुगामितत्ताते भवंति, तंजहा ओहिणाणे वा से समुप्पज्जेज्जा, मणपज्जवनाणे वा से समुप्पज्जेज्जा, केवलणाणे वा से समुप्पज्जेज्जा १४।१८९. जंबूदीवे दीवे ततो कम्मभूमीओ पन्नत्ताओ, तंजहा भरहे, एरवते, महाविदेहे । एवं धायइसंडे दीवे पुरथिमद्धे जाव पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे ५। १९०. तिविधे दसणे पन्नत्ते, तंजहा सम्मदंसणे, मिच्छदंसणे, सम्मामिच्छदंसणे १ । तिविधा रुती पन्नत्ता, तंजहा सम्मरुती, मिच्छरुती सम्मामिच्छरुती २ । तिविधे पओगे पन्नत्ते, तंजहा सम्मपओगे, मिच्छपओगे, सम्मामिच्छपओगे ३।१९१.तिविधे व वसाते पन्नत्ते, तंजहा धम्मिते ववसाते, अधम्मिए ववसाते, धम्मियाधम्मिते ववसाते ४ । अथवा तिविधे ववसाते, पन्नत्ते, तंजहा पच्चक्खे, पच्चतिते, आणुगामिते ५। अहवा तिविधे ववसाते पन्नत्ते, तंजहा इहलोइए, परलोगिते, इहलोगितपरलोगिते ६। इहलोगिते ववसाते तिविहे पन्नत्ते, तंजहा लोगिते, वेतिते, सामतिते ७। लोगिते ववसाते तिविधे पन्नत्ते, तंजहा अत्थे, धम्मे, कामे ८ । वेतिते ववसाते तिविधे पन्नत्ते, तंजहा रिव्वेदे, जजुवेदे, सामवेदे ९ । सामतिते ववसाते तिविधे पन्नत्ते, तंजहा णाणे, दसणे, चरित्ते १० । तिविधा अत्थजोणी पन्नत्ता, तंजहा सामं दंडे, भेदे ११। १९२. तिविधा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा पओगपरिणता, मीसापरिणता, वीससापरिणता । तिपतिट्ठिया णरगा पन्नत्ता, तंजहा पुढविपतिहिता, आगासपतिट्ठिता, म
आयपतिहिता । णेगम-संगह-ववहाराणंपुढ विपइट्ठिया, उज्जुसुतस्स आगासपतिट्ठिया, तिण्हं सहणयाणं आयपतिट्ठिया। १९३. तिविधे मिच्छते पन्नत्ते, Shaniprior internelawy - Lahe LLC4 44
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(३) ठाणं ३ -अ. तिट्ठाणं उ- -३-४ [२०]
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तंजहा अकिरिया, अविणए, अन्नाणे १ । अकिरिया तिविधा पन्नत्ता, तंजहा पओगकिरिया, समुदाणकिरिया, अन्नाणकिरिया २। पओगकिरिया तिविधा पन्नत्ता, म तंजहा मणपओगकिरिया, वइपओगकिरिया कायपओगकिरिया ३ । समुदाणकिरिया तिविधा पन्नत्ता, तंजहा अणंतरसमुदाणकिरिया, परंपरसमुदाणकिरिया,
तदुभयसमुदाणकिरिया ४ | अन्नाणकिरिया तिविधा पन्नत्ता, तंजहा मतिअन्नाणकिरिया, सुतअन्नाणकिरिया, विभंगअन्नाणकिरिया ५ । अविणए तिविहे पन्नत्ते, तंजहा देसच्चाती, निरालंबणता, नाणापेज्जदोसे६। अन्नाणे विविधे पन्नत्ते, तंजहा देसण्णाणे, सव्वण्णाणे, भावण्णाणे७।१९४.तिविहे धम्मे पन्नत्ते, तंजहा सुयधम्मे, चरित्तधम्मे, अत्थिकायधम्मे । तिविधे उवक्कमे पन्नत्ते, तंजहा धम्मिते उवक्कमे, अधम्मिते उवक्कमे, धम्मिताधम्मिते उवक्कमे १ । अहवा तिविधे उवक्कमे पन्नत्ते, तंजहा आतोवक्कमे, परोवक्कमे, तदुभयोवक्कमे २। एवं वेयावच्चे ३, अणुग्गहे ४, अणुसठ्ठी ५, उवालंभे ६, एवमिक्किक्के तिन्नि तिन्नि आलावगाजहेव उवक्कमे । तिविहा कहा पन्नत्ता, तंजहा अत्थकहा, धम्मकहा, कामकहा७। तिविधे विणिच्छते पन्नत्ते, तंजहा अत्थविणिच्छते, धम्मविणिच्छते, कामविणिच्छते ८।१९५. तहारूवंणं भंते ! समणं वा महाणं वा पज्जुवासमाणस्स किंफला पज्जुवासणता? सवणफला । सेणं भंते ! सवणे किं फले ? णाणफले। सेणं भंते ! णाणे किंफले ? विण्णाणफले । एवमेतेणं अभिलावेणं इमा गाधा अणुगंतव्वा - “सवणे णाणे य विन्नाणे पच्चक्खाणे य संजमे । अणण्हते तवे चेव वोदाणे अकिरि णिव्वाणे" ||१३ ।। जाव साणं
भंते ! अकिरिया किंफला ? निव्वाणफला। से णं भंते ! णिव्वाणे किंफले ? सिद्धिगइगमणपज्जवसाणफले पन्नत्ते समणाउसो !★★★॥ तृतीयस्य तृतीय ॐ उद्देशकः॥★ ★ ★ [चउत्थो उद्देसओ] १९६. पडिमापडिवन्नस्स णं अणगारस्स कप्पंति तओ उवस्सया पडिलेहित्तते, तंजहा अहे आगमणगिर्हसि फवा, अहे वियडगिहंसि वा, अहे रुक्खमूलगिहंसि वा । एवमणुण्णवित्तते, उवातिणित्तते । पडिमापडिवन्नस्स णं अणगारस्स कप्पंति तओ संथारगा पडिलेहित्तते, म तंजहा पुढिविसिला, कट्ठसिला, अधासंथडमेव । एवं अणुण्णवित्तते, उवातिणित्तते । १९७.तिविधे काले पण्णत्ते, तंजहा तीते, पडुप्पन्ने, अणागते । तिविधे समए 5 पन्नत्ते, तंजहा तीते, पडुप्पन्ने, अणागते। एवं आवलिया अणापाणूथोवेलवे मुहुत्ते अहोरत्तेजाव वाससतसहस्से पुव्वंगे पुव्वे जाव ओसप्पिणी। तिविधे पोग्गलपरियट्टे म पन्नत्ते, तंजहा तीते, पडुप्पन्ने, अणागते। १९८. तिविहे वयणे पन्नत्ते, तंजहा एगवयणे, दुवयणे, बहुवयणे । अहवा तिविधे वयणे पन्नत्ते, तंजहा इत्थिवयणे, पुमवयणे,
नपुंसगवयणे । अहवा तिविधे वयणे पन्नत्ते, तंजहा तीतवयणे, पडुप्पन्नवयणे, अणागयवयणे । तिविधा पन्नवणा पन्नत्ता, तंजहा णाणपन्नवणा, दंसणपन्नवणा, चरित्तपन्नवणा १ । तिविधे सम्मे पन्नत्ते, तंजहा नाणसम्मे, दंसणसम्मे, चरित्तसम्मे।तिविधे उवघाते पन्नत्ते, तंजहा उम्गमोवघाते, उप्पायणोवघाते, एसणोवघाते ३। एवं विसोधी ४।तिविहा आराहणा पन्नत्ता, तंजहा णाणाराहणा, दंसणाराहणा, चरित्ताराहणा५। णाणाराणा तिविधा पन्नत्ता, तंजहा उक्कस्सा, मज्झिमा, जहन्ना ६ । एवं दंसणाराहणा वि ७, चरित्ताराहणा वि ८ | तिविधे संकिलेसे पन्नत्ते, तंजहा नाणसंकिलेसे दंसणसंकिलेसे चरित्तसंकिलेसे ९ । एवं असंकिलेसे वि १०, एवमतिक्कमे वि ११, वतिक्कमे वि १२, अइयारे वि १३, अणायारे वि १४ । तिहमतिकमाणं आलोएज्जा पडिक्कमेज्जा निदेजा गरहेज्जा जाव पडिवज्जेजा, तंजहा णाणातिक्कमस्स, दंसणातिक्कमस्स, चरित्तातिक्कमस्स १५ । एवं वइक्कमाणं १६, अतिचाराणं १७, अणायाराणं १८ । तिविधे पायच्छित्ते पन्नत्ते, तंजहा आलोयणारिहे, पडिक्कमणारिहे, तदुभयारिहे १९।१९९. जंबूदीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं ततो अकम्मभूमीओ पन्नत्ताओ, तंजहा हेमवते, हरिवासे, देवकुरा । जंबूदीवे दीवे मंदरस्स उत्तरेणं तओ अकम्मभूमीओ पन्नत्ताओ, तंजहा उत्तरकुरा, रम्मगवासे, एरण्णवए । जंबुमंदरस्स दाहिणेणं ततो वासा पन्नत्ता, तंजहा भरहे, हेमवए, हरिवासे । जंबुमंदरस्स उत्तरेणं ततो वासा पन्नत्ता, तंजहा रम्मगवासे, हेरन्नवते, एरवते । जंबुमंदरस्स दाहिणेणं तओ वासहरपव्वता पन्नत्ता, तंजहा चुल्लहिमवंते, महाहिमवंते, णिसढे । जंबुमंदरस्स उत्तरेणं तओवासहरपव्वता पन्नत्ता, तंजहा णीलवंते, रुप्पी, सिहरी । जंबुमंदरस्स दाहिणेणं तओ महादहा पन्नत्ता, तंजहा पउमदहे, महापउमदहे, तिगिच्छिदहे । तत्थ णं ततो देवताओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमद्वितीताओ परिवसंति, तंजहा सिरी, हिरी, धिती । एवं ॥
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उत्तरेण वि, णवरं केसरिदहे, महापोंडरियदहे, पोंडरयिदहे। देवतातो कित्ती, बुद्धी, लच्छी। जंबूमंदरदाहिणेणं चुल्लहिमवंतातो वासधरपव्वतातो पउमदहातो महादहातो, ततो महाणदीओ पवहंति, तंजहा गंगा, सिंधू, रोहितंसा । जंबुमंदरउत्तरेणं सिहरीओ वासधरपव्वतातो पोंडरीयद्दहातो महादहाओ तओ महानदीओ पवहंति, ई तंजहा सुवन्नकूला, रत्ता, रत्तावती। जंबुमंदरपुरस्थिमेणं सीतातेमहाणतीते उत्तरेणं ततो अंतरणतीतो पन्नत्ताओ, तंजहा गाहावती, दहवती, पंकवती। जंबुमंदरपुरस्थिमेणं सीताते महाणतीते दाहिणेणं ततो अंतरणतीतो पन्नत्ताओ, तंजहा तत्तजला, मत्तजला, उम्मत्तजला | जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीओदाते महाणतीते दाहिणेणं ततो अंतरणदीतो पन्नत्ताओ, तंजहा-खारोदा, सीहसोया, अंतोवाहिणी । जंबूमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोदाए महाणदीए उत्तरेणं तओ अंतरणदीतो पन्नत्ताओ, तंजहा उम्मिमालिणी, फेणमालिणी, गंभीरमालिणी । एवं धायइसंडदीवपुरस्थिमद्धे वि अकम्मभूमीतो आढवेत्ता जाव अंतरणदीओ ति णिरवसेसं भाणियव्वं, जाव पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे तहेव निरवसेसं भाणियव्वं । २००. तिहिं ठाणेहिं देसे पुढवीते चलेज्जा, तंजहा अधे णमिमीसे रयणप्पभाते पुढवीते उराला पोग्गला णिवतेज्जा, तते णं उराला पोग्गला णिवतमाणा देसं पुढवीते चलेज्ना १, महोरते वा महिड्डिए जाव महेसक्खे इमीसे रतणप्पभाते पुढवीते अहे उम्मज्जणिमज्जियं करेमाणे देसं पुढवीते चलेज्जा २, णाग-सुवन्नाण वा संगामंसि वट्टमाणंसि देसं पुढवीते चलेज्जा ३, इच्चेतेहिं तिहिं [ठाणेहिं देसे पुढवीते चलेज्जा] । तिहिं ठाणेहिं केवलकप्पा पुढवी चलेज्जा, तंजहा अधे णं इमीसे रतणप्पभाते पुढवीते घणवाते गुप्पेज्जा, ततेणं से घणवाते गुविते समाणे घणोदहिमेएज्जा, तते णं से घणोदधी एइए समाणे केवलकप्पं पुढविं चालेज्जा, देवे वा महिड्डिते जाव महेसक्खे तहारूवस्स समणस्स माहणस्स वा इढि जुतिं जसं बलं वीरियं पुरिसक्कारपरक्कम उवदंसेमाणे केवलकप्पं पुढविं चालेज्जा, देवासुरसंगामंसि वा वट्टमाणंसि केवलकप्पा पुढवी चलेज्जा, इच्चेतेहिं तिहिं [ठाणेहिं केवलकप्पा पुढवी चलेज्जा] । २०१. तिविधा देवकिब्बिसिया पन्नत्ता, तंजहा तिपलिओवमट्टितीता, तिसागरोवमद्वितीता, तेरससागरोवमद्वितीया । कहिणं भंते ! तिपलितोवमद्वितीता देवकिब्बिसिया परिवसंति ? उप्पिंजोतिसिताणं हव्विं सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु एत्थ णं तिपलिओवमद्वितीता देवकिब्बिसिता परिवसंति १ । कहिणं भंते ! तिसागरोवमट्टितीता देवकिब्बिसिता परिवसंति ?, उप्पिं सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं हव्विं सणंकुमार-माहिदेसु कप्पेसु एत्थ णं तिसागरोवमद्वितीया देवकिब्बिसिया परिवसंति २ । कहि णं भंते ! तेरससागरोवमद्वितीया देवकिब्बिसिता परिवसंति ? उप्पिंबंभलोगस्स कप्पस्स हव्विं लंतगे कप्पे एत्थ णं तेरससागरोवमट्टितीता देवकिब्बिसिता परिवसंति ३ । २०२. सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो बाहिरपरिसाते देवाणं तिन्नि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो अभंतरपरिसाते देवीणं तिन्नि पल्लिओवमाइं ठिती पन्नत्ता । ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो बाहिरपरिसाते देवीणं तिन्नि पलिओवमाई ठिती पण्णत्ता । २०३. तिविहे पायच्छित्ते पन्नत्ते, तंजहा णाणपायच्छित्ते, दंसणपायच्छित्ते, चरित्तपायच्छित्ते । ततो अणुग्धातिमा पन्नत्ता, तंजहा हत्थकम्मं करेमाणे, मेहुणं सेवमाणे, रातीभोयणं भुंजमाणे । तओ पारंचिता पन्नत्ता, तंजहा दुढे पारंचिते, पमत्ते पारंचिते, अन्नमन्नं करेमाणे पारंचिते। ततो अणवठ्ठप्पा पन्नत्ता, तंजहा साहम्मियाणं तेणं करेमाणे, अन्नधम्मियाणं तेणं
करेमाणे, हत्थातालं दलयमाणे। २०४. ततो णो कप्पंति पव्वावेत्तए, तंजहा पंडए, वातिए, कीवे १। एवं मुंडावेत्तए २, सिक्खावेत्तए ३, उवट्ठावेत्तए ४, संभुंजेत्तए ५, म संवासित्तते ६ । ततो अवायणिज्जा पन्नत्ता, तंजहा अविणीते विगतीपडिबद्धे अविओसवितपाहुडे । ततो कप्पंति वातित्तते, तंजहा विणीते अविगतीपडिबद्धे म विओसवियपाहुडे। तओ दुसन्नप्पा पन्नत्ता, तंजहा दुढे मूढे वुग्गाहिते। तओ सुसन्नप्पा पन्नत्ता, तंजहा अदुढे अमूढे अवुग्गाहिते। २०५. ततो मंडलिया पव्वता पन्नत्ता,
तंजहा माणुसुत्तरे कुंडलवरे रुयगवरे। ततो महतिमहालया पन्नत्ता, तंजहा जंबुदीवते मंदरे मंदरेसु, सयंभुरमणे समुद्दे समुद्देसु, बंभलोए कप्पे कप्पेसु। २०६.तिविधा कप्पट्टिती पन्नत्ता, तंजहा सामाइयकप्पद्विती, छेदोवट्ठावणियकप्पद्विती, निव्विसमाणकप्पट्ठिती ३ । अहवा तिविहा कप्पद्विती पन्नत्ता, तंजहा णिविट्ठकप्पद्विती, जिणकप्पट्टिती, थेरकप्पट्टिती ३ । २०७. णेरतियाणं ततो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा वेउव्विए तेयए कम्मए। असुरकुमाराणं ततो सरीरगा एवं चेव, एवं सव्वेसिं देवाणं फू | पुढविकाइयाणं ततो सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा ओरालिए तेयए कम्मए । एवं वाउकाइयवज्जाणं जाव चउरिदियाणं । २०८. गुरुं पडुच्च ततो पडिणीता पन्नत्ता, Ancricuuru UMLE LE LELES55555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-११९॥ 5555555555555555555 HOOK
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WORSHAN
१३) ठाण ३ -अ.तिट्ठाण उ-४
२२
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तंजहा आयरियपडिणीते उवज्झायपडिणीते थेरपडिणीते १ । गतिं पडुच्च ततो पडिणीया पन्नत्ता, तंजहा इहलोगपडिणीए परलोगपडिणीए दुहओलोगपडिणीए २।। समूहं पडुच्च ततोपडिणीता पन्नत्ता, तंजहा कुलपडिणीते गणपडिणीते संघपडिणीते ३ । अणुकंपं पडुच्च ततो पडिणीया पन्नत्ता, तंजहा तवस्सिपडिणीए गिलाणपडिणीए सेहपडिणीए ४ । भावं पडुच्च ततो पडिणीता पन्नत्ता, तंजहा णाणपडिणीए दसणपडिणीए चरित्तपडिणीए ५। सुतं पडुच्च ततो पडिणीता पन्नत्ता, तंजहा सुत्तपडिणीते अत्थपडिणीते तदुभयपडिणीते ६ । २०९. ततो पितियंगा पन्नत्ता, तंजहा अट्ठी अद्विमिंजा केसमंसु-रोम-नहे । तओ माउयंगा पन्नत्ता, तंजहा मंसे सोणिते मत्थुलुंगे। २१०. तिहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे महानिज्जरे महापज्जवसाणे भवति, तंजहा कया णं अहं अप्पं वा बहुं वा सुयं अहिज्जिस्सामि, कया णमहमेकल्लविहारपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरिस्सामि, कया णमहमपच्छिममारणंतितसंलेहणाझूसणाझूसिते भत्तपाणपडियाइक्खिते पाओवगते कालं अणवकंखमाणे विहरिस्सामि, एवं स मणस स वयस स कायस पागडेमाणे निग्गंथे महानिज्जरे महापज्जवसाणे भवति । तिहिं ठाणेहिं समणोवासते महानिज्जरे महापज्जवसाणे भवति, तंजहा कया णमहमप्पं वा बहुं वा परिग्गहं परिचइस्सामि १, कया णं अहं मुंडे भवेत्ता अगारातो अणगारितं पव्वइस्सामि २, कया णं अहं अपच्छिममारणंतियसंलेहणाझूसणाझूसिते भत्तपाणपडियातिक्खिते पाओवगते कालं अणवकंखमाणे विहरिस्सामि ३, एवं स मणस स वयस स कायस पागडेमाणे समणोवासते महानिज्जरे महापज्जवसाणे भवति । २११. तिविहे पोग्गलपडिघाते पन्नत्ते, तंजहा परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलं पप्प पडिहम्मेज्जा, लुक्खत्ताते वा पडिहम्मेजा, लोगंते वा पडिहम्मेज्जा। २१२. तिविहे चक्खू पन्नत्ते, तंजहा एगचक्खू बिचक्खू तिचक्खू । छउमत्थे णं मणुस्से एगचक्खू, देवे बिचक्खू, तहारूवे समणे वा माहणे वा उप्पन्ननाणदंसणधरे सेणं तिचक्खु त्ति वत्तव्वं सिता। २१३. तिविधे अभिसमागमे पन्नत्ते, तंजहा उ8 अहं तिरियं । जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अतिसेसे नाणदंसणे समुप्पज्जति सेणं तप्पढमताते उड्डमभिसमेति, ततो तिरितं, ततोपच्छा अधे, अहोलोगेणं दुरभिगमे पन्नत्ते समणाउसो!।२१४.तिविधा इड्डी पन्नत्ता, तंजहा देविड्डी राइड्डी गणिड्डी १ । देविड्डी तिविहा पन्नत्ता, तंजहा विमाणिड्डी विगुव्वणिड्डी परियारणिड्डी २। अहवा देविड्डी तिविधा पन्नत्ता, तंजहा सचित्ता अचित्ता मीसिता ३ । राइड्डी तिविधा पन्नत्ता, तंजहा रण्णो अतियाणिड्डी, रण्णो निज्जाणिड्डी, रण्णो बल-वाहण-कोस-कोट्ठागारिड्डी ४ । अहवा रातिड्डी तिविहा पन्नत्ता, तंजहा सचित्ताई अचित्ता मीसिता ५। गणिड्डी तिविहा पन्नत्ता, तंजहा णाणिड्डी दंसणिड्डी चरित्तिड्डी ६ । अहवा गणिड्डी तिविहा पन्नत्ता, तंजहा सचित्ता अचित्ता मीसिया७।२१५. ततो ई गारवा पन्नत्ता, तंजहा इड्डीगारवे रसगारवे सातगारवे । २१६. तिविधे करणे पन्नत्ते, तंजहा धम्मिते करणे, अधम्मिए करणे, धम्मिताधम्मिते करणे।२१७. तिविहे भगवता धम्मे पन्नत्ते, तंजहा सुअधिज्जिते सुज्झातिते सुतवस्सिते । जया सुअधिज्जितं भवति तदा सुज्झातियं भवति, जया सुल्झातितं भवति तदा सुतवस्सितं भवति । से सुअधिज्जिते सुज्झातिते सुतवस्सिते सुतक्खाते णं भगवता धम्मे पण्णत्ते । २१८. तिविधा वावत्ती पन्नत्ता, तंजहा जाणू अजाणू वितिगिच्छा। एवमज्झोवज्जणा, परियावज्जणा । २१९. तिविधे अंते पन्नत्ते, तंजहा लोगते वेयंते समयंते । २२०. ततो जिणा पन्नत्ता, तंजहा ओहिणाणजिणे मणपज्जवणाणजिणे केवलणाणजिणे १ । ततो केवली पन्नत्ता, तंजहा ओहिनाणकेवली मणपज्जवनाणकेवली केवलनाणकेवली २ । तओ अरहा पन्नत्ता, तंजहा ओहिनाणअरहा
मणपज्जवनाणअरहा केवलनाणअरहा ३।२२१. तओ लेसाओ दुब्भिगंधाओ पन्नत्ताओ, तंजहा कण्हलेसा णीललेसा काउलेसा १ । तओ लेसाओ सुब्भिगंधाओ भ पन्नत्ताओ, तंजहा तेऊ पम्हा सुक्कलेसा २। एवं दो गतिगामिणीओ ३, सोगतिगामिणीओ ४, संकिलिट्ठाओ ५, असंकिलिट्ठाओ ६, अमणुन्नाओ ७, मणुन्नाओ ८, म अविसुद्धाओ ९, विसुद्धाओ १०, अप्पसत्थाओ ११, पसत्थाओ १२, सीतलुक्खाओ १३, णिद्धण्हाओ १४ । २२२, तिविहे मरणे पन्नत्ते, तंजहा बालमरणे है पंडियमरणे बालपंडियमरणे। बालमरणे तिविहे पन्नत्ते, तंजहा ठितलेस्सेसंकिलिट्ठलेस्से पज्जवजातलेस्से। पंडियमरणे तिविहे पन्नत्ते, तंजहा ठितलेस्से असंकिलिट्ठलेस्से म पज्जवजातलेस्से ३ । बालपंडितमरणे तिविहे पन्नत्ते, तंजहा ठितलेस्से असंकिलिट्ठलेस्से अपज्जवजातलेस्से ४ । २२३. ततो ठाणा अव्ववसितस्स अहिताते र असुभाते अखमाते अणिस्सेसाते अणाणुगामियत्ताते भवंति, तंजहा सेणं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारितं पव्वइते णिग्गंथे पावयणे संकिते कंखिते वितिगिच्छिते ROY
5 55555555 श्री आगमगुणमंजूषा- १२० ॥55555555555555ORK
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(३) ठाणं ३ अ. उ४ / ४ अ चउट्टाणं उ१ [२३]
*********OX भेदसमावन्ने कलुससमावन्ने निग्गंधं पावयणं णो सद्दहति णो पत्तियति णो रोएति, तं परिस्सहा अभिजुंजिय अभिजुंजिय अभिभवंति, णो से परिस्सहे अभिजुंजिय अभिजुंजिय अभिभवइ १, से णं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारितं पव्वतिते पंचहिं महव्वतेहिं संकिते जाव कलुससमावन्ने पंच महव्वताइं नो सद्दहति जाव णो से परिस्सहे अभिजुंजिय अभिजुंजिय अभिभवति २, से णं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारियं पव्वतिते छहिं जीवनिकाएहिं जाव अभिभवइ ३ । ततो ठाणा ववसियस्स हिताते जाव आणुगामितत्ताते भवंति, तंजहा से णं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारितं पव्वतिते णिग्गंथे पावयणे णिस्संकिते णिक्कंखिते जाव नो कलुससमावन्ने णिग्गंथं पावयणं सद्दहति पत्तियति रोतेति, से परिस्सहे अभिजुंजिय अभिजुंजिय अभिभवंति, नो तं परिस्सहा अभिजुंजिय अभिजुंजिय अभिभवंति १, से णं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारियं पव्वतिते समाणे पंचहिं महव्वत्तेहिं णिस्संकिते जाव परिस्सहे अभिजुंजिय अभिजुंजिय अभिभवंति, नो तं परिस्सहा अभिजुंजिय अभिजुंजय अभिभवंति २, से णं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारियं पव्वतिते छहिं जीवनिकाएहिं णिस्संकिते जाव परिस्सहे अभिजुंजिय अभिजुंजिय अभिभवंति, नो तं परिस्सहा अभिजुंजिय अभिजुंजिय अभिभवंति ३ । २२४. एगमेगा णं पुढवी तिहिं वलएहिं सव्वओ समंता संपरिक्खिता, तंजहा घणोदधिवलएणं घणवातवलएणं तणुवायवलएणं । २२५. णेरइया णं उक्कोसेणं तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जंति, एगिंदियवज्जं जाव वेमाणियाणं । २२६. खीणमोहस्स णं अरहतो ततो कम्मंसा जुगवं खिज्नंति, तंजहा नाणावरणिज्जं दंसणावरणिज्जं अंतरातियं । २२७. अभितीणक्खत्ते तितारे पन्नत्ते १ । एवं सवणे २, अस्सिणी ३, भरणी ४, मगसिरे ५, पूसे ६, जेट्ठा ७ | २२८. धम्मातो णं अरहाओ संती अरहा तिहिं सागरोवमेहिं तिचउब्भागपलिओवमऊणएहिं वीतिक्कंतेहिं समुप्पन्ने । २२९. समणस्स णं भगवओ महावीरस्स जाव तच्चाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकरभूमी । मल्ली णं अरहा तिहिं पुरिससएहिं सद्धिं मुंडे भवित्ता जाव पव्वतिते, एवं पासे वि । २३०. समणस्स णं भगवतो महावीरस्स तिन्नि सया चउद्दसपुव्वीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्खरसन्निवातीणं जिणो इव अवितहं वागरमाणाणं उक्कोसिया चउद्दसपुव्विसंपया
। २३१. तओ तित्थयरा चक्कवट्टी होत्या, तंजहा संती कुंथू अरो ३ । २३२. ततो गेविज्जविमाणपत्थडा पन्नत्ता, तंजहा हेट्ठिमगेवेज्जविमाणपत्थडे मज्झिमगेवेज्ज विमाणपत्थडे उवरिमगेवेज्जविमाणपत्थडे । हेट्ठिमगेवेज्जविमाणपत्थडे तिविहे पन्नत्ते, तंजहा हेट्टि महेट्ठिमगेवेज्जविमाणपत्थडे हेममज्झिमगेवेज्जविमाणपत्थडे हेट्टिमउवरिमगेवेज्जविमाणपत्थडे । मज्झिमगेवेज्जविमाणपत्थडे तिविधे पन्नत्ते, तंजहा मज्झिमहेट्ठिमगेवेज्जविमाणपत्थडे मज्झिममज्झिमगेवेज्जविमाणपत्थडे मज्झिमउवरिमगेवेज्जविमाणपत्थडे । उवरिमगेवेज्जविमाणपत्थडे तिविधे पन्नत्ते, तंजहा उवरिमहेट्ठिमगेवेज्जविमाणपत्थडे उवरिममज्झिमगेवेज्जविमाणपत्थडे उवरिमउवरिमगेवेज्जविमाणपत्थडे । २३३. जीवा णं तिट्ठाणणिव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताते चिणिसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा, तंजा इत्थिणिव्वत्तिते पुरिसणिव्वत्तिते णपुंसगणिव्वत्तिते । एवं चिण उवचिण बंध उदीर वेद तह णिज्जरा चेव ॥ १४ ॥ २३४. तिपतेसिता खंधा अणंता पण्णत्ता, एवं जाव तिगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पन्नत्ता । ॥ [ तिट्ठाणं समत्तं ] ॥ 55 ४ चउत्थं अज्झयणं 'चउट्ठाणं' पढमो उद्देसओ २३५ चत्तारि अंतकिरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा तत्थ खलु इमा पढमा अंतकिरिया अप्पकम्मपच्चायाते यावि भवति, से णं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारितं पव्वतिते संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले लूहे तीरट्ठी उवहाणवं दुक्खक्खवे तवस्सी, तस्स णं णो तहप्पगारे तवे भवति, णो तधप्पगारा वेयणा भवति, तधप्पगारे पुरिसजाते दी परितातेणं सिज्झति बुज्झति मुच्चति परिणिव्वाति सव्वदुक्खाणमंतं करेइ, जहा से भरहे राया चाउरंतचक्कवट्टी, पढमा अंतकिरिया १ । अहावरा दोच्चा अंतकिरिया महाकम्मपच्चायाते यावि भवति, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारितं पव्वतिते संजमबहुले संवरबहुले जाव उवधाणवं दुक्खक्खवे तवस्सी, तस्स णं तहप्पगारे तवे भवति तहप्पगारा वेयणा भवति, तहप्पगारे पुरिसजाते निरुद्धेणं परितातेणं सिज्झति जाव अंतं करेति, जहा से गतसूमाले अणगारे, दोच्चा अंतकिरिया २ । अहावरा तच्चा अंतकिरिया महाकम्मपच्चायाते यावि भवति, से णं मुडे भवित्ता अगारातो अणगारियं पव्वतिते, जहा दोच्चा, नवरं दीहेणं परिताते सिज्झति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेति, जहा से सणकुमारे राया चाउरंतचक्कवट्टी, तच्चा अंतकिरिया ३ । अहावरा चउत्था अंतकिरिया अप्पकम्मपच्चायाते यावि ॐ श्री आगमगुणमंजूषा - १२१
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(३) ठाण ४ - अ. चउट्टाण उ.१
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भवति, सेणं मुंडे भवित्ता जाव पव्वतिते संजमबहुले जाव तस्सणं णोतहप्पगारे तवे भवति णो तहप्पगारा वेयणा भवति, तहप्पगारे पुरिसजाते णिरुद्धणं परितातेणं सिज्झति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेति, जहा सा मरुदेवा भगवती, चउत्था अंतकिरिया ४।२३६. चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता, तंजहा उन्नते णाममेगे उन्नते १, उन्नते णाममेगे पणते २, पणते णाममेगे उन्नते ३, पणते नाममेगे पणते ४, ११ एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उन्नत्ते नाममेगे उन्नते, तहेव जाव पणते नाममेगे पणते, २। चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता, तंजहा उन्नते नाममेगे उन्नतपरिणते १, उण्णते नाममेगेपणतपरिणते २, पणते णाममेगे उन्नतपरिणते ३, पणए नाममेगेपणयपरिणए
४, ३ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उन्नते नाममेगे उन्नतपरिणते, चउभंगो ४, ४ । चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता, तंजहा उन्नते णाममेगे उन्नतरूवे, तहेव के चउभंगो ४, ५। एवामेव चतारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उन्नत्ते नामं०४,६। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उन्नते नाममेगे उन्नतमणे, उन्न०४,७। एवं संकप्पे
८, पन्ने ९, दिट्ठी १०, सीलाचारे ११, ववहारे १२, परक्कमे १३, एगे पुरिसजाए, पडिवक्खो नत्थि। चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता, तंजहा उज्जू नाममेगे उज्जू. उज्जू नाममेगे ॐ वंके, चउभंगो ४,१४ । एवामेव चतारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उज्जू नाममेगे ४,१५ । एवं जहा उन्नतपणतेहिं गमो तहा उज्जवंकेहि वि भाणियव्वो जाव परक्कमे ॥
२६।२३७. पडिमापडिवन्नस्स णमणगारस्स कप्पंति चत्तारि भासातो भासित्तए, तंजहा जायणी, पुच्छणी, अणुन्नवणी, पुट्ठस्स वागरणी। २३८. चत्तारिभासाजाता' पन्नत्ता, तंजहा सच्चमेगं भासज्जातं, बीतियं मोसं, ततियं सच्चमोसं, चउत्थं असच्चमोसं ४१२३९. चतारि वत्था पन्नत्ता, तंजहा सुद्धे णाम एगे सुद्धे १, सुद्धे णामं एगे असुद्धे २, असुद्धे णामं एगे सुद्धे ३, असुद्धे णाम एगे असुद्धे ४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सुद्धे णामं एगे सुद्धे, चउभंगो ४ । एवं परिणत-रूवे वत्था सपडिवक्खा । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सुद्धे णामं एगे सुद्धमणे, चउभंगो ४ । एवं संकप्पे जाव परक्कमे । २४०. चत्तारि सुता पन्नत्ता, तंजहा अतिजाते अणुजाते अवजाते कुलिंगाले । २४१. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सच्चे नाम एगे सच्चे, सच्चे नाम एगे असच्चे ४, एवं परिणते जाव परक्कमे । चत्तारि वत्था पन्नत्ता, तंजहा सुती नाम एगे सुती, सुई नामं एगे असुई, चउभंगो ४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सुती णाम एगे सुती, चउभंगो । एवं जहेव सुद्धेणं
वत्थेणं भणितं तहेव सुतिणा वि, जाव परक्कमे । २४२. चत्तारि कोरवा पन्नत्ता, तंजहा अंबपलंबकोरवे तालपलंबकोरवे वल्लिपलंबकोरवे मेंढविसाणकोरवे । एवामेव ॥ चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अंबपलंबकोरवसमाणे तालपलंबकोरवसमाणे वल्लिपलंबकोरवसमाणे मेंढविसाणकोरवसमाणे । २४३. चत्तारि घुणा पन्नत्ता, तंजहा तयक्खाते छल्लिक्खाते कट्ठक्खाते सारक्खाते । एवामेव चत्तारि भिक्खागा पन्नत्ता, तंजहा तयक्खायसमाणे जाव सारक्खातसमाणे । तयक्खातसमाणस्स णं भिक्खागस्स सारक्खातसमाणे तवे पण्णत्ते, सारक्खायसमाणस्स णं भिक्खागस्स तयक्खातसमाणे तवे पण्णते, छल्लिक्खायसमाणस्स णं भिक्खागस्स कट्ठक्खायसमाणे तवे पण्णत्ते, कढक्खायसमाणस्स णं भिक्खागस्स छल्लिक्खायसमाणे तवे पण्णत्ते । २४४. चउव्विहा तणवणस्सतिकाइया पन्नत्ता, तंजहा अग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंधबीया । २४५. चउहि ठाणेहिं अहुणोववन्ने णेरइए णिरयलोगंसि इच्छेज्जा माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तते, णो चेव णं संचातेति हव्वमागच्छित्तते। अहणोववन्ने णेरइए णिरयलोगंसि समुन्भूयं वेयणं वेयमाणे इच्छेज्जा माणुसंलोगं हव्वमागच्छित्तते, णो चेवणं संचातेति हव्वमागच्छित्तते १। अहुणोववन्ने णेरइए निरयलोगंसि णिरयपालेहिं भुज्जो भुज्जो अहिट्ठिजमाणे इच्छेज्ना माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तते, णो चेवणं संचातेति हव्वमागच्छित्तते २ । अहणोववन्ने णेरइए णिरयवेयणिजसि कम्मंसि अक्खीणंसि अवेतितंसि अणिज्जिन्नंसि इच्छेज्जा माणुसंलोग हव्वमागच्छित्तते, नो चेवणं संचाएइ हव्वमागच्छित्तते ३। एवं णिरयाउअंसि कम्मंसि अक्खीणंसि जाव णो चेव णं संचातेति हव्वमागच्छित्तते ४ । इच्चेतेहिं चउहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने नेरतिते जाव नो चेव णं संचातेति
हव्वमागच्छित्तए ४।२४६. कप्पंति णिग्गंथीणं चत्तारि संघाडीओ धारित्तए वा परिहरित्ततेवा, तंजहा एगंदुहत्थवित्थारं, दो तिहत्यवित्थाराओ, एगं चउहत्थवित्थारं म । २४७. चत्तारि झाणा पन्नत्ता, तंजहा अट्टे झाणे, रोद्दे झाणे, धम्मे झाणे, सुक्के झाणे । अट्टे झाणे चउव्विहे पन्नत्ते, तंजहा अमणुन्नसंपओगसंपउत्ते तस्स
विप्पओगसतिसमण्णागते यावि भवति १, मणुन्नसंपओगसंपउत्ते तस्स अविप्पओगसतिसमण्णागते यावि भवति २, आतंकसंपओगसंपउत्ते तस्स versof55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १२२5555555555555555555555555OOR
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(३) ठाणं ४ अ. चउद्वाणं उ१ [२५]
विप्पओगसतिसमण्णागते यावि भवति ३, परिजुसितकामभोगसंपओगसंपउत्ते तस्स अविप्पओगसतिसमण्णागते यावि भवति ४ । अट्टस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता, तंजहा कंदणता सोतणता तिप्पणता परिदेवणता । रोद्दे झाणे चउव्विहे पन्नत्ते, तंजहा हिंसाणुबंधि मोसाणुबंधि तेणाणुबंधि सारक्खणाणुबंधि । रोद्दस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता, तंजहा ओसण्णदोसे बहुदोसे अन्नाणदोसे आमरणंतदोसे। धम्मे झाणे चउव्विहे चउप्पदोयारे पन्नत्ते, तंजहा आणाविजते अवायविजते विवागविजते संठाणविजते । धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता, तंजहा आणारुई णिसग्गरूई सुत्तरुई ओगाढरुई । धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पन्नत्ता, तंजहा वायणा पडिपुच्छणा परियट्टणा अणुप्पेहा। धमस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पन्नत्ताओ, तंजहा एगाणुप्पेहा अणिच्चाणुप्पेहा असरणाणुप्पेहा संसाराणुप्पेहा। सुक्के झाणे चउव्विहे चउप्पओआरे पन्नत्ते, तंजहा पुहत्तवितके सवियारी १, एगत्तवितक्के अवियारी २, सुहु मकिरिए अणियट्टी ३, समुच्छिन्नकिरिए अप्पडिवाती ४ । सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता, तंजहा अव्वहे असम्मोहे विवेगे विउस्सग्गे । सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पन्नत्ता, तंजहा खंती मुत्ती मद्दवे अज्जवे । सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पन्नत्ताओ, तंजहा अणंतवत्तियाणुप्पेहा विप्परिणामाणुप्पेहा असुभाणुप्पेहा अवायाणुप्पेहा । २४८. चउव्विहा देवाण ठिती पन्नत्ता, तंजहा देवे णामेगे १, देवसिणाते नामेगे २, देवपुरोहिते नामेगे ३, देवपज्जलणे नामेगे ४ । चउव्विधे संवासे पन्नत्ते, तंजहा देवे णामेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, देवे णामेगे छवीते सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, छवी णामेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, छवी णामेगे छवी सद्धिं संवासं गच्छेज्जा । २४९. चत्तारि कसाया पन्नत्ता, तंजहा कोधकसाए माणकसाए मायाकसाए लोभकसाए। एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं २४ । उपति को पत्ते, तंजा आलपतिट्ठिते परपतिट्ठिए तदुभयपतिट्ठिते अपतिट्ठिए। एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं २४ । एवं जाव लोभे वेमाणियाणं २४ । चउहिं ठाणेहिं कोप्पत्ती सिता, तंजहा खेत्तं पडुच्चा, वत्युं पडुच्चा, सरीरं पडुच्चा, उवहिं पडुच्चा । एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं २४ । एवं जाव लोभे वेमाणियाणं २४ । चउव्विधे को पन्नत्ते, तंजहा अणंताणुबंधिकोधे, अपच्चक्खाणे कोधे, पच्चक्खाणावरणे कोधे, संजलणे कोधे । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं २४ । एवं जाव लोभे वेमाणियाणं २४ । चउव्विहे कोधे पन्नत्ते, तंजहा आभोगणिव्वत्तिते अणाभोगणिव्वत्तिते उवसंते अणुवसंते। एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं २४ । एवं जाव लोभे जाव वेमाणियाणं २४ । २५०. जीवा णं चउहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिसु, तंजहा कोहेणं माणेणं मायाए लोभेणं । एवं जाव वेमाणियाणं २ । एवं चिणंति एस दंडओ, एवं चिणिस्संति एस दंडओ, एवमेतेणं तिन्नि दंडगा । एवं उवचिणिसु उवचिणंति उवचिणिस्संति, बंधिसु ३, उदीरिंसु ३, वेदेंसु ३, निज्जरेसुं णिज्जरेति निज्जरिस्संति, जाव वेमाणियाणं । एवमेक्वेक्के पदे तिन्नि तिन्नि दंडगा भाणियव्वा जाव निज्जरिस्संति । २५१. चत्तारि पडिमाओ पन्नत्ताओ, तंजहा समाहिपडिमा उवहाणपडिमा विवेगपडिमा विउस्सग्गपडिमा । चत्तारि पडिमाओ पन्नत्ताओ, तंजहा भद्दा सुभद्दा महाभद्दा सव्वतोभद्दा । चत्तारि पडिमातो पन्नत्ताओ, तंजहा खुड्डिया मोयपडिमा, महल्लिया मोयपडिमा जवमज्झा वइरमज्झा । २५२. चत्तारि अत्थिकाया अजीवकाया पन्नत्ता, तंजहा धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए । चत्तारि अत्थिकाया अरूविकाया पन्नत्ता, तंजहा धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए । २५३. चत्तारि फला पन्नत्ता, तंजहा आमे णामं एगे आममहुरे १, आमे णामेगे पक्कमहुरे २, पक्के णामेगे आममहुरे ३, पक्के णामेगे पक्कमहुरे ४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा आमे णामेगे आममहुरफलमा ४। २५४. चउव्विहे सच्चे पन्नत्ते, तंजहा काउज्जुयया भासुज्जुयया भावज्जुयता अविसंवायणाजोगे । चउव्विहे मोसे पन्नत्ते, तंजहा कायअणुज्जुयता भास अणुज्नुयता भाव अणुज्यता विसंवादणाजोगे । २५५. चउव्विहे पणिहाणे पन्नत्ते, तंजहा मणपणिधाणे वइपणिधाणे कायपणिधाणे उवकरणपणिधाणे। एवं णेरइयाणं, पंचेद्रियाणं जाव वेमाणियाणं । चउव्विहे सुप्पणिहाणे पन्नत्ते, तंजहा मणसुप्पणिहाणे जाव उवगरणसुप्पणिहाणे । एवं संजयमणुस्साण वि । चउव्विहे दुप्पणिहाणे पन्नत्ते, तंजा मणदुप्पणिहाणे जाव उवकरणदुप्पणिहाणे। एवं पंचेदियाणं जाव विमाणियाणं । २५६. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा आवातभद्दते णामेगे णो संवासभद्दते १, संवासभद्दते णामेगे णो आवातभद्दए २, एगे आवातभद्दते वि संवासभद्दते वि ३, एगे णो आवातभद्दते नो संवासभद्दए ४ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अप्पणो
05 श्री आगमगुणमजूषा - १२३
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(३) ठाणं ४ -अ. चउट्ठाणं उ-१ [२६]
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राणामेगे वज्जं पासति, णो परस्स १, परस्स णामेगे वज्जं पासति । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अप्पणो णामेगे वज्जं उदीरेति, णो परस्स ४ । चत्तारि म पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अप्पणो नोमेगे वजं उवसामेति, णो परस्स ४ । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा अब्भुढेइ णामेगे णो अब्भुट्ठावेति । एवं वंदति णामेगेणो
वंदावेति । एवं सक्कारेति, सम्माणेति, पूएइ, वाएइ पडिच्छति, पुच्छति, वागरेति । सुत्तधरे णामेगे णो अत्थधरे, अत्थधरे णामेजे णो सुत्तधरे ४।२५७, चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो चत्तारि लोगपाला पन्नत्ता, तंजहा सोमे जमे वरुणे वेसमणे । एवं बलिस्स वि सोमे जमे वेसमणे बरुणे। धरणस्स कालपाले कोलपाले सेलवाले संखवाले। भूताणंदस्स कालपाले कोलपाले संखवाले सेलवाले । वेणुदेवस्स चित्ते विचित्ते चित्तपक्खे विचित्तपक्खे वेणुदालिस्स चित्ते विचित्ते विचित्तपक्खे चित्तपक्खे। हरिस्स पभे सुप्पभे पभकंते सुप्पभकते। हरिसहस्स पभे सुप्पभे सुप्पभकंते पभकंते। अग्गिसिहस्स तेउ तेउसिहे तेउकंते तेउप्पभे । अग्गिमाणवस्स तेऊ तेउसिहे तेउप्पभे तेउकंते । पुन्नस्स रुते रुतंसे रुतकंते रुतप्पभे । एवं विसिट्ठस्स रुते रुतंसे रुयप्पभे रुयकंते । जलकंतस्स जले जलरते जलकंते जलप्पभे । जलप्पभस्स जले जलरते जलप्पभे जलकंते। अभितगतिस्स तुरियगति खिप्पगती सीहगती सीहविक्कमगती। अमितवाहणस्स तुरियगती खिप्पगती सीहविक्कमगती सीहगती । वेलंबस्स काले महाकाले अंजणे रिटे। पभंजणस्स काले महाकाले रिढे अंजणे । घोसस्स आवत्ते वियावत्ते णंदियावत्ते महाणंदियावत्ते । महाघोसस्स आवत्ते वियावत्ते महाणंदियावत्ते णंदियावत्ते । सक्कस्स सोमे जमे वरुणे वेसमणे । ईसाणस्स सोमे जमे वेसमणे वरुणे । एवं एगंतरिता जावच्चुतस्स । चउव्विहा वाउकुमारा पन्नत्ता, तंजहा काले महाकाले वेलेंबे पभंजणे । चउव्विहा देवा पन्नत्ता, तंजहा भवणवासी वाणमंतरा जोतिसिया विमाणवासी । २५८.चउव्विहे पमाणे पन्नत्ते, तंजहा दव्वप्पमाणे खेत्तप्पमाणे कालप्पमाणे भावप्पमाणे। २५९. चत्तारि दिसाकुमारिमहत्तरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा रूया रूयंसा सुरूवा रूयावती। चत्तारि विज्जुकुमारिमहत्तरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा चित्ता चित्तकणगा सतेरा सोतामणी। २६०. सक्कस्सणं देविंदस्स देवरन्नो मज्झिमपरिसाते देवाणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता । ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो मज्झिमपरिसाते देवीणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता । २६१. चउव्विहे संसारे पन्नत्ते, तंजहा दव्वसंसारे
खेत्तसंसारे कालसंसारे भावसंसारे । २६२. चउव्विहे दिट्ठिवाते पन्नत्ते, तंजहा परिकम्मं सुत्ताइं पुव्वगए अणुजोगे । २६३. चउन्विहे पायच्छित्ते पन्नत्ते, तंजहा णाणपायच्छित्ते दंसणपायच्छित्ते चरित्तपायच्छित्ते वियत्तकिच्चे १ । चउविहे पायच्छित्ते पन्नत्ते, तंजहा पडिसेवणापायच्छित्ते संजोयणापायच्छित्ते आरोवणापायच्छित्ते पलिउंचणापायच्छित्ते २१ २६४. चउविहे काले पन्नत्ते, तंजहा पमाणकाले अधाउणिव्वत्तिकाले मरणकाले अद्धाकाले । २६५. चउव्विहे पोग्गलपरिणामे पन्नत्ते, तंजहा-वन्नपरिणामे गंधपरिणामे रसपरिणामे फासपरिणामे । २६६. भरहेरवतेसुणं वासेसु पुरिमपच्छिमवज्जा मज्झिमगा बावीसं अरहंता भगवंतो चाउज्जामं धम्मं पण्णवयंति, तंजहा सव्वातो पाणातिवातातो वेरमणं, एवं मुसावादाओ वेरमणं, सव्वातो अदिन्नादाणाओ वेरमणं सव्वातो बहिद्धादाणातो वेरमणं । सव्वेसु विणं महविदेहेसु अरहंता भगवंतो चाउज्जामं धम्मं पण्णवयंति, तंजहा सव्वातो पाणातिवाताओ वेरमणं जाव सव्वातो बहिद्धादाणाओ वेरमणं । २६७. चत्तारि दुग्गतीतो पन्नत्ताओ, तंजहा णेरइयदुग्गती तिरिक्खजोणियदुग्गती मणुस्सदुग्गई देवदुग्गई । चत्तारि सोग्गईओ पन्नत्ताओ, तंजहा सिद्धसोग्गती देवसोग्गती मणुयसोग्गती सुकुलपच्चायाति । चत्तारि दुग्गता पन्नत्ता, तंजहा नेरइयदुग्गता तिरिक्खजोणियदुग्गता मणुस्सदुग्गता देवदुग्गता । चत्तारि सोग्गता पन्नत्ता, तंजहा सिद्धसोग्गता जाव सुकुलपच्चायाया । २६८. पढमसमयजिणस्सणं चत्तारि कम्मंसा खीणा भवंति, तंजहा णाणावरणिज्जं दंसणावरणिज्जं मोहणिज्ज अंतराइतं । उप्पन्ननाणदंसणधरे णं अरहा जिणे केवलि चत्तारि कम्मंसे वेदेति, तंजहा वेदिणिज्ज आउयं णामं गोतं । पढमसमयसिद्धस्स णं चत्तारि कम्मंसा जुगवं खिज्जति, तंजहा वेयणिज्जं आउयं णामं गोतं । २६९. चउहि ठाणेहिं हासुप्पत्ती सिता, तंजहा पासेत्ता भासेत्ता सुणेत्ता संभरेत्ता । २७०. चउब्विहे अंतरे पन्नत्ते,
तंजहा कटुंतरे पम्हंतरे लोहंतरे पत्थरंतरे । एवामेव इत्थिए वा पुरिसस्स वा चउव्विहे अंतरे पन्नत्ते, तंजहा कटुंतरसमाणे पम्हंतरसमाणे लोहंतरसमाणे पत्थरंतरसमाणे म श् । २७१. चत्तारि भयगा पन्नत्ता, तंजहा दिवसभयते जत्ताभयते उच्चत्तभयते कब्बालभयते । २७२. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा संपागडपडिसेवी णामेगे णो MOO$$$ $555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १२४॥55555555555545FFESTORE
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(३) ठाणं
-अ. चउट्ठाणं उ-१-२[२७]
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पच्छन्नपडिसेवी, पच्छन्नपडिसेवी णामेगे णो संपागडपडिसेवी एगे संपागड़पडिसेवी वि पच्छन्नपडिसेवी वि, एगे णो संपागडपडिसेवी णो पच्छन्नपडिसेवी। २७३. चमरस्सणं असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा कणगा कणगलता चित्तगुत्ता वसुंधरा । एवं जमस्स वरुणस्स वेसमणस्स । बलिस्स णं वतिरोयणिंदस्स वतिरोयणरन्नो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा मित्तगा सुभद्दा विज्जुता असणी । एवं जमस्स वेसमणस्स वरुणस्स । धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररन्नो कालवालस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा असोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा । एवं जाव संखवालस्स । भूताणंदस्सणं णागकुमारिदस्स णागकुमाररन्नो कालवालस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा सुणंदा सुभद्दा सुजाता सुमणा । एवं जाव सेलवालस्स । जहा धरणस्स एवं सव्वेसिं दाहिणिदलोगपालाणं जाव घोसस्स । जहा भूताणंदस्स एवं जाव महाघोसस्स लोगपालाणं । कालस्सणं पिसातिदस्स पिसायरन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा कमला कमलप्पभा उप्पला सुदंसणा। एवं महाकालस्स वि। सुरूवस्सणं भूतिंदस्स भूतरन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा रूववती बहुरूवा सुरूवा सुभगा, एवं पडिरूवस्स वि। पुण्णभहस्सणंजक्खिंदस्स जक्खरन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा पुत्ता बहुपुत्तिता उत्तमा तारगा। एवं माणिभद्दस्स वि । भीमस्स णं रक्खसिंदस्स रक्खसरन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा पउमा वसुमती कणगा रतणप्पभा । एवं महाभीमस्स वि। किंनरस्स णं किंनरिंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा वडेंसा केतुमती रतिसेणा रतिप्पभा, एवं किंपुरिसस्स वि । सप्पुरिसस्स णं किंपुरिसिंदस्स किंपुरिसरन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा रोहिणी णवमिता हिरी पुप्फवती, एवं महापुरिसस्स वि। अतिकायस्स णं महोरगिंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा भुयगा भुयगवती महाकच्छा फुडा एवं महाकायस्स वि | गीतरतिस्स णं गंधव्विंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा सुघोसा विमला सुस्सरा सरस्सती, एवं गीयजसस्स वि । चंदस्स णं जोतिसिंदस्स जोतिसरन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा । एवं सूरस्स वि, णवरं सूरप्पमा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा । इंगालगस्स णं महग्गहस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा विजया वेजयंती जयंती अपराजिता । एवं सव्वेसिं महग्गहाणं जाव भावकेउस्स । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो
चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा रोहिणी मयणा चित्तासोमा। एवं जाव वेसमणस्स। ईसाणस्सणं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ है पन्नत्ताओ, तंजहा पुढवी राती रयणी विजू । एवं जाव वरुणस्स। २७४. चत्तारि गोरसविगतीओ पन्नत्ताओ, तंजहा खीरं दहिं सप्पिंणवणीतं । चत्तारि सिणेहविगतीओ
पन्नत्ताओ, तंजहा तेल्लं घयं वसा णवणीतं । चत्तारि महाविगतीओ पन्नत्ताओ, तंजहा महु मंसं मज्जं णवणीतं । २७५. चत्तारि कूडागारा पन्नत्ता, तंजहा गुत्ते णामं एगे। गुत्ते, गुत्ते णामं एगे अगुत्ते, अगुत्ते णाम एगे गुत्ते, अगुत्ते णाम एगे अगुत्ते । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा गुत्ते णाममेगे गुत्ते ४ । चत्तारि कूडागारसालाओ पन्नत्ताओ, तंजहा गुत्ता णाममेगा गुत्तदुवारा, गुत्ता णाममेगा अगुत्तदुवारा, अगुत्ता णाममेगा गुत्तदुवारा, अगुत्ता णाममेगा अगुत्तदुवारा । एवामेव चत्तारि इत्थीओ पन्नत्ताओ, तंजहा गुत्ता नाममेगा गुत्तिदिता, गुत्ता णाममेगा अगुत्तिदिता ४ । २७६. चउव्विहा ओगाहणा पन्नत्ता, तंजहा दव्वोगाहणा खेत्तोगाहणा कालोगाहणा भावोगाहणा। २७७. चत्तारि पन्नत्तीओ अंगबाहिरियातो पन्नत्ताओ, तंजहा चंदपन्नत्ती सुरपन्नत्ती जंबुदीवपन्नत्ती दीवसागरपन्नत्ती ।। [चउट्ठाणस्स पढमो उद्देसओ] ॥★★★ठाणंगसुत्ते चउत्थे अज्झयणे चउट्ठाणे बीओ उद्देसओ ★★★२७८. चत्तारि पडिसंलीणा पन्नत्ता, तंजहा कोधपडिसलीणे माणपडिसंलीणे मायापडिसलीणे लोभपडिसंलीणे । चत्तारि अपडिसंलीणा पन्नत्ता, तंजहा कोधअपडिसंलीणे जाव लोभअपडिसंलीणे । चत्तारि पडिसंलीणा पन्नत्ता, तंजहा मणपडिसंलीणे वतिपडिसंलीणे कायपडिसंलीणे इंदियपडिसंलीणे । चत्तारि अपडिसलीणा पन्नत्ता, तंजहा मणअपडिसलीणे जाव इंदियअपडिसंलीणे ४ । २७९. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दीणे णाममेगे दीणे, दीणे णाममेगे अदीणे, अदीणे णाममेगे दीणे, अदीणे णाममेगे अदीणे १ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता,
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श्री आगमगुणमंजूषा - १२५॥5555555555555555555$OOR
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(३) ठाणं ४ अ. चउद्वाणं उ -२ (२८]
तंजहा दीणे णाममेगे दीणपरिणते, दीणे णाम एगे अदीणपरिणते, अदीणे णामं एगे दीणपरिणते, अदीणे णाममेगे अदीणपरिणते २ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दीणे णाममेगे दीणरूवे, ह्व =४,३। एवं दीणमणे ४, दीणसंकप्पे ५, दीणपन्ने ६, दीणदिट्ठी७, दीणसीलाचारे ८, दीणववहारे ९ । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा-दीणे णाममेगे दीणपरक्कमे, दीणे णाममेगे अदीण परक्कमे , ह [४], १० । एवं सव्वेसिं चउभंगो भाणितव्वो । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दीणे णाममेगे दीणवित्ती ४,११ । एवं दीणजाती १२, दीणभासी १३, दीणोभासी १४ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दीणे णाममेगे दीणेसेवी, ह्र [४] १५। एवं दीणे णाममेगे दीणपरियाए @ [४], १६ । एवं दीणे णाममेगे दीणपरियाले ह्व [४], १७। सव्वत्थ चउभंगो। २८०. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अज्जे णाममेगे अज्ने ४,१ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अज्जे णाममेगे अज्जपरिणते ४,२ । एवं अज्जरूवे ३, अज्जमणे ४, अज्जसंकप्पे ५, अज्जपन्ने ६, अज्जदिट्ठी ७, अज्जसीलाचारे ८, अज्जववहारे ९, अज्जपरक्कमे १०, अज्जवित्ती ११, अज्जजाती १२, अज्जभासी १३, अज्जओभासी १४, अज्जसेवी १५, एवं अज्जपरियाए १६, अज्जपरियाले १७, एवं सत्तरस आलावगा १७ जहा दीणेणं भणिया तहा अजेण वि भाणियव्वा । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अज्जे णाममेगे अज्जभावे, अज्जे नाममेगे अणज्जभावे, अणजे नाममेगे अज्जभावे, अणज्ने नाममेगे अणज्जभावे १८ । २८१ (१) चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने कुलसंपन्ने बलसंपन्ने रूवसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने जाव रूवसंपन्ने १ । चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने णामं एगे नो कुलसंपण्णे,
कुलसंपन्ने नामं एगे नो जाइसंपन्ने, एगे जातिसंपन्ने वि कुलसंपन्ने वि, एगे नो जातिसंपन्ने नो कुलसंपन्ने । एवामेव चत्तारि पुरिसज्जाया पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने ट्रक म [४],२। चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नामं एगे नो बलसंपन्ने ट्क [४] । एवामेव चत्तारि पुरिसज्जाया पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने ४, ३ । चत्तारि
उसभा पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नामं एगे नो रूवसंपन्ने ट्क [=४] । एवामेव चत्तारि पुरिसज्जाया पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नाम एगे नो रूवसंपन्ने, रूवसंपन्ने नामं एगे ह्व [४], ४ । चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तंजहा कुलसंपन्ने नामं एगे नो बलसंपन्ने ह्व [४] । एवामेव चत्तारि पुरिसज्जाया पन्नत्ता, तंजहा कुलसंपन्ने नाममेगे नो बलसंपन्ने ह्व [४],५। चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तंजहा कुलसंपन्ने णाममेगे णो रूवसंपन्ने ह्व [-४] । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा कुल संपन्ने णाममेगे णो रूवसंपन्ने ह्व [४], ६ । चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तंजहा बलसंपन्ने णामं एगे नो रूवसंपन्ने ह [४] । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा बलसंपन्ने णाममेगे नो रूवसंपन्ने ह्व [४],७१२ चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तंजहा भद्दे मंदे मिते संकिन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा भद्दे मंदे मिते संकिन्ने। चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तंजहा भद्दे णाममेगे भद्दमणे, भद्दे णाममेगे मंदमणे, भद्दे णाममेगे मियमणे, भद्दे नाममेगे संकिन्नमणे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा भद्दे णाममेगे भद्दमणे, भद्देणाममेगे मंदमणे, भद्दे णाममेगे मियमणे, भद्दे णाममेगे संकिन्नमणे। चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तंजहा मंदे णाममेगे भद्दमणे, मंदे नाममेगे मंदमणे, मंदे णाममेगे मितमणे, मंदे णाममेगे संकिन्नमणे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा मंदे णाममेगे भद्दमणे तं चेव । चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तंजहा-मिते णाममेगे भद्दमणे, मिते णाममेगे मंदमणे, मिते णाममेगे मियमणे, मिते णाममेगे संकिन्नमणे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा-मिते णाममेगे भद्दमणे तं चेव । चत्तारि
हत्थी पन्नत्ता, तंजहा संकिण्णे नाममेगे भद्दमणे, संकिन्ने नाममेगे मंदमणे, संकिन्ने नाममेगे मियमणे, संकिन्ने णाममेगे संकिन्नमणे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, म तंजहा संकिन्ने नाममेरो भद्दमणे तं चेव जाव संकिन्ने नाममेगे संकिन्नमणे । “मधुगुलियपिंगलक्खो अणुपुव्वसुजायदीहणंगूलो। पुरओ उदग्गधीरो सव्वंगसमाधितो
भद्दो" ||१५|| "चलबहलविसमचम्मो थुल्लसिरोथूलएण पेएण। थूलणह-दंत-वालो हरिपिंगललोयणो मंदो' ।।१६।। "तणुओ तणुतग्गीवो तणुयततो तणुयदंतFणह-वालो । भीरू तत्थुव्विग्गो तासी य भवे मिते णाम" ।।१७।। एतेसिं हत्थीणं थोव-थोवं तु जो अणुहरति हत्थी। रूवेण व सीलेण व सो संकिन्नो त्ति णायव्वो" ॐ ॥१८॥ “भद्दोमज्जति सरए मंदो उण मज्जते वसंतम्मि। मिओमज्जति हेमंते संकिन्नो सव्वकालम्मि'||१९||२८२. (१) चत्तारि विकहाओ पन्नत्ताओ, तंजहा इत्थिकहा
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(३) ठाणं ४ -अ. चउट्ठाणं उ-२
[२९]
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P भत्तकहा देसकहा रायकहा । इत्थिकहा चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा इत्थीणं जाइकहा, इत्थीणं कुलकहा, इत्थीणं रूवकहा, इत्थीणं णवत्थकहा । भत्तकहा चउब्विहा 卐 पन्नत्ता, तंजहा भत्तस्स आवावकहा, भत्तस्स णिव्वावकहा, भत्तस्स आरंभकहा, भत्तस्स निट्ठाणकहा। देसकहा चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा देसविहिकहा देसविकप्पकहा
देसच्छंदकहा देसनेवत्थकहा । रायकहा चउब्विहा पन्नता, तंजहा रन्नो अतिताणकहा, रन्नो निज्जाणकहा, रन्नो बलवाहणकहा, रन्नो कोस-कोट्ठागारकहा। (२) चउव्विहा कहा पन्नत्ता, तंजहा अक्खेवणी विक्खेवणी संवेगणी निव्वेगणी। अक्खेवणी कहा चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा आयारक्खेवणी ववहारक्खेवणी पन्नत्तिक्खेवणी दिट्टिवातअक्खेवणी। विक्खेवणी कहा चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा ससमयं कहेति, ससमयं कहेत्ता परसमयं कहेति १, परसमयं कहेत्ता ससमयं ठावतित्ता भवति २, सम्मावातं कहेति, सम्मावातं कहेत्ता मिच्छावातं कहेति ३, मिच्छावातं कहेत्ता सम्मावातं ठावतित्ता भवति ४ । संवेगणी कथा चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा इहलोगसंवेगणी परलोगसंवेगणी आतसरीरसंवेगणी परसरीरसंवेगणी । णिव्वेगणी कहा चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा इहलोगे दुच्चिन्ना कम्मा इहलोगे दुहफलविवागसंजुत्ता भवंति १,
इहलोगे दुच्चिन्ना कम्मा परलोगे दुहफलविवागसंजुत्ता भवंति २, परलोगे दुच्चिन्ना कम्मा इहलोगे दुहफलविवागसंजुत्ता भवंति ३, परलोगे दुच्चिन्ना कम्मा परलोगे ई दुहफलविवागसंजुत्ता भवंति ४, इहलोगे सुचिन्ना कम्मा इहलोगे सुहफलविवागसंजुत्ता भवंति १, इहलोगे सुचिन्ना कम्मा परलोगे सुहफलविवागसंजुत्ता भवंति २,
एवं चउभंगो तहेव । २८३. चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा किसे णाममेगे किसे, किसे णाममेगे दढे, दढे णाममेगे किसे, दढे णाममेगे दढे। चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा किसे णाममेगे किससरीरे, किसेणाममेगे दढसरीरे, दढे णाममेगे किससरीरे, दढे णाममेगे दढसरीरे ४ । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा किससरीरस्स नाममेगस्सणाणदंसणे समुप्पज्जति णो दढसरीरस्स, दढसरीरस्स णाम एगस्स णाणदंसणे समुप्पज्जति णो किससरीरस्स, एगस्स किससरीरस्स विणाणदंसणे समुप्पज्जति दढसरीरस्स वि, एगस्स नो किससरीरस्स णाणदंसणे समुप्पज्जति णो दढसरीरस्स । २८४. चउहि ठाणेहिं निग्गथाणं वा निग्गंथीण वा अस्सिं समयंसि अतिसेसे नाणदंसणे समुप्पजिउकामे वि न समुप्पज्जेज्जा, तंजहा अभिक्खणं अभिक्खणमित्थिकहं भत्तकहं देसकहं रायकहं कहेत्ता भवति १, विवेगेणं विउसग्गेणं णो सम्ममप्पाणं भाविता भवति २, पुव्वरत्तावरतकालसमयंसि णो धम्मजागरितं जागरतित्ता भवति ३, फासुयस्स एसणिज्जस्स उंछस्स सामुदाणियस्स णो सम्मं गवेसित्ता भवति ४, इच्चेतेहिं चउहि ठाणेहिं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा जाव नो समुप्पज्जेज्जा । चउहि ठाणेहिं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा अतिसेसे णाणदंसणे समुप्पज्जिउकामे समुप्पज्जेज्जा, तंजहा इत्थीकहं भत्तकह देसकहं रायकहं णो कहेत्ता भवति, विवेगेणं विउसग्गेणं सम्ममप्पाणं भावेत्ता भवति, पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरितं जागरतित्ता भवति, फासुयस्स एसणिज्जस्स उंछस्स सामुदाणियस्स सम्मं गवेसित्ता भवति, इच्चेतेहिं चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा जाव समुप्पज्जेज्जा । २८५. नो कप्पति निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा चउहि महापाडिवतेहिं सज्झायं करेत्तए, तंजहा आसाढपाडिवते इंदमहपाडिवते कत्तियपाडिवते सुगिम्हपाडिवते । णो कप्पति निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा चउहिं संझाहिं सज्झायं करेत्तए, तंजहा पढमाते पच्छिमाते मज्झण्हे अड्डरत्ते । कप्पति निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा चाउक्कालं सज्झायं करेत्तए, तंजहा पुव्वण्हे अवरण्हे पओसे पच्चूसे । २८६. चउब्विहा लोगद्विती पन्नत्ता, तंजहा आगासपतिट्ठिए वाते, वातपतिट्ठिए उदधी, उदधिपतिट्ठिया पुढवी, पुढविपइट्ठिया तसा थावरा पाणा । २८७. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा तहे नाममेगे, नोतहे नाममेगे, सोवत्थी नाममेगे, पधाणे नाममेगे ४,१। चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा आयंतकरे नाममेगे णो परंतकरे १, परंतकरे णाममेगे णो आतंतकरे २,
एगे आतंतकरे वि परंतकरे वि ३, एरो णो आतंतकरे णो परंतकरे ४,२। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा आतंतमे नाममेगे नो परंतमे, परंतमे नाम एगे ह्व [४] 1 ,३। चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा आयंदमे नाममेगेणो परंदमे ह्व [४], ४१२८८. चउव्विधा गरहा पन्नत्ता, तंजहा उवसंपज्जामित्तेगा गरहा, वितिगिच्छामित्तेगा मगरहा, जं किंचि मिच्छामीत्तेगा गरहा, एवं पि पन्नत्तेगा गरहा। २८९. चत्तारि पुरिसजाया पन्नता, तंजहा अप्पणो नाममेगे अलमंथू भवति णो परस्स, परस्स नाममेगे २ अलमंथू भवति णो अप्पणो, एगे अप्पणो वि अलमंथू भवति परस्स वि, एगे नो अप्पणो अलमं भवति णो परस्स १ । चत्तारि मग्गा पन्नत्ता, तंजहा उज्जू नाममेगे AnuraPoy PL- Le LeucceEE
श्री आगमगणमजूषा-150555555555555555555555555555OOR
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(३) ठाण ४-अ. चउट्ठाणं उ-२
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उज्जू, उज्जू नाममेगे वंके, वंके नाममेगे उज्जू, वंके नाममेगे वंके २। एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उज्जू नाममेगे उज्जू ह्व [४], ३ । चत्तारि मग्गा पन्नत्ता, तंजहा खेमे नाममेगे खेमे, खेमे णाममेगे अखेमे ह्व [38], ४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा खेमे णाममेगे खेमे ह्व [४],५। चत्तारि मग्गा पन्नत्ता, तंजहा खेमे णाममेगे खेमरूवे, खेमे णाममेगे अखेमरूवे ह्र [४], ६ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा खेमे नाममेगे खेमरूवे ह्व [38],७। चत्तारि संबुक्का पन्नत्ता, तंजहा वामे नाममेगे वामावत्ते, वामे नाममेगे दाहिणावत्ते, दाहिणे नाममेगे वामावत्ते, दाहिणे नाममेगे दाहिणावते ८ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा वामे नाममेगे वामावत्ते ह्व [४],९। चत्तारि धूमसिहाओ पन्नत्ताओ, तंजहा वामा नाममेगा वामावत्ता ह्व [=४], १० । एवामेव चत्तारि इत्थीओ पन्नत्ताओ, तंजहा वामा णाममेगा वामावत्ता ह्व [४], ११ । चत्तारि अग्गिसिहाओ पन्नत्ताओ, तंजहा वामा णाममेगा वामावत्ता ह्व [४], १२ । एवामेव चत्तारि इत्थीओ पन्नत्ताओ, तंजहा वामा णाममेगा वामावत्ता ह्व [४], १३ । चत्तारि वायमंडलिया पन्नत्ता, तंजहा वामा णाममेगा वामावत्ता ह [-४], १४ । एवामेव चत्तारि इत्थीओ पन्नत्ताओ, तंजहा वामा णाममेगा वामावत्ता ह्व [-४], १५। चत्तारि वणसंडा पन्नत्ता, तंजहा वामे नाममणा वामावत्ते ह्व [४], १६ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा वामेणाममेगे वामावत्ते ह्व [38],१७।२९०. चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथे णिग्गंथिं आलवमाणे वा संलवमाणे वा णातिक्कमति, तंजहा पंथं पुच्छमाणे वा १, पंथं देसमाणे वा २, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दलयमाणे वा ३, दवावेमाणे वा ४।२९१. तमुक्कायस्स णं चत्तारि नामधेज्जा पन्नत्ता, तंजहा तमे ति वा, तमुक्काते ति वा, अंधगारे ति वा, महंधगारे ति वा । तमुक्कायस्सणं चत्तारिणामधेज्जा पन्नत्ता, तंजहा लोगंधगारेति वा, लोगतमसे ति वा, देवंधगारे ति वा, देवतमसे ति वा । तमुक्कायस्सणं चत्तारि नामधेज्जा पन्नत्ता, तंजहा वातफलिहे ति वा, वातफलिहखोभे ति वा, देवरन्ने ति वा, देववूहे ति वा । तमुक्काते णं चत्तारि कप्पे आवरित्ता चिट्ठति, तंजहा सोधम्ममीसाणं सणंकुमारं माहिंद।२९२. चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा संपागडपडिसेवी णाममेगे, पच्छन्नपडिसेवी णाममेगे, पडुप्पन्ननंदी नाममेगे, णिस्सरणणंदी णाममेगे १ । चत्तारि सेणाओ पन्नत्ताओ, तंजहा जतित्ता णाममेगे णो पराजिणित्ता, पराजिणित्ता णाममेगे णो जतित्ता, एगा जतित्ता वि पराजिणित्ता वि, एगा नो जतित्ता नो पराजिणित्ता २ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जतित्ता नाममेगे नो पराजिणित्ता ह्व [४], ३। चत्तारि सेणाओ पन्नत्ताओ, तंजहा जतित्ता णाममेगा जयति, जतित्ता णाममेगा पराजिणति, पराजिणित्ता णाममेगा जयति, पराजिणित्ता नाममेगा पराजिणति ४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जतित्ता नाममेगे जयति ह [४],५।२९३ (१) चत्तारि केतणा पन्नत्ता, तंजहा वंसीमूलकेतणते मेंढविसाणकेतणते गोमुत्तिकेतणते अवलेहणितकेतणते। एवामेव चउविधा माया पन्नत्ता, तंजहा वंसीमूलकेतणासमाणाजाव अवलेहणितासमाणा। वंसीमूलकेतणासमाण मायं अणुपविटे जीवे कालं करेति णेरइएसुउववज्जति, मेंढविसाणकेतणासमाणं मायमणुपविढे जीवे कालं करेति तिरिक्खजोणितेसु उववज्जति, गोमुत्ति जाव कालं करेति मणुस्सेसुई उववज्जति, अवलेहणिता जाव देवेसु उववज्जति। (२) चत्तारि थंभा पन्नत्ता, तंजहा सेलथंभे अट्ठिथंभे दारुथंभे तिणिसलताथंभे । एवामेव चउम्विधे माणे पन्नते, तंजहा सेलथंभसमाणे जाव तिणिसलताथंभसमाणे । सेलथंभसमाणं माणं अणुपविढे जीवे कालं करेति ने रतिएसु उववज्जति, एवं जाव तिणिसलताथंभसमाणं माणं अणुपविढे जीवे काले करेति देवेसु उववज्जति। (३) चत्तारि वत्था पन्नत्ता, तंजहा किमिरागरत्ते कद्दमरागरत्ते खंजणरागरत्ते हलिहारागरत्ते। एवामेव चउव्विधे लोभे पन्नत्ते, तंजहा किमिरागरत्तवत्थसमाणे कद्दमरागरत्तवत्थसमाणे खंजणरागरत्तवत्थसमाणे हलिद्दरागरत्तवत्थसमाणे । किमिरागरत्तवत्थसमाणं लोभमणुपविढे जीवे कालं करेइ नेरइएसु उववज्जति, तहेव जाव हलिद्दारागरत्तवत्थसमाणं लोभमणुपविढे जीवे कालं करेति देवेसु उववज्जति । २९४. चउव्विहे संसारे पन्नत्ते, तंजहा णेरतियसंसारे जाव देवसंसारे । चउव्विहे आउते पन्नत्ते, तंजहा णेरतिताउते जाव देवाउते । चउब्विहे भवे पन्नत्ते, तंजहा निरतभवे जाव देवभवे । २९५.
चउम्विधे आहारे पन्नत्ते, तंजहा असणे पाणे खाइमे साइमे। चउब्विहे आहारे पन्नत्ते, तंजहा उवक्खरसंपन्ने उवक्खडसंपन्ने समावसंपन्ने परिजुसितसंपन्ने । २९६. १ चउव्विधे बंधे पन्नत्ते, तंजहा पगतिबंधे ठितीबंधे अणुभावबंधे पदेसबंधे । चउव्विधे उवक्कमे पन्नत्ते, तंजहा बंधणोवक्कमे उदीरणोवक्कमे उवसामणोवक्कमे
55 555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - १२८5555555555555555555555IOR
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(३) ठाणं ४ -अ. चउट्टाणं उ-२ [३१]
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विप्परिणामणोवक्कमे । बंधणोवक्कमे चउव्विहे पन्नत्ते, तंजहा पगतिबंधणोवक्कमे ठितिबंधणोवक्कमे अणुभावबंधणोवक्कमे पदेसबंधणोवक्कमे । उदीरणोवक्कमे चउब्बिहे ८ पन्नत्ते, तंजहा-पगतिउदीरणोवक्कमे ठितीउदीरणोवक्कमे अणुभावउदीरणोवक्कमे पदेसउदीरणोवक्कमे। उवसामणोवक्कमे चउबिहे पन्नत्ते, तंजहा पगतिउवसामणोवक्कमे ठितिउवसामणोवक्कमे अणुभावउवसामणोवक्कमे पतेसुवसामणोवक्कमे । विप्परिणामणोवक्कमे चउव्विहे पन्नत्ते, तंजहा पगतिविप्परिणामणोवक्कमे ठितीविष्परिणामणोवक्कमे अणुभावविप्परिणामणोवक्कमे पतेसविप्परिणामणोवक्कमे । चउव्विहे अप्पाबहुए पन्नत्ते, तंजहा पगतिअप्पाबहुए ठितिअप्पाबहुए अणुभावअप्पाबहुए पतेसअप्पाबहुते। चउविहे संकमे पन्नत्ते, तंजहा पगतिसंकमे ठितीसंकमे अणुभावसंकमे पएससंकमे। चउविहे णिधत्ते पन्नत्ते, तंजहा पगतिणिधत्ते ठितिणिधत्ते अणुभावणिधत्ते पएसणिधत्ते । चउविहे णिगातिते पन्नत्ते, तंजहा पगतिणिगातिते ठितिणिगातिते अणुभावणिगातिते पएसणिगातिते। २९७. चत्तारि एक्का पन्नत्ता, तंजहा दविए एक्कत्ते, माउए एक्कते, पज्जवे एक्कते, संगहे एक्कए। चत्तारि कती पन्नत्ता, तंजहा दवितकती माउयकती पज्जवकती संगहकती। चत्तारि सव्वा पन्नत्ता, तंजहा नामसव्वते ठवणसव्वए आदेससव्वते निरवसेससव्वते। २९८. माणुसुत्तरस्सणं पव्वयस्स चउदिसिं चत्तारि कुडा पन्नत्ता, तंजहा रयणे रतणुच्यते सव्वरयणे रतणसंचये। २९९. जंबूदीवे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु तीताते उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाते समाते चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो होत्था। जंबूदीवे दीवे भरहेरवते सु वासेसु इमीए ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो हुत्था। जंबूदीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु आगमेस्साते उस्सप्पिणीते सुसमसुसमाते समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो भविस्सइ। जंबूदीवे दीवे देवकुरुउत्तरकुरुवज्जाओ चत्तारि अकम्मभूमीओ पन्नत्ताओ, तंजहा हेमवते हेरन्नवते हरिवस्से रम्मगवस्से । तत्थ णं चत्तारि वट्टवेयड्डपव्वता पन्नत्ता, तंजहा सद्दावई वियडावई गंधावई मालवंतपरिताते । तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमद्वितीता परिवसंति, तंजहा साती पभासे अरुणे पउमे । जंबूदीवे दीवे महाविदेहे वासे चउविधे पन्नत्ते, तंजहा पुव्वविदेहे अवरविदेहे देवकुरा उत्तरकुरा । सव्वे विणं णिसढ-णीलवंता वासहरपव्वता चत्तारि जोयणसयाई उईउच्चत्तेणं चत्तारि गाउअसताई उव्वेहेणं पन्नत्ता। जंबूदीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं सीताए महानदीए उत्तरे कुले चत्तारि वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा चित्तकूडे पम्हकूडे णलिणकूडे एगसेले। जंबूद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं सीताए महानदीए दाहिणे कुले चत्तारि वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा तिकूडे वेसमणकूडे अंजणे मातंजणे । जंबूद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमेणं सीओदाए महाणतीए दाहिणे कूले चत्तारि वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा अंकावती पम्हावती आसीविसे सुहावहे । जंबूदीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमेणं सीओदाए महाणतीते उत्तरे कूले चत्तारि वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा चंदपव्वते सूरपव्वते देवपव्वते णागपव्वते । जंबूद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स चउसु विदिसासु चत्तारि वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा सोमणसे विज्जुप्पभे गंधमायणे मालवंते । जंबूदीवे दीवे महाविदेहे वासे जहन्नपते चत्तारि अरहता चत्तारि चक्कवट्टी चत्तारि बलदेवा चत्तारि वासुदेवा उप्पज्जिसु वा उप्पज्जति वा उप्पज्जिस्संति वा । जंबूदीवे दीवे मंदरे पव्वते चत्तारि वणा पन्नत्ता, तंजहा भद्दसालवणे नंदणवणे सोमणसवणे पंडगवणे । जंबूद्दीवे दीवे मंदरे पव्वते पंडगवणे चत्तारि अभिसेगसिलाओ पन्नत्ताओ, तंजहा पंडुकंबलसिला अइपंडुकंबलसिलारत्तकंबलसिला अतिरत्तकंबलसिला। मंदरचूलिया णं उवरिं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं पन्नत्ता, एवं धायइसंडदीवपुरथिमद्धे वि कालं आदि करेत्ता जाव मंदरचूलिय त्ति, एवं जाव पुक्खरवरदीवढपच्चत्थिमद्धे जाव मंदरचूलियत्ति जंबूदीवगआवस्सगंतु कालाओ चूलिया जाव धायइसंडे पुक्खरवरे य पुव्वावरे पासे॥२०॥३००.जंबूदीवस्स णं दीवस्स चत्तारि दारा पन्नत्ता, तंजहा विजये वेजयंते जयंते अपराजिते । तेणं दारा चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं तावतितं चेव पवेसेणं पन्नत्ता, तत्थ णं चत्तारि देवा महिइढिया जाव पलिओवमद्वितीता परिवसंति, तंजहा विजते वेजयंते जयंते अपराजिते । ३०१. जंबूद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणणं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स चउसु विदिसासुलवणसमुई तिन्नि तिन्नि जोयणसताइंओगाहित्ता एत्थणं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता, तंजहा एगूरूयदीवे आभासितदीवे वेसाणितदीवे , । गंगोलियदीवे । तेसु णं दीवेसु चउब्विहा मणुस्सा परिवसंति, तंजहा एगूरूता आभासिता वेसाणिता णंगोलिया। तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुदंई
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Education International 2010
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___(३) ठाणं ४ -अ. चउट्ठाणं उ-२ [३२]
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र चत्तारि चत्तारि जोयणसयाइं ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता, तंजहा हयकन्नदीवे गयकन्नदीवे गोकन्नदीवे सक्कुलिकन्नदीवे । तेसु णं दीवेसु चउविधा क' मणुस्सा परिवसंति, तंजहा हयकन्ना गयकन्ना गोकन्ना सक्कुलिकन्ना । तेसिणं दीवाणं चउसु विदिसासुलवणसमुदं पंच पंच जोयणसयाइं ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि
अंतरदीवा पन्नत्ता, तंजहा आयंसमुहदीवे मेंढमुहदीवे अयोमुहदीवे गोमुहदीवे । तेसु णं.दीवेसु चउव्विहा मणुस्सा भाणियव्वा । तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुद्दे छ छ जोयणसयाई ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता, तंजहा आसमुहदीवे हस्थिमुहदीवे सीहमुहदीवे वग्घमुहदीवे । तेसु णं दीवेसु मणुस्सा भाणियव्वा । तेसिणं दीवाणं चउसु विदिसासुलवणसमुई सत्त सत्त जोयणसयाई ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता, तंजहा आसकन्नदीवे हत्थिकन्नदीवे अकन्नदीवे कन्नपाउरणदीवे । तेसु णं दीवेसु मणुया भाणियव्वा । तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुहं अट्ठ जोयणसयाई ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता, तंजहा उक्कामुहदीवे मेहमुहदीवे विज्जुमुहदीवे विज्जुदंतदीवे । तेसुणं दीवेसु मणुस्सा भाणियव्वा । तेसिणं दीवाणं चउसु विदिसासुलवणसमुद्दे णव णव जोयणसयाइं ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता, तंजहा घणदंतदीवे लट्ठदंतदीवे गूढदंतदीवे सुद्धदंतदीवे। तेसुणं दीवेसु चउविधा मणुस्सा परिवसंति, तंजहा घणदंता लट्ठदंता गूढदंता सुद्धदंता । जंबूदीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं सिहरिस्स वासहरपव्वयस्सचउसु विदिसासुलवणसमुदं तिन्नि तिन्निजोयणसयाई
ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता, तंजहा एगूरूयदीवे सेसं तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव सुद्धदंता । ३०२. जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेदियंतातो चउदिसिंलवणसमुई पंचाणउइं जोयणसहस्साइं ओगाहेत्ता एत्थ णं महतिमहालता महालंजरसंठाणसंठिता चत्तारि महापायाला पन्नत्ता, तंजहा वलतामुहे केउते जूवए ईसरे। तत्थ णं चत्तारि देवा महिढिया जाव पलिओवमट्टितीता परिवसंति, तंजहा काले महाकाले वेलंबे पभंजणे । जंबुदीवस्सणं दीवस्स बाहिरिल्लातो वेतितंताओ चउदिसिं लवणसमुई बातालीसं बातालीसं जोयणसहस्साइं ओगाहेत्ता एत्थ णं चउण्हं वेलंधरनागराईणं चत्तारि आवासपव्वता पन्नत्ता, तंजहा गोथूभे दोभासे संखे दगसीमे । तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डीया जाव पलिओवमद्वितीता परिवसंति, तंजहा गोथूभे सिवए संखे मणोसिलाते । जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइतंताओ चउसु विदिसासुलवणसमुदं बायालीसं बायालीसंजोयणसहस्साई ओगाहेत्ता एत्थणं चउण्हं अणुवेलंधरणागरातीणं चत्तारि आवासपव्वता ॥ पन्नत्ता, तंजहा कक्कोडए विज्जुजिब्भे केलासे अरुणप्पभे। तत्थणं चत्तारि देवा महिड्डीया जाव पलिओवमद्वितीता परिवसंति, तंजहा कक्कोडए कद्दमए केलासे अरुणप्पभे ॥ । ३०३. लवणे णं समुद्दे चत्तारि चंदा पभासिंसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा, चत्तारि सूरिता तवतिंसु वा तवतंति वा तवतिस्संति वा, चत्तारि कत्तियाओ जाव चत्तारि भरणीओ, चत्तारि अग्गी जाव चत्तारि जमा, चत्तारि अंगारया जाव चत्तारि भावकेऊ । ३०४. लवणस्स णं समुद्दस्स चत्तारि दारा पन्नत्ता, तंजहा विजए वेजयंते जयंते अपराजिते। तेणं दारा चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं तावतितं चेव पवेसेणं पन्नत्ता । तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिता जाव पलिओवमद्वितीया परिवसंति, तंजहा विजते जाव अपराजिते । ३०५. धायइसंडे णं दीवे चत्तारि जोयणसयसहस्साइं चक्कवालविक्खंभेणं पन्नत्ते । ३०६. जंबूदीवस्स णं दीवस्स बहिता चत्तारि भरहाइं चत्तारि एरवयाई, एवं जहा सदुद्देसते तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव चत्तारि मंदरा चत्तारि मंदरचूलिआओ। ३०७. णंदीसरवरस्स णं दीवस्स चक्कवालविक्खंभस्स बहुमज्झदेसभागे चउद्दिसिं चत्तारि अंजणगपव्वता पन्नत्ता, तंजहा पुरिस्थिमिल्ले अंजणगपव्वते, दाहिणिल्ले अंजणगपव्वते, पच्चत्थिमिले ॥ अंजणगपव्वते, उत्तरिल्ले अंजणगपव्वते । तेणं अंजणगपव्वता चउरासीति जोयणसहस्साई उड्डेउच्चत्तेणं, एगंजोयणसहस्सं उव्वेहेणं, मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं, तदणंतरं च णं माताते माताते परिहातेमाणा परिहातेमाणा उवरिमेगं जोयणसहस्सं विक्खंभेणं पण्णत्ता, मूले एक्कतीसं जोयणसहस्साई छच्च तेवीसे जोयणसते परिख्खेवेणं, उवरिं तिन्नि तिन्नि जोयणसहस्साइंएगं च बावटुं जोयणसतं परिक्खेवेणं, मूले वित्थिन्ना, मज्झे संखित्ता, उप्पिं तणुया, गोपुच्छसंठाणसंठिता,
सव्वअंजणमया अच्छा जाव पडिरूवा। तेसिणं अंजणगपव्वताणं उवरिं बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा पन्नत्ता, तेसिणं बहुसमरमणिज्जाणं भूमिभागाणं बहुमज्झदेसभागे १ चत्तारि सिद्धाययणा पण्णत्ता, ते णं सिद्धाययणा एगं जोयणसयं आयामेणं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं बावत्तरि जोयणाई उहुंउच्चत्तेणं । तेसिंणं सिद्धाययणाणं Evest
5555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १३०55555555555555555555555555OOR
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(३) ठाणं ४ अ. चउद्वाणं उ २ [३३]
चउदिसिं चत्तारि दारा पन्नत्ता, तंजहा देवदारे असुरदारे णागदारे सुवन्नदारे । तेसु णं दारेसु चउव्विहा देवा परिवसंति, तंजहा देवा असुरा नागा सुवण्णा । तेसि णं दाराणं पुरतो चत्तारि मुहमंडवा पन्नत्ता । तेसि णं मुहमंडवाणं पुरओ चत्तारि पेच्छाघरमंडवा पन्नत्ता । तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं बहुमज्झदेसभागे चत्तारि वइरामया अक्खाडगा पन्नत्ता । तेसि णं वइरामयाणं अक्खाडगाणं बहुमज्झदेसभागे चत्तारि मणिपेढियातो पन्नत्ताओ । तासि णं मणिपेढिताणं उवरिं चत्तारि सीहासणा पन्नत्ता । तेसि णं सीहासणाणं उवरिं चत्तारि विजयदूसा पन्नत्ता । तेसि णं विजय दूसगाणं बहुमज्झदेसभागे चत्तारि वइरामता अंकुसा पन्नत्ता । तेसु णं वतिरामतेसु अंकुसेसु चत्तारि कुंभिका मुत्तादामा पन्नत्ता । ते णं कुंभिका मुत्तादामा पत्तेयं पत्तेयं अन्नेहिं तदद्वउच्चत्तपमाणमेत्तेहिं चउहिं अद्धकुंभिकेहिं मुत्तादामेहिं सव्वतो समंता संपरिक्खित्ता । तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं पुरओ चत्तारि मणिपेढिताओ पण्णत्ताओ । तासि णं मणिपेढियाणं उवरिं चत्तारि चेतितथूभा पण्णत्ता । तेसि णं चेतितथूभाणं पत्तेयं पत्तेयं चउदिसिं चत्तारि मणिपेढिताओ पन्नत्ताओ । तासि णं मणिपेढताणं उवरिं चत्तारि जिणपडिमातो सव्वरतणामईतो संपलियंकणिसन्नाओ थूभाभिमुहीओ चिट्ठति, तंजहा रिसभा वद्धमाणा चंदाणणा वारिसेणा । तेसि णं चेतितथूभाणं पुरतो चत्तारि मणिपेढिताओ पन्नत्ताओ। तासि णं मणिपेढिताणं उवरिं चत्तारि चेतितरूक्खा पन्नत्ता । तेसि णं चेतितरुक्खाणं पुरओ चत्तारि मणिपेढिताओ पन्नत्ताओ । तासि णं मणिपेढिताणं उवरिं चत्तारि महिंदज्झया पन्नत्ता । तेसि णं महिंदज्झताणं पुरओ चत्तारि णंदातो पोक्खरणीओ पन्नत्ताओ । तासि णं पोक्खरणीणं पत्तेयं पत्तेयं चउदिसिं चत्तारि वणसंडा पन्नत्ता, तंजहा पुरत्थिमेणं दाहिणेणं पच्चत्थिमेणं उत्तरेणं, "पुव्वेण असोगवणं दाहिणओ होति सत्तवण्णवणं । अवरेण चंपगवणं चूतवणं उत्तरे पासे ॥२१॥ तत्थ णं जे से पुरत्थिमिल्ले अंजणगपव्वते तस्स णं चउदिसिं चत्तारि णंदाओ पोक्खरणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा गुंदुत्तरा णंदा आणंदा णंदिवद्धणा । तातो णं णंदातो पोक्खरणीओ एवं जोयणसयसहस्सं आयामेणं, पन्नासं जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं, दस जोयणसयाई उव्वेहेणं, तासि णं पोक्खरणीणं पत्तेयं पत्तेयं चउदिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पन्नत्ता । तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं पुरतो चत्तारि तोरणा पन्नत्ता, तंजहा पुरत्थिमेणं दाहिणेणं पच्चत्थिमेणं उत्तरेणं। तासि णं पोक्खरणीणं पत्तेयं पत्तेयं चउदिसिं चत्तारि वणसंडा पन्नत्ता, तंजहा-पुरत्थि मेणं दाहि णेणं पच्च त्थिमेणं उत्तरेणं, पुव्वेण असोगवणं जाव चूयवणं उत्तरे पासे । तासि णं पुक्खरणीणं बहुमज्झदेसभागे चत्तारि दधिमुहगपव्वता पन्नत्ता । ते णं दधिमुहगपव्वता चउसट्ठि जोयणसहस्साइं उउच्चत्तेणं, एगं जोयणसहस्सं उव्वेहेणं, सव्वत्थ समा, पल्लगसंठाणसंठिता, दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं, एक्कतीसं जोयणसहस्साइं छच्च तेवीसे जोयणसते परिक्खेवेणं, सव्वरयणामता अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं दधिमुहगपव्वताणं वरं बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा पन्नत्ता, सेसं जहेव अंजणगपव्वताणं तहेव णिरवसेसं भाणियव्वं जाव चूतवणं उत्तरे पासे ॥ तत्थ णं जे से दाहिणिल्ले अंजणगपव्वते तस्स णं चउदिसिं चत्तारि णंदाओ पुक्खरिणीतो पण्णत्ताओ, तंजहा भद्दा विसाला कुमुदा पोंडरिगिणी । तातो णं णंदातो पोक्खरणीतो एक जोयणसयसहस्सं सेसं तं चेव जाव दधिमुहगपव्वता जाव वणसंडा । तत्थ णं जे से पच्चत्थिमिले अंजणगपव्वते तस्स णं चउदिसिं चत्तारि णंदाओ पोक्खरणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा णंदिसेणा अमोहा गोभा सुदंसणा । सेसं तं चेव तहेव दधिमुहगपव्वता तहेव सिद्धायतंणा जाव वणसंडा । तत्थ णं जे से उत्तरिल्ले अंजणगपव्वते तस्स णं चउदिसिं चत्तारि दातो पुक्खरणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा विजया वेजयंती जयंती अपराजिता । तातो णं पुक्खरिणीओ एगं जोयणसयसहस्सं तं चेव पमाणं तहेव दधिमुहगपव्वता तहेव सिद्धायतंणा जाव वणसंडा । णंदीसरवरस्स णं दीवस्स चक्कवालविक्खंभस्स बहुमज्झदेसभागे चउसु विदिसासु चत्तारि रतिकरगपव्वता पन्नत्ता, तंजा उत्तरपुरत्थिमिल्ले रतिकरगपव्वते, दाहिणपुरत्थिमिल्ले रतिकरगपव्वते, दाहिणपच्चत्थिमिल्ले रतिकरगपव्वते, उत्तरपच्चत्थिमिल्ले रतिकरगपव्वते । ते णं रतिकरगपव्वता दस जोयणसयाई उड्डुंउच्चत्तेणं, दस गाउतसताई उव्वेहेणं, सव्वत्थ समा, झल्लरिसंठाणसंठिता, दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं, एक्कतीसं जोयणसहस्साइं छच्च तेवीसे जोयणसते परिक्खेवेणं, सव्वरतणामता अच्छा जाव पडिरूवा । तत्थ णं जे से उत्तरपुरत्थिमिल्ले रतिकरगपव्वते तस्स णं चउदिसिमीसाणस्स देविंदस्स देवरन्नो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबूदीवपमाणातो चत्तारि रायहाणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा णंदुत्तरा णंदा उत्तरकुरा देवकुरा, कण्हाते
YOYO श्री आगमगुणमंजूषा
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(३) ठाणं 8-अ. चउट्ठाणं उ-२-३
[३४]
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- कण्हरातीते रामाते रामरक्खियाते । तत्थ णं जे से दाहिणपुरथिमिल्ले रतिकरगपव्वते तस्स णं चउदिसि सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो चउण्हमग्गमहिसीणं
जंबूदीवपमाणातो चत्तारि रायहाणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा समणा सोमणसा अच्चिमाली मणोरमा, पउमाते सिवाते सुतीते अंजूए। तत्थ णं जे से दाहिणपच्चत्थिमिल्ले रतिकरगपव्वते तस्स णं चउदिसि सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबूदीवप्पमाणमेत्तातो चत्तारि रायहाणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा भूता, भूतवडेंसा गोथूभा सुदंसणा, अमलाते अच्छराते णवमिताते रोहिणीते । तत्थ णं जे से उत्तरपच्चत्थिमिल्ले रतिकरगपव्वते तस्स णं चउदिसिमीसाणस्स देविंदस्स देवरन्नो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबूदीवप्पमाणमेत्तात्तो चत्तारि रायहाणीओपन्नत्ताओ, तंजहा रयणा रतणुच्चता सव्वरतणा रतणसंचया, वसूते वसुगुत्ताते वसुमित्ताते वसुंधराते । ३०८. चउव्विहे सच्चे पन्नत्ते, तंजहा णामसच्चे ठवणसच्चे दव्वसच्चे भावसच्चे । ३०९. आजीवियाणं चउविहे तवे पन्नत्ते, तंजहा उग्गतवे घोरतवे रसणिज्जूहणता जिब्भिदियपडिसलीणता। ३१०. चउब्विहे संजमे पन्नत्ते, तंजहा मणसंजमे वतिसंजमे कायसंजमे उवकरणसंजमे । चउव्विधे चिताते पन्नत्ते, तंजहा मणचियाते वतिचियाते कायचियाते उवकरणचियाते । चउब्विहा अकिंचणता पन्नत्ता, तंजहा मणअकिंचणता वतिअकिंचणता कायअकिंचणता उवकरणअकिंचणता । [द्वितीयोद्देशक:]||★★★ तइओ उद्देसओ ★★★३११. चत्तारि रातीओ पन्नत्ताओ, तंजहा पव्वयराती पुढविराती वालुयराती उदगराती । एवामेव ॥ चउव्विहे कोहे पन्नत्ते, तंजहा पव्वतरातिसमाणे पुढविरातिसमाणे वालुयरातिसमाणे उदगरातिसमाणे। पव्वतरातिसमाणं कोहं अणुपविढे जीवे कालं करेति णेरतितेसु उववज्जति, पुढविरातिसमाणं कोहमणुपविढे तिरिक्खजोणितेसु उववज्जति, वालुयरातिसमाणं कोहं अणुपविढे समाणे मणुस्सेसु उववज्जति, उदगरातिसमाणं कोहमणुपविद्वेसमाणे देवेसुउववज्जति १ । चत्तारि उदगा पन्नत्ता, तंजहा कद्दमोदए खंजणोदए वालुओदए सेलोदए। एवामेव चउविहे भावे पन्नत्ते, तंजहा कद्दमोदगसमाणे खंजणोदगसमाणे वालुओदगसमाणे सेलोदगसमाणे। कद्दमोदगसमाणं भावमणुपविढे जीवे कालं करेतिणेरतितेसु उववज्जति, एवं जाव सेलोदगसमाणं भावमणुपविढे जीवे कालं करेति देवेसु उववज्जाति । ३१२. चत्तारि पक्खी पन्नत्ता, तंजहा रुतसंपन्ने नाममेगे णो रूवसंपन्ने, रूवसंपन्ने नाममेगे नो रुतसंपन्ने, एगे रुतसंपन्ने वि रूवसंपन्ने वि, एगो नोरुतसंपन्ने णो रूवसंपन्ने । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा रुतसंपन्ने नाममेगेणो रूवसंपन्ने ट्क [४] | चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा पत्तियं करेमीतेगे पत्तियं करेइ, पत्तियं करेमीतेगे अप्पत्तितं करेति, अप्पत्तियं करेमीतेगे पत्तितं करेति, अप्पत्तियं करेमीतेगे अप्पत्तितं करेति । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजंहा अप्पणो णाममेगे पत्तितं करेति णो परस्स, परस्स नाममेगे पत्तियं करेति णो अप्पणो [४] । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा पत्तितं पवेसामीतेगे पत्तितं पवेसेति, पत्तियं पवेसामीतेगे अप्पत्तितं पवेसेति टक [38] | चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अप्पणो नाममेगे पत्तितं पवेसेति णो परस्स, परस्स ह्व [४] । ३१३. चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता, तंजहा पत्तोवए पुप्फोवए फलोवए छायोवए । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा पत्तोवारुक्खसामाणे पुप्फोवारुक्खसामाणे फलोवारुक्खसामाणे छातोवारूक्खसामाणे। ३१४. भारं णं वहमाणस्स चत्तारि आसासा पन्नत्ता, तंजहा जत्थ णं अंसातो अंसं साहरति तत्थ वि य से एगे आसासे पण्णत्ते १, जत्थ वि य णं उच्चारं वा पासवणं वा परिवेति तत्थ वि य से एगे आसासे पण्णते २, जत्थ वि य णं णागकुमारावासंसि वा सुवन्नकुमारावासंसि वा वासं उवेति तत्थ वि य से एगे आसासे पण्णत्ते ३, जत्थ वि य णं आवकधाते चिठ्ठति तत्थ वि य से एगे आसासे पण्णत्ते ४ । एवामेव समणोवासगस्स चत्तारि आसासा पन्नत्ता, तंजहा जत्थणं सील-व्वत-गुणव्वतवेरमण-पच्चक्खाण-पोसहोववासाई पडिवज्जति तत्थ वि असे एगे आसासे पण्णत्ते १, जत्थ वि य णं सामातितं देसावगासितमणुपालेति तत्थ वि य से एगे आसासे पन्नत्ते २, जत्थ वि य णं चाउद्दसट्टमुद्दिठ्ठपुन्नमासिणीसु पडिपुन्नं पोसहं सम्म अणुपालेति तत्थ विय से एगे आसासे पण्णत्ते ३, जत्थ वि यणं अपच्छिममारणंतितसंलेहणाझूसणाझू सिते भत्तपाणपडितातिक्खिते पाओवगते कालमणवकंखमाणे विहरति तत्थ वि य से एगे आसासे पन्नत्ते ४ । ३१५. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उदितोदिते णाममेगे, उदितत्थमिते णाममेगे, अत्थमितोदिते णाममेगे,
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(३) ठाणं ४ - अ. चउट्ठाणं उ.३
[३५]
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अत्थमियत्थमिते णाममेगे । भरहे राया चाउरंतचक्कवट्टी णं उदितोदिते, बंभदत्ते णं राया चाउरंतचक्कवट्टी उदितत्थमिते, हरितेसबले णमणगारे णमत्थमिओदिते, काले णं सोयरिए अत्थमितत्थमिते । ३१६. चत्तारि जुम्मा पन्नत्ता, तंजहा कडजुम्मे तेयोए दावरजुम्मे कलिओए। नेरतिताणं चत्तारि जुम्मा पन्नत्ता, तंजहा कडजुम्मे तेओए दावरजुम्मे कलितोए। एवं असुरकुमाराणं जाव थणियकुमाराणं, एवं पुढविकाइयाणं आउ काइयाणं तेउ काइयाणं वाउ काइयाणं वणस्सति काइयाणं बेदिताणं तेंदियाणं चउरिदियाणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणं वाणमंतरजोइसियाणं वेमाणियाणं सव्वेसिंजधा नेरतिताणं । ३१७. चत्तारि सूरा पन्नत्ता, तंजहा खंतिसूरे तवसूरे दाणसूरे जुद्धसूरे। खंतिसूरा अरहंता, तवसूरा अणगारा, दाणसूरे वेसमणे, जुद्धसूरे वासुदेवे। ३१८. चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा उच्चे णाममेगे उच्चछंदे, उच्चे णाममेगे णीतछंदे, णीते णाममेगे उच्चछंदे, णीते णाममेगे णीतछंदे। ३१९. असुरकुमाराणं चत्तारि लेस्सातो पन्नत्ताओ, तंजहा कण्हलेसा णीललेसा काउलेसा तेउलेसा । एवं जाव थणियकुमाराणं, एवं पुढविकाइयाणं आउ काइयाणं वणस्सइकाइयाणं वाणमंतराणं सव्वेसिं जहा असुरकुमाराणं । चत्तारि जाणा पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते ट्क [४] । चत्तारि जाणा पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते ट्क [४] । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते ट्क [४] | चत्तारि जाणा पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, जुत्तेणाममेगे अजुत्तरूवे ट्क [४] | एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे ट्क [४] । चत्तारि जाणा पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे टक [38] । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे टक [४] । चत्तारि जुग्गा पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते नाममेगे जुत्ते ट्क [४] । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्ते ४ । एवं जधा जाणेण चत्तारि आलावगा तधा जुग्गेण वि, पडिवक्खो तहेव पुरिसजाता जाव सोभे त्ति । चत्तारि सारथी पन्नत्ता, तंजहा जोयावइत्ता णाम एगे नो विजोयावइत्ता, विजोयावइत्ता नाम एगे नो जोयावइत्ता, एगे जोयावइत्ता वि विजोयावइत्ता वि, एगे नो जोयावइत्ता नो विजोयावइत्ता । चत्तारि हया पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णामं एगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते टक [४] | एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्ते टक [38] । एवं जुत्तपरिणते, जुत्तरुवे, जुत्तसोभे। सव्वेसिंपडिवक्खो पुरिसजाता । चत्तारि गया पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्ते टक =४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जुत्ते णाममेगे जुत्ते टक [४] । एवं जहा हयाणं तहा गयाण वि भाणियव्वं, पडिवक्खो तहेव पुरिसजाता । चत्तारि जुग्गारिता पन्नत्ता, तंजहा पंथजाती णाममेगे णो उप्पधजाती, उप्पधजाती णाममेगे णो पंथजाती, एगे पंथजाती वि उप्पहजाती वि, एगे णो पंथजाती णो उप्पहजाती । चत्तारि पुप्फा पन्नत्ता, तंजहा रूवसंपन्ने नाममेगे णो गंधसंपन्ने, गंधसंपन्ने णाममेगे नो रूवसंपन्ने, एगे रूवसंपन्ने वि गंधसंपन्ने वि, एगे णो रूवसंपन्ने णो गंधसंपन्ने । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा रूवसंपन्ने णाममेगेणो सीलसंपन्ने टक [४] | चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नाममेगेनो कुलसंपन्ने टक ४,१। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नाम एगे णो बलसंपन्ने, बलसंपन्ने नामं एगे णो जातिसंपन्ने टक ४,२। एवं जातीतेत रूवेण त चत्तारि आलावगा ३। एवं जातीते त सुतेण त टक [४], ४ । एवं जातीते त सीलेण त टक [४], ५। एवं जातीते त चरित्तेण त टक [38], ६ । चत्तारि पुरिसज्जाया पन्नत्ता, तंजहा कुलसंपन्ने नाम एगे नो बलसंपन्ने ह्व [४] , ७। एवं कुलेण त रूवेण त टक [४], ८। कुलेण त सुतेण त टक [४],९। कुलेण त सीलेण त टक [38], १० । कुलेण त चरित्तेण त टक [=४], ११ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा बलसंपन्ने नाममेगे नो रूवसंपन्ने टक [४], १२ । एवं बलेण त सुतेण त टक [४], १३ । एवं बलेण त सीलेण त टक [४]
,१४ । एवं बलेण त चरित्तेण त टक [४],१५। चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा रूवसंपन्ने नाममेगे नो सुयसंपन्ने टक [४], १६ । एवं रूवेण त सीलेण त मटक [8], १७। रूवेण त चरित्तेण त टक [38], १८ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सुयसंपन्ने नाममेगे णो सीलसंपन्ने टक [४], १९ । एवं सुतेणत
चरित्तेण त टक [४],२०॥ चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सीलसंपन्ने नाममेगे नो चरित्तसंपन्ने टक [४],२१ । एते एक्कवीसं भंगा भाणितव्वा । चत्तारे -
श्री आगमगणमजषा-
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(३) ठाणं ४ अ. चउट्ठाणं उ-३
[३६]
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फला पन्नत्ता, तंजहा आमलगमहुरे मुद्दितामहुरे खीरमहुरे खंडमहुरे । एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा आमलगमहुरफलसमाणे जाव खंडमहुरफलसमाणे ।
चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा आतवेतावच्चकरे नाममेगेनो परवेतावच्चकरे ह्व [४] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा करेति नाममेगे वेयावच्चं णो पडिच्छइ, म पडिच्छइ नाममेगे वेयावच्चं नो करेति ह्व [-४] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अट्ठकरे णाममेगे णो माणकरे, माणकरे णाममेगे णो अट्ठकरे, एगे अट्ठकरे वि
माणकरे वि, एगेणो अट्ठकरेणो माणकरे। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा गणट्ठकरे णाममेगेणो माणकरे ह्व [-४] । चत्तारिपुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा गणसंगहकरे Sणाममेगे णो माणकरे ह्व [38] | चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा गणसोभकरे णाम एगे णो माणकरे ह्व [38] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा गणसोहिकरे ॐ णाममेगे नो माणकरे ह्व [४] | चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा रूवं नाममेगे जहति नो धम्मं, धम्मं नामममेगे जहति नो रूवं, एगे रूवं पि जहति धम्म पि जहति,
एगे नो रूवं जहति नो धम्म । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा धम्मं नाममेगे जहति नो गणसंथितिं ह्व [४] । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा पियधम्मे नाममेगे नो दढधम्मे, दढधम्मे नाममेगे नो पियधम्मे, एगे पियधम्मे वि दढधम्मे वि, एगे नो पियधम्मे नो दढधम्मे । ३२०. चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा पव्वावणायरिते नाममेगे णो उवट्ठावणायरिते, उवट्ठावणायरिते णाममेगेणो पव्वावणायरिते, एगे पव्वावणातरिते वि, उवट्ठावणातरिते वि, एगे नो पव्वावणातरिते नो उवट्ठावणातरिते धम्मायरिए। चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा उद्देसणायरिए णाममेगे णो वायणायरिए ४ धम्मायरिए। चत्तारि अंतेवासी पन्नत्ता, तंजहा पव्वावणंतेवासी नाम एगेणो उवट्ठावणंतेवासी ४ धम्मंतेवासी । चत्तारि अंतेवासी पन्नत्ता, तंजहा उद्देसणंतेवासी नाम एगे नो वायणंतेवासी ४ धम्मंतेवासी । ३२१. चत्तारि निग्गंथा मन्नत्ता, तंजहा रायणिते समणे निग्गंथे महाकम्मे महाकिरिए अणायावी असमिते धम्मस्स अणाराधते भवति १, राइणिते समणे निग्गंथे अप्पकम्मे अप्पकिरिते आतावी समिते धम्मस्स आराहते भवति २, ओमरातिणिते समणे निग्गंथे महाकम्मे महाकिरिते अणातावी असमिते धम्मस्स अणाराहते भवति ३, ओमरातिणिते समणे निग्गंथे अप्पकम्मे अप्पकिरिते आतावी समिते धम्मस्स आराहते भवति ४ । चत्तारि णिग्गंथीओ पन्नत्ताओ, तंजहा रातिणिया समणी निग्गंथी एवं चेव ४ । चत्तारि समणोवासगा पन्नत्ता, तंजहा रायणिते समणोवासए महाकम्मे तहेव ४ । चत्तारि समणोवासियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा रायणिता समणोवासिता महाकम्मा तहेव चत्तारि गमा।३२२. चत्तारि समणोवासगा पन्नत्ता, तंजहा अम्मापितिसमाणे भातिसमाणे मित्तसमाणे सवत्तिसमाणे। चत्तारि समणोवासगा पन्नत्ता, तंजहा अद्दागसमाणे पडागसमाणे खाणुसमाणे खरकटयसमाणे । समणस्स णं भगवतो महावीरस्स समणोवासगाणं सोधम्मे कप्पे अरुणाभे विमाणे चत्तारि पलिओवमाइं ठित्ती पन्नत्ता । ३२३. चउहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसुइच्छेज्ना माणुसं लोग हव्वमागच्छित्तते, णो चेवणं संचातेति हव्वमागच्छित्तते, तंजहा अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिते गिद्धे गढिते अज्झोववन्ने से णं माणुस्सए कामभोगे णो आढाति णो परियाणाति णो अटुं बंधइ णो णिताणं पगरेति णो ठितिपगप्पं पगरेति १ । अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसुमुच्छिते ४, तस्सणं माणुस्सते पेमे वोच्छिन्ने दिव्वे संकंते भवति २। अहुणोववन्ने देवे देवलोएसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिते ४, तस्सणं एवं भवति इयण्डिंगच्छं मुहुत्तेणं गच्छं, तेणं कालेणमप्पाउया मणुस्सा कालधम्मुणा संजुत्ता भवंति ३। अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसु मुच्छिते ४, तस्स णं माणुस्सए गंधे पडिकूले पडिलोमे तावि भवति, उर्ल्ड पि य णं माणुस्सए गंधे जाव चत्तारि पंच जोयणसताई हव्वमागच्छति ४। इच्चेतेहिं चउहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने देवे देवलोएसु इच्छेज्जा माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तते, णो चेवणं संचातेति हव्वमागच्छित्तते । चउहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने देवे देवलोएसु इच्छेज्ना हव्वमागच्छित्तते, संचाएइ हव्वमागच्छित्तए, तंजहा अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु दिव्वेसु कामभोगेसु अमुच्छिते जाव अणज्झोववन्ने, तस्स
णं एवं भवति अस्थि खलु मम माणुस्सए भवे आयरिते ति वा उवज्झाए ति वा पवित्ती ति वा थेरे ति वा गणी ति वा गणधरे ति वा गणावच्छेतिते ति वा जेसिं पभावेणं + मए इमा एतारूवा दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवजुती लद्धा पत्ता अभिसमन्नागता, तं गच्छामि णं ते भगवंते वदामि जाव पज्जुवासामि १ । अहुणोववन्ने देवे देवलोएसु जाव
अणज्झोववन्ने, तस्स णमेवं भवति एस णं माणुस्सए भवेणाणी ति वा तवस्सी ति वा अतिदुक्करदुक्करकारते, तं गच्छामिणं ते भगवंते वंदामि जाव पज्जुवासामि २। merof555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- १३४॥5॥55555555555555555555OOK
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(३) ठाणं ४ अ. चउट्ठाण उ. ३ [३७]
अहुणोववन्ने देवे देवलोएसु जाव अणज्झोववन्ने, तस्स णमेवं भवति अत्थि णं मम माणुस्सए भवे माता ति वा जाव सुण्हा ति वा, तं गच्छामि णं तेसिमंतितं पाउब्भवामि, पासंतु ता मे इममेतारूवं दिव्वं देविद्धिं दिव्वं देवजुतिं लद्धं पत्तं अभिसमन्नागतं ३ | अहुणोववन्ने देवे देवलोगेसु जाव अणज्झोववन्ने, तस्स णमेव भवति अथणं मम माणुस्सए भवे मित्ते ति वा सही ति वा सुही ति वा सहाए ति वा संगतिए ति वा, तेसिं चणं अम्हे अन्नमन्नस्स संगारे पडिसुते भवति 'जो मे पुव्विं चयति से संबोहेतव्वे' ४ । इच्चेतेहिं जाव संचातेति हव्वमागच्छित्तए । ३२४. चउहिं ठाणेहिं लोगंधगारे सिया, तंजहा अरहंतेहिं वोच्छिज्जमाणेहिं, अरहंतपन्नत्ते धम्मे वोच्छिज्जमाणे, पुव्वगते वोच्छिज्नमाणे, जायतेजे वोच्छिज्नमाणे । चउहिं ठाणेहिं लोउज्जोते सिता, तंजहा अरहंतेहिं जायमाणेहिं, अरहंतेहिं पव्वयमाणेहिं, अरहंताणं णाप्यमहिमासु, अरहंताणं परिनिव्वाणमहिमासु । एवं देवंधगारे देवुज्जोते देवसंनिवाते देवुक्कलिता देवकहकहते। चउहिं ठाणेहिं देविंदा माणुसं लोगं हव्वमागच्छंति, एवं जधा तिट्ठाणे, जाव लोगंतिता देवा माणुसं लोगं हव्वमागच्छेज्जा, तंजहा अरहंतेहिं जायमाणेहिं जाव अरहंताणं परिनिव्वाणमहिमासु । ३२५. १ चत्तारि दुहसेज्जाओ पन्नत्ताओ, तंजहा - तत्थ खलु इमा पढमा दुहसेज्जा, तंजहा से णं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारितं पव्वतिते निग्गंथे पावयणे संकिते कंखिते वितिगिच्छिते भेयसमावन्ने कलुससमावन्ने निग्गंथं पावयणं णो सद्दहति णो पत्तियति णो रोएइ, निग्गंथं पावयणं असद्दहमाणे अपत्तितमाणे अरोएमाणे मणं उच्चावतं नियच्छति, विणिघातमावज्जति, पढमा दुहसेज्जा १ । अहावरा दोच्चा दुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता अगारातो जाव पव्वतिते सएणं लाभेणं णो तुस्सति, परस्स लाभमासाएति पीहेति पत्थेति अभिलसति, परस्स लाभमासाएमाणे जाव अभिलसमाणे मणं उच्चावयं नियच्छति, विणिघातमावज्जति, दोच्चा दुहसेज्जा २ । अहावरा तच्चा दुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए दिव्व माणुस्सए कामभोगे आसाएइ जाव अभिलसति, दिव्व- माणुस्सए कामभोगे आसाएमाणे जाव अभिलसमाणे मणं उच्चावयं नियच्छति, विणिघातमावज्जति, तच्चा दुहसेज्जा ३ । अहावरा चउत्था दुहसेज्जा से णं मुंडे भवेत्ता जाव पव्वतिते, तस्स णमेवं भवति जया णं अहमगारवासमावसामि तदा णमहं संवाहण परिमद्दणगातब्भंग गातुच्छोलणारं लभामि जप्पभितिं च णं अहं मुंडे जाव पव्वतिते तप्पभितिं च णं अहं संवाधण वाच्छोलाई णो लभामि, से णं संवाधण जाव गातुच्छोलणाई आसाएति जाव अभिलसति, से णं संवाधण जाव गातुच्छोलणाई आसाएति जाव अभिलसति, सेणं संवाधण जाव गातुच्छोलणाई आसाएमाणे जाव मणं उच्चावतं नियच्छति विणिघायमावज्जति, चउत्था दुहसेज्जा ४ । (२) चत्तारि सुहसेज्जाओ पन्नत्ताओ, तंजा तत्थ खलु इमा पढमा सुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारितं पव्वतिए निग्गथें पावयणे निस्संकिते णिक्कंखिते निव्वितिगिच्छिए नो भेदसमावन्ने नो कलुससमावन्ने निग्गंथं पावयणं सद्दहति पत्तियति रोतेति, निग्गंथं पावयणं सद्दहमाणे पत्तितमाणे रोतेमाणे नो मणं उच्चावतं नियच्छति, णो विणिघातमावज्जति, पढमा सुहसेज्जा १ । अहावरा दोच्चा सुहसेज्जा से णं मुंडे जाव पव्वतिते सतेणं लाभेणं तुस्सति, परस्स लाभं णो आसाएति णो पीछेति णो पत्थेति णो अभिलसति, परस्स लाभमणासाएमाणे जाव अणभिलसमाणे नो मणं उच्चावतं णियच्छति, णो विणिघातमावज्जति, दोच्चा सुहसेज्जा २ । अहावरा तच्चा सुहसेज्जा सेणं मुंडे जाव पव्वतिते दिव्व- माणुस्सए कामभोगे णो आसाएति जाव नो अभिलसति, दिव्व माणुस्सए कामभोगे अणासाएमाणे जाव अणभिलसमाणे नो मणं उच्चावतं नियच्छति, णो विणिघातमावज्जति, तच्चा सुहसेज्ना ३ । अहावरा चउत्था सुहसेज्जा से णं मुंडे जाव पव्वतिते, तस्स णं एवं भवति जइ ताव अरहंता भगवंतो हट्ठा अरोगा बलिया कल्लसरीरा अन्नयराइं उरालाई कल्लाणाई विउलाई पयताइं पग्गहिताइं महाणुभागाई कम्मक्खयकरणारं तवोकम्माई पडिवज्जंति, किमंग पुण अहं अब्भोवगमिओवक्कमियं वेदणं नो सम्मं सहामि खमामि तितिक्खेमि अहियासेमि, ममं च णं अब्भोवगमिओवक्कमियं सम्ममसहमाणस्स अक्खममाणस्स अतितिक्खेमाणस्स अणधियासेमाणस्स किं मन्ने कज्जति ?, एगंतसो मे पावे कम्मे कज्जति, ममं च णं अब्भोवगमिओ जाव सम्मं सहमाणस्स जाव अधियासेमाणस्स किं मन्ने कज्जति ?, एगंतसो मे निज्जरा कज्जति, चउत्था सुहसेज्जा ४ । ३२६. चत्तारि अवातणिज्जा पन्नत्ता, तंजहा अविणीते वीईपडिबद्धे अविओसवितपाहुडे मायी । चत्तारि वातणिज्जा पन्नत्ता, तंजहा विणीते अवितीपडिबद्धे वितोसवितपाहुडे अमाती । ३२७. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा आतंभरे नाममेगे नो परंभरे, परंभरे
श्री आगमगुणमंजूषा
卐 卐乐 乐 乐乐乐乐55 2 4 4 4 45 46
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(३) ठाण ४ -अ. चउट्ठाणं उ-३ [३८] नाममेगे नो आतंभरे, एगे आतंभरे वि परंभरे वि, एगे नो आतंभरे नो परंभरे । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दुग्गए नाममेगे दुग्गए, दुग्गते नाममेगे सुरंगते, सुरंगते नाममेगे दुग्गते, सुग्गते नाममेगे सुग्गते । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दुग्गते नाममेगे दुव्वए, दुग्गते नाममेगे सुव्वते, सुग्गते नाममेगे दुव्वते, सुग्गते नाममेगे सुव्वते । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दुग्गते नाममेगे दुप्पडिताणंदे, दुग्गते नाममेगे सुप्पडिताणंदे ४ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दुग्गते नाममेगे दुग्गतिगामी, दुग्गते नाममेगे सुगतिगामी ह्व [४] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा दुग्गते नाममेगे दुग्गतिं गते, दुग्गते नाममेगे सुगतिं गते ह [४] चित्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा तमे नाममेगे तमे, तमे नाममेगे जोती, जोती णाममेगे तमे, जोती पणाममेगे जोती । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा तमे नाममेगे तमबले, तमे नाममेगे जोतीबले, जोती नाममेगे तमबले, जोती नाममेगे जोतीबले । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा तमे नाममेगे तमबलपलज्जणे, तमे नाममेगे जोतीबलपलज्जणे ह्व [४] | चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा परिन्नातकम्मे णाममेगेनो परिन्नातसन्ने, परिन्नातसन्ने णाममेरो णो परिन्नातकम्मे, एगे परिन्नातकम्मे विह्व [४] |चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा परिन्नातकम्मे णाममेगे नो परिन्नातगिहावासे, परिन्नायगिहावासे णामं एगे णो परिन्नातकम्मे ह्व [४] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा परिन्नातसन्ने णाममेगे नो परिन्नातगिहावासे, परिन्नातगिहावासे णामं एगे ह्व [४] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा इहत्थे णाममेगे नो परत्थे, परत्थे नाममेगे नो इहत्थे ह्व [४] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा एगेणं णाममेगे वड्डति एगेणं हायति, एगेणं णाममेगे वड्डइ दोहिं हायति, दोहिं णाममेगे वड्डति एगेणं हातति, दोहिं नाममेगे वड्डति दोहिं हायति । ३२८. चत्तारि पकंथका पन्नत्ता, तंजहा आइन्ने नाममेगे आइन्ने, आइन्ने नाममेगे खुलुंके, खुलुंके नाममेगे आइन्ने, खुलुंके नाममेगे खुलुंके । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा आइन्ने नाममेगे आइन्ने, चउभंगो। चत्तारि पकंथगा पन्नत्ता, तंजहा आतिन्ने नाममेगे आतिन्नत्ताते विहरति, आतिन्ने नाममेगे खुलुंकत्ताते विहरति ह [४] | एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा आइन्ने नाममेगे आइन्नत्ताए विहरइ, चउभंगो। चत्तारि पकंथगा पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नाममेगे णो कुलसंपन्ने ह्व [४] । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नाममेगे चउभंगो। चत्तारि कंथगा पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नाममेगे णो बलसंपन्ने ह्व [४] | एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नाममेगे णो बलसंपन्ने ह्र [४] । चत्तारि कंथगा पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने णाममेगेणो रूवसंपन्ने ह्व [४] । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने नाममेगेणो रूवसंपन्ने ह्व [४] । चत्तारि कंथगा पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने णाममेगे णो जयसंपन्ने ह्व [४] | एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा जातिसंपन्ने ह्व [४] । एवं कुलसंपन्नेण त बलसंपन्नेण त ४, कुलसंपन्नेण त रूवसंपन्नेण त ह [४], कुलसंपन्नेण त जयसंपन्नेण त ह [४] एवं बलसंपन्नेण त रूवसंपन्नेण त ह [४] बलसंपन्नेण त जयसंपन्नेण त ह [४] सव्वत्थ पुरिसजाया पडिवक्खो। चत्तारि कंथगा पन्नत्ता, तंजहा रूवसंपन्ने णाममेगे णो जयसंपन्ने ४, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा रूवसंपन्ने नाममेगे णो जयसंपन्ने ४ । ३२९. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सीहत्ताते णाममेगे निक्खंते सीहत्ताते विहरइ, सीहत्ताते नाममेगे निक्खंते सियालत्ताए विहरइ, सियालत्ताए नाममेगे निक्खंते सीहत्ताए विहरइ, सियालत्ताए नाममेगे निक्खंते सियालत्ताए विहरइ । ३३०. चत्तारि लोगे समा पन्नत्ता, तंजहा अप्पतिट्ठाणे नरए, जंबूदीवे दीवे, पालते जाणविमाणे, सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे । चत्तारि लोगे समा सपक्खिं सपडिदिसिं पन्नत्ता, तंजहा सीमंतए नरए, समयक्खेत्ते, उड्डविमाणे, ईसीपब्भारा पुढवी । ३३१. उड्डलोगे णं चत्तारि बिसरीरा पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइया, आउ काइया , वणस्सति काइया , उराला तसा पाणा। अहेलोगे णं चत्तारि बिसरीरा पन्नत्ता, तंजहा एवं चेव । एवं तिरियलोए वि ४। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा हिरिसत्ते हिरिमणसत्ते चलसत्ते थिरसत्ते।
चत्तारि सेज्जपडिमाओ पन्नत्ताओ। चत्तारि वत्थपडिमाओ पन्नत्ताओ। चत्तारि पातपडिमाओ पन्नत्ताओ। चत्तारि ठाणपडिमाओ पन्नत्ताओ । ३३२. चत्तारि सरीरमा + जीवफुडा पन्नत्ता, तंजहा वेउव्विए आहारए तेयए कम्मए। चत्तारि सरीरगा कम्मुम्मीसगा पन्नत्ता, तंजहा ओरालिए वेउव्विए आहारए तेयए। ३३३. चउहिं अत्थिकाएहिं 2 लोगे फुडे पन्नत्ते, तंजहा धम्मत्थिकारणं अधम्मत्थिकारणं जीवत्थिकाएणं पोग्गलत्थिकारणं। चउहिं बादरकातेहिं उववज्जमाणेहिलोगे फुडे पन्नत्ते, तंजहा पुढविकाइएहिं हर Ko
## ####### श्री आगमगुणमंजूषा- १३६॥ 5555555555555555
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(३) ठाणं ४ -अ. चउहाणं उ-३-४
[३९]
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र आउकाइएहिं वाउ काइएहिं वणस्सकाइएहिं । ३३४. चत्तारि पएसग्गेणं तुल्ला पन्नत्ता, तंजहा धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए लोगागासे एगजीवे । चउण्हमेगं सरीरं 卐 नो सुपस्सं भवइ, तंजहा पुढविकाइयाणं आउ [काइयाणं] तेऊ [काइयाणं] वणस्सइकाइयाणं । चत्तारि इंदियत्था पुट्ठा वेदेति, तंजहा सोतिदियत्थे घाणिदियत्थे
जिब्भिदियत्थे फासिदियत्थे। चउहिँ ठाणेहिं जीवा यपोग्गला यणो संचातेति बहिया लोगंता गमणताते, तंजहा गतिअभावेणं णिरुवग्गहताते लुक्खताते लोगाणुभावेणं है ।३३५. चउबिहेणाते पन्नत्ते, तंजहा आहरणे आहरणतद्देसे आहरणतद्दोसे उवन्नासोवणते १ । आहरणे चउविहे पन्नत्ते, तंजहा अवाते उवाते ठवणाकम्मे पडुप्पन्नविणासी ॥
२। आहरणतद्देसे चउविहे पन्नत्ते, तंजहा अणुसिट्ठी उवालंभे पुच्छा निस्सावयणे ३ । आहारणतद्दोसे चउव्विहे पन्नत्ते, तंजहा अधम्मजुत्ते पडिलोमे अंतोवणीते दुरोवणीते ४ । उवन्नासोवणए चउविहे पन्नत्ते, तंजहा तव्वत्थुते, तदन्नवत्थुते, पडिणिभे हेतू ५। ३३६. हेऊ चउविहे पन्नत्ते, तंजहा जावते थावते वंसते लूसते।
अहवा हेऊ चउव्विहे पन्नत्ते, तंजहा पच्चक्खे अणुमाणे ओवम्मे आगमे । अहवा हेऊचउविहे पन्नत्ते, तंजहा अत्थितं अत्थि सो हेऊ, अत्थितं णत्थि सो हेऊ, णत्थि भतं अत्थि सो हेऊ, णत्थि तं णत्थि सो हेऊ । ३३७. चउव्विहे संखाणे पन्नत्ते, तंजहा पडिकम्म, ववहारे, रज्जू, रासी। ३३८. अहेलोगे णं चत्तारि अंधगारं करेति,
तंजहा णरगा, णेरइया, पावाई कम्माइं, असुभा पोग्गला । तिरियलोगे णं चत्तारि उज्जोतं करेंति, तंजहा चंदा सूरा मणी जोती। उड्ढलोगे णं चत्तारि उज्जोतं करेंति,
तंजहा देवा, देवीओ, विमाणा, आभरणा।* *॥ चउट्ठाणस्स ततिओ उद्देसओ समत्तो॥★★★३३९. चत्तारि पसप्पगा पन्नत्ता, तंजहा अणुप्पन्नाणं ॐ भोगाणं उप्पाएत्ता एगे पसप्पते, पुव्वुप्पन्नाणं भोगाणं अविप्पतोगेणं एगे पसप्पते, अणुप्पन्नाणं सोक्खाणं उप्पाएत्ता एगे पसप्पए, पुव्वुप्पन्नाणं सोक्खाणं अविप्पयोगेणं म एगेपसप्पए।३४०.णेरतिताणंचउव्विहे आहारे पन्नत्ते, तंजहा इंगालोवमे, मुम्मुरोवमे, सीतले, हिमसीतले। तिरिक्खजोणियाणंचउविहे आहारे पन्नत्ते, तंजहा कंकोवमे
बिलोवमे पाणमंसोवमे पुत्तमंसोवमे । मणुस्साणं चउव्विहे आहारे पन्नत्ते, तंजहा असणे जाव सातिमे । देवाणं चउविहे आहारे पन्नत्ते, तंजहा वन्नमंते गंधमंते रसमंते फासमंते । ३४१. चत्तारि जातिआसीविसा पन्नत्ता, तंजहा विच्छतजाइआसीविसे मंडुक्कजाइआसीविसे उरगजातिआसीविसे मणुस्सजातिआसीविसे। विच्छुयजातिआसीविसस्सणं भंते ! केवत्तिए विसए पन्नत्ते ? पभू णं विच्छुयजातिआसीविसे अडढभरहप्पमाणमेत्तं बोदि विसेणं विसपरिणतं विसट्टमाणिं करेत्तए ? विसए से विसठ्ठताए, नो चेवणं संपत्तीए करेंसु वा करेंति वा करेस्संति वा। मंडुक्कजातिआसीविसस्स पुच्छा, पभूणं मंडुक्कजातिआसीविसे भरहप्पमाणेमेतं बोदि विसेणं विसपरिणयं विसट्टमाणिं, सेसं तं चेव जाव करेस्संति वा । उरगजातिपुच्छा, पभूणं उरगजातिआसीविसे जंबूदीवप्पमाणमेत्तं बोदि विसेणं, सेसंतं चेव जाव करेस्संति वा । मणुस्सजातिपुच्छा, पभू णं मणुस्सजातिआसीविसे समयखेत्तप्पमाणमेतं बोदिं विसेणं विसपरिणतं विसट्टमाणिं करेत्तए ? विसते से विसठ्ठताते, नो चेवणं जाव करेस्संति वा । ३४२. चउविहे वाही पन्नत्ते, तंजहा वातिते, पित्तिते, सिभिते, संनिवातिते । चउव्विहा तिगिच्छा पन्नत्ता, तंजहा वेज्जो, ओसधाई, आउरे, परिचारते। चत्तारि तिगिच्छगा पन्नत्ता, तंजहा आततिगिच्छते नाममेगे णो परतिगिच्छते १, परतिगिच्छए नाममेगे ह्व [४] । ३४३. चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा वणकरे णाममेगे नो वणपरिमासी, वणपरिमासी नाममेगे णो वणकरे, एगे वणकरे वि वणपरिमासी वि, एगे णो वणकरे णो वणपरिमासी। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा वणकरे नाममेगे णो वणसारक्खी ह [४] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा वणकरे नाम एगेणो वणसारोही ह [४] । ३४४. चत्तारि वणा पन्नत्ता, तंजहा अंतोसल्ले नाममेगे णो बाहिंसल्ले ४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अंतोसल्ले णाममेगे णो बाहिंसल्ले ह्व [४] | चत्तारि वणा पन्नत्ता,
तंजहा अंतो दुढे नाम एगे णो बाहिंदुढे, बाहिंदुढे नाम एगे नो अंतो दुढेह्र [४] 1 एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा अंतो दुढे नाममेगे नो बाहिंदुढे ह [४] भ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सेजंसे णाममेगे सेजंसे, सेजसे नाममेगे पावंसे, पावंसे णामं एगे सेजसे, पावंसे णाममेगे पावंसे । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, ॐ तंजहा सेजसे णाममेगे सेजसे त्ति सालिसए, सेजंसे णाममेगे पावंसे त्ति सालिसत्ते ह्व [४] । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा सेयंसे णाममेगे सेयंसे त्ति मन्नति,
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OnEducation International 2010-03
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555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-
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(३) ठाणं ४ अ. चउद्वाणं उ४ [४०]
सेयंसेत्ति णाममेगे पावंसे त्ति मन्नति ह्व [ = ४] | चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सेयंसे णाममेगे सेयंसे त्ति सालिसते मन्नति, सेयंसे णाममेगे पावंसे त्ति सालिसत्ते मन्नति ह्न [=४] । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा आघवतित्ता णाममेगे णो परिभावतित्ता, परिभाववित्ता णाममेगे णो आघवतित्ता ह्व [ = ४] । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा आघवतित्ता णाममेगे नो उंछजीविसम्पन्ने, उंछजीविसंपन्ने णाममेगे णो आघवतित्ता व [४] । चउविहा रुक्खविगुव्वणा पन्नत्ता, तं जहा पवालत्ताए पत्तत्ताए पुप्फत्ताए फलत्ताए । ३४५. चत्तारि वादिसमोसरणा पन्नत्ता, तंजहा किरियावादी अकिरियावादी अण्णाणियवादी वेणइयवादी । णेरइयाणं चत्तारि वादिसमोसरणा पन्नत्ता, तंजहा किरियावादी जाव वेणतियवादी, एवमसुरकुमाराण वि जाव थणितकुमाराणं, एवं विगलिदियवज्जं जाव वेमाणियाणं । ३४६. चत्तारि मेहा पन्नत्ता, तंजहा गज्जित्ता णाममेगे णो वासित्ता, वासित्ता णाममेगे णो गज्जित्ता, एगे गज्जित्ता वि वासित्ता वि, एगे णो गज्जित्ता णो वासित्ता १ । एवमेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा गज्जित्ता णाममेगे णो वासित्ता ह्व [ = ४], २ । चत्तारि मेहा पन्नत्ता, तंजहा गज्जित्ता णाममेगे णो विज्जुयाइत्ता विज्जुयाइत्ता णामगे हृ [=४], ३ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा गज्जित्ता णाममेगे णो विज्जुयाइत्ता ह्व [ = ४] ४ । चत्तारि मेहा पन्नत्ता, तंजहा वासित्ता णाममेगे णो विज्जुयाइत्ता ह्व [= ४], ५ । एवामेव चत्तारि पुरिस जाता पन्नत्ता, तंजहा वासित्ता णाममेगे णो विज्नुयाइत्ता ४, ६ । चत्तारि मेहा पन्नत्ता, तंजहा कालवासी णामगे णो अकालवासी ह्व [=४], ७ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा कालवासी णाममेगे नो अकालवासी ह्व [४], ८ । चत्तारि मेहा पन्नत्ता, तंजहा खेत्तवासी णाममेगे णो अखेत्तवासी ह्व [= ४] ९ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा खेत्तवासी णाममेगे णो अखेत्तवासी ह्व [४] १० । चत्तारि मेहा पन्नत्ता, तं जहा जणतित्ता णाममेगे णो णिम्भवतित्ता, णिम्मवतित्ता णाममेगे णो जणतित्ता [ ४ ], ११ । एवामेव चत्तारि अम्मापियरो पन्नत्ता, तंजहा जणतित्ता णाममेगे णो णिम्मवतित्ता ह्व [=४] १२ । चत्तारि मेहा पन्नत्ता, तंजहा देसवासी णाममेगे णो सव्ववासी ह्व [ = ४] १३ । एवामेव चत्तारि रायाणो पन्नत्ता, तंजहा देसाधिवती णामगे णो सव्वाधिवाती ह्व [४] १४ । ३४७. चत्तारि मेहा पन्नत्ता, तंजहा पुक्खलसंवट्टते, पज्जुन्ने, जीमूते, झिम्मे । पुक्खलसंवट्टते णं महामेहे एगेणं वासेणं दस वाससहस्साइं भावेति, पज्जुन्ने णं महामेहे एगेणं वासेणं दस वाससताइं भावेति, जीमूते णं महामेहे एगेणं वासेणं दस वासाई भावेति, झिम्मे णं महामेहे बहूहिं वासेहिं एगं वासं भावेति वा ण वा भावेति १५ । ३४८. चत्तारि करंडगा पन्नत्ता, तंजहा सोवागकरंडते, वेसिताकरंडते, गाहावतिकरंडते, रायकरंडते १६ । एवामे चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा सोवागकरंडगसमाणे वेसिताकरंडगसमाणे गाहावतिकरंडगसमाणे रायकरंडगसमाणे १७ । ३४९. चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता, तंजहा साले नाममेगे सालपरियाते, साले नाममेगे एरंडपरियाए, एरंडे० ह्व [ = ४] १८ । एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा साले णाममेगे सालपरिताते, साले णाममेगे एरंडपरिताते, एरंडे णाममेगे० ह्व [ = ४] १९ । चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता, तंजहा साले णाममेगे सालपरियाले, साले णामं एगे एरंडपरियाले ह्व [=४], २० । एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नत्ता, तंजहा साले नाममेगे सालपरियाले, साले णामं एगे एरंडपरियाले, ह्व [४] २१ । “सालदुममज्झयारे जह साले णाम होति दुमराया । इय सुंदर आयरिए सुंदरसीसे मुणेतव्वे” ॥२२॥ “एरंडमज्झयारे जह साले णाम होति दुमराया । इय सुंदर आयरिए मंगुलसीसे मुणेयव्वे ॥२३॥ “सालदुममज्झयारे एरंडे णाम होति दुमराया । इय मंगुल आयरिए सुंदरसीसे मुणेयव्वे” ||२४|| “एरंडमज्झयारे एरंडे णाम होइ दुमराया । इय मंगुल आयरिए मंगुलसीसे मुणयव्वे” ||२५|| ३५०. चत्तारि मच्छा पन्नत्ता, तंजहा अणुसोतचारी, पडिसोतचारी, अंतचारी, मज्झचारी २२ । एवामेव चत्तारि भिक्खागा पन्नत्ता, तंजहा अणुसोयचारी, पडिसोयचारी, अंतचारी, मज्झचारी २३ । चत्तारि गोला पन्नत्ता, तंजहा मधुसित्थगोले, जउगोले, दारुगोले, मट्टियागोले २४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजा मधुसित्थगोलसमाणे ह्व [ ४ ], २५ । चत्तारि गोला पन्नत्ता, तंजहा अयगोले, तउगोले, तंबगोले, सीसगोले २६ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजा अयगोलसमाणे जाव सीसगोलसमाणे २७ । चत्तारि गोला पन्नत्ता, तंजहा हिरण्णगोले सुवन्नगोले रयणगोले वयरगोले २८ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा हिरण्णगोलसमाणे जाव वइरगोलसमाणे २९ । चत्तारि पत्ता पन्नत्ता, तंजहा असिपत्ते करपत्ते खुरपत्ते कलम्बचीरितापत्ते ३० । एवामेव चत्तारि
श्री आगमगुणमंजूषा १३८
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(३) ठाणं ४ -अ. चउट्ठाणं उ-४
[४१]
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पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा असिपत्तसमाणे जाव कलंबचीरितापत्तसमाणे, ३१ । चत्तारि कडा पन्नत्ता, तंजहा सुंठकडे विदलकडे चम्मकडे कंबलकडे ३२ । एवामेव । 5 चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा सुंठकडसमाणे जाव कंबलकडसमाणे ३३ । ३५१. चउव्विहा चउप्पया पन्नत्ता, तंजहा एगखुरा दुखुरा गंडीपदा सणप्फदा ३४ ।
चउब्विहा पक्खी पन्नत्ता, तंजहा चम्पपक्खी लोमपक्खी सामुग्गपक्खी विततपक्खी ३५ । चउब्विहा खुद्दपाणा पन्नत्ता, तंजहा बेइंदिया तेइंदिया चउरिदिया
संमुच्छिमपंचिदियतिरिक्खजोणिया ३६ । ३५२. चत्तारि पक्खी पन्नत्ता, तंजहा णिवतित्ता णाममेगे नो परिवतित्ता, परिवतित्ता नाम एगे नो निवतित्ता, एगे निवतित्ता म वि परिवतित्ता वि, एगे नो निवतित्ता नो परिवतित्ता ३७ । एवामेव चत्तारि भिक्खागा पन्नत्ता, तंजहा णिवतित्ता णाममेगे नो परिवतित्ता ह्व [४] , ३८ । चत्तारि फ पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा णिक्कटे णाममेगे णिक्कटे, निक्कटे नाममेगे अणिक्कट्ठे ह्व [४], ३९ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा णिक्कट्टे णाममेगे णिक्कठ्ठप्पा, णिक्कठे
नाममेगे अणिक्कठ्ठप्पा ह्व [४] , ४० । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा-बुहे नाममेगे बुहे, बुहे नाममेगे अबुहे ह्र [४] , ४१ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा बुधे नाममेगे बुधहियए ह [-४], ४२ । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा आताणुकंपते णाममेगे नो पराणुकंपते ह्व [४], ४३ । ३५३. चउव्विहे संवासे पन्नत्ते, तंजहा दिव्वे, आसुरे, रक्खसे माणुसे १ । चउव्विधे संवासे पन्नत्ते, तंजहा देवे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति, देवे नाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति, असुरे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति, असुरे नाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति २। चउब्विधे संवासे पन्नत्ते, तंजहा देवे नाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति, देवे नाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति, रक्खसे णाममेगे व [४],३। चउम्विधे संवासे पन्नत्ते, तंजहा देवे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति, देवे नाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति ह्व [४], ४ । चउव्विधे संवासे पन्नत्ते, तंजहा असुरे णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति, असुरे नाममेगे रक्खसीए, सद्धिं संवासं गच्छति ह्व [४], ५। चउव्विधे संवासे पन्नत्ते, तंजहा असुरे णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति, असुरे णाममेगे मणुस्सए सन्द्रि संवासं गच्छति ह्व [४], ६। चउव्विधे संवासे पन्नत्ते, तंजहा रक्खसे नाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति, रक्खसे नाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति
ह्व [४],७।३५४. चउविहे अवद्धंसे पन्नत्ते, तंजहा आसुरे आभिओगे संमोहे देवकिब्बिसे। चउहिं ठाणेहिं जीवा आसुरत्ताते कम्मं पगरेति, तंजहा कोधसीलताते ई पाहुडसीलताते संसत्ततवोकम्मेणं निमित्ताजीवताते। चउहि ठाणेहिं जीवा आभिओग्गत्ताते कम्मं पगरेति, तंजहा अत्तुक्कोसेणं, परपरिवातेणं, भूतिकम्मेणं, कोउयकरणेणं म । चउहिं ठाणेहिं जीवा सम्मोहत्ताते कम्मं पगरेंति, तंजहा उम्मग्गदेसणाए मग्गंतराएणं कामासंसपओगेणं भिज्झानियाणकरणेणं | चउहि ठाणेहिं जीवा
देवकिब्बिसियत्ताते कम्मं पगरेति, तंजहा अरहताणं अवन्नं वदमाणे, अरहतपन्नत्तस्स धम्मस्स अवन्नं वदमाणे, आयरिय-उवज्झायाणमवन्नं वदमाणे, चाउवन्नस्स संघस्स अवन्नं वदमाणे । ३५५. चउब्विधा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा इहलोगपडिबद्धा, परलोगपडिबद्धा, दुहतोलोगपडिबद्धा, अपडिबद्धा १ । चउव्विहा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा पुरओपडिबद्धा, मगओपडिबद्धा, दुहतो पडिबद्धा, अपडिबद्धाराचउव्विहा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा ओवातपव्वज्जा, अक्खातपव्वज्जा, संगारपव्वज्जा, विहगपव्वज्जा ३ । चउव्विहा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा तुयावइत्ता पुयावइत्ता मोयावइत्ता परिपूयावइत्ता ४ । चउव्विहा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा नडखझ्या भडखइया सीहखइया सियालखइया ५ । चउव्विहा किसी पन्नत्ता, तंजहा वाविता परिवाविया णिदिता परिणिदिता ६ । एवामेव चउब्विहा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा वाविता परिवाविता णिदिता परिणिदिता ७ । चउब्विहा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा धन्नपुंजितसमाणा, धन्नविरल्लितसमाणा, धन्नविक्खित्तसमाणा, धन्नसंकडितसमाणा ८ ।
३५६. चत्तारि सन्नाओ पन्नत्ताओ, तंजहा आहारसन्ना, भयसन्ना, मेहुणसन्ना, परिग्गहसन्ना १ । चउहि ठाणेहिं आहारसन्ना समुप्पज्जति, तंजहा ओमकोट्टताते, म छुहावेयणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं, मतीते, तदट्ठोवओगेणं २ । चउहिँ ठाणेहिं भयसन्ना समुप्पज्जति, तंजहा हीणसत्तताते, भयवेयणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं, म मतीते, तदट्ठोवओगेणं ३ । चउहि ठाणेहि मेहुणसन्ना समुप्पज्जति, तंजहा चित्तमंससोणिययाए, मोहणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं, मतीते तदट्ठोवओगेणं ४ । चउहिं ठाणेहिं परिग्गहसन्ना समुप्पज्जति, तंजहा अविमुत्तयाए, लोभवेयणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं, मतीते, तदट्ठोवओगेणं ५। ३५७. चउव्विहा कामा पन्नत्ता, तंजहा सिंगारा, por-nematore, PSI-THREVEALE LELE LELE LELE LELE LE श्री आगमगणमंजूषा- १३९ ककककककक55555555555555OOK
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(३) ठाणं ४-अ. चउट्ठाणं उ-४
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कलुणा, बीभच्छा, रोद्दा। सिंगारा कामा देवाणं, कलुणा कामा मणुयाणं, बीमच्छा कामा तिरिक्खजोणियाणं, रोद्दा कामा णेरइयाणं । ३५८. चत्तारि उदगा पन्नत्ता, तंजहा उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोदए, उत्ताणे णाममेगे गंभीरोदए, गंभीरे णाममेगे उत्ताणोदए, गंभीरे णाममेगे गंभीरोदए १ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उत्ताणे नाममेगे उत्ताणहिदए, उत्ताणे णाममेगे गंभीरहिदए ह [38], २ । चत्तारि उदगा पन्नत्ता, तंजहा उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोभासी, उत्ताणे णाममेगे' गंभीरोभासी ह्व [38], ३ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोभासी, उत्ताणे णाममेगे गंभीरोभासी ह्व [४], ४ । चत्तारि उदहीम पन्नत्ता, तंजहा उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोदही, उत्ताणे णाममेगें गंभीरोदही ह्व [४],५। एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा उत्ताणे णाममेगे उत्ताणहियए, ह्व [४] , ६ । चत्तारि उदही पन्नत्ता, तंजहा उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोभासी, उत्ताणे णाममेगे गंभीरोभासी ह्व [४] , ७ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता,
तंजहा उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोभासी, ह्व [४], ८ । ३५९. चत्तारि तरगा पन्नत्ता, तंजहा समुदं तरामीतेगे समुदं तरति, समुदं तरामीतेगे गोप्पतं तरति, गोप्पतं ॐ तरामीतेगे ह्व [38], १ । चत्तारि तरगा पन्नत्ता, तंजहा समुदं तरित्ता नाममेगे समुद्दे विसीतति, समुदं तरेत्ता णाममेगे गोप्पते विसीतति, गोप्पतं ह्व [४],२।
३६०. चत्तारि कुंभा पन्नत्ता, तंजहा पुण्णे नाममेगे पुन्ने, पुन्ने नाममेगे तुच्छे, तुच्छे णाममेगे पुण्णे, तुच्छे णाममेगे तुच्छे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा पुण्णे नाममेगे पुन्ने ह्व =४ । चत्तारि कुंभा पन्नत्ता, तंजहा-पुन्ने नाममेगे पुण्णोभासी, पुण्णे नाममेगे तुच्छोभासी ह्य [४] एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा-पुन्ने णाममेगे पुन्नोभासी ह्व [४] । चत्तारि कुंभा पन्नत्ता, तंजहा पुण्णे नाममेगे पुन्नरूवे, पुन्ने नाममेगे तुच्छरूवे ह्व [४] । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा पुण्णे नाममेगे पुन्नरूवे ह्व [४] । चत्तारि कुंभा पन्नत्ता, तंजहा पुन्ने वि एगे पियढे, पुन्ने वि एगे अवदले, तुच्छे वि एगे पियट्टे, तुच्छे वि एगे अवदले। एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा पुण्णे वि एगे पियढे तहेव । चत्तारि कुंभा पन्नत्ता, तंजहा पुन्ने वि एगे विस्संदति, पुन्ने वि एगे णो विस्संदति, तुच्छे वि एगे विस्संदति, तुच्छे वि एगे न विस्संदइ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तंजहा पुन्ने विएगे विस्संदति तहेव । चत्तारि कुंभा पन्नत्ता, तंजहा भिन्ने जज्जरिए परिस्साई अपरिस्साई। एवामेव चउव्विहे चरित्ते पन्नत्ते, तंजहा भिन्ने जाव अपरिस्साई। चत्तारि कुंभा पन्नत्ता, तंजहा महुकुंभे नाम एगे महुप्पिहाणे, महुकुंभेणाम एगे विसप्पिहाणे, विसकुंभे नामं एगे महुप्पिहाणे, विसकुंभे णाममेगे विसप्पिहाणे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा मधुकुंभे नाम एगे मधुप्पिहाणे ह्व [४] । "हिययमपावमकलुसं जीहा वि य मधुरभासिणी निच्चं । जम्मि पुरिसम्मि विज्जति से मधुकुंभे मधुपिहाणे" ।।२६।। “हिययमपावमकलुसंजीहा विय कडुयभासिणी निच्चं । जम्मि पुरिसम्मि विज्जति से मधुकुंभे विसपिधाणे" ।।२७|| “जं हिययं कलुसमयं जीहा वि य मधुरभासिणी निच्चं । जम्मि पुरिसम्मि विज्जति से विसकुंभे मधुपिधाणे" ||२८|| "जं हिययं कलुसमयं जीहा वि य कडुयभासिणी निच्चं । जम्मि पुरिसम्मि विज्जति से विसकुंभे विसपिधाणे" ॥२९॥ ३६१. चउब्विहा उवसग्गा पन्नत्ता, तंजहा दिव्वा माणुसा तिरिक्खजोणिया आतसंचेयणिज्जा १ । दिव्वा उवसग्गा चउब्विहा पन्नत्ता, तंजहा हासा, पओसा, वीमंसा, पुढोवेमाता २। माणुसा उवसग्गा चउव्विधा पन्नत्ता, तंजहा हासा, पओसा, वीमंसा, कुसीलपडिसेवणया ३ । तिरिक्खजोणिया उवसग्गा चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा भता, पदोसा, आहारहेडं, अवच्चलेणसारक्खणया ४ । आतसंचेयणिज्जा उवसग्गा चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा घट्टणता पवडणता थंभणता लेसणता ५ । ३६२. चउविहे कम्मे पन्नत्ते, तंजहा सुभे नाममेगे सुभे, सुभे नाममेगे असुभे, असुभे नाम० ह [४] | चउव्विहे कम्मे पन्नत्ते, तंजहा सुभेणाममेगे सुभविवागे, सुभेणाममेगे असुभविवागे, असुभे नाममेगे सुभविवागे, असुभे नाममेगे असुभविवागे। चउविहे कम्मे पन्नत्ते, तंजहा पगडीकम्मे, ठितीकम्मे, अणुभावकम्मे पदेसकम्मे । ३६३. चउव्विहे संघे पन्नत्ते, तंजहा समणा समणीओ सावगा साविगाओ। ३६४. चउव्विहा बुद्धी पन्नत्ता, तंजहा उप्पत्तिया वेणइया कम्मया पारिणामिया । चउब्विधा मती पन्नत्ता,
तंजहा उग्गहमती ईहामती अवायमती धारणामती । अहवा चउव्विहा मती पन्नत्ता, तंजहा अरंजरोदगसमाणा वियरोदगसमाणा सरोदगसमाणा सागरोदगसमाणा। २३६५. चउब्विहा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तंजहा णेरइता तिरिक्खजोणिया मणुस्सा देवा । चउब्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता, जहा मणजोगी वइजोगी कायजोगी mero 5 5
55555555॥ श्री आगमगुणमंजूषा-१४०95555555$$$$$$$$$$$$$$$OOR
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(३) ठाणं ४ -अ. चउट्ठाणं उ-४
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र अजोगी । अहवा चउब्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा इत्थिवेयगा पुरिसवेदग णपुंसकवेदगा अवेदगा । अहवा चउव्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा चक्खुदंसणी
अचक्खुदंसणी ओहिदसंणी केवलदंसणी । अहवा चउव्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा संजता, असंजता, संजतासंजता, णोसंजता णोअसंजता णोसंजतासंजता। ३६६. चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा मित्ते नाममेगे मित्ते, मित्ते नाममेगे अमित्ते, अमित्ते नाममेगे मित्ते, अमित्ते णाममेगे अमित्ते । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा मित्तेणाममेगे मित्तरूवे चउभंगो। चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा मुत्ते णाममेगे मुत्ते, मुत्तेणाममेगे अमुत्ते [४] । चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा मुत्ते णाममेगे मुत्तरूवे ह्र [४] ।३६७. पचेदियतिरिक्खजोणिया चउगइया चउआगइया पन्नत्ता, तंजहा पचेदियतिरिक्खजोणिए पचेदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणे णेरइएहिंतो वा तिरिक्खजोणिएहिंतो वा मणुस्सहिंतो वा देवेहितो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से पचेदियतिरिक्खजोणिए पचेदियतिरिक्खजोणियतं विप्पजहमाणे णेरतितत्ताते वा जाव देवत्ताते वा गच्छेज्जा । मणुस्सा चउगइया चउआगइया एवं चेव मणुस्सा वि। ३६८. बेइंदिया णं जीवा असमारभमाणस्स चउविहे संजमे कज्जति, तंजहा जिब्भामयातो सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवति, जिब्भामएणं दुक्खेणं असंजोगेत्ता भवति, फासामयातो सोक्खाओ अववरोवेत्ता भवति एवं चेव । बेइंदिया णं जीवा समारभमाणस्स चउविधे असंजमे कज्जति, तंजहा जिब्भामयातोसोक्खाओ ववरोवेत्ता भवति, जिब्भामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति, फासामयातो सोक्खाओ ववरोवेत्ता भवति एवं चेव । ३६९. सम्मद्दिट्टिताणं णेरइयाणं चत्तारि किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा आरंभिता, परिग्गहिता, मातावत्तिया, अपच्चक्खाणकिरिया। सम्मद्दिछिताणमसुरकुमाराणं चत्तारि किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा एवं चेव । एवं विगलिदियवजं जाव वेमाणियाणं । ३७०. चउहिं ठाणेहिंध संते गुणे नासेज्जा, तंजहा कोधेणं पडिनिवेसेणं अकयण्णुताए मिच्छत्ताभिनिवेसेणं । चउहिं ठाणेहिं संते गुणे दीवेज्जा, तंजहा अब्भासवत्तितं परच्छंदाणुवत्तितं कज्जहेउं कतपडिकतितेति वा । ३७१. णेरइयाणं चउहिँ ठाणेहिं सरीरुप्पत्ती सिता, तंजहा कोधेणं माणेणं मायाए लोभेणं । एवं जाव वेमाणियाणं । णेरइयाणं चउट्ठाणनिव्वत्तिते । सरीरए पन्नत्ते, तंजहा कोहनिव्वत्तिए जाव लोभनिव्वत्तिए । एवं जाव वेमाणियाणं । ३७२. चत्तारि धम्मदारा पन्नत्ता, तंजहा खंती मुत्ती अज्जवे मद्दवे । ३७३. चउहिं ठाणेहिं जीवा णेरतियत्ताए कम्मं पकरेंति, तंजहा महारंभताते महापरिग्गहताते पंचेंदियवहेणं कुणिमाहारेणं । चउहिं ठाणेहिं जीवा तिरिक्खजोणियत्ताए कम्मं पगरेति, तंजहा माइल्लताते णियडिल्लताते अलियवयणेणं कूडतुलकूडमाणेणं । चउहि ठाणेहिं जीवा मणुस्सत्ताते कम्मं पकरेंति, तंजहा पगतिभद्दताते पगतिविणीयताए साणुक्कोसताते अमच्छरितताते । चउहिं ठाणेहिं जीवा देवाउयत्ताए कम्मं पकरेंति, तंजहा सरागसंजमेणं संजमासंजमेणं बालतवोकम्मेणं अकामणिज्जराए। ३७४. चउब्विहे वज्जे पन्नत्ते, तंजहा तते वितते घणे झुसिरे । चउविहे नट्टे पन्नत्ते, तंजहा अंचिते रिभिते आरभडे भसोले। चउव्विहे गेए पन्नत्ते, तंजहा उक्खित्तए पत्तए मंदएरोविंदए। चउविहे मल्ले पन्नत्ते, तंजहा गंथिमे वेढिमे पूरिमे संघातिमे। चउब्विहे अलंकारे पन्नत्ते, तंजहा केसालंकारे वत्थालंकारे मल्लालंकारे आभरणालंकारे। चउब्विहे अभिणते पन्नत्ते, तंजहा दिट्ठतिते पाडंसुते सामंतोवातणिते लोगमज्झावसिते। ३७५. सणंकुमार-माहिदेसुणं कप्पेसु विमाणा चउवण्णा पन्नत्ता, तंजहा णीला लोहिता हालिद्दा सुकिला । महासुक्क-सहस्सारेसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उक्कोसेणं चत्तारि रतणीओ उहुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता। ३७६. चत्तारि दगगब्भा पन्नत्ता, तंजहा उस्सा महिया सीता उसिणा। चत्तारि उदगगब्भापन्नत्ता, तंजहा हेमगा अब्भसंथडा सीतोसीणा पंचरूविता- “माहेतु हेमगा गब्भा, फग्गुणे अब्भसंथडा। सीतोसिणा उ चेते, वतिसाहे पंचरूविता' ॥३०॥ ३७७. चत्तारि मणुस्सीगब्भा पन्नत्ता, तंजहा इत्थित्ताते पुरिसत्ताते णपुंसगत्ताते बिंबत्ताते- "अप्पं सुक्कं बहुं ओयं, इत्थी तत्थ पजातति । अप्पं ओयं बहुं सुक्कं, पुरिसो तत्थ जातति' || ३१ ।। “दोण्हं पि रत्तसुक्काणं, तुल्लभावे णपुंसगो । इत्थीओयसमाओगे, बिंब तत्थ पजायति" ॥ ३२ ॥ ३७८. उप्पायपुव्वस्स णं चत्तारि चूलवत्थू पन्नत्ता । ३७९. चउविहे कव्वे पन्नत्ते, तंजहा गज्जे पज्जे कत्थे गेये। ३८०. णेरतिताणं चत्तारि समुग्घाता पन्नत्ता, तंजहा वेयणा समुग्घाते कसायसमुग्घाते मारणंतियसमुग्घाते वेउब्वियसमुग्धाते । एवं
वाउकाइयाण वि। ३८१. अरहतो णं अरिट्ठनेमिस्स चत्तारि सता चोद्दसपुव्वीणमजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्खरसन्निवातीणं जिणो इव अवितथं वागरमाणाणं revo
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(३) ठाणं ४ -अ. चउहाणं उ.४/प. अ. पंचट्ठाणं उ-१ [४४]
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उक्कोसिता चोद्दसपुव्विसंपया होत्था। ३८२. समणस्सणं भगवओ महावीरस्स चत्तारि सता वादीणं सदेवमणुयासुराते परिसाते अपराजिताणं उक्कोसिता वादिसंपया। होत्था । ३८३. हेट्ठिला चत्तारि कप्पा अद्धचंदसंठाणसंठिता पन्नत्ता, तंजहा सोहम्मे ईसाणे सणंकुमारे माहिंदै । मज्झिला चत्तारि कप्पा पडिपुन्नचंदसंठाणसंठिता पन्नत्ता, तंजहा बंभलोगे लंतते महासुक्के सहस्सारे। उवरिल्ला चत्तारि कप्पा अद्धचंदसंठाणसंठिता पन्नत्ता, तंजहा आणते पाणते आरणे अच्चुत्ते । ३८४. चत्तारि समुद्दा पत्तेयरसा पन्नत्ता, तंजहा लवणोदे वरुणोदे खीरोदे घतोदे। ३८५. चत्तारि आवत्ता पन्नत्ता, तंजहा खरावते उन्नतावत्ते गूढावते आमिसावत्ते । एवामेव चत्तारि कसाया पन्नत्ता, तंजहा खरावत्तसमाणे कोधे, उन्नत्तावत्तसमाणे माणे, गूढावत्तसमाणा माया, आमिसावत्तसमाणे लोभे । खरावत्तसमाणं कोहं अणुपविढे जीवे कालं करेति णेरइएसु उववज्जति, उन्नतावत्तसमाणं माणं एवं चेव, गूढावत्तसमाणं मातमेवं चेव, आमिसावत्तसमाणं लोभमणुपविढे जीवे कालं करेति नेरइएसु उववज्जति । ३८६. अणुराधानक्खत्ते चउतारे पन्नत्ते। पुव्वा आसाढा एवं चेव । उत्तरा आसाढा एवं चेव। ३८७. जीवाणं चउट्ठाणनिव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताते चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा नेरतियनिव्वत्तिते तिरिक्खजोणितनिव्वत्तिते मणुस्सनिव्वत्तिए देवनिव्वत्तिते । एवं उवचिणिंसु वा उवचिणंति वा उवचिणिस्संति वा। एवं - "चिण उवचिण बंध उदीर वेत तह निज्जरा चेव"॥३३ ।। ३८८. चउपदेसिया खंधा अणंता पन्नत्ता। चउपदेसोगाढा पोग्गला अणंता पन्नत्ता, चउसमयद्वितीया पोग्गला अणंता पन्नत्ता , चउगुणकालगा पोग्गला अणंता पन्नत्ता, जाव चउगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पन्नत्ता। । चउट्ठाणं समत्तं ।। पंचमं अज्झयणं 'पंचट्ठाणं' पढमो उद्देसओ जब ३८९. पंच महव्वता पन्नत्ता, तंजहा सव्वातो पाणातिवातातो वेरमणं जाव सव्वातो परिग्गहातो वेरमणं । पंचाणुव्वत्ता पन्नत्ता, तंजहा थूलातो पाणातिवातातो वेरमणं, थूलातो मुसावायातो वेरमणं, थूलातो अदिन्नादाणातो वेरमणं, सदारसंतोसे, इच्छापरिमाणे । ३९०. पंच वण्णा पन्नत्ता, तंजहा किण्हा नीला लोहिता हालिदा सुकिला १ । पंचरसा पन्नत्ता, तंजहा तित्ता जाव मधुरा २। पंच कामगुणा पन्नत्ता, तंजहा सद्दा रूवा गंधा रसा फासा ३ । पंचेहिं ठाणेहिं जीवा सज्जंति, तंजहा सद्देहिं जाव फासेहिं ४, एवं रज्जति ५, मुच्छंति ६, गिज्झंति ७, अज्झोववज्जति ८। पंचहिं ठाणेहिं जीवा विणिघायमावज्जति, तंजहा सद्देहिं जाव फासेहिं ९ । पंच ठाणा अपरिण्णाता जीवाणं अहिताते असुभाते अखमाते अणिस्सेसाते अणाणुगामितत्ताते भवंति, तंजहा सद्दा जाव फासा १० | पंच ठाणा सुपरिन्नाता जीवाणं हिताते सुभाते जाव आणुगामितत्ताए भवंति, तंजहा सहा जाव फासा ११ । पंच ठाणा अपरिण्णाता जीवाणं दुग्गतिगमणाए भवंति, तंजहा सद्दा जाव फासा १२ । पंच ठाणा सुपरिन्नाता जीवाणं सुगतिगमणाए भवंति, तंजहा सद्दा जाव फासा १३ | ३९१. पंचहिं ठाणेहिं जीवा दोग्गतिं गच्छंति, तंजहा पाणातिवातेणं जाव परिग्गहेणं । पंचहिं ठाणेहिं जीवा सोगतिं गच्छंति, तंजहा पाणातिवातवेरमणेणं जाव परिग्गहवेरमणेणं । ३९२. पंच पडिमातो पन्नत्ताओ, तंजहा भद्दा सुभद्दा महाभद्दा सव्वतोभद्दा भद्दुत्तरपडिमा।३९३. पंच थावरकाया पन्नत्ता, तंजहा इंदे थावरकाए, बंभे थावरकाए, सिप्पे थावरकाए, सम्मुती थावरकाए, पाजावच्चे थावरकाए। पंचथावरकायाधिपती पन्नत्ता, तंजहा इंदे थावरकाताधिपतीजावपातावच्चे थावरकाताधिपती। ३९४.पंचहिं ठाणेहिं ओहिदंसणे समुप्पज्जिउकामे वितप्पढमताते खभातेज्जा, तंजहा अप्पभुतं वा पुढविं पासित्ता तप्पढमताते खभातेज्जा, कुंथुरासिभूतं वा पुढविं पासित्ता तप्पढमताते खभातेज्जा, महतिमहालतं वा महोरगसरीरं पासित्ता तप्पढमताते खभातेज्जा, देवं वा महिड्डियं जाव महेसक्खं पासित्ता तप्पढमताते खभातेज्जा, पुरेसु वा पोराणाई महतिमहालयाई महानिहाणाइं पहीणसामिताइं पहीणसेतुकाई पहीणगोत्तागाराइं उच्छन्नसामियाइं उच्छन्नसेउयाई उच्छन्नगोत्तागाराइं जाइं इमाई गामागर-णगर-खेड-कब्बड-मडंब-दोणमुहपट्टणासमसंवाह-सन्निवेसेसु सिंघाडग-तिग-चउक्क-चच्चर-चउमुह-महापहपहेसुणगरणिद्धमणेसु सुसाण-सुन्नागार-गिरि-कन्दर-सन्ति-सेलोवठ्ठाण-भवणगिहेसु संनिक्खित्ताई चिट्ठति ताई वा पासित्ता तप्पढमताते खभातेज्जा । इच्चेतेहिं पंचेहिं ठाणेहिं ओहिदसणे समुप्पज्जिउकामे तप्पढमताते खभातेज्जा । पंचहिं ठाणेहिंई केवलवरनाणदंसणे समुप्पज्जिउकामे तप्पढमताते नो खभातेज्जा, तंजहा अप्पभूतं वा पुढविं पासित्ता तप्पढमताते णो खभातेजा, सेसं तहेव जाव भवणगिहेसु
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(३) ठाणं प. अ. पंचट्ठाणं उ १ [४५] संनिक्खित्ताइं चिट्ठति ताई वा पासित्ता तप्पढमताते णो खभातेज्जा । इच्चेतेहिं पंचहिं ठाणेहिं जाव नो खभातेज्जा । ३९५. णेरइयाणं सरीरगा पंचवण्णा पंचरसा पन्नत्ता, तंजहा किण्हा जाव सुक्किला, तित्ता जाव मधुरा । एवं निरंतरं जाव वेमाणियाणं । पंच सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा ओरालिते वेउव्विते आहारते तेयते कम्मते । ओरालीतसरीरे पंचवन्ने पंचरसे पन्नत्ते, तंजहा किण्हे जाव सुकिल्ले, तित्ते जाव महुरे, एवं जाव कम्मगसरीरे । सव्वे वि णं बादरबोदिधरा कलेवरा पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा अट्ठफासा । ३९६. पंचहिं ठाणेहिं पुरिमपच्छिमगाणं जिणाणं दुग्गमं भवति, तंजहा दुआइक्खं दुव्विभज्जं दुपस्सं दुतितिक्खं दुरणुचरं । पंचेहिं ठाणेहिं मज्झिमगाणं जिणाणं सुगमं भवति, तंजहा सुआतिक्खं सुविभज्जं सुपस्सं सुतितिक्खं सुरणुचरं । पंच ठाणाइं समणेणं भगवता महावीरेणं समणाणं णिग्गंथाणं णिच्वं वन्निताइं णिच्चं कित्तिताई णिच्चं बुतिताइं णिच्चं पसत्थाई निच्चमब्भणुन्नाताई भवंति, तंजहा खंत्ती मुत्ती अज्जवे मद्दवे लाघवे। पंच ठाणाई सम [णणं भगवता महावीरेण ] जाव अब्भणुन्नायाई भवंति, तंजहा सच्चे संजमे तवे चिताते बंभचरेवासे । पंच ठाणाई सम [णं भगवता महावीरेणं] जाव अब्भणुन्नाताई भवंति, तंजा उक्खित्तचरते निक्खित्तचरते अंतचरते पंतचरते लूहचरते । पंच ठाणाई जाव अब्भणुण्णाताई भवंति, तंजहा अन्नातचरते अन्नइलायचरए मोणचरते संसट्टकप्पिते तज्जातसंसट्टकप्पिते । पंच ठाणाई जाव अब्भणुन्नाताइं भवंति, तंजहा उवनिहिते सुद्धेसणीते संखादत्तिते दिट्ठलाभिते पुट्ठलाभिते । पंच ठाणाई जाव अब्भणुण्णाताई भवंति, तंजहा आयंबिलिते निव्विते पुरिमड्ढिते परिमितपिंडवातिते भिन्नपिंडवातिते । पंच ठाणाई जाव अब्भणुन्नायाइं भवंति, तंजहा अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लूहाहारे । पंच ठाणाई जाव भवंति, तंजहा अरसजीवी विरसजीवी अंतजीवी पंतजीवी लूहजीवी । पंच ठाणाई जाव भवंति, तंजहा ठाणातिते उक्कुडुआसणिते पडिमट्ठाती वीरासणिए णेसज्जिते । पंच ठाणाइं जाव भवंति, तंजहा दंडायतिते लगंडसाती आतावते अवाउडते अकंडुयते । ३९७. पंचहिं ठाणेहिं समणे निग्गंथे महानिज्जरे महापज्जवसाणे भवति, तंजहा अगिलाते आयरियवेयावच्चं करेमाणे १, एवं उवज्झायवेयावच्चं करेमाणे २, थेरवेयावच्चं [करेमाणे] ३, तवस्सिवेयावच्चं [करेमाणे] ४, गिलाणवेयावच्चं करेमाणे ५ | पंचहिं ठाणेहिं समणे निग्गंथे महानिज्जरे महापज्जवसाणे भवति, तंजहा अगिलाते सेहवेयावच्चं करेमाणे १, अगला कुलवेया [वच्चं करेमाणे] २, अगिलाते गणवे [यावच्चं करेमाणे] ३, अगिलाते संघवे यावच्चं करेमाणे ४, अगिलाते साहम्मियवेयावच्चं करेमाणे ५ । ३९८. पंचहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे साहम्मितं संभोतितं विसंभोतितं करेमाणे णातिक्कमति, तंजहा सकिरितद्वाणं पडिसेवेत्ता भवति १, पडिसेवेत्ता णो आलोतेति २, आलोतेत्ता णो पट्ठवेति ३, पट्टवेत्ता णो णिव्विसति ४, जाई इमाई थेराणं ठितिपकप्पाइं भवंति ताई अतियंचिय अतियंचिय पडिसेवेति, से हंदऽहं पडिसेवामि किं मं थेरा करिस्संति १५। पंचेहिं ठाणेहिं समणे निग्गंथे साहंमितं पारंचितं करेमाणे णातिक्कमति, तंजहा कुले वसति, कुलस्स भेदाते अब्भुट्टेता भवति १, गणे वसति, गणस्स भेदाते अब्भुट्टेत्ता भवति २, हिंसप्पेही ३, छिद्दप्पेही ४, अभिक्खणं पसिणाततणाइं पउंजित्ता भवति ५ । ३९९. आयरियउवज्जायस्स णं गणंसि पंच वुग्गहाणा पन्नत्ता, तंजहा आयरियउवज्झाए णं गणंसि आणं वा धारणं वा नो सम्मं पउंजेत्ता भवति १, आयरियउवज्झाए णं गणंसि अधारातिणियाते कितिकम्मं वेणतितं नो सम्मं पउंजेत्ता भवति २, आयरियउवज्झाते गणंसि जे सुतपज्जवजाते धारेति ते काले काले णो सम्ममणुप्पवातेत्ता भवति ३, आयरियउवज्झाए गणसि गिलाणसे हवेयावच्चं नो सम्ममब्भुट्टेत्ता भवति ४, आयरियउवज्झाते गणंसि अणापुच्छितचारी यावि हवइ, नो आपुच्छियचारी ५ । आयरियउवज्झायस्स णं गणंसि पंचावुग्गहद्वाणा पन्नत्ता, तंजहा आयरियउवज्झाए गणंसि आणं वा धारणं वा सम्मं पउंजित्ता भवति १, एवमधारातिणिताते [कितिकम्मं वेणतितं सम्मं परंजित्ता भवति २] आयरियउवज्झाए गणंसि जे सुतपज्जवजाते धारेति ते काले काले सम्म अणुपवाइत्ता भवइ ३, एवं गिलाण - सेहवेतावच्चं सम्मं अब्भुट्ठित्ता भवति ४, आयरियउवज्झाते गणंसि आपुच्छियचारी यावि भवति, णो अणापुच्छियचारी ५। ४००. पंच निसिज्जाओ पन्नत्ताओ, तंजहा उक्कुडुती गोदोहिता समपायपुता पलितंका अद्धपलितंका । पंच अज्जवद्वाणा पन्नत्ता, तंजहा साधुअज्जवं साधुमद्दवं साधुलाघवं साधुखंती साधुमुत्ती । ४०१. पंचविहा जोतिसिया पन्नत्ता, तंजहा चंदा सूरा गहा नक्खत्ता ताराओ। पंचविहा देवा पन्नत्ता, तंजहा भवितदव्वदेवा णरदेवा धम्मदेवा देवातिदेवा भावदेवा । ४०२. पंचविहा परितारणा श्री आगमगुणमंजूषा - १४३०
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(३) ठाणं प. अ. पंचट्ठाणं उ-१ [४६]
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पन्नत्ता, तंजहा कायपरितारणा फासपरितारणा रूवपरितारणा सद्दपरितारणा मणपरितारणा । ४०३. चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो पंच अग्गमहिसीओ
पन्नत्ताओ, तंजहा काली राती रतणी विज्जू मेहा । बलिस्सणं वतिरोतणिंदस्स वतिरोतणरन्नो पंच अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा सुंभा णिसुंभा रंभा णिरंभा मदणा ई ।४०४. चमरस्सणमसुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो पंच संगामिता अणितापंच संगामिता अणिताधिवती पन्नत्ता, तंजहा पायत्ताणिते पीढाणिते कुंजराणिते महिसाणिते
रहाणीते। दुमे पायत्ताणिताधिवती, सोदामे आसराया पीढाणियाधिवती, वेकुंथूहत्थिराया कुंजराणिताधिपती, लोहितक्खे महिसाणिताधिपती, किन्नरे रधाणिताधिपती । बलिस्सणं वतिरोतणिंदस्स वतिरोतणरन्नो पंच संगामिताणिता पंच संगामिताणिताधिपती पन्नत्ता, तंजहा पायत्ताणिते जाव रधाणिते । महढुमे पायत्ताणिताधिवती, महासोतामे आसराता पीढाणिताधिपती, मालंकारे हत्थिराया कुंजराणिताधिपती, महालोहियक्खे महिसाणिताधिपती, किंपुरिसे रधाणिताधिपती। धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररन्नो पंच संगामिता अणिता पंच संगामिताणियाधिपती पन्नत्ता, तंजहा पायत्ताणिते जाव रधाणिते । भद्दसेणे पायत्ताणिताधिपती, जसोधरे आसराया पीढाणिताधिपती, सुदंसणे हत्थिराया कुंजराणिताधिपती, नीलकंठे महिसाणियाधिपती, आणंदे रहाणिताहिवई। भूयाणंदस्सणं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररन्नो पचं संगामिया अणिया पंच संगामियाणियाहिवई पन्नत्ता, तंजहा पायत्ताणीए जाव रहाणीए । दक्खे पायत्ताणियाहिवई, सुग्गीवे आसराया पीढाणियाहिवई, सुविक्कमे हत्थिराया कुंजराणिताहिवई, सेयकंठे महिसाणियाहिवई, नंदुत्तरे रहाणियाहिवई । वेणुदेवस्स णं सुवन्निंदस्स सुवन्नकुमाररन्नो पंच संगामिता अणिता पंच संगामिताणिताधिपती पन्नत्ता, तंजहा पायत्ताणिते, एवं जधा धरणस्स तधा वेणुदेवस्स वि । वेणुदालिस्स जधा भूताणंदस्स। जधा धरणस्स तहा सव्वेसिंदाहिणिल्लाणं जाव घोसस्स । जधा भूताणंदस्स तधा सव्वेसिं उत्तरिल्लाणं जाव महाघोसस्स । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो पंच संगामिता अणिता पंच संगामिताणिताधिपती पन्नत्ता, तंजहा पायत्ताणिए पीढाणिए कुंजराणिए उसभाणिए रहाणिए। हरिणेगमेसी पायत्ताणिताधिपती, वाउ आसराता पीढाणिताधिवई, एरावणे हत्थिराता कुंजराणिताधिपती, दामड्डी उसभाणिताधिपती, माढरे रधाणिताधिपती। ईसाणस्सणं देविंदस्सदेवरण्णोपंच संगामिता अणिताजाव पायत्ताणिते, पीढाणिते, कुंजराणिते, उसभाणिते रधाणिते । लहुपरक्कमे पायत्ताणिताधिपती, महावाउ आसराता पीढाणिताधिपती, पुप्फदंते हत्थिराया कुंजराणिताधिपती, महादामड्डी उसमाणिताधिपती, महामाढरे रधाणिताधिपती । जधा सक्कस्स तधा सव्वेसिंदाहिणिल्लाणं जाव आरणस्स।जधाईसाणस्स तथा सव्वेसिं उत्तरिल्लाणं ॥ जाव अच्चुतस्स। ४०५. सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो अब्भतरपरिसाते देवाणं पंच पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता । ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरन्नो अब्भंतरपरिसाते है देवीणं पंच पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता। ४०६. पंचविहा पडिहा पन्नत्ता, तंजहा गतिपडिहा ठितिपडिहा बंधणपडिहा भोगपडिहा बल-वीरित-पुरिसयार-परक्कमपडिहा । ४०७. पंचविधे आजीवे पन्नत्ते तंजहा जातिआजीवे कुलाजीवे कम्माजीवे सिप्पाजीवे लिंगाजीवे । ४०८. पंच रातककुधा पन्नत्ता, तंजहा खग्गं छत्तं उप्फेसिं
पाहणाओ वालवीयणिं । ४०९. पंचहिं ठाणेहिं छउमत्थे उदिन्ने परिस्सहोवसग्गे सम्मं सहेज्जा खमेज्जा तितिक्खेज्जा अधियासेज्जा, तंजहा उदिन्नकम्मे खलु अयं # पुरिसे उम्मत्तगभूते, तेण मे एस पुरिसे अक्कोसति वा अवहसति वा णिच्छोडेति वा णिब्भच्छेति वा बंधति वा रूंभति वा छविच्छेतं वा करेति पमारं वा नेति उद्दवेइ
वा वत्थं पडिग्गहं कंबलं पायपुंछणमच्छिंदति वा विच्छिंदति वा भिंदति वा अवहरति वा १, जक्खातिढे खलु अयं पुरिसे, तेण मे एस पुरिसे अक्कोसति वा तहेव जाव
अवहरति वा २, ममं च णं तब्भववेयणिज्जे कम्मे उतिन्ने भवति, तेण मे एस पुरिसे अक्कोसति वा जाव अवहरति वा ३, ममं च णं सम्ममसहमाणस्स अखममाणस्स * अतितिक्खेमाणस्स अणधितासेमाणस्स किं मन्ने कज्जति ? एगंतसो मे पावे कम्मे कज्जति ४, ममं च णं सम्म सहमाणस्स जाव अहियासेमाणस्स किं मन्ने कज्जति
? एगंतसो मे णिज्जरा कज्जति ५ । इच्चेतेहिं पंचहिं ठाणेहिं छउमत्थे उदिन्ने परिस्सहोवसग्गे सम्मं सहेजा जाव अहियासेज्जा । पंचहिं ठाणेहिं केवली उदिन्ने
परिस्सहोवसग्गे सम्मं सहेजा जाव अधियासेज्जा, तंजहा खित्तचित्ते खलु अतं पुरिसे, तेण मे एस पुरिसे अक्कोसति वा तहेव जाव अवहरति वा १, दित्तचित्ते खलु २ अयं पुरिसे, तेण मे एस पुरिसे जाव अवहरति वा २, जक्खातिठे खलु अयं पुरिसे, तेण मे एस पुरिसे जाव अवहरति वा ३, ममं च णं तब्भववेयणिज्ने कम्मे उदिन्ने र Moo
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श्री आगमगुणमंजूषा-१४४॥55555555555555555555555OOR
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(३) ठाणं प. अ. पंचट्ठाणं उ-१ [४७]
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र भवति, तेण मे एस पुरिसे जाव अवहरति वा ४, ममं च णं सम्म सहमाणं खममाणं तितिक्खेमाणं अधियासेमाणं पासेत्ता बहवे अन्ने छउमत्था समणा णिग्गंथा उदिन्ने
२, परिस्सहोवसग्गे एवं सम्म सहिस्संति जाव अहियासिस्संति ५ । इच्चेतेहिं पंचहिं ठाणेहिं केवली उदिन्ने परिस्सहोवसग्गे सम्मं सहेज्जा जाव अहियासेज्जा। + ४१०.पंच हेऊ पन्नत्ता, तंजहा हेउं न जाणति, हेउंण पासति, हेउंण बुज्झति, हेउं णाभिगच्छति, हेउ अन्नामरणं मरति १ । पंच हेऊ पन्नत्ता, तंजहा हेउणा ण जाणति
जाव हेउणा अन्नाणमरणं मरति २। पंच हेऊ पन्नत्ता, तंजहा हेउं जाणति जाव हेउं छउमत्थमरणं मरति ३ | पंच हेऊ पन्नत्ता, तंजहा हेउणा जाणति जाव हेउणा छउमत्थमरणं मरति ४ । पंच अहेऊ पन्नत्ता, तंजहा अहेउं ण याणति जाव अहेउंछउमत्थमरणं मरति ५। पंच अहेऊ पन्नत्ता, तंजहा अहेउणा न जाणति जाव अहेउणा छउमत्थमरणं मरति ६ । पंच अहेऊ पन्नत्ता, तंजहा अहेउं जाणति जाव अहेउं केवलिमरणं मरति ७ । पंच अहेऊ पन्नत्ता, तंजहा अहेउणा जाणति जाव अहेउणा केवलिमरणं मरति ८। केवलिस्स णं पंच अणुत्तरा पन्नत्ता, तंजहा अणुत्तरे नाणे अणुत्तरे दंसणे, अणुत्तरे चरित्ते, अणुत्तरे तवे, अणुत्तरे वीरिते९।४११. पउमप्पभे णमरहा पंचचित्ते होत्था, तंजहा चित्ताहिं चुते चइता गब्भं वक्तंते, चित्ताहिं जाते, चित्ताहिं मुंडे भविता अगाराओ अणगारितं पव्वइए, चित्ताहिं अणंते अणुत्तरे णिव्वाधाते णिरावरणे कसिणे पडिपुन्ने केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने, चित्ताहिं परिणिव्वुते । पुप्फदंते णं अरहा पंचमूले होत्था, मूलेणं चुते चइत्ता गब्भं वक्ते, एवं चेव । “एवमेतेणं अभिलावेणं इमातो गाहातो अणुगंतव्वातो पउमप्पभस्स चित्ता, मूलो पुण होइ पुप्फदंतस्स | पुब्वा य आसाढा सीतलस्स, उत्तर विमलस्स भद्दवता"||३४|| "रेवतित अणंतजिणो, पुसो धम्मस्स, संतिणो भरणी। कुंथुस्स कत्तियाओ, अरस्स तह रेवतीतो य" ||३५|| "मुणिसुव्वतस्स सवणो, आसिणि णमिणो य, नेमिणो चित्ता। पासस्स विसाहाओ, पंचय हत्थुत्तरे वीरो" ॥३६|| समणे भगवं महावीरे पंच हत्थत्तुरे होत्या, तंजहा हत्युत्तराहिं चुते चइत्ता गम्भं वक्तंते, हत्थुत्तराहिं गब्भातो गन्भं साहरिते, हत्थुत्तराहिं जाते, हत्थुत्तराहिं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए, हत्थुत्तराहिं अणते अणुत्तरे जाव केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने। ★★ *पंचट्ठाणस्स पढमो॥ बीओ उद्देसओ ★★★४१२. नो कप्पइ निग्गंथाण व निग्गंथीण वा इमातो उद्दिट्ठाओगणिताओ वितंजितातो पंच महण्णवातो महाणदीओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा, तंजहा गंगा जउणा सरऊ एरावती मही। पंचहिं ठाणेहिं कप्पति, तंजहा भयंसि वा १, दुब्भिक्खंसि वा २, पव्वहेज्ज वणं कोति ३, दओघंसि वा एज्जमाणंसि महता वा ४, अणारितेहिं ५।४१३. णो कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पढमपाउसंसि गामाणुगामं दूइज्जित्तए। पंचहि ठाणेहिं कप्पति, जहा भयंसि वा, दुब्भिक्खंसि वा, जाव महता वा अणारितेहिं ५। वासावासं पज्जोसविताणं णो कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा गामाणुगामं दूतिज्जित्तते । पंचहिं ठाणेहिं कप्पति, तंजहा णाणट्ठताते, दंसणठ्ठताते, चरित्तठ्ठत्ताते, आयरियउवज्झाए वा से वीसुंभेज्जा, आयरियउवज्झायाण वा बहिता वेयावच्चं करणत्ताते । ४१४. पंच अणुग्घातिता पन्नत्ता, तंजहा हत्थाकम्मं करेमाणे, मेहुणं पडिसेवमाणे, रातीभोयणं भुंजमाणे, सागारितपिंडं भुंजमाणे, रायपिंड भुंजेमाणे । ४१५. पंचहिं ठाणेहि समणे निग्गंथे रायंतेउरमणुपविसमाणे नाइक्कमति, तंजहा नगरे सिता सव्वतो समंता गुत्ते गुत्तदुवारे, बहवे समणमाहणा णो संचाएंति भत्ताते वा पाणाते वा निक्खमित्तते वा पविसित्तेते वा, तेसिं विन्नवणट्ठताते रायतेउरमणुपविसेज्जा १, पाडिहारितं वा पीढ-फलगं-सेज्जा-संथारगं पच्चप्पिणमाणे रायतेउरमणुपविसेज्जा २, हतस्स वा गयस्स वा दुट्ठस्स आगच्छमाणस्स भीते रायंतेउरमणुपविसेज्जा ३, परो व णं सहसा वा बलसा वा बाहाते गहाय रायंतेउरमणुपविसेज्जा ४, बहिता वणं आरामगतं वा उज्जाणगतं वा रायंतेउरजणो सव्वतो समंता संपरिक्खिवित्ता णं निवेसेज्जा
। इच्चेतेहिं पंचहिं ठाणेहि समणे निग्गथे जाव णातिक्कमति । ४१६. पंचहि ठाणेहिमित्थी पुरिसेण सद्धिं असंवसमाणी वि गब्भं धरेज्जा, तंजहा इत्थी दुव्वियडा * दुन्निसण्णा सुक्कुपोग्गले अधिट्ठिज्जा, सुक्कपोग्गलसंसिढे व से वत्थे अंतो जोणीते अणुपविसेज्जा, सई व से सुक्कपोग्गले अणुपवेसेज्जा, परो व से सुक्कपोग्गले * अणुपवेसेज्जा, सीओदगवियडेण वा से आयममाणीते सुक्कपोग्गला अणुपविसेज्जा । इच्चेतेहिं पंचहिं ठाणेहिं जाव धरेज्जा १ । पंचहिं ठाणेहिमित्थी पुरिसेण सद्धि
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(३) ठाणं प. अ. पंचद्वाणं उ १२ [४८]
संवसमाणी वि गब्धं नो धरेज्जा, तंजहा अप्पत्तजोव्वणा १, अतिक्कंतजोव्वणा २, जातिवंझा ३, गेलन्नपुट्ठा ४, दोमणंसिता ५ । इच्चेतेहिं पंचहिं ठाणेहिं जाव नो धज्जा २ | पंचहि ठाणेहिमित्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणी वि गब्भं नो धरेज्जा, तंजहा निच्चोउया अणोउया वावन्नसोया वाविद्धसोया अणंगपडिसेविणी । इच्चे हिं पंच ठाणेहिमित्थी पुरिसेण सद्धिं संवसमाणी वि गब्भं णो धरेज्जा ३ | पंचहिं ठाणेहिं इत्थी पुरिसेहिं सद्धिं संवसमाणी वि गब्धं नो धरेज्जा, तंजहा उउम्मि णो णिगामपडिसेविणी तावि भवति, समागता वा से सुक्कपोग्गला पडिविद्धंसंति, उदिन्ने वा से पित्तसोणिते, पुरा वा देवकम्मुणा, पुत्तफले वा नो निव्विट्टे भवति । तेहिं जाव नो धरेना ४ । ४१७. पंचहिं ठाणेहिं निग्गंथा य निग्गंथीओ य एगतओ ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चेतेमाणा णातिक्कमंति, तंजहा अत्थेगइया निग्गंथा य निग्गंथीओ य एगं महं अगामितं छिन्नावायं दीहमद्धमडविमणुपविट्ठा, तत्थेगयतो ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चेतेमाणा णातिक्कमति १, अत्थेगतिया
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यणिग्गंथीओ य गामंसि वा णगरंसि जाव रायहाणिसि वा वासं उवगता, एगतिता यत्थ उवस्सयं लभंति, एगतिता णो लभंति, तत्थेगततो ठाणं वा जाव नातिक्कमंत २, अत्थेगतिता निग्गंथा य निग्गंधीओ य नागकुमारावासंसि वा सुवण्णकुमारावासंसि वा वासं उवगता तत्थेग यओ जाव णातिक्कमंति ३, आमोसगा दीसंति, ते इच्छंति निग्गंथीओ चीवरपडिताते पडिगाहेत्तते, तत्थेगतओ ठाणं वा जाव णातिक्कमंति ४, जुवाणा दीसंति ते इच्छंति निम्गंथीओ मेहुणपडता पडिगाहित्तते, तत्थेगततो ठाणं वा जाव णातिक्कमंति ५ । इच्चेतेहिं पंचहिं ठाणेहिं जाव नातिक्कमंति । पंचहिं ठाणेहिं समणे निग्गंथे अचेलए सचेलियाहिं निग्गंथी हिं सद्धिं संवसमाणे नाइक्कमति, तंजहा खित्तचित्ते समणे णिग्गंथे निग्गंथेहिमविज्जमाणेहिं अचेलए सचेलियाहिं निग्गंथीहिं सद्धिं संवसमाणे णातिक्कमति १, एवमेतेणं गमणं दित्तचित्ते जक्खातिट्ठे उम्मायपत्ते निग्गंथीपव्वावियते समणे णिग्गंथे णिग्गंथेहिं अविज्नमाणेहिं अचेलए सचेलियाहिं णिग्गंथीहिं सद्धिं संवसमाणे णातिक्कमति । ४१८. पंच आसवदारा पन्नत्ता, तंजहा मिच्छत्तं अविरती पमादो कसाया जोगा। पंच संवरदारा पन्नत्ता, तंजहा सम्मत्तं विरती अपमादो अकसातित्तमजोगित्तं । पंच दंडा पन्नत्ता, तंजहा अट्ठादंडे अणट्ठादंडे हिंसादंडे अकम्मादंडे दिट्ठीविप्परियासितादंडे । ४१९. मिच्छदिट्ठियाणं णेरइयाणं पंच किरिताओ पन्नत्ताओ, तंजहा आरंभिता १, पारिग्गहिता २, मातावत्तिता ३, अपच्चक्खाणकिरिया ४, मिच्छादंसणवत्तिता ५ । एवं सव्वेसिं निरंतरं जाव मिच्छदिट्ठिताणं वेमाणिताणं, नवरं विगलिदिता मिच्छदिट्ठि ण भण्णंति, सेसं तहेव । पंच किरियातो पन्नत्ताओ, तंजहा कातिता, अधिकरणिता, पातोसिता, पारितावणिता, पाणातिवातकिरिया । णेरइयाणं पंच एवं
निरंतरं जाव वेमाणियाणं १ । पंच किरिताओ पन्नत्ताओ, तंजहा आरंभिता जाव मिच्छादंसणवत्तिता १८ । णेरइयाणं पंच किरिता [ओ एवं चेव] निरंतरं जाव वेमाणियाणं २ । पंच किरियातो पन्नत्ताओ, तंजहा दिट्ठिता, पुठ्ठिता, पाडोच्चिता, सामंतोवणिवाइया, साहत्थिता । एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं ३ | पंच किरियातो पन्नत्ताओ, तंजहा णेसत्थिता, आणवणिता, वेयारणिया, अणाभोगवत्तिता, अणवकंखवत्तिता । एवं जाव वेमाणियाणं ४ | पंच किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा पेज्जवत्तिता, दोसवत्तिया, पओगकिरिया, समुदाणकिरिया, इरियावहिया । एवं मणुस्साण वि, सेसाणं नत्थि ५ । ४२०. पंचविधा परिन्ना पन्नत्ता, तंजहा उवहिपरिन्ना, उवस्सयपरिन्ना, कसायपरिन्ना, जोगपरिन्ना, भत्तपाणपरिन्ना । ४२१. पंचविधे ववहारे पन्नत्ते, तंजहा आगमे सुते आणा धारणा जीते। जहा से तत्थ आगमे सिता आगमेणं ववहारं पट्ठवेज्जा १, णो से तत्थ आगमे सिया जहा से तत्थ सुते सिता सुतेणं ववहारं पट्टवेज्जा २, णो से तत्थ सुते सिता एवं जाव जधा से तत्थ जीते सीता जीतेणं ववहारं
वेन ५, इच्चेतेहिं पंचहिं ववहारं पट्टवेज्जा, तंजहा आगमेणं जाव जीतेणं । जधा जधा से तत्थ आगमे जाव जीते तहा तहा ववहारं पवेज्जा | से किमाहु भंते ! आगमबलिया समणा निग्गंथा ? इच्चेतं पंचविधं ववहारं जता जता जहिं जहिं तता तता तहिं तहिं अणिस्सितोवस्सितं सम्मं ववहरमाणे समणे णिग्गंथे आणा आराधते भवति । ४२२. संजतमणुस्साणं सुत्ताणं पंच जागरा पन्नत्ता, तंजहा सद्दा जाव फासा । संजतमणुस्साणं जागराणं पंच सुत्ता पन्नत्ता, तंजहा सद्दा जाव फासा । असंजयमणुस्साणं सुत्ताणं वा जागराणं वा पंच जागरा पन्नत्ता, तंजहा सद्दा जाव फासा । ४२३. पंचहि ठाणेहिं जीवा रतं आदियंति, तंजहा पाणातिवातेणं जाव परिग्गहेणं | पंचहिं ठाणेहिं जीवा रतं वमंति, तंजहा पाणातिवातवेरमणेणं जाव परिग्गहेवेरमणेणं । ४२४. पंचमासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स श्री आगमगुणमंजूषा १४६
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(३) ठाणं प. अ. पंचट्ठाणं उ-२ [१९]
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कप्पति पंच दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तते, पंच पाणगस्स । ४२५. पंचविधे उवघाते पन्नत्ते, तंजहा उग्गमोवघाते उप्पायणोवघाते एसणोवघाते परिकम्मोक्याते ८ परिहरणोवघाते । पंचविधा विसोधी पन्नत्ता, तंजहा उग्गमविसोधी उप्पायणविसोधी एसणाविसोधी परिकम्मणविसोधी परिहरणविसोधी । ४२६. पंचहिं ठाणेहिं जीवा दुल्लभबोधियत्ताए कम्मं पगकरेंति, तंजहा अरहताणं अवन्नं वदमाणे, अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स अवन्नं वदमाणे, आयरियउवज्झायाणं अवन्नं वदमाणे, चाउवण्णस्स संघस्स अवन्नं वयमाणे विवक्कतवबंभचेराणं देवाणं अवन्नं वदमाणे । पंचहिं ठाणेहिं जीवा सुलभबोधियत्ताए कम्मं पगरेति, तंजहा अरहंताणं वन्नं वदमाणे जाव विवक्कतवबंभचेराणं देवाणं वन्नं वदमाणे । ४२७. पंच पडिसंलीणा पन्नत्ता, तंजहा सोतिदियपडिसंलीणे जाव फासिदियपडिसलीणे। पंच अप्पडिसंलीणा पन्नत्ता, तंजहा सोतिदियअप्पडिसलीणे जाव फासिदियअप्पडिसलीणे। पंचविधे संवरे पन्नत्ते, तंजहा सोतिदियसंवरे जाव फासिदियसंवरे। पंचविधे असंवरे पन्नत्ते, तंजहा सोतिदियअसंवरे जाव फासिदियअसंवरे। ४२८.पंचविधे संजमे पन्नत्ते, तंजहा सामातितसंजमे छेदोवट्ठावणियसंजमे परिहारविसुद्धितसंजमे सुहमसंपरायसंजमे अहक्खायसंजमे । ४२९. एगिदिया णं जीवा असमारभमाणस्स पंचविधे संजमे कज्जति, तंजहा पुढविकातितसंजमे जाव वणस्सतिकातितसंजमे । एगिदिया णं जीवा समारभमाणस्स पंचविहे असंजमे कज्जति, तंजहा पुढविकातितअसंजमे जाव वणस्सतिकातितअसंजमे । ४३०. पंचिदिया णं जीवा असमारभमाणस्स पंचविधे संजमे कज्जति, तंजहा सोतिदितसंजमे जाव फासिदितसंजमे । पंचिदिया णं जीवा समारभमाणस्स पंचविधे असंजमे कज्जति, तंजहा सोतिदियअसंजमे जाव फासिदियअसंजमे । सव्वपाण-भूत-जीव-सत्ता णं असमारभमाणस्स पंचविधे संजमे कज्जति, तंजहा एगेदितसंजमे जाव पंचेदितसंजमे । सव्वपाण-भूतजीव-सत्ता णं समारभमाणस्स पंचविधे असंजमे कज्जति, तंजहा-एगेदितअसंजमे जाव पंचेदितअसंजमे । ४३१. पंचविधा तणवणस्सतिकातिता पन्नत्ता, तंजहा अग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंधबीया बीयरूहा। ४३२. पंचविधे आयारे पन्नत्ते, तंजहा णाणायारे दंसणायारे चरित्तायारे तवायारे वीरियायारे । ४३३. पंचविधे आयारपकप्पे पन्नत्ते, तंजहा मासिते उग्घातिते, मासिए अणुग्घातिए, चाउम्मासिए उग्घाइए, चाउम्मासिए अणुग्घातिते, आरोवणा । आरोवणा पंचविहा पन्नत्ता, तंजहा पट्ठविया, ठविया, कसिणा, अकसिणा, हाडहडा । ४३४. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं सीयाते महानदीते उत्तरेणं पंच वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा मालवंते चित्तकूडे पम्हकूडे णलिणकूडे एगसेले १ । जंबुमंदरपुरत्थिमेणं सीताते महाणदीते दाहिणेणं पंच वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा तिकूडे वेसमणकूडे अंजणे मातंजणे सोमणसे २ । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीओताते महाणदीते दाहिणेणं पंच वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा विज्जुप्पभे अंकावती पम्हावती आसीविसे सुहावहे ३ । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोताते महानदीते उत्तरेणं पंच वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा चंदपव्वते सूरपव्वते णागपव्वते देवपव्वते गंधमादणे ४ । जंबुमंदरदाहिणेणं देवकुराए कुराए पंच महदहा पन्नत्ता, तंजहा निसहदहे देवकुरुदहे सूरदहे सुलसदहे विज्जुप्पभदहे ५ । जंबुमंदरउत्तरेणं उत्तरकुराते कुराए पंच महद्दहा पन्नत्ता, तंजहा नीलवंतदहे उत्तरकुरुदहे चंददहे एरावणदहे मालवंतदहे ६ । सव्वे विणं वक्खारपव्वया सीया-सीओयाओ महाणदीओ मंदरं वा पव्वतं तेणं
पंच जोयणसताई उड्डंउच्चत्तेणं पंच गाउयसताई उव्वेहेणं७।धायइसंडदीवपुरस्थिमद्धे णं मंदरस्स पव्वतस्स पुरत्थिमेणं सीताते महाणतीते उत्तरेणं पंच वक्खारपव्वता # पन्नत्ता, तंजहा मालवंते एवं जधा जंबुद्दीवे तधा जाव पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे वक्खारा दहा य वक्खारपव्वयाणं उच्चत्तं भाणितव्वं । समयखेत्ते णं पंच भरहाई
पंच एरवताई, एवं जधा चउठाणे बितीयउद्देसे तधा एत्थ वि भाणियव्वं जाव पंच मंदरा पंच मंदरचूलिताओ, णवरं उसुयारा णत्थि । ४३५. उसमे णं अरहा
कोसलिए पंच धणुसताई उर्दूउच्चत्तेणं होत्था १ । भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी पंच धणुसयाई उहुंउच्चत्तेणं होत्था २। बाहुबली णमणगारे एवं चेव ३, बंभी णमज्जा म एवं चेव ४, एवं सुंदरी वि ५। ४३६. पंचहि ठाणेहिं सुत्ते विबुज्झेज्जा, तंजहा सद्देणं फासेणं भोयणपरिणामेणं णिहक्खएणं सुविणदंसणेणं । ४३७. पंचहि ठाणेहिं
समणे णिग्गंथे णिग्गंथिं गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णातिक्कमति, तंजहा निग्गंथिं च णं अन्नयरे पसुजातिए वा पक्खिजातिए वा ओहातेजा, तत्थ णिग्गंथे णिग्गंथि
गेण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा नातिक्कमति १, णिग्गंथे णिग्गंथिं दुग्गंसि वा विसमंसि वा पक्खलमाणिं वा पवडमाणिं वा गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णातिक्कमति anwarururucturecruirur ne neu LEE EEE श्री आगमगणमंजषा - १४७55555555555555555555555555 FOR
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(३) ठाणं प. अ. पंचट्ठाणं उ-२-३
[५०] ।
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२, णिग्गंथे णिग्गंथिं सेतंसि वा पणगंसि वा पंकसि वा उदगंसि वा उक्कसमाणिं वा उवुज्झमाणिं वा गेण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णातिक्कमति ३, निग्गंथे निग्गंथिं नावं आरुहमाणे वा ओरूहमाणे वा णातिक्कमति ४, खेत्तइत्तं दित्तइत्तं जक्खाइ8 उमायपत्तं उवसग्गपत्तं साहिगरणं सपायच्छित्तं भत्तपाणपडियातिक्खियं अट्ठजायं वा निग्गंथे निग्गंथिं गेण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णातिक्कमति ५। ४३८. आयरियउवज्झायस्स णं गणंसि पंच अतिसेसा पन्नत्ता, तंजहा आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सगस्स पाए निगिज्झिय २ पप्फोडेमाणे वा पमज्जेमाणे वा णातिक्कमति १, आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सगस्स उच्चारपासवणं विगिंचमाणे वा विसोधेमाणे वा णातिक्कामति २, आयरियउज्झाए पभू इच्छा वेयावडियं करेज्जा इच्छा णो करेज्जा ३, आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सगस्स एगरायं वा दुरातं वा वसमाणे णाइक्कमइ ४, आयरियउवज्झाए बाहिं उवस्सगस्स एगरातं वा दुरातं वा वसमाणे णातिक्कमति ५।४३९. पंचहिं ठाणेहिं आयरियउवज्झायस्स गणावक्कमणे पन्नत्ते, तंजहा आयरियउवज्झाए गणंसि आणं वा धारणं वा नो सम्मं पउंजित्ता भवति १, आयरियउवज्झाए गणंसि अधारायणियाते कितिकम्मं वेणइयं णो सम्म पउंजित्ता भवति २, आयरियउवज्झाए गणंसि जे सुयपज्जवजाते धारेति ते काले काले नो सम्ममणुपवादेत्ता भवति ३, आयरियउवज्झाए गणंसि सगणिताते वा परगणियाते वा निग्गंथीते बहिल्लेसे भवति ४, मित्ति णातिगणे वा से गणातो अवक्कमेज्जा तेसिं संगहोवग्गहट्ठयाते गणावक्कमणे पन्नत्ते ५।४४०. पंचविहा इड्डीमंता मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा अरहंता, चक्कवट्टी, बलदेवा, वासुदेवा, भावियप्पाणो अणगारा।**॥ पंचट्ठाणस्स बिइओ॥तइओ उद्देसओ *** ४४१. पंच अत्थिकाया पन्नत्ता, तंजहा धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए। धम्मत्थिकाए अवन्ने अगंधे अरसे अफासे अरूवी अजीवे सासते अवट्ठिते लोगदव्वे । से समासओ पंचविधे पन्नत्ते, तंजहा दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ गुणओ। दव्वओणं धम्मत्थिकाए एगं दव्वं । खेत्ततो लोगपमाणमेत्ते । कालओण कयाति णासी, न कयाइ न भवति, ण कयाइ ण भविस्सइ, भुविं च भवति य भविस्सति य, धुवे णितिते सासते अक्खए अव्वते अवट्ठिते णिच्चे । भावतो अवन्ने अगंधे अरसे अफासे । गुणतो गमणगुणे । अधम्मत्थिकाए अवन्ने एवं चेव, णवरं गुणतो ठाणगुणे । आगासत्थिकाए अवन्ने एवं चेव, णवरं खेत्तओ लोगालोगपमाणमेत्ते, गुणतो अवगाहणागुणे, सेसं तं चेव । जीवत्थिकाए णं अवन्ने एवं चेव, णवरं दव्वओ णं जीवत्थिकाए अणंताई दव्वाइं, अरूवी जीवे सासते, गुणतो उवओगगुणे, सेसं तं चेव । पोग्गलत्थिकाए पंचवन्ने पंचरसे दुग्गंधे अट्ठफासे रूवी अजीवे सासते अवट्ठिते जाव दव्वओ णं पोग्गलत्थिकाए अणंताई दव्वाइं, खेत्तओलोगपमाणमेत्ते, कालतोण कयाइणासि जाव णिच्चे, भावतो वन्नमंते गंधमंते रसमंते फासमंते, गुणतो गहणगुणे। ४४२. पंच गतीतो पन्नत्ताओ, तंजहा निरयगती तिरियगती मणुयगती देवगती सिद्धिगती । ४४३. पंच इंदियत्था पन्नत्ता, तंजहा सोतिदियत्थे जाव फासिद्रियत्थे । पंचमुंडा पन्नत्ता, तंजहा सोतिदियमुंडे जाव फासिदियमुंडे अहवा-पंच मुंडा पन्नत्ता, तंजहा कोहमुंडे माणमुंडे मायामुंडे लोभमुंडे सिरमुंडे। ४४४. अहेलोगेणं पंच बादरा पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइया, आउ काइया , वाउ काइया , वणस्सतिकाइया, ओराला तसा पाणा । उड्डलोगे णं पंच बादरा एते चेव । तिरियलोगे णं पंच बादरा पन्नत्ता, तंजहा एगिदिया जाव पंचिदिया। पंचविधा बादरतेउकाइया पन्नत्ता, तंजहा इंगाले जाला मुम्मुरे अच्ची अलाते। पंचविधा बादरवाउकाइया पन्नत्ता, तंजहा पाईणवाते पडीणवाते दाहिणवाते उदीणवाते विदिसंवाते। पंचविधा अचित्ता वाउकाइया पन्नत्ता, तंजहा अक्कंते धंते पीलिते सरीराणुगते संमुच्छिमे। ४४५.पंच नियंठा पन्नत्ता, तंजहा पुलाते बउसे कुसीले णियंठे सिणाते। पुलाते पंचविहे पन्नत्ते, तंजहा णाणपुलाते दंसणपुलाते, चरित्तपुलाते, लिंगपुलाते, अहासुहमपुलाते नामपंचमे। बउसे पंचविधे पन्नत्ते, तंजहा आभोगबउसे, अणाभोगबउसे, संवुडबउसे, असंवुडबउसे, अहासुहुमबउसे नामं पंचमे । कुसीले पंचविधे पन्नत्ते, तंजहा णाणकुसीले, दंसणकुसीले, चरित्तकुसीले, लिंगकुसीले, अहासुहुमकुसीले नामं पंचमे । नियंठे पंचविहे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयनियंठे, अपढमसमयनियंठे, चरिमसमयनियंठे, अचरिमसमयनियंठे, अहासुहमनियंठे नाम पंचमे । सिणाते पंचविधे पन्नत्ते, तंजहा अच्छवी, असबले, अकम्मंसे, संसुद्धणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली, अपरिस्सावी । ४४६. कप्पति णिग्गंथाण वा
णिग्गंथीण वा पंच वत्थाइं धारित्तते वा परिहरित्तते वा, तंजहा जंगिते, भंगिते, साणते, पोत्तिते, तिरीडपट्टते णाम पंचमए। कप्पति निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा पंच Kero FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFF | श्री आगमगुणमंजूषा १४८_55 FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFOTO
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(३) ठाणं प. अ. पंचट्ठाणं उ.३ [१]
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रयहरणाइं धारित्तते वा परिहरित्तते वा, तंजहा उण्णिए, उट्टिते, साणते, पच्चापिच्चियते, मुंजापिच्चिते नामं पंचमे । ४४७. धम्म णं चरमाणस्स पंच णिस्साठाणा पन्नत्ता, तंजहा छक्काया गणो राया गाहावती सरीरं । ४४८. पंच णिही पन्नत्ता, तंजहा पुत्तणिही मित्तणिही सिप्पणिही धणणिही धन्नणिही। ४४९. पंचविधे सोते : पन्नत्ते, तंजहा पुढविसोते आउसोते तेउसोते मंतसोते बंभसोते। ४५०. पंच ठाणाइंछउमत्थे सव्वभावेणं ण जाणति ण पासति, तंजहा धम्मत्थिकातं, अधम्मत्थिकातं, आगासत्थिकायं, जीवं असरीरपडिबद्धं, परमाणुपोग्गलं । एताणि चेव उप्पन्ननाणसणधरे अरहा जिणे केवली सव्वभावेणं जाणति पासति धम्मत्थिकातं, जाव परमाणुपोग्गलं । ४५१. अधेलोगे णं पंच अणुत्तरा महतिमहालता महाणिरया पन्नत्ता, तंजहा काले महाकाले रोरूते महारोरूते अप्पतिठ्ठाणे । उड्डलोगे णं पचं
अणुत्तरा महतिमहालता महाविमाणा पन्नत्ता, तंजहा विजये वेजयंते जयंते अपराजिते सव्वट्ठसिद्धे । ४५२. पंच पुरिसजाता पन्नत्ता, तंजहा हिरिसत्ते हिरीमणसत्ते ॐ चलसत्ते थिरसत्ते उदतणसत्ते । ४५३. पंच मच्छापन्नत्ता, तंजहा अणुसोतचारि पडिसोतचारी अंतचारी मज्झचारी सव्वचारी । एवामेव पंच भिक्खागा पन्नत्ता,
तंजहा अणुसोतचारी जाव सव्वचारी । ४५४. पंच वणीमगा पन्नत्ता, तंजहा अतिधिवणीमते किविणवणीमते माहणवणीमते साणवणीमते समणवणीमते । ४५५. F पंचहि ठाणेहिं अचेलए पसत्थे भवति, तंजहा अप्पा पडिलेहा, लाघविते पसत्थे, रूवे वेसासिते, तवे अणुन्नाते, विउले इंदियनिग्गहे । ४५६. पंच उक्कला पन्नत्ता,
तंजहा दंडुक्कले रज्जुक्कले तेणुक्कले देसुक्कले सव्वुक्कले । ४५७. पंच समितीतो पन्नत्ताओ, तंजहा इरियासमिती भासासमिती जाव पारिठ्ठावणियासमिती । ४५८. + पंचविधा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तंजहा एगिदिता जाव पंचेदिता १ । एगिदिया पंचगइया पंचागतिता पन्नत्ता, तंजहा एगिदिए एगिदितेसु उववज्जमाणे
एगिदितेहिंतो वा जाव पंचेंदिएहिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से एगिदिते एगिदितत्तं विप्पजहमाणे एगंदितत्ताते वा जाव पंचेदितत्ताते वा गच्छेज्जा २ । बेइंदिया पंचगतिता पंचागइया एवं चेव ३ । एवं जाव पंचेंदिया । पंचेंदिया पंचगतिता पंचागतिता पन्नत्ता, तंजहा पंचेदिया जाव गच्छेज्जा ४-५-६ । पंचविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा कोधकसायी जाव लोभकसायी अकसायी ७। अहवा पंचविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा नेरझ्या जाव देवा, सिद्धा ८।४५९. अह भंते ! कल-मसूर तिल-मुग्ग-मास-णिप्फाव-कुलत्थ-आलिसंदग-सतीणपलिमंथगाणं एतेसिणं धन्नाणं कोट्ठाउत्ताणं जधा सालीणं जाव केवतितं कालं जोणी संचिट्ठति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पंच संवच्छराइं, तेण परं जोणी पमिलायति जाव तेण परं जोणीवोच्छेदे पण्णत्ते। ४६०.पंच संवच्छरा पन्नत्ता, तंजहा णक्खत्तरसंवच्छरे जुगसंवच्छरे पमाणसंवच्छरे लक्खणसंवच्छरे सणिंचरसंवच्छरे। जुगसंवच्छरे पंचबिहे पन्नत्ते, तंजहा चंदे, चंदे, अभिवढिते, चंदे, अभिवड्डिते चेव। पमाणसंवच्छरे पंचविधे पन्नत्ते, तंजहा नक्खत्ते चंदे उऊ आदिच्चे अभिवड्डिते । लक्खणसंवच्छरे पंचविहे पन्नत्ते, तंजहा- “समगं नक्खत्ता जोगं जोयंति समगं उदू परिणमंति। णच्चुण्ह णातिसीतो बहूदतो होति नक्खत्ते" ॥३७|| "ससि सगलपुण्णमासी जोतेती विसमचारिणक्खत्ते । कडुतो बहूदतो वा तमाहु संवच्छरं चंदं ॥३८॥ “विसमं पवालिणो परिणमंति अणुदूसु देति पुप्फफलं । वासंण सम्म वासति तमाहु संवच्छर कम्मं ॥३९।। "पुढविदगाणं तु रसं पुप्फफलाणं तु देति आदिच्चो। अप्पेण वि वासेणं सम्म निप्फज्जए सासं" ||४०|| "आदिच्चतेयतविता खण-लव-दिवसा उऊ परिणमंति । पूरेति य थलताइं तमाहु अभिवहितं जाणे' ||४१|| ४६१. पंचविधे जीवस्स णिज्जाणमग्गे पन्नत्ते, तंजहा पातेहिं, ऊरूहिं, उरेणं, सिरेणं, सव्वंगेहिं । पाएहिं णिज्जायमाणे निरयंगामी भवति, ऊरूहि णिज्जायमाणे तिरियगामी भवति, उरेणं निज्जायमाणे मणुयगामी भवति, सिरेणं णिज्जायमाणे देवगामी भवति, सव्वंगेहिं निज्जायमाणे सिद्धिगतिपज्जवसाणे पण्णत्ते । ४६२.
पंचविधे छेदणे पन्नत्ते, तंजहा उप्पाछेदणे वियच्छेयणे बंधणच्छेयणे पएसच्छेदणे दोधारच्छेदणे । पंचविधे आणंतरिते पन्नत्ते, तंजहा उप्पायणंतरिते वियाणंतरिते प्र पतेसाणंतरिते समयाणंतरिते सामण्णाणंतरिते । ४६३. पंचविधे अणंतते पन्नत्ते, तंजहा णामाणंतते ठवणाणंतते दव्वाणंतते गणणाणंतते पदेसाणंतते । अहवा
पंचविहे अणंतते पन्नत्ते, तंजहा एगतोणतं दुहतोणंतते देसवित्थाराणंतते सव्ववित्थाराणंतते सासयाणंतते। ४६४. पंचविहे णाणे पन्नत्ते, तंजहा आभिणिबोहियणाणे र सुयनाणे ओहिणाणे मणपज्जवणाणे केवलणाणे । पंचविहे णाणावरणिज्जे कम्मे पन्नत्ते, तंजहा आभिणिबोहियणाणावरणिज्जे जाव केवलनाणावरणिज्जे । ४६५. Sworue LC CCE LEEL454415
श्री आगमगुणमंजूषा-१४९॥ 55555 5 55555 OOK
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(३) ठाणं प. अ. पंचट्ठाणं उ -३/६...दाज [२]
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पंचविधे सज्झाए पन्नत्ते, तंजहा वायणा पुच्छणा परियट्टणा अणुप्पेहा धम्मकहा। ४६६. पंचविधे पच्चक्खाणे पन्नत्ते, तंजहा सद्दहणसुद्धे विणयसुद्धे अणुभासणासुद्धे अणुपालणासुद्धे भावसुद्धे । पंचविधे पडिक्कमणे पन्नत्ते, तंजहा आसवदारपडिक्कमणे मिच्छत्तपडिक्कमणे कसायपडिक्कमणे जोगपडिक्कमणे भावपडिक्कमणे। ४६७. पंचहिं ठाणेहिं सुत्तं वाएज्जा, तंजहा संगहठ्ठयाते, उवग्गहठ्ठताते, णिज्जरट्ठयाते, सुते वा मे पज्जवजाते भविस्सति, सुतस्स वा अव्वोच्छित्तिणयट्ठयाते। पंचहिं ठाणेहिं
सुत्तं सिक्खेज्जा, तंजहा णाणठ्ठताते, दंसणठ्ठताते, चरित्तट्ठताते, वुग्गहविमोतणट्ठयाते, अहत्थे वा भावे जाणिस्सामीति कट्ट । ४६८. सोहम्मीसाणेसु णं कप्पेसु फू विमाणा पंचवण्णा पन्नत्ता, तंजहा किण्हा जाव सुकिल्ला । सोहम्मीसाणेसुणं कप्पेसु विमाणा पंच जोयणसयाई उहुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता । बंभलोग-लंततेसुणं कप्पेसु
देवाणं भवधारणिज्जसरीरगा उक्कोसेणं पंचरयणीओ उहूंउच्चत्तेणं पन्नत्ता। नेरइया णं पंचवन्ने पंचरसे पोग्गले बंधेसु वा बंधंति वा बंधिस्संति वा, तंजहा किण्हे जाव
सुक्किले, तित्तेजाव मधुरे । एवं जाव वेमाणिता। ४६९. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं गंगं महानदिं पंच महानदीओ समप्पेति, तंजहा जउणा सरऊ आदी है कोसी मही । जंबूमंदरस्स दाहिणणं सिंधुं महाणदिं पंच महानदीओ समप्पेति, तंजहा सत वितत्था विभासा एरावती चंदभागा । जंबूमंदरस्स उत्तरेणं रत्तं महानदी
पंच महानदीओ समप्पेंति, तंजहा किण्हा, महाकिण्हा, नीला, महानीला, महातीरा । जंबूमंदरस्स उत्तरेणं रत्तावतिं महानदिं पंच महानईओ समप्पति, तंजहा इंदा इंदसेणा सुसेणा वारिसेणा महाभोगा ४।४७०. पंच तित्थगरा कुमारवासमज्झावसित्ता मुंडे जाव पव्वतिता, तंजहा वासुपुज्जे मल्ली अरिठ्ठनेमी पासे वीरे। ४७१. चमरचंचाते णं राजधाणीते पंच सभातो पन्नत्ताओ, तंजहा सभा सुधम्मा, उववातसभा, अभिसेयसभा, अलंकारितसभा, ववसातसभा । एगमेगे णं इंदट्ठाणे पंच सभाओ पन्नत्ताओ, तंजहा सभा सुहम्मा जाव ववसातसभा। ४७२. पंच णक्खता पंचतारा पन्नत्ता, तंजहा धणिट्ठा रोहिणी पुणव्वसू हत्थो विसाहा। ४७३. जीवाणं पंचट्ठाणणिव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताते चिणिंसुवा चिणंति वा चिणिस्संति वा, तंजहा एगिदितनिव्वत्तिते जाव पंचेदितनिव्वत्तिते, एवं- "चिण उवचिण बंध उदीर वेद तध णिज्जरा चेव' ।। ४७४. पंचपतेसिता खंधा अणंता पण्णत्ता । पंचपतेसोगाढा पोग्गला अणंता पण्णत्ता जाव पंचगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता ।।। पंचट्ठाणं संमत्तं ॥ छठें अज्झयणं 'छट्ठाणं' ४७५. छहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति गणं धारित्तते, तंजहा सड्डी पुरिसज्जाते १, सच्चे पुरिसजाते २, मेहावी पुरिसजाते ३, बहुस्सुते पुरिसजाते ४, सत्तिमं ५, अप्पाधिकरणे ६ । ४७६. छहिं ठाणेहिं निग्गंथे निग्गंथिं गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा नाइक्कमइ, तंजहा खित्तचितं दित्तचित्तं जक्खातिटुंउम्मातपत्तं उवसग्गपतं साहिकरणं। ४७७. छहिं ठाणेहिं निग्गंथा निग्गंथीओय साहम्मितं कालगतं समायरमाणा
णाइक्कमंति, तंजहा अंतोहितो वा बाहिं णीणेमाणा १, बाहीहिंतो वा निब्बाहिं णीणेमाणा २, उवेहमाणा वा ३, उवासमाणा वा ४, अणुन्नवेमाणा वा ५, तुसिणीते वा ई संपव्वयमाणा ६।४७८. छट्ठाणाइंछउमत्थे सव्वभावेणंण जाणति ण पासति, तंजहा धम्मत्थिकायमधम्मत्थिकातं, आयासं, जीवमसरीरपडिबद्धं, परमाणुपोग्गलं,
सदं । एताणि चेव उप्पन्ननाणदंसणधरे अरहा जिणे जाव सव्वभावेणं जाणति पासति धम्मत्थिकातं जाव सई । ४७९. छहिं ठाणेहिं सव्वजीवाणं णत्थि इड्डी ति वा जुती ति वा जाव परक्कमे ति वा, तंजहा जीवं वा अजीवं करणताते १, अजीवं वा जीवं करणताते २, एगसमएणं वा दो भासातो भासित्तते ३, सयं कडं वा कम्मं वेदेमि वा मा वा वेएमि ४, परमाणुपोग्गलं वा छिदित्तते वा भिदित्तते वा अगणिकातेण वा समोदहित्तते ५, बहिता वा लोगंता गमणताते ६।४८०. छज्जीवनिकाया पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइया जाव तसकाइया। ४८१. छ तारग्गहा पन्नत्ता, तंजहा सुक्के बुहे बहस्सति अंगारते सणिच्छरे केतू । ४८२. छव्विहा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइया जाव तसकाइया । पुढविकाइया छगइया छआगतिता पन्नत्ता, तंजहा पुढविकातिते पुढविकाइएसु उववज्जमाणे पुढविकाइएहिंतो वा जाव तसकाइएहिंतो वा 55 गच्छेज्जा, से चेव णं से पुढविकाइए पुढविकाइयत्तं विप्पजहमाणे पुढविकाइयत्ताते वा जाव तसकाइयत्ताए वा गच्छेज्जा । आउकाइया वि छगतिता छआगतिता एवं चेव जाव तसकातिता। ४८३. छव्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा आभिणिबोधियणाणी जाव केवलणाणी, अन्नाणी । अहवा छविधा सव्वजीवा
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६-अ. छट्ठाणं उ.१
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पन्नत्ता, तंजहा एगिदिया जावपंचिदिया, अणिदिया। अहवा छव्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा ओरालियसरीरी वेउब्वियसरीरी आहारगसरीरी तेअगसरीरी कम्मगसरीरी असरीरी । ४८४. छव्विहा तणवणस्सतिकाइया पन्नत्ता, तंजहा अग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंधबीया बीयरुहा संमुच्छिमा । ४८५. छ वाणाइं सव्वजीवाणं णो सुलभाई भवंति, तंजहा माणुस्सए भवे १, आरिए खेत्ते जम्मं २, सुकुले पच्चायाती ३, केवलिपन्नत्तस्स धम्मस्स सवणता ४, सुतस्स वा सद्दहणता ५, सद्दहितस्स वा पतित्तस्स वा रोइतस्स वा सम्म काएणं फासणता ६ । ४८६. छ इंदियत्था पन्नत्ता, तंजहा सोतिंदियत्थे जाव फासिदियत्थे, नोइंदियत्थे । ४८७. छव्विधे संवरे पन्नत्ते, तंजहा सोतिदियसंवरे जाव फासिदियसंवरे णोइंदितसंवरे। छव्विहे असंवरे पन्नत्ते, तंजहा सोतिदियअसंवरे जाव फासिदितअसंवरे णोइंदितअसंवरे। ४८८. छविहे साते पन्नत्ते, तंजहा सोतिदियसाते जाव नोइंदियसाते । छविहे असाते पन्नत्ते, तंजहा सोतिदितअसाते जाव नोइंदितअसाते । ४८९. छविहे पायच्छित्ते पन्नत्ते, तंजहा आलोयणारिहे पडिक्कमणारिहे तदुभयारिहे विवेगारिहे विउस्सग्गारिहे तवारिहे । ४९०. छव्विहा मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा जंबूदीवगा, धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धगा, धायइसंडदीवपच्चत्थिमद्धगा, पुक्खरवरदीवड्डपुरत्थिमद्धगा, पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धगा, अंतरदीवगा। अहवा छव्विहा मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा संमुच्छिममणुस्सा ३ कम्मभूमगा १, अकम्मभूमगा २, अंतरदीवगा ३। गब्भवक्वंतियमणुस्सा ३ कम्मभूमगा १, अकम्मभूमगा २, अंतरदीवगा ३।४९१. छव्विहा इड्डीमंता मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा अरहंता चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा चारणा विज्जाधरा। छव्विहा अणिड्डीमंता मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा हेमवतगा हेरन्नवतगा हरिवस्सगा रम्मगवस्सगा कुरुवासिणो अंतरदीवगा । ४९२. छब्विहा ओसप्पिणी पन्नत्ता, तंजहा सुसमसुसमा जाव दुस्समदुसमा । छव्विहा उसप्पिणी पन्नत्ता, तंजहा दुस्समदुस्समा जाव सुसमसुसमा। ४९३. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवतेसुवासेसु तीताते उस्सप्पिणीते सुसमसुसमाते समाते मणुया छ धणुसहस्साई उड्डमुच्चत्तेणं होत्था, छच्च अद्धपलिओवमाइं परमाउं पालयित्था १, जंबूदीवे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु इमीसे ओसप्पिणीते सुसमसुमाते समाते एवं चेव २, जंबू [दीवे दीवे] भरहेरवते [सु वासेसु] आगमेस्साते उस्सप्पिणीते सुसमसुसमाते समाए एवं चेव जाव छच्च अद्धपलिओवमाइं परमाउं पालतिस्संति ३, जंबुद्दीवे दीवे देवकुरुउत्तरकुरासुमणुया छद्धणुसहस्साइं उडुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता, छच्च अद्धपलिओवमाइं परमाउं पालयंति ४ । एवं धायइसंडदीवपुरस्थिमद्धे चत्तारि आलावगा जाव पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे चत्तारि आलावगा। ४९४. छविहे संघयणे पन्नत्ते, तंजहा वतिरोसभणारातसंघयणे उसभणारायसंघयणे नारायसंघयणे अद्धणारायसंघयणे खीलितासंघयणे छेवट्टसंघयणे । ४९५. छव्विहे संठाणे पन्नत्ते, तंजहा समचउरंसे णग्गोहपरिमंडले साती खुज्जे वामणे हुँडे । ४९६. छट्ठाणा ॥ अणत्तवओ अहिताते असुभाते अखमाते अनीसेसाए अणाणुगामितत्ताते भवंति, तंजहा परिताते परिताले सुते तवे लाभे पूतासक्कारे। छट्ठाणा अत्तवतो हिताते जाव' आणुगामितत्ताते भवंति, तंजहा परिताते परिताले जाव पूतासक्कारे। ४९७. छव्विहा जातिआरिया मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा- "अंबट्ठा य कलंदा, वेदेहा वेदिगा तिता । हरिता चुंचुणा चेव, छप्पेता इन्भजातिओ' ||४२।। छविधा कुलारिता मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा उग्गा भोगा राइन्ना इक्खागा णाता कोरव्वा । ४९८. छव्विधा लोगद्विती पन्नत्ता, तंजहा आगासपतिहिते वाते, वातपतिट्ठिए उदधी, उदधिपतिट्ठिता पुढवी, पुढविपइट्ठिया तसा थावरा पाणा, अजीवा जीवपट्ठिया, जीवा ॥ कम्मपतिट्ठिया। ४९९. छहिसाओ पन्नत्ताओ, तंजहा पातीणा पडीणा दाहिणा उदीणा उड्ढा अधा । छहिं दिसाहिं जीवाणं गती पवत्तति, तंजहा पातिणाते जाव अधाते .१ । एवमागती २, वक्ती ३, आहारे ४, वुड्डी ५, निवुड्डी ६, विगुव्वणा ७, गतिपरिताते ८, समुग्धाते ९, कालसंजोगे १०, दंसणाभिगमे ११, णाणाभिगमे १२, जीवाभिगमे १३, अजीवाभिगमे १४ । एवं पंचेदियतिरिक्खजोणियाण वि मणुस्साण वि। ५००.छहिं ठाणेहिं समणे निग्गंथे आहारमाहारेमाणे णातिक्कमति, तंजहा"वेयण-वेयावच्चे इरियट्ठाए य संजमट्ठाए। तह पाणवत्तियाए छटुं पुण धम्मचिंताए" ||४३|| छहिं ठाणेहि समणे निग्गंथे आहारं वोच्छिंदमाणे णातिक्कमति, तंजहा"आतंके उवसग्गे तितिक्खणे बंभचेरगुत्तीते। पाणिदयातवहेउं सरीरवोच्छेयणट्ठाए" ||४४|| ५०१. छहिं ठाणेहिं आता उम्मायं पाउणेज्जा, तंजहा अरहताणमवण्ण
वदमाणे १, अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स अवन्नं वदमाणे २, आयरियउवज्झायाणमवन्नं वदमाणे ३, चाउवण्णस्स संघस्स अवन्नं वदमाणे ४, जक्खावेसेण चेव ५, reOFFFFFFFFF
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६- अ. छट्टाणं [ ५४ ] मोहणिज्जस्स चे कम्मस्स उदएणं ६ । ५०२. छव्विधे पमाते पन्नत्ते, तंजहा मज्जपमाते णिद्दपमाते विसयपमाते कसायपभाते जूतपमाते पडिलेहणापमाए । ५०३. छव्विधा पमायपडिलेहा पन्नत्ता, तंजहा- "आरभडा संमद्दा, वज्जेतव्वा य मोसली ततिता । पप्फोडणा चउत्थी, वक्खित्ता, वेतिया छट्ठा ॥४५॥ छव्विधा अप्पमायपडिलेहा पन्नत्ता, तंजहा- "अणच्चावितं, अवलितं, अणाणुबंधिं, अमोसलिं चेव । छप्पुरिमा नव खोडा, पाणीपाणविसोहणी ॥ ४६ ॥ ५०४. छलेसाओ पन्नत्ताओ, तंजहा कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा । पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं छ लेसाओ पन्नत्ताओ, तंजहा कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा, एवं मणुरूस देवाण वि । ५०५. सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो छ अग्गमहिसीतो पन्नत्ताओ । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारन्नो छ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ । ५०६. ईसाणस्स णं देविंदस्स मज्झिमपरिसाए देवाणं छ पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता । ५०७. छ दिसाकुमारिमहत्तरितातो पन्नत्ताओ, तंजहा रूता रूतंसा सुरूवा रूयावती रूयकंता रूतप्पभा । छ विज्जुकुमारिमहत्तरितातो पन्नत्ताओ, तंजहा अला मक्का सतेरा सोतामणी इंदा घणविज्जुया । ५०८. धरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो छ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा अला मक्का सतेरा सोतामणी इंदा घणविज्जुया । भूताणंदस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो छ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा रूता रूतंसा सुरूता रूतावती रूतकंता रूतप्पभा । जधा धरणस्स तथा सव्वेसिं दाहिणिल्लाणं जाव घोसस्स । जधा भूताणंदस्स तथा सव्वेसिं उत्तरिल्लाणं जाव महाघोसस्स । ५०९. धरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररन्नो छ सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्तातो, एवं भूताणंदस्स वि जाव महाघोसस्स । ५१०. छव्विहा उग्गहमती पन्नत्ता, तंजहा खिप्पमोगिण्हति, बहुमोगिण्हति, बहुविधमोगिण्हति, धुवमोगिण्हति, अणिस्सियमोगिण्हति, असंदिद्धमोगिण्हति । छव्विहा ईहामती पन्नत्ता, तंजहा खिप्पमीहति, बहुमीहति जाव असंदिद्धमीहति । छव्विधा अवायमती पन्नत्ता, तंजहा खिप्पमवेति जाव असंदिद्धं अवेति । छव्विधा धारणा पन्नत्ता, तंजहा बहुंधरेति, बहुविधं धरेति, पोराणं धरेति, दुद्धरं धरेति, अणिस्सितं धरेति, असंदिद्धं धरेति । ५११. छव्विधे बाहिरते तवे पन्नत्ते, तंजहा अणसणं, ओमोदरिता, भिक्खातरिता, रसपरिच्चाते, कायकिलेसो, पडिसंलीणता । छव्विधे अब्भंतरते तवे पन्नत्ते, तंजहा पायच्छित्तं, विणओ, वेयावच्चं, सज्झाओ, झाणं, विउस्सग्गो । ५१२. छव्विहे विवादे पन्नत्ते, तंजहा ओसक्कतित्ता, उसक्कइत्ता, अणुलोमइत्ता, पडिलोमतित्ता, भत्ता, भेलतित्ता । ५१३. छव्विहा खड्डा पाणा पन्नत्ता, तंजा बेदिता, तेदिता, चउरिदिता, संमुच्छिमपंचेदिततिरिक्खजोणिता, तेउकातिता, वाउकातिता । ५१४. छव्विधा गोयरचरिता पन्नत्ता, तंजहा पेडा, अद्धपेडा, गोमुत्तिता, पतंगवीहिया, संबुक्कवट्टा, गंतुं पच्चागता । ५१५. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वतस्स दाहिणेणमिमीसे रतणप्पभाते पुढवीए छ अवक्कंतमहानिरता पन्नत्ता, तंजा लोले लोलुए, उद्दढे, निदढे, जरते, पज्जरते । चउत्थीए णं पंकप्पभाते पुढवीते छ अवक्कंतमहानिरता पन्नत्ता, तंजहा आरे, वारे, मारे, रोरे, रोरुते, खाडखडे । ५१६. बंभलोगे णं कप्पे छ विमाणपत्थडा पन्नत्ता, तंजहा अरते, विरते, णिरते, निम्मले, वितिमिरे, विसुद्धे । ५१७. चंदस्स णं जोतिसिंदस्स जोतिसरन्नो छ णक्खता पुव्वंभागा समखेत्ता तीसतिमुहुत्ता पन्नत्ता, तंजहा पुव्वा भद्दवया, कत्तिता, महा, पुव्वा फग्गुणी, मूलो, पुव्वा आसाढा । चंदस्स णं जोतिसिंदस्स जोतिसरण्णो छ णक्खत्ता णत्तंभागा अवढखेत्ता पन्नरसमुहुत्ता पन्नत्ता, तंजहा सतभिसता, भरणी, अद्दा, अस्सेसा, साती, जेट्ठा। चंदस्स णं जोतिसिंदस्स जोतिसरन्नो छ णक्खत्ता उभयंभागा दिवखेत्ता पणयालीसमुहुत्ता पन्नत्ता, तंजहा रोहिणी, पुणव्वसू, उत्तरा फग्गुणी, विसाहा, उत्तरा आसाढा, उत्तरा भद्दवया । ५१८. अभिचंदे णं कुलकरेछ धणुसयाई उड्डुंउच्चत्तेणं होत्था । ५१९. भरहे णं राया चाउरंतचक्कवटी छ पुव्वसतसहस्साई महाराया होत्था । ५२०. पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणियस्स छस्सता वादीणं सदेवमणुयासुराते परिसाते अपराजिताणं संपया होत्था । वासुपुज्जे णं अरहा छहिं पुरिससतेहिं सद्धिं मुंडे जाव पव्वइते । चंदप्पभे णं अरहा छम्मासा छउमत्थे होत्था । ५२१. तेतिंदिया णं जीवा असमारभमाणस्स छव्विधे संजमे कज्जति, तंजहा घाणामातो सोक्खातो अववरोवेत्ता भवति, घाणामतेणं दुक्खेणं असंजोगेत्ता भवति, जिब्भामातो सोक्खातो अववरोवेत्ता भवति एवं चेव, एवं फासामातो वि । तेइंदिया णं जीवा समारभमाणस्स छव्विहे असंजमे कज्जति, तंजा घाणामातो सोक्खातो ववरोवेत्ता भवति, घाणामएणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति, जाव फासामतेणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति । ५२२. जंबूदीवे दीवे छ DOKOR श्री आगमगुणमंजूषा - १५२
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(३) ठाणं
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(३) ठाणे ६-अ.छट्ठाणं २५)
1555555555ssxxxsxeurog 2 अकम्मभूमीओ पन्नत्ताओ, तंजहा हेमवते, हेरण्णवते, हरिवस्से रम्मगवस्से, देवकुरा, उत्तरकुरा १ । जंबूदीवे दीवे छव्वासा पन्नत्ता, तंजहा भरहे, एरवते, हेमवते,
हेरन्नवए, हरिवस्से, रम्मगवस्से २ जंबूदीवे दीवे छ वासहरपव्वत्ता पन्नत्ता, तंजहा चुल्लहिमवंते, महाहिमवंते, निसढे, नीलवंते, रूप्पी, सिहरी ३ । जंबूमंदरदाहिणेणं छ कूडा पन्नत्ता, तंजहा चुल्लहिमवंतकूडे, वेसमणकूडे, महाहिमवंतकूडे, वेरुलितकूडे, निसढकूडे, रुयगकूडे ४ । जंबूमंदरउत्तरेणं छ कूडा पन्नत्ता, तंजहा नेलवंतकूडे, उवदंसणकूडे, रुप्पिकूडे, मणिकंचणकूडे, सिहरिकूडे, तिगिछिकूडे ५ । जंबूद्दीवे दीवे छ महद्दहा पन्नत्ता, तंजहा पउमदहे, महापउमद्दहे, तिगिछिदहे, केसरिदहे, महापोंडरीयदहे, पुंडरीयदहे ६। तत्थ णं छ देवताओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमद्वितीतातो परिवसंति, तंजहा सिरि, हिरि, धिति, कित्ति, बुद्धि, लच्छी ७ । जंबूमंदरदाहिणेणं छ महानदीओ पन्नत्ताओ, तंजहा गंगा, सिंधू, रोहिता, रोहितंसा, हरी, हरिकंता ८ । जंबूमंदरउत्तरेणं छ महानदीतो पन्नत्ताओ, तंजहा नरकंता, नारिकता, सुवन्नकूला, रुप्पकूला, रत्ता, रत्तवती ९ । जंबुमंदरपुरस्थिमेणं सीताते महानदीते उभयकूले छ अंतरनदीओ पन्नत्ताओ, तंजहा गाहावती, दहवती, पंकवती, तत्तयला, मत्तयला, उम्मत्तयला १० । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोदाते महानदीते उभयकूले छ अंतरनदीओ पन्नत्ताओ, तंजहा खीरोदा, सीहसोता, अंतोवाहिणी, उम्मिमालिणी, फेणमालिणी, गंभीरमालिणी ११ । धायइसंडदीवपुरथिमद्धे णं छ अकम्मभूमीओ पन्नत्ताओ, तंजहा हेमवते, एवं जहा जर्बुद्दीवे जाव अंतरणदीतो २२ जाव पुक्खरवरदीवड्ढपच्चत्थिमद्धे भाणितव्वं ५५। ५२३. छ उडू पन्नत्ता, तंजहा पाउसे, वरिसारत्ते, सरए, हेमंते, वसंते, गिम्हे । ५२४. छ ओमरत्ता पन्नत्ता, तंजहा ततिते पव्वे, सत्तमे पव्वे, एक्कारसमे पव्वे, पन्नरसमे पव्वे, एगूणवीसतिमे पव्वे, तेवीसइमे पव्वे । छ अइरत्ता पन्नत्ता, तंजहा चउत्थे पव्वे, अट्ठमे पव्वे, दुवालसमे पव्वे, सोलसमे पव्वे, वीसइमे पव्वे, चउवीसइमे पव्वे । ५२५. आभिणिबोधियणाणस्स णं छविहे अत्थोग्गहे पन्नत्ते, तंजहा सोइंदियत्थोग्गहे जाव नोइंदियत्थोग्गहे। ५२६. छव्विहे ओहिणाणे पन्नत्ते, तंजहा आणुगामिते, अणाणुगामिते, वड्डमाणते, हायमाणते, पडिवाती, अपडिवाती।५२७. नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा इमाई छ अवतणाई वदित्तते, तंजहा अलियवयणे, हीलियवयणे, खिसितवयणे, फरुसवयणे, गारत्थियवयणे, विउसवितं वा पुणो उदीरित्तते। ५२८.छ कप्पस्स पत्थारा पन्नत्ता, तंजहा पाणातिवातस्स वायं वयमाणे, मुसावायस्सवादं वदमाणे, अदिन्नादाणस्स वायं वयमाणे, अविरतिवायं वयमाणे, अपुरिसवायं वयमाणे, दासावायं वयमाणे । इच्वेते छ कप्पस्स पत्थारे पत्थरेत्ता सम्ममपरिपूरेमाणे तट्ठाणपत्ते। ५२९. छ कप्पस्स पलिमंथू पन्नत्ता, तंजहा कोकुतिते संजमस्स पलिमंथू, मोहरिते सच्चवयणस्स पलिमंथू, चक्खुलोलुते इरितावहिताते पलिमंथू, तितिणिते एसणागोतरस्स पलिमंथू, इच्छालोभिते मोत्तिमग्गस् पलिमंथू, भिज्जाणिदाणकरणे मोक्खमग्गस्स पलिमंथू । सव्वत्थ भगवता अणिताणता पसत्था । ५३०. छविधा कप्पट्टिती पन्नत्ता, तंजहा सामातितकप्पद्विती, छेदोवठ्ठावणितकप्पद्विती, निव्विसमाणकप्पद्विती, णिव्विट्ठकप्पद्विती, जिणकप्पद्विती, थेरकप्पट्टिती । ५३१. समणे भगवं महावीरे छठेणं भत्तेणं अपाणएणं मुंडे जाव पव्वइए। समणस्सणं भगवओ महावीरस्स छटेणं भत्तेणं अपाणएणं अणंते अणुत्तरे जाव समुप्पन्ने । समणे भगवं महावीरे छटेणं भत्तेणं अपाणएणं सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । ५३२. सणंकुमार-माहिदेसु णं कप्पेसु विमाणा छ जोयणसयाइं उर्दउच्चत्तेणं पन्नत्ता । सणंकुमार-माहिदेसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जगा सरीरगा उक्कोसेणं छ रतणीओ उढुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता। ५३३. छविहे भोयणपरिणामे पन्नत्ते, तंजहा मणुण्णे रसिते, पीणणिज्जे, बिहणिज्जे, मयणिज्ने, दप्पणिज्जे । छविहे विसपरिणामे पन्नत्ते, तंजहा डक्के, भुत्ते, निवतिते, मंसाणुसारी, सोणिताणुसारी, अद्विमिंजाणुसारी। ५३४. छव्विहे पट्टे पन्नत्ते, तंजहा संसयपट्टे, वुग्गहपढे, अणुजोगी, अणुलोमे, तहणाणे, अतहणाणे । ५३५. चमरचंचा णं रायहाणी उक्कोसेणं छम्मासा विरहिता उववातेणं । एगमेगे णं इंदट्ठाणे उक्कोसेणं छम्मासे विरहिते उववातेणं । अधेसत्तमा णं पुढवी उक्कोसेणं छम्मासा विरहिता उववातेणं । सिद्धिगती णं उक्कोसेणं छम्मासा विरहिता उववातेणं। ५३६. छव्विधे आउयबंधे पन्नत्ते, तंजहा जातिणामनिधत्ताउले गतिणामणिधत्ताउते, ठितिनामनिधत्ताउते, ओगाहणाणामनिधत्ताउते, पदेसणामनिधत्ताउते, अणुभावणामनिहत्ताउते। नेरतियाणं छविहे ५ आउयबंधे पन्नत्ते, तंजहा जातिणामनिहत्ताउते जाव अणुभाव [नाम] णिहत्ताउए। एवं जाव वेमाणियाणं । नेरइया णियमं छम्मासावसेसाउता परभवियाउयं पगरेति Morc5 5 555555555555 ॥ श्री आगमगुणभंजूषा - १५३5555555
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(३) ठाणं ६-अ./७ -अ. सत्तद्वाणं
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एवं असुरकुमारा विजाव थणियकुमारा। असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिया णियमं छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं पगरेति। असंखेजवासाउया सन्निमणुस्सा नियमं जाव पगरेति। वाणमंतराजोतिसिता वेमाणिताजधाणेरतिता। ५३७. छव्विधे भावे पन्नत्ते, तंजहा ओदतिते, उवसमिते, खतिते, खतोवसमिते, पारिणामिते, सन्निवाइए । ५३८. छविहे पडिक्कमणे पन्नत्ते, तंजहा उच्चारपडिक्कमणे, पासवणपडिक्कमणे, इत्तिरिते, आवकहिते, जंकिंचिमिच्छा, सोमणंतिते । ५३९. कत्तिताणक्खत्ते छतारे पण्णत्ते । असिलेसाणक्खत्ते छतारे पन्नत्ते । ५४०. जीवा णं छट्ठाणनिव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताते चिणिंसु वा ३, तंजहा पुढविकाइयनिव्वत्तिते जाव तसकाइयणिव्वत्तिते । एवं "चिण उवचिण बंध उदीर वेय तथ निज्जरा चेव" ॥ छप्पतेसिया णं खंधा अणंता पण्णत्ता। छप्पदेसोगाढा पोग्गला अणंता पण्णत्ता । छस्समयद्वितीता पोग्गला अणंता पण्णत्ता । छग्गुणकालगा पोग्गला जाव छग्गुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता ।।। छट्ठाणं छट्ठमज्झयणं समत्तं ।। ७ सत्तमं अज्झयणं 'सत्तट्ठाणं' ५४१. सत्तविधे गणावक्कमणे पन्नत्ते, तंजहा सव्वधम्मा रोतेमि १, एगतिता रोएमि, एगइया णोरोएमि २, सव्वधम्मा वितिगिच्छामि ३, एगतिता वितिगिच्छामि, एगतिता नो वितिगिच्छामि ४, सव्वधम्मा जुहणामि ५, एगतिता जुहुणामि, एगइया णो जुहुणामि ६, इच्छामि णं भंते ! एगल्लविहारपडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तते ७।५४२. सत्तविधे विभंगणाणे पन्नत्ते, तंजहा एगदिसिं लोगाभिगमे, पंचदिसिं लोगाभिगमे, किरियावरणे जीवे, मुदग्गे जीवे, अमुदग्गे जीवे, रूवी जीवे, सव्वमिणं जीवा । तत्थ खलु इमे पढमे विभंगणाणे जया णं तहारुवस्स समणस्स वा माहणस्स वा विभंगणाणे समुप्पज्जति, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पन्नेणं पासति पातीणं वा पडिणं वा दाहिणं वा उदीणं वा उहुं वा जाव सोहम्मे कप्पे, तस्स णमेवं भवति अस्थि णं मम अतिसेसे णाणदंसणे समुप्पन्ने एगदिसिं लोगाभिगमे, संतेगतिता समणा वा माहणा वा एवमाहंसु पंचदिसिं लोगाभिगमे, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, पढमे विभंगणाणे । अहावरे दोच्चे विभंगणाणे जता णं तधारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा विभंगणाणे समुप्पजति, सेणं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पन्नेणं पासति पातीणं वा पडिणं वा दाहिणं वा उदीणं वा उडे जाव सोहम्मे कप्पे, तस्स णमेवं भवति अत्थि णं मम अतिसेसे णाणदंसणे समुप्पन्ने पंचदिसिं लोगाभिगमे, संतेगतिता समणा वा माहणा वा एवमाहंसु-एगदिसिं लोगाभिगमे, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु दोच्चे विभंगणाणे । अधावरे तच्चे विभंगणाणे जयाणं तधारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा विभंगणाणे समुप्पज्जति, सेणं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पन्नेणं पासति पाणे अतिवातेमाणे मुसंवतमाणे अदिन्नमादितमाणे मेहुणं पडिसेवमाणे परिग्गहं परिगेण्हमाणे रातिभोयणं भुंजमाणे वा, पावं चणं कम्मं कीरमाणं णोपासति, तस्स णमेवं भवति अत्थि णं मम अतिसेसे णाणदंसणे समुप्पन्ने, किरितावरणे जीवे, संतेगतिता समणा वा माहणा वा एवमाहंसु नो किरितावरणे जीवे, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, तच्चे विभंगणाणे । अधावरे चउत्थे विभंगणाणे जया णं तधारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा जाव समुप्पज्जति, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पन्नेणं देवामेव पासति, बाहिरब्भंतरते पोग्गले परितादितित्ता पुढेगत्तं णाणत्तं फुसित्ता फुरित्ता फुडित्ता विकुव्वित्ताणं चिठ्ठित्तते, तस्स णमेवं भवति अस्थि णं मम अतिसेसे णाणदंसणे समुप्पन्ने, मुदग्गे जीवे, संतेगतिता समणा वा माहणा वा एवमाहंसु अमुदग्गे जीवे, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, चउत्थे विभंगनाणे। अहावरे पंचमे विभंगणाणे जया णं तधारूवस्स समणस्स जाव समुप्पज्जति, सेणं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पन्नेणं देवामेव पासति, बाहिरब्भंतरए पोग्गले अपरितादितित्ता पुढेगत्तं णाणत्तं जाव विकुव्वित्ताणं चिट्ठित्तते, तस्स णमेवं भवति अत्थि जाव समुप्पन्ने अमुदग्गे जीवे, संतेगतिता समणा वा माहणा वा एवमाहंसु मुदग्गे जीवे, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, पंचमे विभंगणाणे । अहावरे छटे विभंगणाणे जया णं तधारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा जाव समुप्पज्जति, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पन्नेणं देवामेव पासति, बाहिरभंतरते पोग्गले परितादितित्ता वा अपरियादितित्ता वा पुढेगत्तं णाणत्तं फुसित्ता जाव विकुवित्ताणं चिट्ठित्तते, तस्स णमेवं भवति अस्थि णं मम अतिसेसे णाणदंसणे समुप्पन्ने, रूवी जीवे, संतेगतिता समणा वा माहणा वा एवमाहंसु अरूवी जीवे, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते
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(३) ठाणं
७ अ. सत्तद्वाणं [५७]
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एवमाहंसु, छट्ठे विभंगणाणे। अहावरे सत्तमे विभंगणाणे जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा विभंगणाणे समुप्पज्जति, से णं तेणं विभंगणाणेणं समुप्पन्नेणं पासति सुहुमेणं वायुकातेणं फुडं पोग्गलकायं एतंतं वेतंतं चलंतं खुब्भंत फंदतं घट्टतं उदीरेंतं तं तं भावं परिणमंतं, तस्स णमेवं भवति अत्थि णं मम अतिसेसे
दंसणे सप्पन्ने, सव्वमिणं जीवा, संतेगतिता समणा वा माहणा वा एवमाहंसु जीवा चेव अजीवा चेव, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, तस्स णमिमे चत्तारि जीवनिकाया णो सम्ममुवगता भवंति, तंजहा पुढविकाइया जाव वाउकाइया, इच्चेतेहिं चउहिं जीवनिकाएहिं मिच्छादंडं पवत्तेइ, सत्तमे विभंगणाणे । ५४३. सत्तविधे जोणिसंगधे पन्नत्ते, तंजहा अंडजा, पोतजा जराउजा, रसजा, संसेदगा, संमुच्छिमा, उब्भिगा। अंडगा सत्तगतिता सत्तागतिता पन्नत्ता, तंजहा अंडगे अंडगेसु उववज्नमाणे अंडतेहिंतो वा पोतजेहिंतो वा जाव उब्भिएहिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से अंडते अंडगत्तं विप्पजहमाणे अंडगत्ताते वा पोतगत्ताते वा जाव उभयत्ताते वा गच्छेजा। पोतगा सत्तगतिता सत्तागतिता, एवं चेव सत्तण्ह वि गतिरागती भाणियव्वा जाव उब्भिय त्ति । ५४४. आयरियउवज्झायस्स णं गणसि सत्त संगहाणा पन्नत्ता, तंजहा आयरियउवज्झाए गणंसि आणं वा धारणं वा सम्मं परंजित्ता भवति १, एवं जधा पंचट्ठाणे जाव आयरियउवज्झाए गणसि आपुच्छियचारि यावि भवति नो अणापुच्छियचारि यावि भवति ५, आयरिवउवज्झाए गणंसि अणुप्पन्नाई उवकरणाइं सम्मं उप्पाइत्ता भवति ६, आयरियउवज्झाए गणसि पुप्पन्नाई उवकरणाई सम्मं सारक्खित्ता संगवित्ता भवति, णो असम्मं सारक्खित्ता संगोवित्ता भवति ७ । आयरियउवज्झायस्स णं गणंसि सत्त असंगहट्टाणा पन्नत्ता, तंजहा आयरियउवज्झाए गणंसि आणं वा धारणं वा नो सम्मं पउंजित्ता भवति १, एवं जाव उवगरणाणं नो सम्मं सारक्खेत्ता संगोवेत्ता भवति ७ । ५४५. सत्त पिंडेसणाओ पन्नत्तातो। सत्त पाणेसणातो पण्णत्तातो। सत्त उग्गहपडिमातो पन्नत्तातो । सत्त सत्तिक्कया पण्णत्ता । सत्त महज्झयणा पण्णत्ता । सत्तसत्तमिया णं भिक्खुपडिमा एकूणपण्णत्ताते रातिदिएहिमेगेण य छण्णउतेणं भिक्खासतेणं अहासुत्तं जाव आराहिया वि भवति । ५४६. अधेलोगे णं सत्त पुढवीओ पन्नत्ताओ, सत्त धणोदधीतो पन्नत्ता, सत्त घणवाता पण्णत्ता, सत्त तणुवाता पण्णत्ता, सत्त उवासंतरा पन्नता । एतेसु णं सत्तसु उवासंतरेसु सत्त तणुवाया पतिट्ठिता । एतेसु णं सत्तसु तणुवातेसु सत्त घणवाता पतिट्ठिता। एएसु णं सत्तसु घणवातेसु सत्त घणोदधी पतिट्ठिता । एतेसु णं सत्तसु घणोदधीसु पिंडलगपिहुलसंठाणसंठिताओ सत्त पुढवीओ पन्नत्ताओ, तंजहा पढमा जाव सत्तमा । एतासि णं सत्तण्हं पुढवीणं सत्त णामधेज्जा पन्नत्ता, तंजहा घम्मा, वंसा, सेला, अंजणा, रिट्ठा, मघा, माघवती । एतासि णं सत्तण्हं पुढवीणं सत्त गोत्ता पन्नत्ता, तंजहा रतणप्पभा, सक्करप्पभा, वालुयप्पभा, पंकप्पभा, धूमप्पभा, तमा, तमतमा । ५४७. सत्तविहा बादरवाउकाइया पन्नत्ता, तंजहा पातीणवाते, पडीणवाते, दाहिणवाते, उदीणवाते, उड्डेवाते, अहेवाते, विदिसि वाते । ५४८. सत्तसंठाणा पन्नत्ता, तंजहा दीहे, रहस्से, वट्टे, तंसे, चउरंसे, पिहुले, परिमंडले । ५४९. सत्त भट्ठाणा पन्नत्ता, तंजहा इहलोगभते, परलोगभते आदाणभते, अकम्हाभते, वेयणाभते, मरणभते, असिलोगभते । ५५०. सत्तहिं ठाणेहिं छउमत्थं जाणेज्जा, तंजहा पाणे अतिवातेत्ता भवति, मुसं वदित्ता भवति, अदिन्नमातित्ता भवति, सद्द-फरिस - रस- रूव-गंधे आसादेत्ता भवति, पूतासक्कारमणुवहेत्ता भवति, इमं सावज्जं ति पण्णवेता पडिसेवेत्ता भवति, णो जधावादी तधाकारी यावि भवति । सत्तहिं ठाणेहिं केवली जाणेज्जा, तंजहा णो पाणे अतिवातेता भवति जाव जधावादी तधाकारी यावि भवति । ५५१. सत्त मूलगोत्ता पन्नत्ता, तंजहा कासवा, गोतमा, वच्छा, कोच्छा, कोसिता, मंडवा, वासिडा । जे कासवा ते सत्तविधा पन्नत्ता, तंजहा ते कासवा, ते संडिल्ला, ते गोला, ते वाला, ते मुंजतिणो, ते पव्वतिणो, ते वरिसकण्हा । जे गोतमा ते सत्तविधा पन्नत्ता, तंजहा ते गोयमा, ते गग्गा, ते भारद्दा, ते अंगिरसा, ते सक्कराभा, ते भक्खराभा, ते उदत्ताभा । जे वच्छा ते सत्तविधा पन्नत्ता, तंजहा ते वच्छा, ते अग्गेया, ते मित्तेया, ते सामलिणो, ते सेलतता, ते अट्ठिसेणा, ते वीयकण्हा। जे कोच्छा ते सत्तविधा पन्नत्ता, तंजहा ते कोच्छा, ते मोग्गलायणा, ते पिंगायणा, ते कोडीणो, ते मंडलिणो, ते हारिता, ते सोमभी । जे कोसिता ते सत्तविधा पन्नत्ता, तंजहा ते कोसिता, ते कच्चातणा, ते सालंकातणा, ते गोलिकातणा, ते पक्खिकातणा, ते अग्गिच्चा, ते लोहिच्चा । जे मंडवा ते सत्तविधा पन्नत्ता, तंजहा ते मंडवा, ते आरिट्ठा, ते समुता, ते तेला, ते एलावच्चा, ते कंडिल्ला, ते खारातणा । जे वासिट्ठा ते सत्तविधा पन्नत्ता, तंजहा ते श्री आगमगुणमंजूषा १५५
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(३) ठाणं
७ -अ. सत्तट्ठाणं [५८]
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वासिठ्ठा, ते उंजायणा, ते जारुकण्हा, ते वग्यावच्चा, ते कोडिन्ना, ते सन्नी, ते पारासरा । ५५२. सत्त मूलनया पन्नत्ता, तंजहा नेगमे, संगहे, ववहारे, उज्जुसुते, सद्दे, 卐 समभिरूढे, एवंभूते। ५५३. सत्त सरा पन्नत्ता, तंजहा- सज्जे, “रिसमे, गंधारे, मज्झिमे, पंचमे सरे। धेवते चेव, णेसादे, सरा सत्त वियाहिता" ॥४७|| "एतेसिणं
सत्तण्डं सराणं सत्तं सरट्ठाणा पन्नत्ता, तंजहा सज्जं तु अग्गजिब्भाते, उरेण रिसभं सरं । कंठुग्गतेण गंधारं, मज्झजिब्भाते मज्झिमं"॥४८|| "णासाते पंचमं बूया, दंतोटेण य रेवतं । मुद्धाणेण य णेसातं, सरट्ठाणा वियाहिता" ||४९|| “सत्त सरा जीवनिस्सिता पन्नत्ता, तंजहा सज्ज रवति मऊरो, कुक्कुडो रिसभं सरं । हंसो णदति ॥
गंधारं, मज्झिमं तु गवेलगा"||५०|| अह कुसुमसंभवे काले, कोइला पंचमं सरं । छटुं च सारसा कोंचा, णेसायं सत्तमं गतो" ।।५१|| “सत्त सरा अजीवनिस्सिता ' पन्नत्ता, तंजहा सज्जं रवति मुइंगो, गोमुही रिसभं सरं । संखो णदति गंधार, मज्झिमं पुण झल्लरी" ||५२|| "चउचलणपतिट्ठाणा, गोहिया पंचमं सरं । आडंबरो
रेवततं, महाभेरी य सत्तमं ॥५३॥ "एतेसिणं सत्तण्हं सराणं सत्त सरलक्खणा पन्नत्ता, तंजहा सज्जेण लभति वित्ति, कतं च ण विणस्सति । गावो मित्ता य पुत्ता य, णारीणं चेव वल्लभो” ॥५४|| "रिसभेणं तु एसज्जं, सेणावच्चं धणाणि य । वत्थगंधमलंकारं, इथिओ सयणाणि त" ॥५५।। "गंधारे गीतजुत्तिण्णा, वज्जवित्ती कलाहिया । भवंति कतिणो पण्णा, जे अन्ने सत्थपारगा" ॥५६॥ “मज्झिमसरसंपन्ना, भवंति सुहजीविणो । खायती पियती देती, मज्झिमं सरमस्सितो' ॥५७॥ "पंचमसरसंपन्ना, भवंति पुढवीपती । सूरा संगहकत्तारो, अणेगगणणातगा" ||५८॥ "रेवतसरसंपन्ना, भवंति कलहप्पिया । साउणिता वग्गुरिता, सोयरिया मच्छबंधा य" ।।५९।। "चंडाला मुट्ठिया मेता, जे अन्ने पावकम्मिणो । गोघातगा य जे चोरा, णेसातं सरमस्सिता" ॥६०|| "एतेसिंणं सत्तण्हं सराणं तयो गामा पण्णत्ता, तंजहा सज्जगामे, मज्झिमगामे, गंधारगामे। सज्जगामस्स णं सत्त मुच्छणातो पन्नत्ताओ, तंजहा मंगी कोरव्वी या, हरी य रयणी य सारकंता य । छठ्ठी य सारसी णाम, सुद्धसज्जा य सत्तमा" ||६१।। "मज्झिमगामस्स णं सत्त मुच्छणातो पन्नत्ताओ, तंजहा उत्तरमंदा रयणी, उत्तरा उत्तराससा । अस्सोकंता य सोवीरा, अभिरु हवति सत्तमा' |६२|| गंधारगामस्स णं सत्त मुच्छणातो पन्नत्ताओ, तंजहा णंदी त खुद्दिमा पूरिमा य चउत्थी य सुद्धगंधारा । उत्तरगंधारा वित, पंचमिता हवति मुच्छा उ" ॥६३।। सुदुत्तरमायामा सा छट्ठी णियसमो उ णायव्वा । अह उत्तरायता कोडीमा त सा सत्तमी मुच्छा" ॥६४॥ "सत्त स्सरा कतो संभवंति ?
गेयस्स का भवति जोणी ? । कतिसमता उस्सासा ? कति वा गेयस्स आगारा?" ||६५।। "सत्त सरा णामीतो, भवंति गीतंच रुन्नजोणीतं । पादसमता उस्सासा, म तिन्नि य गीयस्स आगारा" ||६६|| "आइमिउ आरभंता, समुव्वहता य मज्झगारंमि । अवसाणे य खवेंता, तिन्नि य गेयस्स आगारा" ||६७।। “छ होसे अट्ठ गुणे,
तिन्नि य वित्ताई दो य भणितीओ। जाणाहिति सो गाहिति, सुसिक्खितो रंगमज्झम्मि" ||६८।। "भीतं दुतं रहस्सं, गायतो मा त गाहि उत्ताल । काकस्सरमणुनासं
च, होतिं गेयस्स छ दोसा ॥६९॥ पुण्णं रत्तं च अलंकियं च, वत्तं तधा अविघुटुं । मधुरं सम सुकुमारं, अट्ठ गुणा होति गेयस्स" ॥७०॥ "उर-कंठ-सिरपसत्थं च, ' गिज्जते मउअ-रिभितपदबद्धं । समताल-पडुक्खेवं, सत्तसरसीभरं गेयं ॥७१|| “निदोसं सारवंतं च, हेउजुत्तमलंकियं । उवणीतं सोवयारं च, मितं मधुरमेव य"
॥७२।। "सममद्धसमं चेव, सव्वत्थ विसमं च जं । तिन्नि वित्तप्पयाराई, चउत्थं नोपलब्भती" ॥७३॥ "सक्कता पागता चेव, दुविधा भणितीओ आहिता। सरमंडलंमि गिज्जते, पसत्था इसिभासिता" ||७४|| "केसी गातति मधुरं, केसी गातति खरं च रुक्खं च। केसी गायति चउरं, केसी विलंबं दुतं केसी। विस्सरं पुण केरिसी?" ॥७५|| “सामा गायति मधुरं, काली गायति खरं च रुक्खं च । गोरी गातति चउरं, काण विलंबं दुतं अंधा ।। विस्सरं पुण पिंगला?" ॥७६॥ "तंतिसमं तालसम,
पादसमं लयसमं गहसमं च । नीससिऊससितसमं, संचारसमा सरा सत्त” |७७|| “सत्त सरा ततो गामा, मुच्छणा एकविंसती । ताणा एकूणपण्णासा, संमत्तं ॐ सरमंडलं" ॥७८॥ ५५४. सत्तविधे कायकिलेसे पन्नत्ते, तंजहा ठाणातिते, उक्कुडुयासणिते, पडिमट्ठाती, वीरासणिते, णेसज्जिते, दंडायतिए, लगंडसाती। ५५५.
जंबुद्दीवे दीवेसत्त वासा पन्नत्ता, तंजहा भरहे, एरवते, हेमवते, हेरन्नवते, हरिवासे, रम्मगवासे, महाविदिहे। जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासहरपव्वता पन्नत्ता, तंजहा चुल्लहिमवंते, २ महाहिमवंते, निसढे, नीलवंते, रूप्पी, सिहरी, मंदरे । जंबुद्दीवे दीवे सत्त महानदीओ पुरत्थाभिमुहीओ लवणसमुदं समप्पेति, तंजहा गंगा, रोहिता, हिरी, सीता, Mero+ 9155555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १५६ 55555555555555555555555555OOR
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७.अ. सप्तत्य [१९]
**************** णरकंता, सुवण्णकूला, रत्ता । जंबुद्दीवे दीवे सत्त महानदीओ पच्चत्थाभिमुहीओ लवणसमुद्दे समप्पेति, तंजहा सिंधू, रोहितंसा, हरिकंता, सीतोदा, णारिकंता, रूप्पकूला, रत्तावती । धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धे णं सत्त वासा पन्नत्ता, तंजहा भरहे जाव महाविदेहे । धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धे णं सत्त वासहरपव्वता पन्नत्ता, तं जहा चुल्लहिमवंते जाव मंदरे । धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धे णं सत्तमहानदीओ पुरत्थाभिमुहीओ कालोदसमुहं समप्पेति, तंजहा गंगा जाव रत्ता । धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धे सत्त महानदीओ पच्चत्थाभिमुहीओ लवणसमुदं समप्पेंति, तंजहा सिंधू जाव रत्तावती । धायइसंडदीवपच्चत्थिमद्धे णं सत्त वासा एवं चेव, णवरं पुरत्थाभिमुहीओ लवणसमुद्दं समप्पेति, पच्चत्थाभिमुहीओ कालोद, सेसं तं चेव । पुक्खरवरदीवडपुरत्थिमद्धे णं सत्त वासा तहेव, णवरं पुरत्थाभिमुहीओ पुक्खरोदं समुहं समप्पेति, पच्चत्थाभिमुहीतो कालोदं समुदं समप्पेति, सेसं तं चेव । एवं पच्चत्थिमद्धे वि, णवरं पुरत्थाभिमुहीओ कालोदं समुदं समप्पेति, पच्चत्थाभिमुहीओ पुक्खरोदं समुद्द समप्पेति सव्वत्थवासा वासहरपव्वता णदीओ य भाणितव्वाणि । ५५६. जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे तीताते उस्सप्पिणीते सत्त कुलकरा होत्था तंजहा - "मित्तदामे सुदामे, सुपा यसपभे । विमलघोसे सुघोसे य, महाघोसे य सत्तमे " ॥ ७९ ॥ जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीते सत्त कुलकरा होत्था, तंजहा“पढमित्थ विमलवाहण, चक्खुम जसमं चउत्थमभिचंदे । तत्तो पसेणती पुण, मरुदेवे चेव नाभी य" ॥८०॥ एतेसि णं सत्तण्हं कुलकराणं सत्त भारियाओ होत्था, तंजा चंदजसा चंदकता, सुरूव पडिरूव चक्खुकंता य। सिरिकंता मरुदेवा, कुलकरइत्थीण नामाई ॥ ८१ ॥ जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे आगमेसाते उस्सप्पिणीते सत्त कुरा भविस्संति, तंजहा- "मित्तवाहणे सुभोमे य, सुप्पभे य सयंपभे । दत्ते सुहुमे सुबंधू य, आगमेसेण होक्खती" ॥८२॥ विमलवाहणे णं कुलकरे सत्तविधा रुक्खा उवभोगत्ताते हव्वमागच्छिंसु, तंजहा- "मत्तंगता त मिंगा, चित्तंगा चेव होति चित्तरसा। मणियंगा त अणियणा, सत्तमगा कप्परुक्खा य” ॥८३॥ ५५७. सत्तविधा दंडनीती पन्नत्ता, तंजहा हक्कारे, मक्कारे, धिक्कारे, परिभासे, मंडलबंधे, चारते, छविच्छेदे । ५५८. एगमेगस्स णं रन्नो चाउरंतचक्कवट्टिस्स सत्त एगेंदियरतणा पन्नत्ता, तंजहा चक्करतणे, छक्करयणे, चम्मरयणे, दंडरतणे, असिरतणे, मणिरयणे, काकणिरतणे । एगमेगगस्स णं रन्नो चाउरंतचक्कवट्टिस्स सत्त पंचेदियरतणा पन्नत्ता, तंजहा सेणावतीरतणे, गाहावतिरतणे, वड्डतिरयणे, पुरोहितरयणे, इत्थिरतणे, आसरतणे, हत्थिरयणे । ५५९. सत्तहिं ठाणेहिं ओगाढं दुस्समं जाज्जा, जहा अकाले वरिसर, काले ण वरिसइ, असाधू पुज्जंति, साधू ण पुज्जंति, गुरूहिं जणो मिच्छं पडिवन्नो, मणोदुहता, वतिदुहता। सत्तहिं ठाणेहिं ओगाढं सुसमं जाणेज्ना, जहा अकाले न वरिसइ, काले वरिसति, असाधू ण पुज्जंति, साधू पुज्जंति, गुरूहिं जणो सम्मं पडिवन्नो, मणोसुहता, वतिसुहता । ५६०. सत्तविधा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तंजहा नेरतिता, तिरिक्खजोणिता, तिरिक्खजोणिणीतो, मणुस्सा, मणुस्सीओ, देवा, देवीओ । ५६१. सत्तविधे आउभेदे पन्नत्ते, तंजा अज्झवसाण-निमित्ते, आहारे वेयणा-पराघाते । फासे आणापाणू, सत्तविधं भिज्जए आउं ॥ ८४ ॥। ५६२. सत्तविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइया, आउकाइया, तेउकाइया, वाउकाइया, वणस्सतिकाइया, तसकाइया, अकाइया । अहवा सत्तविहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा, अलेसा । ५६३. बंभदत्ते णं राया चाउरंतचक्कवट्ठी सत्त धणूइं उडुंउच्चतेणं सत्त य वाससताई परमाउं पालयित्ता कालमासे कालं किच्चा अधे सत्तमाते पुढवीते अप्पतिट्ठाणे णरए णेरतितत्ताते उववन्ने । ५६४. मल्ली णं अरहा अप्पसत्तमे मुंडे भविता अगारातो अणगारियं पव्वइए, तंजहा मल्ली विदेहरायवरकन्नगा, पडिबुद्धी इक्खागराया, चंदच्छाये अंगराया, रुप्पी कुणालाधिपती, संखे कासीराया, अदीणसत्तू कुरुराया, जितसतू पंचालराया । ५६५. सत्तविहे दंसणे पन्नत्ते, तंजहा सम्मदंसणे, मिच्छदंसणे, सम्मामिच्छदंसणे, चक्खुदंसणे, अचक्खुदंसणे, ओहिदंसणे, केवलदंसणे । ५६६. छउमत्थवीयरागे णं मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मपयडीओ वेदेति, तंजा णाणावरणिज्जं दरिसणावरणिज्जं वेयणिज्जं आउयं नामं गोतमंतरातितं । ५६७. सत्त ठाणाई छउमत्थे सव्वभावेणं न याणति न पासति, तंजहा धम्मत्थिकायं, अधम्मत्थिकायं, आगासत्थिकायं, जीवं असरीरपडिबद्धं, परमाणुपोग्गलं, सद्द, गंधं । एयाणि चेव उप्पन्नणाणे जाव जाणति पासति, तंजहा धम्मत्थिकार्य जाव गंध । ५६८. समणे भगवं महावीरे वइरोसभणारातसंघयणे समचउरंससंठाणसंठिते सत्त रयणीओ उहुंउच्चतेणं होत्था । ५६९. सत्त विकहाओ पन्नत्ताओ, तंजहा इत्थिकहा, MOTOR श्री आगमगुणमंजूषा - १५७
(३) ठाण
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(३) ठाणं
-अ. सत्तट्ठाणं
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भत्तकहा, देसकहा, रायकहा, मिउकालुणिता, दंसणभेयणी, चरित्तभेदणी। ५७०. आयरिय-उवज्झायस्स णं गणंसि सत्त अतिसेसा पन्नत्ता, तंजहा आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सगस्स पाते णिगिज्झिय णिगिज्झिय पप्फोडेमाणे वा पमज्जमाणे वा णातिक्कमति, एवं जधा पंचट्ठाणे जाव बाहिं उवस्सगस्स एगरातं वा दुरातं वा वसमाणे नातिक्कमति, उवकरणातिसेसे भत्तपाणातिसेसे । ५७१. सत्तविधे संजमे पन्नत्ते, तंजहा पुढविकातितसंजमे जाव तसकातितसंजमे अजीवकायसंजमे । सत्तविधे असंजमे पन्नत्ते, तंजहा पुढविकातितअसंजमे जाव तसकातितअसंजमे जाव अजीवकायअसंजमे । सत्तविधे आरंभे पन्नत्ते, तंजहा पुढविकातितआरंभे जाव अजीवकातआरंभे । एवमणारंभे वि, एवं सारंभे वि, एवमसारंभे वि, एवं समारंभे वि, एवं असमारंभे वि जाव अजविकायअसमारंभे । ५७२. अध भंते ! अदसिकुसुंभ-कोद्दव-कंगु-रालग-वरा-कोदूसग-सण-सरिसव-मुलगबीयाणं एतेसिणं धन्नाणं कोट्ठाउत्ताणं पल्लाउत्ताणं जाव पिहिताणं केवतितं कालं जोणी संचिट्ठति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणं सत्त संवच्छराई, तेण परं जोणी पमिलायति जाव जोणीवोच्छेदे पण्णत्ते । ५७३. बादरआउकाइयाणं उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साइं ठिती पन्नत्ता । तच्चाए णं वालुयप्पभाते पुढवीते उक्कोसेणं नेरइयाणं सत्त सागरोवमाइं ठिती पण्णत्ता । चउत्थीते णं पंकप्पभाते पुढवीते जहन्नेणं नेरइयाणं सत्त सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता । ५७४. सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो सत्त अग्गमहिसीतो पन्नत्ताओ । ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो सत्त अग्गमहिसीतो पन्नत्ताओ। ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारणो सत्त अगमहिसीओ पन्नत्ताओ। ५७५. ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो अभितरपरिसाते देवाणं सत्त पलियोवमाइं ठिती पन्नत्ता । सक्कस्सणं देविंदस्स देवरन्नो अग्गमहिसीणं देवीणं सत्त पलिओवमाई ठिती पन्नत्ता । सोहम्मे कप्पे परिग्गहियाणं देवीणं उक्कोसेणं सत्त पलिओवमाई ठिती पन्नत्ता। ५७६. सारस्सयमाइच्चाणं सत्त देवासत्त देवसता पन्नत्ता । गद्दतोय-तुसियाणं देवाणं सत्त देवा सत्त देवसहस्सा पन्नत्ता । ५७७. सणंकुमारे कप्पे उक्कोसेणं देवाणं सत्त सागरोवमाई ठिती पन्नत्ता । माहिद कप्पे उक्कोसेणं देवाणं सातिरेगाइं सत्त सागरोवमाई ठिती पन्नत्ता । बंभलोगे कप्पे जहन्नेणं देवाणं सत्त सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता। ५७८.बंभलोय-लंततेसुणं कप्पेसु विमाणा सत्त जोयणसताई उड्डंउच्चत्तेणं पन्नत्ता। ५७९. भवणवासीणं देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उक्कोसेणं सत्त रयणीओ उर्ल्डउच्चत्तेणं, एवं वाणमंतराणं, एवं जोइसियाणं । सोहम्मीसाणेसुणं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जगा सरीरा सत्त रयणीओ उहुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता । ५८०. णंदिस्सवरदीवस्स णं दीवस्स अंतो सत्त दीवा पन्नत्ता, तंजहा जंबूदीवे, धायइसंडे, पोक्खरवरे, वरुणवरे, खीरवरे, घयवरे, खोयवरे। गंदीसरवरदीवस्स णं दीवस्स अंतो सत्त समुद्दा पन्नत्ता, तंजहा लवणे, कालोदे, पुक्खरोदे, वरुणोदे, खीरोदे, घओदे, खोतोदे । ५८१. सत्त सेढीओ पन्नत्ताओ, तंजहा उज्जुआयता, एगतो वंका, दुहतो वंका, एगतो खहा, दुहतो खहा, चक्कवाला, अद्धचक्कवाला । ५८२. चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो सत्त अणिता सत्त अणिताधिपती पन्नत्ता, तंजहा पत्ताणिते, पीढाणिते, कुंजराणिते, महिसाणिते, रहाणिते, नट्टाणिते, गंधव्वाणिते। दुमे पत्ताणिताधिपती एवं जहा पंचट्ठाणे जाव किंनरे रधाणिताधिपती, रिटेणट्टाणियाधिपती, गीतरती गंधव्वाणिताधिपती । बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाधिपती पन्नत्ता, तंजहा पत्ताणिते जाव गंधव्वाणिते । महदुमे पत्ताणिताधिपती जाव किंपुरिसे रधाणिताधिपती, महारिढे ' णट्टाणिताधिपती, गीतजसे गंधव्वाणिताधिपती । धरणस्स णं नागकुमाररिंदस्स नागकुमाररण्णो सत्त अणिता सत्त अणिताधिपती पन्नत्ता, तंजहा पत्ताणिते जाव गंधव्वाणिए । रुद्दसेणे पत्नाणिताधिपती जाव आणंदे रधाणिताधिपती, नंदणे णट्टाणियाधिपती, तेतली गंधव्वाणियाधिपती । भूताणंदस्स सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई पन्नत्ता, तंजहा पत्ताणिते जाव गंधव्वाणिए। दक्खे पत्ताणियाहिवती जाव णंदुत्तरे रहाणियाहिपती, रती णट्टाणियाहिवती, माणसे गंधव्वाणियाहिवती
। एवं जाव घोस-महाघोसाणं नेयव्वं । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवती पन्नत्ता, तंजहा पत्ताणिए जाव गंधव्वाणिए । हरिणेगमेसी म पत्ताणियाधिपती जाव माढरे रधाणिताधिपती, सेते णट्टाणिताहिवती, तुंबुरू गंधव्वाणिताधिपती। ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई 2 पन्नत्ता, तंजहा पत्ताणिते जाव गंधव्वाणिते । लहुपरक्कमे पत्ताणियाहिवती जाव महासेते णट्टाणियाहिवती, णारते गंधव्वाणिताधिपती, सेसं जधा पंचट्ठाणे, एवं Mor
5 5555 555 श्री आगमगुणमंजूषा- १५८॥5555555555555555555555546
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७ अ. मत्तट्टत्वं (७१)
जावऽच्चुतस्स त्ति नेतव्वं । ५८३. चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो दुमस्स पत्ताणिताहिपतिस्स सत्त कच्छाओ पन्नत्ताओ, तंजा पढमा कच्छाव सत्तमा कच्छा | चमरस्स णमसुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो दुमस्स पत्ताणिताधिपतिस्स पढमाए कच्छाए चउसट्ठि देवसहस्सा पन्नत्ता, जावतिता पढमा कच्छा तब्बिगुणा दोच्चा कच्छा, जावइया दोच्चा कच्छा तब्बिगुणा तच्चा कच्छा, एवं जाव जावतिता छट्टा कच्छा तब्बिगुणा सत्तमा कच्छा । एवं बलिस्स वि, णवरं महद्दुमे सट्टिं देवसाहस्सितो, सेसं तं चेव । धरणस्स एवं चेव, णवरमट्ठावीसं देवसहस्सा, सेसं तं चेव । जधा धरणस्स एवं जाव महाघोसस्स, नवरं पत्ताणिताधिपती अन्ने, ते पुव्वभणिता । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो हरिणेगमेसिस्स सत्त कच्छाओ पन्नताओ, तंजहा पढमा कच्छा एवं जहा चमरस्स तहा जावऽच्चुतस्स, णाणत्तं पत्ताणिताधिपतीणं, ते पुव्वभणिता । देवपरिमाणमिमं सक्कस्स चउरासीति देवसहस्सा, ईसाणस्स असीतिं देवसहस्सा, देवा इमाते गाथाते अणुगंतव्वा- "चउरासीति असीति बावत्तरि सत्तरीय सट्ठी य । पन्ना चत्तालीसा, तीसा वीसा दस सहस्सा" ||८५ || जावऽच्चुतस्स लहुपरक्कमस्स दस देवसहस्सा जाव जावतिता छट्टा कच्छा तब्बिगुणा सत्तमा कच्छा । ५८४. सत्तविधे वयणविकप्पे पन्नत्ते, तंजहा आलावे, अणालावे, उल्लावे, अणुल्लावे, संलावे, पलावे, विप्पलावे । ५८५. सत्तविधे विणए पन्नत्ते, तंजहा णाणविणए, दंसणविणए, चरित्तविणए, मणविणए, वतिविणए, कायविणए, लोगोवयारविणए। पसत्थमणविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तंजहा अपावते, असावज्जे अकिरिते, निरूवक्से, अणण्हवकरे, अच्छविकरे, अभूताभिसंकणे । अपसत्थमणविणए सत्तविधे पत्ते, तंजहा पावते, सावज्जे, सकिरिते, सउवक्केसे, अण्हवकरे, छविकरे, भूताभिसंकणे । पसत्थवइविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तंजहा अपावते, असावज्जे, जाव अभूताभिसंकणे । अपसत्थवइविणते सत्तविधे पन्नत्ते, तंजा पावते जाव भूताभिसंकणे । पसत्थकातविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तंजहा आउत्तं गमणं, आउत्तं ठाणं, आउतं निसीयणं, आउत्तं तुअट्टणं, आउत्तं उल्लंघणं, आउत्तं पल्लंघणं, आउत्तं सव्विंदियजोगजुंजणता । अपसत्थकातविणते सत्तविधे पन्नत्ते, तंजहा अणाउत्तं गमणं जाव अणाउत्तं सव्विंदियजोगजुंजणता | लोगोवतारविणते सत्तविधे पन्नत्ते, तंजहा अब्भासवत्तितं, परछंदाणुवत्तितं, कज्जहेउं, कतपडिकतिता, अत्तगवेसणता, देसकालण्णता, सव्वत्थेसु अपडिलोमता । ५८६. सत्त समुग्धाता पन्नत्ता, तंजहा वेदणासमुग्धाते, कसायसमुग्धाते, मारणंतियसमुग्धाते, वेउव्वियसमुग्धाते, तेजससमुग्धाते, आहारगसमुग्घाते केवलिसमुग्धाते | मणुस्साणं सत्त समुग्धाता एवं चेव । ५८७. समणस्स णं भगवतो महावीरस्स तित्यंसि सत्त पवतणनिण्हगा पन्नत्ता, तंजहा बहुरता, जीवपतेसिता, अव्वत्तिता, सामुच्छेइता, दोकिरिता, तेरासिता, अबद्धिता । एतेसि णं सत्तण्हं पवयणनिण्हगाणं सत्त धम्मातरिता होत्था, तंजहा जमाली, तीसगुत्ते, आसाढे, आसमित्ते, गंगे, छलुए, गोट्ठामाहिले । एतेसि णं सत्तण्हं पवयणनिण्हगाणं सत्त उप्पत्तिनगरा होत्था, तंजहा- “सावत्थी, उसभपुरं, सेतविता, मिहिल, उल्लुगातीरं । पुरिमंतरंजि, दसपुर, णिण्हगउप्पत्तिनगराई ॥ ८६ ॥ ५८८. सातावेयणिज्जस्स कम्मस्स सत्तविधे अणुभावे पन्नत्ते, तंजहा मणुन्ना सद्दा, मणुण्णा रूवा जाव मणुन्ना फासा, मोहता, वतिसुता । असातावेयणिज्जस्स णं कस्मस्स सत्तविधे अणुभावे पन्नत्ते, तंजहा अमणुण्णासद्दा जाव वतिदुहता । ५८९. महाणक्खत्ते सत्ततारे पन्नत्ते । अभितीयादिता सत्त णक्खता पुव्वदारिता पन्नत्ता, तंजहा अभिती, सवणो, धणिट्ठा, सतभिसता, पुव्वा भद्दवता, उत्तरा भद्दवता, रेवती। अस्सिणितादिता णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिता, पन्नत्ता, तंजहा अस्सिणी, भरणी, कित्तिता, रोहिणी, मिगसिर, अद्दा, पुणव्वसू । पुस्सादिता णं सत्त णक्खत्ता अवरदारिता पन्नत्ता, तंजा पुसो, असिलेसा, मघा, पुव्वा फग्गुणी, उत्तरा फग्गुणी, हत्थो, चित्ता । सातितातिया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिता पन्नत्ता, तंजहा साति, विसाहा, अणुराहा, ट्ठा, मूल, पुव्वा, आसाढा, उत्तरा आसाढा । ५९०. जंबूदीवे दीवे सोमणसे वक्खारपव्वते सत्त कूडा पन्नत्ता, तंजहा- "सिद्धे सोमणसे ता, बोद्धव्वे मंगलावतीकूडे । देवकुरु विमल कंचण, विसिट्ठकूडे त बोद्धव्वे ॥ ८७॥ जंबुद्दीवे दीवे गंधमायणे वक्खारपव्वते सत्त कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्धे त गंधमातण, बोधव्वे गंधिलावतीकूडे । उत्तरकुरु फलिहे, लोहितक्ख आणंदणे चेव ॥८८॥ ५९१. बेतिदिताणं सत्त जातीकुलकोडिजोणिपमुहसतसहस्सा पन्नत्ता । ५९२. जीवा णं सत्तट्ठाणनिव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताते चिणिसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा, तंजहा नेरतियनिव्वत्तिते जाव देवनिव्वत्तिते । एवं चिण जाव णिज्जरा चेव ।। ५९३. सत्तपदेसिता खंधा ॐॐॐॐॐॐॐॐ श्री आगमगुणमजूषा - १५९
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(३) ठाण
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(३) ठाणं ७ -अ./८.अ. अट्टहाणं [६२]
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अणंता पण्णत्ता । सत्तपदेसोगाढा पोगल्ला जाव सत्तगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता ८ अट्ठमं अज्झयणं 'अट्ठट्ठाणं' ५९४. अट्ठहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति एगल्लविहारपडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तते, तंजहा सड्डी पुरिसजाते, सच्चे पुरिसजाते, मेहावी परिसजाते, बहुस्सुते पुरिसजाते, सत्तिमं, अप्पाधिकरणे, धितिमं, वीरितसंपन्ने । ५९५. अट्ठविधे जोणिसंगहे पन्नत्ते, तंजहा अंडगा, पोतगाजाव उब्भिगा, उववातिता। अंडगा अट्ठगतिता अठ्ठागतिता पन्नत्ता, तंजहा अंडए अंडएसु उववज्जमाणे अंडएहिंतो वा पोततेहिंतो वा जाव उववातितेहिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से अंडते अंडगतं विप्पजहमाणे अंडगत्ताते वा पोतगत्ताते वा जाव उववातितत्ताते वा गच्छेज्जा । एवं पोतगा वि, जराउजा वि, सेसाणं गतीरागती णत्थि। ५९६. जीवा णमट्ट कम्मपगडीतो चिणिसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा, तंजहा णाणावरणिज्जं, दरिसणावरणिज्ज, वेयणिज्ज, मोहणिज्ज, आउयं, नाम, गोत्तं, अंतरातितं । नेरइया णं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा एवं चेव । एवं निरंतरं जाव वेमाणियाणं । जीवा णमट्ठ कम्मपगडीओ उवचिणिंसु वा ३ एवं चेव । एवं - "चिण उवचिण बंध उदीर वेय तह णिज्जरा चेव ।। एते छ चउवीसा दंडगा भाणियव्वा।" ५९७. अट्ठहिं ठाणेहिं माई मायं कट्ट नो आलोएज्जा, नो पडिक्कमेज्जा जाव नो पडिवज्जेज्जा, तंजहा करिंसु वाह १, करेमि वाहं २, करिस्सामि वाहं ३, अकित्ती वा मे सिया ४, अवण्णे वा मे सिया ५, अविणते वा मे सिया ६, कित्ती वा मे परिहातिस्सति ७, जसे वा मे परिहातिस्सति ८ । अहिं ठाणेहिं माई मायं कट्ट आलोएज्जा जाव पडिवज्जेज्जा, तंजहा मातिस्स णं अस्सिं लोए गरहिते भवति १, उववाते गरहिते भवति २, आजाती गरहिता भवति ३, एगमवि माती मातं कटु नो आलोएज्जा जाव नो पडिवज्जेज्जा णत्थेि तस्स आराहणा ४, एगमवि मायी मायं कटु आलोएज्जा न. पडिवज्जेज्जा अत्थि तस्स आराहणा ५, बहुतो वि माती माताओ कट्ट नो आलोएज्जा जाव नत्थि तस्स आराधणा ६, बहुओ वि माती मायाओ कट्ट आलोएज्जा जाव अस्थि तस्स आराधणा ७, आयरियउवज्झायस्स वा मे अतिसेसे नाणदंसणे समुप्पज्जेज्जा, से य मम मालोएज्जा माती णं एसे ८ । माती णं मातं कट्ट से जहा नामए अयागरे ति वा तंबागरे ति वा तउआगरे ति वा सीसागरे ति वा रुप्पागरे ति वा सुवन्नागरे ति वा तिलागणी ति वा तुसागणी ति वा भुसागणी ति वा णलागणी ति वा दलागणी ति वा सोडितालित्थाणि वा मंडितालित्थाणि वा गोलियालित्थाणि वा कुंभारावाते ति वा कवेलुतावाते ति वा इट्टावाते ति वा जंतवाडचुल्ली ति वा लोहारंबरिसाणि वा तत्ताणि समजोतिभूताणि किंसुकफुल्लसमाणाणि उक्कासहस्साइं विणिमुत्तमाणाई २ जालासहस्साई पमुंचमाणाइं २ इंगालसहस्साइं पविक्खिरमाणाइं २ अंतो अंतो झियायंति एवामेव माती मातं कट्ट अंतो अंतो झियाइ । जदि वि त णं अन्ने केति वदं(द?)ति तं पि त णं माती जाणति अहमेसे अभिसंकिज्जामि २'। माती णं मातं कट्ट अणालोतितपडिक्कंते कालमासे कालं किच्चा अण्णतरेसुदेवलोगेसुदेवत्ताते उववत्तारो भवंति, तंजहा नो महिड्डीएसु जाव नो दूरंगतितेसु नो चिरद्वितीतेसु, सेणं तत्थ देवे भवति णो महिड्डिए जाव नो चिरद्वितीते, जा वित से तत्थ बाहिरब्भंतरिया परिसा भवति सा वि त णं नो आढाति नो परियाणाति णो महरिहेणमासणेणं उवनिमंतेति । भासं पि त से भासमाणस्स जाव चत्तारि पंच देवा अणुत्ता चेव अब्भुढेति 'मा बहुं देवे ! भासउ २' । से णं ततो देवलोगाओ आउखएणं भवक्खएणं ठितिक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता इहेव माणुस्सए भवे जाइं इमाई कुलाइं भवंति, तंजहा अंतकुलाणि वा पंतकुलाणि वा तुच्छकुलाणि वा दरिद्दकुलाणि वा किवणकुलाणि वा भिक्खागकुलाणि वा तहप्पगारेसु कुलेसु पुमत्ताते पच्चायाति, सेणं तत्थ पुमे भवति दुरूवे दुवन्ने दुग्गंधे दुरसे दुफासे अणिढे अकंते अप्पिए अमणुण्णे अमणामे हीणस्सरे दीणस्सरे अणिट्ठस्सरे अकंतस्सरे अपियस्सरे अमणुण्णस्सरे अमणामस्सरे अणाएज्जवयणपच्चायाते ।जा वि त से तत्थ बाहिरब्भंतरिता परिसा भवति सा वि त णं णो आढाति णो परिताणाति नो महरिहेणं आसणेणं उवणिमंतेति, भासं पि त से भासमाणस्स जाव चत्तारि पंच जणा अवुत्ता चेव अब्भुट्टेति ‘मा बहुं अज्जउत्तो ! भासउ २' । माती णं मातं कट्ट आलोचितपडिकंते कालमासे कालं किच्चा अण्णतरेसु देवलोगेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तंजहा महिडिएसुजाव चिरद्वितीएसु । सेणं तत्थ देवे भवति महिड्डिते जाव चिरद्वितीते हारविरातितवच्छे कडकतुडितथंभितभुते अंगद
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55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १६०55555555555555555555$$$OORI
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(३) ८-अ. 2)
कुंडल-मट्ठगंडतलकन्नपीढधारी विचित्तहत्थाभरणे विचित्तवत्थाभरणे विचित्तमालामउली कल्लाणगपवरवत्थपरिहिते कल्लाणगपवरगंधमल्लाणुलेवणधरे भासरबोदी पलंबवणमालधरे दिव्वेणं वन्त्रेणं दिव्वेणं गंधेणं दिव्वेणं रसेणं दिव्वेणं फासेणं दिव्वेणं संघातेणं दिव्वेणं संठाणेणं दिव्वाते इड्डीते दिव्वाते जुतीते दिव्वाते पभाते दिव्वाते छायांते दिव्वाते अच्चिए दिव्वेणं ते एणं दिव्वाते लेस्साते दस दिसाओ उज्जोवेमाणे पभासेमाणे महयाहतणट्टगीतवातीततंतीतलतालसुडितघणमुतिंगपडुप्पवातितरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरति । जा वि त से तत्थ बाहिरब्भंतरिता परिसा भवति सा वि त णमाढाति परियाणाति महारिहेणमासणेणं उवनिमंतेति, भासं पि त से भासमाणस्स जाव चत्तारि पंच देवा अबुत्ता चेव अब्भुट्टेति 'बहुं देवे ! भासउ २' । से णं ततो देवलोगातो आउक्खएणं ३ जाव चइत्ता इहेव माणुस्सए भवे जाई इमाइं कुलाई भवंति अड्डाई जाव बहुजणस्स अपरिभूताइं तहप्पगारेसु कुलेसु पुमत्ता पच्चाताति । से णं तत्थ पुमे भवति सुरूवे सुवन्ने सुगंधे सुरसे सुफासे इट्ठे कंते जाव मणामे अहीणस्सरे जाव मणामस्सरे आदेज्जवतणपच्चायाते । जा वि य से तत्थ बाहिरब्भंतरिता परिसा भवति सा वि त णं आढाति जाव 'बहुमज्जउत्ते ! भासउ २' । ५९८ अट्ठविधे संवरे पन्नत्ते, तंजहा सोतिदियसंवरे जाव फासिदियसंवरे, मणसंवरे, वतिसंवरे, कायसंवरे । अट्ठविधे असंवरे पन्नत्ते, तंजा सोतिंदियअसंवरे जाव काय असंवरे । ५९९. अट्ठ फासा पन्नत्ता, तंजहा कक्खडे, मरते, गरुते, लहुते, सीते, उसिणे, निद्धे, लुक्खे । ६००. अट्ठविधा लोगहिंदी पन्नत्ता, तंजहा आगासपतिट्ठिते वाते, वातपतिट्ठिते उदही, एवं जधा छट्टाणे जाव जीवा कम्मपतिट्ठिता, अजीवा जीवसंगहिता, जीवा कम्मसंगहिता । ६०१. अवविधा गुणिसंपता पन्नत्ता, तंजहा आचारसंपता, सुयसंपता, सरीरसंपता, वतणसंपता, वातणासंपता, मतिसंपता, पतोगसंपता, संगहपरिण्णा णाम अट्टमा । ६०२ कामगे णं महानिधी अट्ठचक्कवालपतिट्ठाणे अट्ठ अट्ठ जोयणाई उउच्चत्तेणं पन्नत्ते । ६०३. अट्ठ समितीतो पन्नत्ताओ, तंजहा इरियासमिती, भासासमिती, एसणासमिती, आयाणभंड मत्तनिक्खेवणासमिती, उच्चार पासवण खेल-सिंघाणगपरिद्वावणियासमिती
स [ती] तिस [मिती] कायसमिती । ६०४. अट्ठहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति आलोतणं पडिच्छित्तते, तंजहा आयारखं, आहारवं, ववहारवं ओवीलए, पकुव्वते, अपरिस्साती, निज्जवते, अवातदंसी । अट्ठहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति अत्तदोसमालोएत्तए, तंजहा जातिसंपन्ने, कुलसंपन्ने, विणयसंपन्ने, णाणसंपन्ने, दंसणसंपन्ने, चरित्तसंपन्ने, खंते, दंते । ६०५. अट्ठविहे पायच्छिते पन्नत्ते, तंजहा आलोयणारिहे, पडिक्कमणारिहे, तदुभयारिहे, विवेगारिहे, विउस्सग्गारिहे, तवारिहे, छेदारिहे, मूलारिहे । ६०६. अट्ठ मतट्ठाणा पन्नत्ता, तंजहा जातिमते, कुलमते, बलमते, रूवमते, तवमते, सुतमते, लाभमते, इस्सरितमते । ६०७. अट्ठ अकिरियावाती पन्नत्ता, तंजहा एगावाती, अणेगावाती, मितवाती, निम्मितवाती, सायवाती, समुच्छेदवाती, णितावाती, णसंतिपरलोगवाती । ६०८. अट्ठविधे महानिमित्ते, पन्नत्ते, तंजहा भोमे, उप्पाते, सुविणे, अंतलिक्खे, अंगे सरे, लक्खणे, वंजणे । ६०९. अट्ठविधा वयणविभत्ती पन्नत्ता, तंजहा निद्देसे पढमा होति, बीतिया उवतेणे । ततिता करणम्मि कता, चउत्थी संपदावणे ||८९ || पंचमी त अवाताणे, छट्ठी सस्सामिवायणे । सत्तमी सन्निहाणत्थे, अट्ठमी आमंतणी भ ॥९०॥ तत्थ पढमा विभत्ती, निद्देसे सो इमो अहं व त्ति । बितीता उण उवतेसे, भण कुण व तिमं व तं वत्ति ॥ ९१ ॥ ततिता करणम्मि कता, णीतं च कतं च तेण व मते वा । हंदि णमो साहाते, हवति चउत्थी पदाणम्मि ॥९२॥ अमणे गिण्हसु तत्तो, इत्तो त्ति वा पंचमी अवादाणे। छट्ठी तस्स इमस्स व, गतस्स वा सामिसंबंधे ॥९३॥ हवति पुण सत्तमी तं इमम्मि आधारकालभावे त । आमंतणी भवे अट्ठमी उ जह हे जुवाण त्ति ॥९४॥ ६१०. अट्ठ ठाणाई छउमत्थे सव्वभावेणं ण याणति न पासति, तंजा धम्मत्थितं जाव गंधं, वातं । एताणि चेव उप्पन्ननाणदंसणधरे जाव गंध, वातं । ६११. अट्ठविधे आउव्वेदे पन्नत्ते, तंजहा कुमारभिच्चे, कायचिगिच्छा, सालाती, सल्लहत्ता, जंगोली, भूतवेज्जा, खारतंते, रसातणे । ६१२. सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो अट्ठऽग्गमहिसीतो पन्नत्ताओ, तंजहा पउमा, सिवा, सूती, अंजू, अमला, अच्छरा, णवमिया, रोहिणी । ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरन्नो अट्ठऽग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा कण्हा, कण्हराती, रामा, रामरक्खिता, वसू, वसुगुत्ता, वसुमित्ता, वसुंधरा । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारण्णो अट्ठऽग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ । ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारन्नो Mero श्री आगमगुणमंजूषा - १६१ १५
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(३) ठाणं ८ अ अट्ठट्ठाणं [६४]
सीओ पन्नत्ताओ । ६१३. अट्ठ महग्गहा पन्नत्ता, तंजहा चंदे, सूरे, सुक्के, बुधे, बहस्सती, अंगारते, सणिचरे, केऊ । ६१४. अट्ठविधा तणवणस्सतिकातिया पन्नत्ता, तंजहा मूले, कंदे, खंधे, तया, साले, पवाले, पत्ते, पुप्फे । ६१५. चउरिंदिया णं जीवा असमारभमाणस्स अट्ठविधे संजमे कज्जति, तंजहा चक्खुमातो सोक्खातो अववरोवेत्ता भवति, चक्खुमतेणं दुक्खेणं असंजोएत्ता भवति, एवं जाव फासामातो सोक्खातो अववरोवेत्ता भवति, फासामतेणं दुक्खेणं असंजोगेत्ता भवति । चउरिदिया णं जीवा समारभमाणस्स अट्ठविधे असंजमे कज्जति, तंजहा चक्खुमातो सोक्खातो ववरोवेत्ता भवति, चक्खुमतेणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति, एवं जाव फासामातो सोक्खातो [ववरोवेत्ता भवति, फासामतेणं दुक्खेणं संजोगेत्ता भवति]। ६१६. अट्ठ सुहुमा पन्नत्ता, तंजहा पाणसुहुमे १, पणगसुहुमे २, बहु ३, हरितमे ४, पुप्फसुहुमे ५, अंडसुहुमे ६, लेणसुहुमे ७, सिणेहसुहुमे ८ । ६१७. भरहस्स णं रन्नो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अट्ठ पुरिसजुगाई अणुबद्धं सिद्धा जाव सव्वदुक्खप्पहीणाई, तंजहा आदिच्चजसे महाजसे अतिबले महाबले तेतवीरिते कत्तवीरिते दंडवीरिते जलवीरिते । ६१८. पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणितस्स अट्ठ गणा अट्ठ गणधरा होत्था, तंजहा सुभे अज्जघोसे वसिट्ठे बंभचारी सोमे सिरिधरे वीरिते भद्दजसे । ६१९. अट्ठविधे दंसणे पन्नत्ते, तंजहा सम्मदंसणे मिच्छद्दंसणे सम्मामिच्छद्दंसणे चक्खुदंसणे जाव केवलदंसणे सुविणदंसणे । ६२०. अट्ठविधे अद्धोवमिते पन्नत्ते, तंजहा पलितोवमे सागरोवमे उस्सप्पिणी ओसप्पिणी पोगलपरिट्टे तीता अणागतद्धा सव्वदा । ६२१. अरहतो णं अरिट्ठनेमिस्स जाव अट्टमातो पुरिसजुगातो जुगंतकरभूमी, दुवासपरियाते अंतमकासी । ६२२. समणं भगवता महावीरेणं अट्ठ रायाणो मुंडा भवेत्ता अगारातो अणगारितं पव्वाविता, तंजहा -“वीरंगय वीरजसे संजय एणिज्जते य रायरिसी । सेय सिवे उद्दायणे संखे कासिवद्धणे'' ||९५ || ६२३. अट्ठविधे आहारे पन्नत्ते, तंजहा मणुण्णे असणे पाणे खाइमे साइमे, अमणुण्णे असणे पाणे खाइमे साइमे । ६२४. उप्पिं सणकुमारमाहिंदाणं कप्पाणं हव्विं बंभलोगे कप्पे रिट्ठविमाणपत्थडे एत्थ णमक्खाडगसमचउरंससंठाणसंठितातो अट्ठ कण्हरातीतो पन्नत्ताओ, तंजहा पुरत्थिमेणं दो कण्हरातीतो, दाहिणेणं दो कण्हरातीतो, पच्चत्थिमेणं दो कण्हरातीतो, उत्तरेणं दो कण्हरातीतो । पुरत्थिमा अब्भंतरा कण्हराती दाहिणं बाहिरं कण्हराई पुट्ठा, दाहिणा अब्भंतरा कण्हराती पच्चत्थिमं बाहिरं कण्हराई पुट्ठा, पच्चत्थिमा अब्भंतरा कण्हराती उत्तरं बाहिरं कण्हराई पुट्ठा, उत्तरा अब्भंतरा कण्हराती पुरत्थिमं बाहिरं कण्हराइं पुट्ठा | पुरत्थिमपच्चत्थिमिल्लाओ बाहिराओ दो कण्हरातीतो छंलसातो, उत्तरदाहिणाओ बाहिरातो दो कण्हरातीतो तंसाओ, सव्वाओ विणं अब्भंतरकण्हरातीओ चउरंसाओ । एतासि णं अट्टण्हं कण्हरातीणं अट्ठ नामधेज्जा पन्नत्ता, तंजहा कण्हराती ति वा मेहराती ति वा मघा ति वा माघवती तिवा वातफालहे ति वा वातपलिक्खोभे ति वा देवफलिहे ति वा देवपलिक्खोभे ति वा । ६२५. एतासि णं अट्ठण्हं कण्हरातीणं अट्ठसु ओवासंतरेसु अट्ठ लोगंतितविमाणा पन्नत्ता, तंजहा अच्ची अच्चिमाली वतिरोयणे पभंकरे चंदाभे सुराभे सुपइट्टाभे अग्गिच्चाभे । एतेसु णं अट्ठसु लोगंतितविमाणेसु अट्ठविधा लोगंतिता देवा पन्नत्ता, तंजा - " सारस्सतमाइच्चा वण्ही वरुणा य गद्दतोया य । तुसिता अव्वाबाहा अग्गिच्चा चेव बोधव्वा ॥९६॥ एतसि णमट्ठण्हं लोगंतितदेवाणं अजहण्णमणुक्कोसेणं अट्ठ सागरोवमा ठिती पण्णत्ता" । ६२६. अट्ठ धम्मत्थिगातमज्झपतेसा पन्नत्ता, अट्ठ अधम्मत्थिगातमज्झपतेसा पन्नत्ता, एवं चेवं अट्ठ आगासत्थिगातमज्झपतेसा पन्नत्ता, एवं चेव अट्ठ जीवमज्झपएसा पन्नत्ता । ६२७. अरहा णं महापउमे अट्ठ रायणो मुंडा भवित्ता अगारातो अणगारितं पव्वावेस्सति, तंजहा पउमं पउमगुम्मं लिणं नणिगुम्मं परमद्धतं धणुद्धतं कणगरहं भरहं । ६२८. कण्हस्स णं वासुदेवस्स अट्ठ अग्गमहिसीओ अरहतो णं अरिट्टनेमिस्स अंतितं मुंडा भवेता अगारातो अणगारितं पव्वतित्ता सिद्धाओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणाओ, तंजहा “पउमावई य गोरी, गंधारी लक्खणा सुसीमा य। जंबवती सच्चमाभा, रुप्पिणी कण्हग्गमहिसीओ” ||१७|| ६२९. वीरितपुव्वस्स णं अट्ठ वत्थू अट्ठ चूलवत्थू पन्नत्ता । ६३०. अट्ठ गतीतो पन्नत्ताओ, तंजहा णिरतगती, तिरियगती, जाव सिद्धिगती, गुरुगती, पणोल्लणगती, पब्भारगती । ६३१. गंगा-सिंधु-रत्ता-रत्तवतिदेवीणं दीवा अट्ठ अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं पन्नत्ता । उक्कामुह-मेहमुह-विज्जुमुह-विज्जुदंतदीवा दीवा अट्ठ अट्ठ जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं पन्नत्ता । ६३२. कालोते णं समुद्दे अट्ठ जोयणसयसहस्साइं चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते । अब्भंतरपुक्खरदे णं श्री आगमगुणमंजूषा १६२
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二五%%%%%%% %%%%$20 र अट्ठ जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं पन्नत्ते, एवं बाहिरपुक्खरद्धे वि । ६३३. एगमेगस्सणं रन्नो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अट्ठसोवण्णिते काकणिरतणे छत्तले
दुवालसंसिते अट्ठकण्णिते अधिकरणिसंठते पन्नत्ते । ६३४. मागधस्स णं जोयणस्स अट्ठ धणुसहस्साई निधत्ते पण्णत्ते । ६३५. जंबू णं सुदंसणा अट्ठ जोयणाई उहुंउच्चत्तेणं बहुमज्झदेसभाए, अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं, सातिरेगाइं अट्ट जोयणाइं सव्वग्गेणं पन्नत्ता। कूडसामली णं अट्ठ जोयणाइं एवं चेव। ६३६. तिमिसगुहा णमट्ठ जोयणाई उहुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता। खंडगपवातगुहा णं अट्ठ एवं चेव । ६३७. जंबुमंदरस्स पव्वतस्स पुरथिमेणं सीताते महानतीते उभतोकूले अट्ठ वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा चित्तकूडे, पम्हकूडे, नलिणकूडे, एगसेले, तिकूडे, वेसमणकूडे, अंजणे, मायंजणे१जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोताते महानतीते उभतोकूले अट्ठ वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा अंकावती पम्हावती आसीविसे सुहावहे चंदपव्वते सूरपव्वते णागपव्वते देवपव्वते । जंबुमंदरपुरस्थिमेणं सीताते महानतीते उत्तरेणं अट्ठचक्कवढिविजया पन्नत्ता, तंजहा कच्छे सुकच्छे महाकच्छे कच्छगावती आवत्ते जाव पुक्खलावती ३ । जंबुमंदर पुरत्थिमेणं सीताते महानतीते दाहिणेणं अट्ठ चक्कवट्टिविजया पन्नत्ता, तंजहा वच्छे सुवच्छे जाव मंगलावती ४ । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोताते महानदीते दाहिणणं अट्ठ चक्कवट्टिविजया पन्नत्ता, तंजहा पम्हे जाव सलिलावती ५। जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोताए महानदीए उत्तरेणं अट्ठ चक्कवट्टिविजया पन्नत्ता, तंजहा वप्पे सुवप्पे जाव गंधिलावती ६। जंबुमंदरपुरत्थिमेणं सीताते महानतीते उत्तरेणं अट्ठ रायहाणीतो पन्नत्ताओ, तंजहा खेमा खेमपुरा चेव जाव पुंडरिगिणी ७। जंबुमंदरपुरस्थिमेणं सीताए महानदीए दाहिणेणं अट्ट रायहाणीतो पन्नत्ताओ, तंजहा सुसीमा कुंडला चेव जाव रतणसंचया ८ । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीओदाते महानतीते दाहिणेणं अट्ठ रायहाणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा आसपुरा जाव वीतसोगा ९ । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोताते महानतीते उत्तरेणं अट्ठ रायहाणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा विजया वेजयंती जाव अउज्झा १०।६३८. जंबुमंदरपुरस्थिमेणं सीताते महाणदीए उत्तरेणं उक्कोसपए अट्ट अरहंता अट्ठ चक्कवटी अट्ठ बलदेवा अट्ठ वासुदेवा उप्पज्जति वा उप्पज्जिसु वा उप्पज्जिस्संति वा ११ । जंबुमंदरपुरत्थिमेणं सीताए महाणदीए दाहिणेणं उक्कोसपए एवं चेव १२ । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीओदाते महाणदीए दाहिणेणं उक्कोसपए एवं चेव १३, एवं उत्तरेण वि १४ । ६३९. जंबुमंदरपुरत्थिमेणं सीताते महानईए उत्तरेणं अट्ठ दीहवेयड्डा, अट्ठ तिमिसगुहाओ, अठ्ठ खंडगप्पवातगुहाओ, अठ्ठ कतमालगा देवा, अठ्ठ णट्टमालगा देवा, अट्ठ गंगाकुंडा, अट्ठ सिंधुकुंडा, अट्ठ गंगातो, अट्ठ सिंधूओ, अट्ठ उसभकूडा पव्वता, अट्ठ उसभकूडा देवा पन्नत्ता १५ । जंबुमंदरपुरत्थिमेणं सीताते महानतीते दाहिणेणं अट्ठ दीहवेयड्डा एवं चेव जाव अट्ठ उसभकूडा देवा पन्नत्ता, नवरमेत्य रत्ता-रत्तावतीतो तासिं चेव कुंडा १६ । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोताए महानतीते दाहिणणं अट्ठ दीहवेयड्डा, जाव अट्ठ नट्टमालगा देवा, अट्ठ गंगाकुंडा, अट्ठ सिंधुकुंडा, अट्ठ गंगातो, अट्ठ सिंधूओ, अट्ठ उसभकूडा पव्वता, अट्ठ उसभकूडा देवा पन्नत्ता १७ । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोदाए महानतीते उत्तरेणं अट्ठ दीहवेयड्डा, जाव अट्ठ नट्टमालगा देवा, अट्ठ रत्ताकुंडा, अट्ठ रत्तावतीकुंडा, अट्ठ रत्ताओ, जाव अट्ठ उसभकूडा देवा पन्नत्ता १८ मंदरचूलियाणं बहुमज्झदेसभाते अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं पन्नत्ता १९१६४०. धायइसंडदीवपुरत्थिमद्धे णं धायतिरुक्खे अट्ठ जोयणाई उहुंउच्चत्तेणं बहुमज्झदेसभाए, अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं, साइरेगाइं अट्ठ जोयणाई सव्वग्गेणं पन्नत्ते । एवं धायइरुक्खातो आढवेत्ता सच्चेव जंबूदीववत्तव्वता भाणियव्वा जाव मंदरचूलिय त्ति । एवं पच्चत्थिमद्धे वि महाधाततिरुक्खातो आढवेत्ता जाव मंदरचूलिय त्ति । एवं पुक्खरवरदीवड्डपुरत्थिमद्धे वि पउमरूक्खाओ आढवेत्ता जाव मंदरचुलिय त्ति । एवं पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे वि महापउमरुक्खातो जाव मंदरचूलित त्ति । ६४१. जंबूदीवे दीवे मंदरे पव्वते भद्दसालवणे अट्ठ दिसाहत्थिकूडा पन्नत्ता, तंजहा -“पउमुत्तरे नीलवंते, सुहत्थि अंजणागिरी । कुमुदे य पलासे य, वडेंसे रोयणागिरी" ॥९८॥ ६४२. जंबूदीवस्स णं दीवस्स जगती अट्ट जोयणाई उहुंउच्चत्तेणं बहुमज्झदेसभाते, अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं । ६४३. जंबूदीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं महाहिमवंते वासधरपव्वते अट्ठ कूडा पन्नत्ता, तंजहा .
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(३) ठाणं ८-अ. अट्ठट्ठाणं [६६]
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"सिद्ध महाहिमवंते, हेमवते रोहिता हरीकूडे । हरिकंता हरिवासे, वेरुलिते चेव कूडा उ' ।। ९९ ।। जंबुमंदरउत्तरेणं रुप्पिम्मि वासहरपव्वते अट्ठ कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्धे रुप्पी रम्मग, नरकंता बुद्धिरुप्पकूडे या । हेरण्णवते मणिकंचणे त रुप्पिम्मि कूडा उ" ।। १०० ।। जंबुमंदरपुरस्थिमेणं रुयगवरे पव्वते अट्ठ कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "रिट्ठ तवणिज्ज कंचण, रयत दिसासोत्थिते पलंबे य। अंजणे अंजणपुलते, रुयगस्स पुरथिमे कूडा"||१०१॥ तत्थ णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरितातो महिड्डियातोजाव पलिओवमट्टितीतातो परिवसंति, तंजहा - "णंदुत्तरायणंदा, आणंदाणंदिवद्धणा। विजयाय वेजयंती, जयंती अपराजिता" ॥१०२।। जंबुमंदरदाहिणणं रुतगवरे पव्वते अट्ठ कूडा पन्नत्ता, तंजहा -“कणते कंचणे पउमे, नलिणे ससि दिवागरे । वेसमणे वेरुलिते, रुयगस्स उ दाहिणे कूडा” ||१०३|| तत्थ णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियातो महिड्डियातो जाव पलिओवमद्वितीतातो परिवसंति, तंजहा - "समाहारा सुप्पतिण्णा, सुप्पबुद्धा जसोहरा। लच्छीवती सेसवती, चित्तगुत्ता वसुंधरा' ॥१०४|| जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं रुयगवरे पव्वते अट्ठ कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सोत्थिते त अमोहे य, हिमवं मंदरे तधा । रुतगे रुतगुत्तमे चंदे, अट्ठमे त सुदंसणे" ||१०५|| तत्थ णमट्ट दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महिड्डियातो जाव पलिओवमट्टितीताओ परिवसंति, तंजहा - "इलादेवी सुरादेवी, पुढवी पउमावती । एगनासा णवमिता, सीता भद्दा त अट्ठमा' ।।१०६।। जंबुमंदरउत्तररुयगवरे पव्वते अट्ठ कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "रयण रतणुच्चते ता, सव्वरयण रयणसंचते चेव । विजये वेजयंते, जयंते अपराजिते" ||१०७॥ तत्थणं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियातो महिड्डिताओजाव पलिओवमट्टितीताओपरिवसंति, तंजहा - "अलंबुसा मिस्सकेसी अ, पोंडरिगीत वारुणी। आसा सव्वगा चेव, सिरी हिरी चेव उत्तरतो' |१०८।। अट्ठ अहेलोगवत्थव्वातो दिसाकुमारिमहत्तरितातो पन्नत्ताओ, तंजहा - "भोगंकरा भोगवती, सुभोगा भोगमालिणी। सुवच्छा वच्छमित्ता य, वारिसेणा बलाहगा' ||१०९|| अट्ठ उड्ढलोगवत्थव्वाओ दिसाकुमारिमहत्तरितातो पन्नत्ताओ, तंजहा-" मेहंकरा मेहवती, सुमेघा मेघमालिणी। तोयधारा विचित्ता य, पुप्फमाला अणिदिता" ॥११०॥ ६४४. अट्ठ कप्पा तिरितमिस्सोववन्नगा पन्नत्ता, तंजहा सोहम्मे जाव सहस्सारे। एतेसुणमट्ठसु कप्पेसु अट्ठ इंदा पन्नत्ता, तंजहा सक्के जाव सहस्सारे । एतेसिणं अठ्ठण्हमिदाणं अठ्ठ परियाणिया विमाणा पन्नत्ता, तंजहा-"पालते, पुप्फते, सोमणसे, सिरिवच्छे, णंदियावत्ते, कामकमे, पीतिमणे, विमले"। ६४५. अट्ठठ्ठमिया णं भिक्खुपडिमा चउसट्ठीते रातिदिएहिं दोहि य अट्ठासीतेहिं भिक्खासतेहिं अहासुत्ता जाव अणुपालिता तावि भवति। ६४६. अट्ठविधा संसारसमावन्नगाजीवा पन्नत्ता, तंजहा पढमसमयनेरतिता, अपढमसमयनेरतिता, एवं जाव अपढमसमयदेवा । अट्ठविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा नेरतिता, तिरिक्खजोणिता, तिरिक्खजोणिणीओ, मणुस्सा, मणुस्सीओ, देवा, देवीओ, सिद्धा। अथवा अट्ठविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा आभिनिबोधितनाणी जाव के वलनाणी, मतिअण्णाणी, सुतअण्णाणी, विभंगणाणी । ६४७. अट्ठविधे संजमे पन्नत्ते, तंजहा पढमसमयसुहुमसंपरागसरागसंजमे अपढमसमयसुहुमसंपरागसरागसंजमे पढमसमयबादरसंपरागसरागसंजमे अपढमसमयबादरसंपरागसरागसंजमे पढमसमयउवसंतकसायवीतरागसंजमे अपढमसमयउवसंतकसायवीतरागसंजमे पढमसमयखीणकसायवीतरागसंजमे अपढमसमयखीणकसायवीतरागसंजमे। ६४८. अट्ठ पुढवीओ पन्नत्ताओ, तंजहा रतणप्पभा जाव अहेसत्तमा, ईसिपब्भारा । ईसिपब्भाराते णं पुढवीते बहुमज्झदेसभागे अट्ठजोयणिए खेत्ते अट्ठ जोयणाई बाहल्लेणं पन्नत्ते। ईसिपब्भाराते णं पुढवीते अट्ठ नामधेज्जा पन्नत्ता, तंजहा ईसि ति वा, ईसिपब्भारा ति वा, तणू ति वा, तणुतणू इ वा, सिद्धी ति वा, सिद्धालते ति वा, मुत्ती ति वा, मुत्तालते ति वा । ६४९. अट्ठहिं ठाणेहि सम्मं घडितव्वं जतितव्वं परक्कमितव्वं, अस्सिं च णं अटे णो पमातेतव्वं भवति असुताणं धम्माणं सम्मं सुणरताते अब्भुटेतव्वं भवति १, सुताणं धम्माणं ओगिण्हणताते उवधारणयाते अब्भुटेतव्वं भवति २, णवाणं कम्माणं संजमेणमकरणताते अब्भुट्टेयव्वं भवति ३, पोराणाणं कम्माणं तवसा विगिंचणताते विसोहणताते अब्भुटेतव्वं भवति ४, असंगिहीतपरितणस्स संगिण्हणताते अब्भुट्ठयव्वं भवति ५, सेहं आयारगोयरं गाहणताते
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5555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- १६४
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(३) ठाणं ८ ज. अहसानासानाज [ज ksssxxxxxxxxxxx अब्भुट्ठयव्वं भवति ६, गिलाणस्स अगिलाते वेयावच्चं करणताए अब्भुट्ठयव्वं भवति७, साधम्मिताणमधिकरणंसि उप्पन्नंसि तत्थ अनिस्सितोवस्सिते अपक्खग्गाही मज्झत्थभावभूते 'कहं णु साहम्मिता अप्पसद्दा अप्पझंझा अप्पतुमुतुमा' उवसामणताते अब्भुट्टेयव्वं भवति ८।६५० महासुक्क-सहस्सारेसुणं कप्पेसु विमाणा अट्ठ जोयणसताई उहुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता। ६५१. अरहतोणं अरिट्ठनेमिस्स अट्ठ सया वादिणं सदेवमणुयासुराते परिसाते वादे अपराजिताणं उक्कोसिता वादिसंपता होत्था । ६५२. अट्ठसमतिए केवलिसमुग्घाते पन्नत्ते, तंजहा पढमे समते दंडं करेति, बीए समते कवाडं करेति, ततिए समते मंथं करेति, चउत्थे समते लोगं पूरेति, पंचमे समते लोगं पडिसाहरति, छठे समते मंथं पडिसाहरति, सत्तमे समते कवाडं पडिसाहरति, अट्ठमे समते दंडं पडिसाहरति । ६५३. समणस्सणं भगवतो महावीरस्स अट्ठ सया अणुत्तरोववातिताणं गतिकल्लाणाणं जाव आगमेसिभदाणं उक्कोसिता अणुत्तरोववातितसंपता होत्था।६५४. अट्ठविधा वाणमंतरदेवा पन्नत्ता, तंजहा पिसाया, भूता, जक्खा, रक्खसा, किन्नरा, किंपुरिसा, महोरगा, गंधव्वा । एतेसि णं अट्ठविहाणं वाणमंतरदेवाणं अट्ठ चेतितरुक्खा पन्नत्ता, तंजहा - "कलंबो उ पिसायाणं, वडो जक्खाण चेतितं । तुलसी भूयाण भवे, रक्खसाणं च कंडओ' ॥१११|| “असोगो किन्नराणं च किंपुरिसाण य चंपतो । नागरुक्खो भुयंगाणं, गंधव्वाण य तेदुंओ" ||११२॥ ६५५. "इमीसे रतणप्पभाते पुढवीते बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ अट्ठ जोयणसते उड्डमबाहाते सूरविमाणे चारं चरति ।" ६५६. अट्ठ नक्खत्ता चंदेणं सद्धिं पमई जोगं जोतेति, तंजहा कत्तिता, रोहिणी, पुणव्वसू, महा, चित्ता, विसाहा, अणुराधा, जेट्ठा । ६५७. जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स दारा अट्ठ जोयणाई उड्डंउच्चत्तेणं पन्नत्ता। सव्वेसि पिणं दीवसमुद्दाणं दारा अट्ठ जोयणाइं उर्दूउच्चत्तेणं पन्नत्ता। ६५८. पुरिसवेयणिज्जस्स णं कम्मस्स जहन्नेणं अट्ठ संवच्छराई
बंधहिती पन्नत्ता | जसोकित्तीणामाए णं कम्मस्स जहन्नेणं अट्ठ मुहुत्ताई बंधहिती पण्णत्ता । उच्चागोतस्स णं कम्मस्स एवं चेव । ६५९. तेइंदियाणमट्ठ * जातीकुलकोडीजोणीपमुहसतसहस्सा पन्नत्ता । ६६०. जीवा णं अट्ठट्ठाणणिव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताते चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा,
तंजहा पढमसमयनेरतितनिव्वत्तिते जाव अपढमसमयदेवनिव्वत्तिते, एवं चिण उवचिण निज्जरा जाव चेव ।। अट्ठपतेसिता खंधा अणंता पण्णत्ता, अट्ठपतेसोगाढा पोग्गला अणंता पण्णत्ता, जाव अट्ठगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता।★★★||अट्ठट्ठाणं सम्मत्तं ।। ९ नवमं अज्झयणं 'नवट्ठाणं' ६६१. नवहिं ठाणेहि समणे णिग्गंथे संभोतितं विसंभोतितं करेमाणे णातिक्कमति, तंजहा आयरियपडिणीयं उवज्झायपडिणीयं थेरपडिणीयं, कुलपडिणीयं गणपडिणीयं संघपडिणीयं नाणपडिणीयं दंसणपडिणीयं चरित्तपडिणीयं । ६६२. णव बंभचेरा पन्नत्ता, तंजहा सत्थपरिण्णा लोगविजओ जाव उवहाणसुयं महपरिण्णा। ६६३. नव बंभचेरगुत्तीतो पन्नत्ताओ, तंजहा विवित्ताई सयणासणाई सेवेत्ता भवति, नो इत्थिसंसत्ताइं नो पसुसंसत्ताई नो पंडगसंसत्ताई १, नो इत्थीणं कहं कहेता २, नो इत्थिग(ठा)णाई सेवेत्ता भवति ३, णों इत्थीणमिदिताई मणोहराई मणोरमाइं आलोतितं ओलोतितं निज्झातेत्ता भवति ४, णो पणीतरसभोती ५, णो पाणभोयणस्स अतिमातमाहारते सता भवति ६, णो पुव्वरतं पुव्वकीलितं सरेत्ता भवति७, णो सद्दाणुवातीणो रूवाणुवाती णो सिलोगाणुवाती ८, णो सातासोक्खपडिबद्धे यावि भवति ९ । णव बंभचेर अगुत्तीओ पन्नत्ताओ, तंजहा णो विवित्ताइं सयणासणाई सेवेत्ता भवति, इत्थिसंसत्ताई पसुसंसत्ताइं पंडगसंसत्ताइं १, इत्थीणं कहं कहेता भवइ २, इत्थिठाणाई सेवेत्ता भवति ३, इत्थीणं इंदियाइं मणो० जाव निज्झाएत्ता भवति ४, पणीतरसभोती ५, पाणभोयणस्स अइमातमाहारते सता भवति ६, पुव्वरयं पुव्वकीलितं सरेत्ता भवति ७, सद्दाणुवाती रूवाणुवाती सिलोगाणुवाती ८, सायासोक्खपडिबद्धे यावि भवति ९ । ६६४. अभिणंदणाओ णं अरहातो सुमती अरहा नवहिं सागरोवमकोडीसयसहस्सेहिं वीतिकंतेहिं समुप्पन्ने । ६६५. नव सब्भावपयत्था पन्नत्ता, तंजहा जीवा अजीवा, पुण्णं, पावं, आसवो, संवरो, निज्जरा, बंधो, मोक्खा । ६६६. णवविधा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया जाव पंचेदिया १ । पुढविकाइया
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5 55555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-१६५ 954555555555555555555029
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(३) ठाणं ९-अ.नवट्ठाणं [38]
555555555555552 नवगइया नवआगइया पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइए पुढविकाइएसु उववज्जमाणे पुढविकाइएहिंतो वा जाव पंचेदियेहिंतो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से पुढविकाइए 4. पुढविकाइयत्तं विप्पंजहमाणे पुढविकाइयत्ताए वा जाव पंचेदियत्ताते वा गच्छेज्जा २। एवमाउकाइया वि ३ जाव पंचेंदिय त्ति १० । णवविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा एगिदिया बेइंदिया तेइंदिया चउरिदिया नेरतिता पंचेदियतिरिक्खजोणिया मणुया देवा सिद्धा ११ । अथवा णवविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा पढमसमयनेरतिता, अपढमसमयनेरतिता जाव अपढमसमयदेवा, सिद्धा १२ । नवविधा जीवोगाहणा पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइओगाहणा, आउकाइओगाहणा, जाव वणस्सइकाइओगाहणा, बेइंदिओगाहणा, तेइंदिओगाहणा, चउरिदिओगाहणा, पंचेदिओगाहणा, १३ । जीवाणं नवहिं ठाणेहिं संसारं वत्तिंसु वा वत्तंति वा वत्तिस्संति वा, तंजहा पुढविकाइयत्ताए जाव पंचेदियत्ताए १४ । ६६७. णवहिं ठाणेहिं रोगुप्पत्ती सिया, तंजहा अच्चासणाते, अहितासणाते, अतिणिदाए, अतिजागरितेणं, उच्चारनिरोधेणं, पासवणनिरोधेणं, अद्धाणगमणेणं, भोयणपडिकूलताते, इंदियत्थविकोवणताते १५। ६६८. णवविधे दरिसणावरणिज्जे कम्मे पन्नत्ते, तंजहा निद्दा, निद्दानिद्दा, पयला, पयलापयला, थीणगिद्धी, चक्खुदंसणावरणे, अचक्खुदंसणावरणे, ओहिदसणावरणे, केवलदंसणावरणे। ६६९. अभिती णं णक्खत्ते सातिरेगे नव मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोगं जोतेति । अभीतिआतिया णं णव नक्खत्ता चंदस्स उत्तरेणं जोगं जोतेति, तंजहा अभीती सवणो धणिट्ठा जाव भरणी। ६७०. इमीसे णं रतणप्पभाते पुढवीते बहुसमरमणिज्जातो भुमिभागाओ णव जोयणसते उड्ढं अबाहाते अवरिल्ले तारारुवे चारं चरति । ६७१. जंबुदीवे णं दीवे णव जोयणिया मच्छा पविसिंसु वा पविसंति वा पविसिस्संति वा । ६७२. जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे इमीसे ओसप्पिणीते णव बलदेव-वासुदेवपितरो होत्था तंजहा-"पयावती त बंभे, रुद्दे सोमे सिवे ति त । महसीह अग्गिसीहे, दसरहे नवमे त वसुदेवे" ॥११३।। एत्तो आढत्तं जधा समवाये निरवसेसं जाव-“एगा से गब्भवसही, सिज्झिहिती आगमेसेणं" ॥११४॥ जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे आगमेस्साते उस्सप्पिणीते नव बलदेववासुदेवपितरो भविस्संति, नव बलदेवमायरो भविस्संति, एवं जधा समाते है निरवसेसं जाव महाभीमसेणे सुग्गीवे य अपच्छिमे॥११५|| एते खलु पडिसत्तू, कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं । सव्वे य चक्कजोही, हम्मीहंती सचक्केहिं॥११६।। ६७३. एगमेगे णं महानिधी णव णव जोयणाई विक्खभेणं पण्णत्ते । रन्नो णं चाउरंतचक्कवट्टिस्स नव महानिहओ पन्नत्ता, तंजहा - "णेसप्पे पंडुवए, पिंगलते सव्वरयण महपउमे। काले य महाकाले, माणवग महानिधी संखे" ॥११७।। णेसप्पम्मि निवेसा, गामागर-नगर-पट्टणाणं च । दोणमुह-मडंबाणं, खंधाराणं गिहाणं च ॥११८|| गणितस्स य बीयाणं, माणुम्माणस्स जं पमाणं च। धन्नस्स य बीयाणं, उप्पत्ती पंडुते भणिया॥११९|| सव्वा आभरणविही, पुरिसाणं जा यहोति महिलाणं । आसाण य हत्थीण य, पिंगलगनिहिम्मि सा भणिता ||१२०॥ रयणाई सव्वरतणे, चोद्दस पवराइं चक्कवट्टिस्स । उप्पज्जति एरोदियाइं पंचेंदियाइं च ॥१२१।। वत्थाण य उप्पत्ती, निप्फत्ती चेव सव्वभत्तीणं । रंगाण य धोव्वाण य, सव्वा एसा महापउमे ॥१२२।। काले कालण्णाणं, भव्वपुराणं च तीसु वासेसु । सिप्पसतं कम्माणि य, तिन्नि पयाए हितकराई॥१२३|| लोहस्स य उप्पत्ती, होइ महाकाले आगराणं च । रुपस्स सुवन्नस्स य, मणि-मोत्ति-सिल-प्पवालाणं ॥१२४|| जोधाण य उप्पत्ती, आवरणाणं च पहरणाणं च । सव्वा य जुद्धनीती, माणवते दंडनीती य॥१२५।। नट्टविहि नाडगविही, कव्वस्स चउव्विहस्स उप्पत्ती। संखे महानिहिम्मी, तुडियंगाणं च सव्वेसिं॥१२६।। चक्कट्ठपतिट्ठाणा, अट्ठस्सेहा य नव य विक्खंभे । बारस दीहा मंजूससंठिता जह्नवीय मुहे ॥१२७|| वेरुलियमणिकवाडा, कणगमया विविधरतणपडिपुण्णा। ससिसूरचक्कलक्खण अणुसमजुगबाहुवतणा त॥१२८|| पलिओवमद्वितीता, णिधिसरिणामा य तेसु खलु देवा। जेसिंते आवासा, अक्किज्जा आहिवच्चं च ।।१२९।। एते ते नव निहओ, पभूतधणरयणसंचयसमिद्धा । जे वसमुवगच्छंती, सव्वेसिं चक्कवट्टीणं ॥१३०॥ ६७४. णव विगतीतो पन्नत्ताओ, तंजहा खीरं, दधिं, णवणीतं, सप्पिं, तेल्लं, गुलो, महुं, मज्जं, मंसं । ६७५. णवसोतपरिसव्वा बोंदी पण्णत्ता, तंजहा दो सोत्ता, दो णेत्ता, दोघाणा, मुह, पोसए, पाऊ ।६७६. णवविधे पुन्ने पन्नत्ते, तंजहा अन्नपुन्ने, पाणपुन्ने, वत्थपुन्ने, लेणपुन्ने, सयणपुन्ने, मणपुन्ने, वतिपुन्ने, कायपुन्ने, नमोक्कारपुन्ने । ६७७. णव पावस्सायताणा पन्नत्ता,
तंजहा पाणातिवाते, मुसावाते जाव परिग्गहे, कोहे, माणे, माया, लोभे। ६७८. नवविधे पावसुयपसंगे पन्नत्ते, तंजहा - "उप्पाते निमित्त मंते आतिक्खिते तिगिच्छिते MOY
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कला आवरणे अन्नाणे, मिच्छापावतणे ति त" ||१३१।। ६७९. नव णेउणिता वत्यू पन्नत्ता, तंजहा - "संखाणे निमित्ते कातिते, पोराणे पारिहत्थिते । परपंडितते ८
वाति, भूतिकम्मे तिगिच्छिते" ॥१३२॥ ६८०. समणस्सणं भगवतो महावीरस्स णव गणा होत्था, तंजहा गोदासगणे, उत्तरबलितस्सतगणे, उद्देहगणे, चारणगणे, म उद्दवातितगणे, विस्सवातितगणे, कामिड्डितगणे, माणवगणे, कोडितगणे । ६८१. समणेणं भगवता महावीरेणं समणाणं णिग्गथाणं णवकोडिपरिसुद्धे भिक्खे
पन्नत्ते, तंजहा ण हणति, ण हणावेति, हणतं णाणुजाणति, ण पतति, ण पतावेति, पतंतं णाणुजाणति, ण किणति, ण किणावेति, किणंतं णाणुजाणति । ६८२. ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारन्नो णव अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ। ६८३. ईसाणस्स णं देविंदस्स [देवरणो] अग्गमहिसीणं णव पलिओवमाई ठिती पन्नत्ता। ईसाणे कप्पे उक्कोसेणं देवीणं णव पलिओवमाई ठिती पन्नता । ६८४. नव देवनिकाया पन्नत्ता, तंजहा सारस्सयमादिच्चा, वण्ही वरुणा य गद्दतोया य
तुसिता अव्वाबाधा, अग्गिच्चा चेव रिट्ठा य॥१३३|| अव्वाबाहाणं देवाणं नव देवा नव देवसता पन्नत्ता, एवं अग्गिच्चा वि, एवं रिट्ठा वि। ६८५. णव गेवेज्जविमाणपत्थडा पन्नत्ता, तंजहा हेट्ठिमहेट्ठिमगेवेज्जविमाणपत्थडे, हेट्ठिममज्झिमगेवेज्जविमाणपत्थडे, हेट्ठिमउवरिमगेवेजविमाणपत्थडे, मज्झिमहेट्ठिमगेवेजविमाणपत्थडे, मज्झिममज्झिमगेवेज्जविमाणपत्थडे, मज्झिमउवरिमगेवेज्जविमाणपत्थडे, उवरिमहेट्ठिमगेवेज्जविमाणपत्थडे, उवरिममज्झिमगेवेज्जविमाणपत्थडे, उवरिमउवरिमगेवेज्जविमाणपत्थडे। एतेसि णं णवण्हं गेवेज्जविमाणपत्थडाणं णव नामधिज्जा पन्नत्ता, तंजहा - "भद्दे सुभद्दे सुजाते, सोमणसे पितदरिसणे । सुदंसणे अमोहे य, सुप्पबुद्धे जसोधरे" ||१३४॥ ६८६. नवविधे आउपरिणामे पन्नत्ते, तंजहा गतिपरिणामे, गतिबंधणपरिणामे, ठितिपरिणामे, ठितिबंधणपरिणामे, उडुंगारवपरिणामे, अधेगारवपरिणामे, तिरितंगारवपरिणामे, दीहंगारवपरिणामे, रहस्संगारवपरिणामे । ६८७. णवणवमिताणं भिक्खुपडिमा एगासीतीते रातिदिएहिं ॥ चउहिं य पंचुत्तरेहिं भिक्खासेहिं अधासुत्ता जाव आराहिता तावि भवति। ६८८. णवविधे पायच्छित्ते पन्नत्ते, तंजहा आलोयणारिहे जाव मूलारिहे, अणवठ्ठप्पारिहे। ६८९. जंबुमंदरदाहिणेणं भरहे दीहवेतड्ढे नव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्धे भरहे खंडग, माणी वेयड्ड पुण्ण तिमिसगुहा । भरहे वेसमणे या ९, भरहे कूडाण णामाइ" ॥१३५|| जंबुमंदरदाहिणेणं निसभे वासहरपव्वते णव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्धे निसहे हरिवस्स, विदेहे हरि धिती य सीतोदा । अवरविदेहे रूतगे ९, निसभे कूडाण णामाई" ॥१३६।। जंबुद्दीवे दीवे मंदरपव्वते णंदणवणे णव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "णंदणे मंदरे चेव, निसहे हेमवते रयय रुपए य । सागरचित्ते वइरे, बलकूडे ९ चेव बोद्धव्वे" ॥१३७|| जंबुद्दीवे दीवे मालवंते वक्खारपव्वते णव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्धे य मालवंते, उत्तरकुर कच्छ सागरे रयते। सीता त पुण्णणामे, हरिस्सकूडे य बोद्धव्वे" ॥१३८॥ जंबूद्दीवे दीवे कच्छे दीहवेयड्ढे नव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्धे कच्छे खंडग, माणी वेयड्ड पुन्न तिमिसगुहा । कच्छ वेसमणे या ९, कच्छे कूडाण णामाई" ॥१३९|| जंबुद्दीवे दीवे सुकच्छे दीहवेयड्ढे णव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्ध सुकच्छे खंडग, माणी वेयड्ढ पुन्न तिमिसगुहा । सुकच्छे वेसमणे ता ९, सुकच्छे कूडाण णामाई"||१४०॥ एवं जाव पोक्खलावतिम्मि दीहवेयड्ढे, एवं वच्छे दीहवेयड्ढे एवं जाव मंगलावतिम्मि दीहवेयड्ढे । जंबुद्दीवे दीवे विज्जुप्पभे वक्खारपव्वते नव कूडा पन्नत्ता, तंजहा -"सिद्धे य विज्जूणामे, देवकुरा पम्ह कणग सोवत्थी । सीतोदा य सयजले, हरिकूडे ९ चेव बोद्धव्वे" ॥१४१|| जंबुद्दीवे दीवे पम्हे दीहवेयड्ढेणव कूडा पन्नत्ता, तंजहा सिद्धे पम्हे खंडग माणी वेयड्ड।।१४२।। एवं चेव, जाय सलिलावतिम्मि दीहवेयड्ढे। एवं वप्पे दीहवेयड्ढे, एवं जाव गंधिलावतिम्मि दीहवेयड्ढे नव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - सिद्धे गंधिले खंडग, माणी वेयड्ड पुन्न तिमिसगुहा । गंधिलावति वेसमणे ९,कूडाणं होति णामाई।।१४३।। एवं सव्वेसुदीहवेयड्डेसुई दो कूडा सरिसणामगा, सेसा ते चेव । जंबुमंदरउत्तरेणं नेलवंते वासहरे पव्वते णव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्धे नेलवंत विदेहे, सीता कित्ती त नारिकता त । अवरविदेहे रम्मगकूडे, उवदंसणे ९ चेव' ।१४४।। जंबुमंदरउत्तरेणं एरवते दीहवेतड्ढे नव कूडा पन्नत्ता, तंजहा - "सिद्धेरवए खंडग, माणी वेयड्ड पुण्ण तिमिसगुहा।
एरवते वेसमणे ९, एरवते कूडणामाई" ||१४५।। ६९०. पासे णं अरहा पुरिसादाणिए वज्जरिसभणारातसंघयणे समचउरंससंठाणसंठिते नव रयणीओ उखुउच्चत्तेणं १ होत्था । ६९१. समणस्स भगवतो महावीरस्स तित्थंसि णवहिं जीवेहिं तित्थगरणामगोत्ते कम्मे णिव्वत्तिते, तंजहा सेणितेणं, सुपासेणं, उदातिणा, पोट्टिलेणं MONALE 444555555555555555555 श्री आगमगुणभंजूषा - १६७555555555555555555555FOROR
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(३) ठाणं
९- अ. नवद्वाणं [ ७० ]
अणगारेणं, दढाउणा, संखेणं, सततेणं, सुलसाते सावियाते, रेवतीते । ६९२. एस णं अज्जो ! कण्हे वासुदेवें, रामे बलदेवे, उदये पेढालपुत्ते, पुट्टिले, सतते गाहावती, दारुते नितंठे, सच्चती नितंठीपुत्ते, सावितबुद्धे अंबडे परिव्वायते, अज्जा वि णं सुपासा पासावच्चिज्जा आगमेस्साते उस्सप्पिणीते चाउज्जामं धम्मं पन्नवतित्ता सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । ६९३. एस णं अज्जो ! सेणिए राया भिभिसारे कालमासे किच्चा इमीसे रतणप्पभाते पुढवीते सीमंतते नरए चउरासीतिवाससहस्सद्वितीयंसि निरयंसि नेरइएस णेरइयत्ताए उववज्जिहिति, से णं तत्थ णेरइए भविस्सति काले कालोभासे जाव परमकिण्हे वन्नेणं, से णं तत्थ वेदणं वेदिहिती उज्जलं जाव दुरहियासं । से णं ततो नरतातो उव्वट्टेत्ता आगमेसाते उस्सप्पिणीते इहेव जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे वेयगिरिपायमूले पुंडेसु जणवतेसु सतदुवारे णगरे संमुइस्स कुलकरस्स भद्दाए भारियाए कुच्छिसि पुमत्ताए पच्चायाहिती । तए णं सा भद्दा भारिया नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्ठमाण य रातिदियाणं वीतिक्कंताणं सुकुमालपाणिपातं अहीणपडिपुन्नपंचेदियसरीरं लक्खणवंजण जाव सुरूवं दारगं पयाहिती। जं रयणिं च णं से दारगे पयाहिती तं स्यणि च णं सतदुवारे णगरे सब्भंतरबाहिरए भारग्गसो य कुंभग्गसो त पउमवासे त रयणवासे त वासिहिति । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापितरो एक्कारसमे दिवसे वीइक्कंते जाव बारसाहे दिवसे अयमेतारूवं गोण्णं गुणनिप्फण्णं नामधिज्जं काहिति । जम्हा णं अम्हमिणंसि दारगंसि जातंसि समाणंसि सतदुवारे नगरे सब्भिंतर बाहिरए भास या कुंभग्गसोय पउमवासे य रतणवासे य वासे वुट्टे तं होउ णमम्हमिमस्स दारगस्स नामधिज्जं महापउमे महापउमे, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधिज्जं काहिति महापउमाती । तए णं तं महापउमं दारगं अम्मापितरो सातिरेगअट्ठवासजातगं जाणित्ता महता महता रायभिसेएणं अभिसिंचिर्हिति । से णं तत्थ राया भविस्सति महता हिमवंत महंतमलयमंदर० रायवन्नतो जाव रज्जं पसाधेमाणे विहरिस्सति । तते णं तस्स महापउमस्स रन्नो अन्नदा कताइ दो देवा मड्डिया जाव महसक्खा सेणाकम्मं काहिति, तंजहा पुन्नभद्दे त माणिभद्दे त । तते णं सतदुवारे नगरे बहवे रातीसर तलवर - माडंबित - कोडुंबित - इब्भ-सेट्ठि - सेणावतिसत्थवाहप्पभितयो अन्नमन्नं सद्दावेहिति एवं वतिस्संति जम्हा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं महापउमस्स रन्नो दो देवा महिड्डिया जाव महेसक्खा सेणाकम्मं करेति, तंजा पुन्नभद्दे त माणिभद्दे य, तं होउ णम्महं देवाणुप्पिया ! महापउमस्स रण्णोदोच्चे वि नामधेज्जे देवसेणे देवसेणे । तते णं तस्स महापउमस्स रण्णो दोच्चे वि नामधे भविस्सइ देवसेणाती देवसेणाती। तते णं तस्स देवसेणस्स रन्नो अन्नता कताती सेतसंखतलविमलसन्निकासे चउदंते हत्थिरतणे समुप्पज्जिहिति । तए णं से देवसेणे राया तं सेतं संखतलविमलसन्निकासं चउदंतं हत्थिरतणं दुरूढे समाणे सतदुवारं नगरं मज्झमज्झेणं अभिक्खणं अभिक्खणं अतिज्जादि त णिज्जादि त । तते णं सतदुवारे णगरे बहवे रातीसरतलवर जाव अन्नमन्नं सद्दावेहिति २, एवं वतिस्संति जम्हा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं देवसेणस्स रण्णो सेते संखतलविमलसिन्नकासे चउदंते हत्थिरतणे समुप्पन्ने तं होउ णं अम्हं देवाणुप्पिया ! देवसेणस्स रन्नो तच्चे वि नामधेज्जे विमलवाहणे विमलवाहणे, तते णं तस्स देवसेणस्स रन्नो तच्चे वि णामधे भविस्सति विमलवाहणाती विमलवाहणाती। तते णं से विमलवाहणे राया तीसं वासाई अगारवासमज्झे वसित्ता अम्मापितीहिं देवत्तं गतेहिं गुरुमहत्तर हिं अब्भन्नाते समाणे उदुम्मि सरते संबुद्धे अणुत्तरे मोक्खमग्गे पुणरवि लोगंतितेहिं जीयकप्पितेहिं देवेहिं ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुन्नाहिं मणामाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धन्नाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं वग्गूहिं अभिनंदिज्जमाणे य अभित्युवमाणे य बहिया सुभूमिभागे उज्जाणे एगं देवदुसमादाय मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयाहिति, तस्स णं भगवंतस्स साइरेगाई दुवालस वासाइं निच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केई उवसग्गा उप्पज्नंति तंजहा दिव्वा वा माणुसा वातिरिक्खजोणिया वा ते उप्पन्ने सम्मं सहिस्सति खमिस्सति तितिक्खिस्सति अहियासिस्सइ । तए णं से भगवं इरियासमिए भासासमिए जाव गुत्तबंभयारी अममे अकिंचणे छिन्नगंधे निरुवलेवे कंसपाती इव मुक्कतोए जहा भावणाए जाव सुहुयहुयासणे विव तेयसा जलंते । "कंसे संखे जीवे गगणे वाते य सारए सलिले । पुक्खरपत्ते कुम्मे विहगे खग्गे य भारुंडे” ॥१४६॥ “कुंजर वसभे सीहे नगराया चेव सागरमखोमे। चंदे सूरे कणगे वसुंधरा चेव सुहुयहुते” ॥ १४७॥ नत्थि णं तस्स भगवंतस्स कत्थइ पडिबंधे भवति । से य पडिबंधे चउव्विहे पन्नत्ते, तंजहा अंडए ति वा पोयए ति वा उग्गहिए ति वा पग्गहिए ति वा, जं णं जं णं दिसं इच्छति तं
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श्री आगमगुणमंजूषा - १६८०
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तं णं दिसं अपडिबद्धे सुचिभूए लहुभूते अणुप्पगंथे संजमेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरिस्सइ, तस्स णं भगवंतस्स अणुत्तरेणं नाणेणं अणुत्तरेणं दंसणेणं अणुत्तरेणं चरित्तेणं एवं आलएणं विहारेणं अज्जवे [णं] मद्दवे [णं] लाघवे[णं] खंती [ए] मुत्ती[ए] गुत्ती [ए] सच्च-संजम-तवगुण-सुचरिय-सोचवियफलपरिनिव्वाणमग्गेणं अप्पाणं भावेमाणस्स झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अणंते अणुत्तरे निव्वाघाए जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पज्जिहिति, तए णं से भगवं अरहा जिणे भविस्सति, केवली सव्वन्नू सव्वदरिसी सदेवमणुयासुरस्स लोगस्स परियागं जाणइ पासइ, सव्वलोए सव्वजीवाणं आगतिं गतिं ठिति चयणं उववायं तक्कं मणोमाणसियं भुत्तं कडं पडिसेवियं आवीकम्मं रहोकम्मं अरहा अरहस्सभागी तं तं कालं मणसवयसकाइए जोगे वट्टमाणाणं सव्वलोए सव्वजीवाणं सव्वभावे जाणमाणे पासमाणे
विहरिस्सइ। तएणं से भगवं तेणं अणुत्तरेणं केवलवरनाणदंसणेणं सदेवमणुयासुरलोगं अभिसमेच्चा समणाणं निग्गथाणं पंच महव्वताइं सभावणाई छच्च जीवनिकाये ॐ धम्म देसेमाणे विहरिस्सति । से जहाणामते अज्जो ! मते समणाणं निग्गंथाणं एगे आरंभट्ठाणे पण्णत्ते, एवामेव महापउमे वि अरहा समणाणं निग्गंथाणं एगं
आरंभट्ठाणं पण्णवेहिति। से जहाणामते अज्जो मते समणाणं निग्गंथाणं दुविधे बंधणे पन्नत्ते, तंजहा पेज्जबंधणे त दोसबंधणे त, एवामेव महापउमे वि अरहा समणाणं णिग्गंथाणं दुविधं बंधणं पन्नवेहिती, तंजहा पेज्जबंधणं च दोसबंधणं च । से जहानामते अज्जो मए समणाणं निग्गंथाणं तओ दंडा पन्नत्ता, तंजहा मणोदंडे ३, एवामेव महापउमे वि अरहा समणाणं निग्गंथाणं ततो दंडे पण्णवेहिति, तंजहा मणोदंड ३ । से जहाणामते एवमेतेणमभिलावेणं चत्तारि कसाया पन्नत्ता, तंजहा कोहकसाए ४ । पंच कामगुणा पन्नत्ता, तंजहा सद्दा ५। छज्जीवनिकाता पन्नत्ता, तंजहा पुढविकाइया जाव तसकाइया, एवामेव जाव तसकाइया । से जहाणामते अ[ज्जो मए समणाणं निग्गंथाणं] सत्त भयट्ठाणा पन्नत्ता, तंजहा एवामेव महापउमे वि अरहा समाणाणं निग्गंथाणं सत्त भयट्ठाणे पन्नवेहिती, एवमट्ठ भयट्ठाणे, णव बंभचेरगुत्तीओ, दसविधे समणधम्मे एवं जाव तेत्तीसमासातणाउ त्ति । से जधानामते अज्जो ! मते समणाणं निग्गंथाणं नग्गभावे मुंडभावे अण्हाणते अदंतवणते अच्छत्तए अणुवाहणते भूमिसेज्जा फलगसेज्जा कट्टसेज्जा केसलोए बंभचेरवासे परघरपवेसे लद्धावलद्धवित्तीओ पण्णत्ताओ, एवामेव महापउमे वि अरहा समणाणं निग्गंथाणं णग्गभावं जाव लद्धावलद्धवित्ती पण्णवेहिती। से जहाणामए अज्जो ! मए समणाणं निग्गंथाणं आधाकम्मिए ति वा उद्देसिते ति वा मीसज्जाए ति वा अज्झोयरए ति वा पूतिए [ति वा] कीते [ति वा] पामिच्चे [ति वा] अच्छेज्ने [ति वा] अणिसटे [ति वा] अभिहडे ति वा कंतारभत्ते ति वा दुब्भिक्खभत्ते ति वा गिलाणभत्ते ति वा वदलिताभत्ते ति वा पाहुणगभत्ते ति वा मूलभोयणे ति वा कंदभोयणे ति वा फलभोयणे ति वा बीयभोयणे ति वा हरियभोयणे ति वा पडिसिद्धे, एवामेव महापउमे वि.
अरहा समणाणं निग्गंथाणं आधाकम्मितं वा जाव हरितभोयणं वा पडिसेधिस्सति । से जहाणामते अज्जो ! मए समणाणं पंच महव्वतिते सपडिक्कमणे अचेलते धम्मे 卐 पण्णत्ते, एवामेव महापउमे वि अरहा समणाणं णिग्गंथाणं पंच महव्वतितं जाव अचेलगं धम्मं पण्णवेहिती। से जधाणामते अज्जो ! मए सम णाणं णिग्गंथाणं म पंचाणुव्वतिते सत्तसिक्खावतिते दुवालसविधे सावगधम्मे पण्णत्ते, एवामेव महापउमे वि अरहा पंचाणुव्वतितंजाव सावगधम्मं पण्णवेस्सति । से जधानामए अज्जो म ! मए समणाणं निग्गंथाणं सेज्जातरपिंडे ति वा रायपिंडे ति वा पडिसिद्धे, एवामेव महापउमे वि अरहा समणाणं निग्गंथाणं सेज्जातरपिंडे ति वा रायपिंडे ति वा
पडिसेधिस्सति । से जधाणामते अज्जो ! मम णव गणा एगारस गणधरा, एवामेव महापउमस्स वि अरहतो णव गणा एगारस गणधरा भविस्संति । से जहाणामते
अज्जो ! अहं तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता जाव पव्वतिते दुवालस संवच्छराइं तेरस पक्खा छउमत्थपरियागं पाउणित्ता तेरसहिं पक्खेहि मऊणगाइं तीसं वासाइं केवलिपरियागं पाउणित्ता बायालीसं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता बावत्तरि वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिज्झिस्सं जाव दुक्खाणंमंतं
करेस्सं, एवामेव महापउमे वि अरहा तीसं वासाई अगार जाव पव्वहिती, दुवालस संवच्छाराइं जाव बावत्तरि वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिज्झिहिती जाव म सव्वदुक्खाणमंतं काहिति - "जस्सीलसमायारो, अरहा तित्थंकरो महावीरो। तस्सीलसमायारो, होति उ अरहा महापउमो"॥१४८॥६९४. णव नक्खत्ता पच्छंभागा
पन्नत्ता, तंजहा - "अभिती समणो धणिट्ठा, रेवति अस्सोति मिगसिरं पूसो। हत्थो चित्ता य तधा, पच्छंभागा णव हवंति" ||१४९|| ६९५. आणत-पाणत-आरणmero
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(३) ठाणं ९-अ./ १० -अ. दसट्ठाणं [७२]
65555555555520 उच्चुतेसु कप्पेसु विमाणा णव जोयणसताई उहुंउच्चत्तेणं पन्नत्ता । ६९६. विमलवाहणे णं कुलकरे णव धणुसताइं उहृउच्चत्तेणं होत्था । ६९७. उसभेणं अरहा म कोसलितेणं इमीसे ओसप्पिणीए णवहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं वितिक्कंताहिं तित्थे पवत्तिते । ६९८. घणदंत लट्ठदंत-गूढदंत-सुद्धदंतदीवा णं दीवा णव णव
जोयणसताइं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ता । ६९९. सुक्कस्स णं महागहस्स णव वीहीओ पन्नत्ताओ, तंजहा हयवीही, गतवीही, णागवीही, वसभवीही, गोवीही, जरग्गववीही, अयवीही, मितवीही, वेसाणरवीही । ७००. नवविधे नोकसायवेयणिज्जे कम्मे पन्नत्ते, तंजहा इत्थिवेदे, पुरिसवेदे, णपुंसगवेदे, हासे रती, अरई, भये, सोगे, दुगुंछा । ७०१. चउरिदियाणं णव जाइकुलकोडीजोणिपमुहसयसहस्सा पण्णत्ता । भुयगपरिसप्पथलचरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं नव जाइकुलकोडीजोणिपमुहसयसहस्सा पण्णत्ता । ७०२. जीवा णं णवठ्ठाणनिव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताते चिणिसु वा ३, [तंजहा-] पुढविकाइयनिव्वत्तिते जाव पंचेदियनिव्वत्तिते । एवं चिण उवछिण जाव णिज्जरा चेव ।। ७०३. णवपएसिता खंधा अणंता पण्णत्ता जाव णवगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता । । नवट्ठाणं समत्तं ॥ १० दसमं अज्झयणं 'दसट्ठाणं' ७०४. दसविधा लोगट्ठिती पन्नत्ता, तंजहा जण्णं जीवा उद्दाइत्ता २, तत्थेव २ भुज्जो २ पच्चायंति, एवं पेगा लोगट्ठिती पण्णत्ता १ । जण्णं जीवाणं सता समिते पावे कम्मे कज्जति, एवं पेगा लोगट्ठिती पण्णत्ता २४ जण्णं जीवाणं सता समितं मोहणिज्जे पावे ॥ कम्मे कज्जति, एवं पेगा लोगद्विती पण्णत्ता ३ । ण एतं भूतं वा भव्वं वा भविस्सति वा जं जीवा अजीवा भविस्संति अजीवा वा जीवा भविस्संति, एवं पेगा लोगद्विती पण्णत्ता ४ । ण एतं भूतं वा भव्वं वा भविस्सति वा जं तसा पाणा वोच्छिज्जिस्संति थावरा पाणा भविस्संति, थावरा वा पाणा वोच्छिजिस्संति तसा पाणा भविस्संति, एवं पेगा लोगट्ठिती पण्णत्ता ५। ण एतं भूतं वा भव्वं वा भविस्सति वा जं लोगे अलोगे भविस्सति अलोगे वा लोगे भविस्सति, एवं पेगा लोगद्विती पण्णत्ता ६ । ण एतं भूतं वा भव्वं वा भविस्सति वा जंलोए अलोए पविस्सति अलोए वा लोए पविस्सति, एवं पेगा लोगद्विती [पण्णत्ता] ७। जाव ताव लोगे ताव ताव जीवा, जाव ताव जीवा ताव ताव लोए, एवं पेगा लोगट्टिती [पण्णत्ता] ८ । जाव ताव जीवाण त पोग्गलाण त गतिपरिताते ताव ताव लोए, जाव ताव लोगे ताव ताव जीवाण य पोग्गलाण त गतिपरिताते, एवं पेगा लोगद्विती [पण्णत्ता] ९। सव्वेसु विणं लोगंतेसु अबद्धपासपुट्ठा पोग्गला लुक्खत्ताते कजंति, जेणं जीवा त पोग्गला त नो संचायति बहिता लोगंता गमणताते, एवं पेगा लोगहिती पण्णत्ता १०/७०५. दसविधे सद्दे पन्नत्ते, तंजहा - "नीहारि पिडिमे लुक्खे, भिन्ने जज्जरिते ति त । दोहे रहस्से पुहुत्ते त, काकणी खिखिणिस्सरे" ॥१५०॥ ७०६. दस इंदियत्था तीता पण्णत्ता, पन्नत्ता, तंजहा देसेण वि एगे सद्दाइं सुणिंसु, सव्वेण वि एगे सद्दाइं सुणिंसु, देसेण वि एगे रूवाइं पासिंसु, सव्वेण वि एगे रूवाई पासिंसु, एवं गंधाइं रसाइं फासाइं जाव सव्वेण वि एगे फासाइं पडिसंवेदेसुं । दस इंदियत्था पडुप्पन्ना पन्नत्ता, तंजहा देसेण वि एगे सद्दाइं सुणेति, सव्वेण वि एगे सद्दाई सुणेति, एवं जाव फासाई। दस इंदियत्था अणागता पन्नत्ता, तंजहा देसेण वि एगे सद्दाई सुणिस्सति, सव्वेण विएगे सद्दाइंसुणिस्सति, एवं जाव सव्वेण विएगे फासाइं पडिसंवेतेस्सति। ७०७. दसहि ठाणेहिमच्छिन्ने पोग्गले चलेज्जा, तंजहा आहारेज्जमाणे वा चलेज्जा, परिणामेज्जमाणे वा चलेज्जा, उस्ससिज्जमाणे वा चलेज्जा, निस्ससिज्जमाणे वा चलेज्जा, वेदेज्जमाणे वा चलेज्जा, णिज्जरिज्जमाणे वा चलेज्जा, विउव्विज्जमाणे वा चलेज्जा, परितारिज्जमाणे वा चलेज्जा, जक्खातिढे वा चलेज्जा, वातपरिगते वा चलेज्जा । ७०८. दसहि ठाणेहिं कोधुप्पत्ती सिया, तंजहा मणुन्नाई मे सद्दफरिस-रस-रूव-गंधाइमवहरिंसु-१, अमणुन्नाइं मे सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधाइं उवहरिंसु २, मणुण्णाई मे सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधाई अवहरति ३, अमुणुन्नाइं मे सद्दफरिस जाव गंधाई उवहरिति ४, मणुण्णाई मे सद्द जाव अवहरिस्सति ५, अमणुण्णाइं मे सद्द जाव उवहरिस्सति ६, मणुण्णाई मे सद्द जाव गंधाइं अवहरिंसु अवहरइ अवहरिस्सति ७, अमणुण्णाइं मे सद्द जाव रस-रूव-गंधाइं उवहरिसु उवहरति उवहरिस्सति ८, मणुण्णामणुण्णाइं मे सद्द जाव अवहरिसु अवहरति अवहरिस्सति उवहरिसु उवहरति उवहरिस्सति ९, अहं च णं आयरियउवज्झायाणं सम्मं वट्टामि ममं च णं आयरियउवज्झाया मिच्छं विप्पडिवन्ना १०
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20 । ७०९. दसविधे संजमे पन्नत्ते, तंजहा पुढविकाइयसंजमे आउ [काइयसंजमे ] तेउ [काइयसंजमे] वाउ [काइयसंजमे] वणस्सति [काइयसंजमे] बेइंदितसंजमे तेदितसंजमे चउरिदितसंजमें पंचेदितसंजमे अजीवकायसंजमे । दसविधे असंजमे पन्नत्ते, तंजहा पुढविकाइयअसंजमे जाव अजीवकायअंसजमे । दसविधे संवरे पन्नत्ते, तंजहा सोतिदितसंवरे जाव फासेंदितसंवरे मण [संवरे] वइ [संवरे] काय [संवरे] उवकरणसंवरे सूचीकुसग्गसंवरे । दसविधे असंवरे पन्नत्ते, तंजहा सोतिदितअसंवरे जाव सूचीकुसग्गअसंवरे । ७१०. दसहिं ठाणेहिं अहमंती ति थंभिज्जा, तंजहा जातिमतेण वा कुलमएण वा जाव इस्सरियमतेण वा ८, णागसुवन्ना वा मे अंतितं हव्वमागच्छंति ९, पुरिसधम्मातोवा मे उत्तरिते अहोधिते णाणदंसणे समुप्पन्ने १०।७११. दसविधा समाधी पन्नत्ता,तंजहा पाणातिवायवेरमणे मुसा [वायवेरमणे] अदिन्ना [दाणवेरमणे] मेहुण [वेरमणे] परिग्गह विरमणे] रितासमिती भासासमिती एसणासमिती आताण [भंडमत्तणिक्खेवणासमिती] उच्चारपासवणखेलसिंघाणगपरिट्ठावणितासमिती । दसविधा असमाधि पन्नत्ता, तंजहा पाणातिवाते जाव परिग्गहे, रिताऽसमिती जाव उच्चारपासवणखेलसिंघाणगपरिट्ठावणिताऽसमिती। ७१२. दसविधा पव्वज्जा पन्नत्ता, तंजहा छंदा रोसा परिजुन्ना, सुविणा पडिस्सुता चेव । सारणिता रोगिणिता,
अणाढिता देवसन्नत्ती ॥१५१|| वच्छाणुबंधिता । दसविधे समणधम्मे पन्नत्ते, तंजहा खंती, मुत्ती, अज्जवे, मद्दवे, लाघवे, सच्चे, संजमे, तवे, चिताते, बंभचेरवासे। + दसविधे वेयावच्चे पन्नत्ते, तंजहा आयरियवेयावच्चे, उवज्झायवेयावच्चे, थेर [वेयावच्चे], तवस्सि [वेयावच्चे], गिलाण वेयावच्चे], सेह [वेयावच्चे], कुल वेयावच्चे]
, गण [वेयावच्चे], संघवे [यावच्चे] , साधम्मिय [वेयावच्चे] । ७१३. दसविधे जीवपरिणामे पन्नत्ते, तंजहा गतिपरिणामे, इंदियपरिणामे, कसायपरिणामे, लेसा [परिणामे] जोग [परिणामे] , उवओग [परिणामे] , णाण [परिणामे] , दंसण [परिणामे] , चरित्त [परिणामे], वेत [परिणामे ] दसविधे अजीवपरिणामे पन्नत्ते, म तंजहा बंधणपरिणामे, गति [परिणामे], संठाण [परिणाम], भेद [परिणामे] , वण्ण [परिणामे] , रस [परिणामे] , गंध [परिणामे], फास [परिणामे], अगुरुलहु [परिणामे], सद्दपरिणामे। ७१४. दसविधे अंतलिक्खिते असज्झाइए पन्नत्ते, तंजहा उक्कावाते, दिसिदाघे, गजिते, विज्जुते निग्याते, जूवते, जक्खालित्तते, धूमिता, महिता, रयुग्घाते । दसविधे ओरालिते असज्झातिते पन्नत्ते, तंजहा अट्ठि, मंसे, सोणिते, असुतिसामंते, सुसाणसामंते, चंदोवराते, सूरोवराते, पडणे, रायवुग्गहे, उवस्सगस्स अंतो ओरालिते सरीरगे। ७१५. पंचेदिया णं जीवा असमारभमाणस्स दसविधे संजमे कज्जति, तंजहा सोतामताओ सोक्खाओ अवरोवेत्ता भवति, सोतामतेणं दुक्खेणं असंजोगेत्ता भवति, एवं जाव फासामतेणं दुक्खेणं असंजोएत्ता भवति। एवं असंजमो विभाणितव्वो। ७१६. दस सुहुमा पन्नत्ता, तंजहा पाणसुहुमे, ' पणगसुहुमे जाव सिणेहसुहुमे, गणितसुहुमे, भंगसुहुमे । ७१७. जंबुमंदरदाहिणेणं गंगासिंधूओ महानदीओ दस महानदीओ समपंति, तंजहा जउणा, सरऊ, आती, कोसी, मही, सतहू, वितत्था, विभासा, एरावत्ती, चंदभागा। जंबुमंदरउत्तेरेणं रत्ता-रत्तवतीओ महानदीओ दस महानदीओ समप्पेति, तंजहा किण्हा, महाकिण्हा, नीला, महानीला, तीरा, महातीरा, इंदा जाव महाभोगा । ७१८. जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे दस रायहाणीओ पन्नत्ताओ, तंजहा चंपा महुरा वाणारसी त सावत्थि तह त सातेतं । हत्थिणउर कंपिल्लं मिहिला कोसंबि रायगिहं ॥१५२।। एतासु णं दससुरायहाणीसु दस रायाणो मुंडा भवेत्ता जाव पव्वतिता, तंजहा भरहे, सगरे, मघवं, सणंकुमारे, संती कुंथू, अरे, महापउमे, हरिसेणे, जयणामे । ७१९. जंबुद्दीवे दीवे मंदरे पव्वए दस जोयणसयाइं उव्वेहेणं, धरणितले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं, उवरिं दस जोयणसयाई विक्खंभेणं, दस दसाइं जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं पण्णत्ते । ७२०. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वतस्स बहुमज्झदेसभागे इमीसे रयणप्पभाते पुढवीते उवरिमहेट्ठिल्लेसु खुडुगपतरेसु एत्थ णमट्ठपतेसिते रुयगे पण्णत्ते जओ णमिमातो दस दिसातो पवहंति, तंजहा पुरत्थिमा, पुरत्थिमदाहिणा, दाहिणा, दाहिणपच्चत्थिमा, पच्चत्थिमा, पच्चत्थिमुत्तरा, उत्तरा, उत्तरपुरस्थिमा, उड्ढा, अधा । एतासि णं दसण्हं दिसाणं दस नामधेज्जा पन्नत्ता, तंजहा - "इंदा अग्गेयी जम्मा
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---- (३) ठाणं
१० -अ. दसवाणं [७४]
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त, णेरती वारुणी य वायव्वा । सोमा ईसाणी ता विमला य तमा य बोद्धव्वा" ||१५३|| ७२१. लवणस्स णं समुद्दस्स दस जोयणसहस्साइं गोतित्थविरहिते खेत्ते पन्नत्ते। लवणस्सणं समुदस्स दस जोयणसहस्साइं उदगमाले पन्नत्ते। सव्वे विणं महापाताला दस दसाइं जोयणसहस्साणमुव्वेहेणं पण्णत्ता, मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पन्नत्ता, बहुमज्झदेसभागे एगपएसिताते सेढीते दस दसारं जोयणसहस्साणं विक्खंभेणं पन्नत्ता, उवरिं मुहमूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पण्णत्ता । तेसि णं महापातालाणं कुड्डा सव्ववइरामता सव्वत्थ समा दस जोयणसयाइं बाहल्लेणं पन्नता । सव्वे वि णं खुद्दापाताला दस जोयणसताई उव्वेहेणं पन्नत्ता, मूले दस दसाइंजोयणाणं विक्खंभेणं पन्नत्ता, बहुमज्झदेसभागे एगपएसिताते सेढीते दस जोयणसताइं विक्खंभेणं पन्नत्ता, उवरिं मुहमूले दस दसाइं जोयणाणं विक्खंभेणं पन्नत्ता, तेसि णं खुद्दापातालाणं कुड्डा सव्ववइरामता सव्वत्थ समा दस जोयणाइं बाहेल्लेणं पण्णत्ता । ७२२. धायतिसंडगा णं मंदरा दस जोयणसयाइं उव्वेधेणं, धरणितले देसूणाई दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं, उवरिं दस जोयणसयाई विक्खंभेणं पन्नत्ता । पुक्खरवरदीवड्डगा णं मंदरा दस जोयण एवं चेव । ७२३. सव्वे वि णं वट्टवेयड्डपव्वता दस जोयणसयाइं उहुंउच्चत्तेणं, दस गाउयसताइमुव्वेहेणं, सव्वत्थ समा पल्लगसंठिता, दस जोयणसताइं विक्खंभेणं पन्नत्ता । ७२४.
जंबुद्दीवे दीवे दस खेत्ता पण्णत्ता, तंजहा भरहे, एरवते, हेमवते, हेरन्नवते, हरिवस्से, रम्मगवस्से, पुव्वविदेहे, अवरविदेहे, देवकुरा, उत्तरकुरा । ७२५. माणुसुत्तरेणं ॐ पव्वते मूले दस बावीसे जोयणसते विक्खंभेणं पण्णत्ते । सव्वे वि णमंजणगपव्वता दस जोयणसयाइमुव्वेहेणं, मूले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं, उवरि दस
जोयणसताइं विक्खभेणं पण्णत्ता । सव्वे विणं दहिमुहपव्वत्ता दस जोयणसताइं उव्वेहेणं, सव्वत्थ समा, पल्लगसंठिता, दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पन्नत्ता। सव्वे वि णं रतिकरगपव्वता दस जोयणसताई उड्डंउच्चत्तेणं, दस गाउतसताइं उव्वेहेणं, सव्वत्थ समा, झल्लरिसंठिता, दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पन्नत्ता। रुयगवरेणं पव्वते दस जोयणसयाइं उव्वेहेणं, मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं, उवरिं दस जोयणसताई विक्खंभेणं पन्नत्ते । एवं कुंडलवरे वि। ७२६. दसविधे दवियाणुओगे पन्नत्ते, तंजहा दवियाणुओगे, माउयाणुओगे, एगट्ठियाणुओगे, करणाणुओगे, अप्पिताणप्पिते, भाविताभाविते, बाहिराबाहिरे, सासतासासते, तधणाणे, अतधणाणे। ७२७. चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो तिगिच्छिकूडे उप्पातपव्वते मूले दस बावीसे जोयणसते विक्खंभेणं पन्नते। चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमस्स महारण्णो सोमप्प्पभे उप्पातपव्वते दस जोयणसताई उहुंउच्चत्तेणं, दस गाउयसताई उव्वेहेणं, मूले दस जोयणसयाई विक्खंभेणं पण्णत्ते। चमरस्स णमसुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो जमस्स महारन्नो जमप्पभे उप्पातपव्वते एवं चेव, एवं वरुणस्स वि, एवं वेसमणस्स वि। बलिस्सणं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो रूयगिदे उप्पातपव्वते मूले दस बावीसे जोयणसते विक्खंभेणं पण्णत्ते। बलिस्सणं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो सोमस्स एवं चेव, जधा चमरस्स लोगपालाणं तं चेव बलिस्स वि । धरणस्स णं णागकुमाररिंदस्स णागकुमाररण्णो धरणप्पभे उप्पातपव्वते दस जोयणसयाइं उड्ढंउच्चतेणं, दस गाउयसताई उव्वेहेणं, मूले दस जोयणसताई विक्खंभेणं । धरणस्सणं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो कालवालस्स महारण्णो काल वाल ? प्पभे उप्पातपव्वते दस जोयणसताई उर्ल्ड एवं चेव, एवं जाव संखवालस्स । एवं भूताणंदस्स वि, एवं लोगपालाणं पि से जधा धरणस्स । एवं जाव थणितकुमाराणं सलोगपालाणं भाणितव्वं, सव्वेसि उप्पायपव्वता भाणियव्वा सरिणामगा। सक्कस्स णं देविंदस्स देवरणो सक्कप्पभे उप्पातपव्वते दस जोयणसहस्साई उहुंउच्चत्तेणं, दस गाउतसहस्साई उव्वेहेणं,
मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पण्णत्ते । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारन्नो जधा सक्कस्स तधा सव्वेसिं लोगपालाणं सव्वेसिंच इंदाणं जाव * अच्चुतस्स त्ति, सव्वेसिं पमाणमेगं । ७२८. बादरवणस्सतिकातिताणं उक्कोसेणं दस जोयणसताइं सरीरोगाहणा पण्णत्ता । जलचरपंचेदियतिरिक्खजोणिताणं
उक्कोसेणं दस जोयणसताई सरीरोगाहणा पन्नत्ता, उरपरिसप्पथलचरपंचेदिततिरिक्खजोणिताणं उक्कोसेणं एवं चेव। ७२९. संभवाओ णमरहातो अभिणंदणे अरहा
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रदसहिं सागरोवमकोडिसतसहस्सेहिं वीतिकंतेहिं समुप्पन्ने । ७३०. दसविहे अणंतते पण्णत्ते, तंजहा णामाणंतते, ठवणाणंतते, दव्वाणंतते, गणणांतते, पएसाणंतते, 5 एगतोणंतते, दुहतोणंतते, देसवित्थाराणंतते, सव्ववित्थाराणंतते, सासताणते । ७३१. उप्पायपुव्वस्स णं दस वत्यू पण्णत्ता। अत्थिणत्थिप्पवातपुव्वस्स णं दस है
चूलवत्थू पण्णत्ता । ७३२. दसविधा पडिसेवणा पण्णत्ता, तंजहा - "दप्प प्पमादऽणाभोगे, आउरे आवतीसु त । संकिते सहसक्कारे, भय प्पयोसा य वीमंसा" ॥१५४|| दस आलोयणादोसा पण्णत्ता, तंजहा - "आकंपइत्ता अणुमाणइत्ता, जंदि8 बायरं व सुहुमं वा । छन्नं सद्दाउलगं, बहुजण अव्वत्त तस्सेवी ॥१५५।। दसहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति अत्तदोसमालोएत्तते, तंजहा -"जातिसंपन्ने, कुलसंपन्ने, एवं जधा अट्ठट्ठाणे जाव खंते, दंते, अमाती, अपच्छाणुतावी । दसहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति आलोयणं पडिच्छित्तत्ते, तंजहा आयारवं, आहारवं जाव अवातदंसी, पितधम्मे, दढधम्मे"।७३३. दसविधे पायच्छित्ते पन्नत्ते, तंजहा आलोयणारिहे जाव अणवढप्पारिहे, पारंचितारिहे। ७३४. दसविधे मिच्छत्ते पण्णत्ते, तंजहा अधम्मे धम्मसण्णा, धम्मे अधम्मसण्णा, उम्मग्गे मग्गसण्णा, मग्गे उम्मग्गसण्णा, अजीवेसु जीवसणा, जीवेसु अजीवसण्णा, असाधूसु साधुसण्णा, साधूसु असाधुसण्णा, अमुत्तेसु मुत्तसण्णा, मुत्तेसु अमुत्तसण्णा । ७३५. चंदप्पभेणं अरहा दस पुव्वसतसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे । धम्मे णमरहा दस वाससयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे | णमी णमरहा दस वाससहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे । पुरिससीहे णं वासुदेवे दस वाससयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता छट्ठाते तमाए पुढवीए नेरतितत्ताते उववन्ने । णेमीणं अरहा दस धणूई उहुंउच्चत्तेणं दस य वाससताइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे । कण्हे णं वासुदेवे दस धणूई उहुंउच्चत्तेणं दस
यवाससयाइं सव्वाउयं पालइत्ता तच्चाते वालुयप्पभाते पुढवीते नेरतितत्ताते उववन्ने । ७३६. दसविधा भवणवासी देवा पण्णत्ता, तंजहा असुरकुमारा जाव थणितकुमारा है । एतेसिणं दसविधाणं भवणवासीणं देवाणं दस चेतितरुक्खा पन्नत्ता, तंजहा - "अस्सत्थ सत्तिवन्ने, सामलि उंबर सिरीस दहिवन्ने । वंजुल पलास वप्पो(वग्यो ?)
तते त कणिताररुक्खे त" ||१५६।। ७३७. दसविधे सोक्खे पन्नत्ते, तंजहा - "आरोग्ग दीहमाउं, अड्डेज काम भोग संतोसो। अस्थि सुहभोग निक्खम्ममेव तत्तो अणाबाधे" ||१५७।१ ७३८. दसविधे उवघाते पन्नत्ते, तंजहा - उग्गमोवधाते, उप्पायणोवधाते जधा पंचट्ठाणे जाव परिहरणोवघाते, णाणोवधाते, दंसणोवघाते, चरितोवघाते, अचियत्तोवधाते, सारक्खणोवघाते । दसविधा विसोधी पण्णत्ता, तंजहा उग्गमविसोही, उप्पायणविसोही जाव सारक्खणविसोही। ७३९. दसविधे संकिलेसे पन्नत्ते, तंजहा उवहिसंकिलेसे उवस्सय संकिलेसे, कसायसंकिलेसे, भत्तपाणसंकिलेसे, मणसंकिलेसे, वतिसंकिलेसे, कायसंकिलेसे, णाणसंकिलेसे, दसणसंकिलेसे, चरित्तसंकिलेसे। दसविधे असंकिलेसे पन्नत्ते, तंजहा उवहिअसंकिलेसे जाव चरित्तअसंकिलेसे। ७४०. दसविधे बले पन्नत्ते, तंजहा - “सोतिदितबले जाव फासिदितबले, णाणबले, दंसणबले, चरितबले, तवबले, वीरितबले'।७४१. दसविधे सच्चे पण्णत्ते, तंजहा - "जणवय सम्मुति ठवणा, नामे रूवे पडुच्चसच्चे
य। ववहार भाव जोगे, दसमे ओवम्मसच्चे य ॥१५८|| दसविधे मोसे पन्नत्ते, तंजहा - "कोधे माणे माया, लोभे पेज्जे तहेव दोसे य । हास भते अक्खातित, उवघाते * निस्सिते दसमे" ||१५९।। दसविधे सच्चामोसे पन्नत्ते, तंजहा - "उप्पन्नमीसते, विगतमीसते, उप्पन्नविगतमीसते, जीवमीसए, अजीवमीसए, जीवाजीवमीसए,
अणंतमीसए, परित्तमीसए, अद्धामीसते, अद्धद्धामीसते" । ७४२. दिट्ठिवातस्स णं दस नामधेज्जा पन्नत्ता, तंजहा दिट्ठिवाते ति वा हेउवाते ति वा, भूतवाते ति वा, तच्चावाते ति वा, सम्मावाते ति वा, धम्मावाते ति वा, भासाविजते ति वा पुव्वगते ति वा, अणुजोगगते ति वा, सव्वपाण-भूत-जीव-सत्तसुहावहे ति वा । ७४३. दसविधे सत्थे पण्णत्ते, तजहा - सत्थमग्गी विसं लोणं, सिणेहो खारमंबिलं । दुप्पउत्तो मणो वाया, कायो भावो त अविरती ॥१६०।। ७४४. दसविधे दोसे पन्नत्ते, तंजहा - "तज्जातदोसे मतिभंगदोसे, पसत्थारदोसे परिहरणदोसे । सलक्खण-कारण-हेउदोसे, संकामणं निग्गह वत्थुदोसे" ॥१६१|| दसविधे विसेसे पन्नत्ते,
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NOTELE5515545455555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- १७३5555555555555555555555554OTOS
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(३) ठाणं
१० अ. दसद्वाणं [ ७६ ]
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सुद्धावाताणुओगे
तंजहा -“वत्थु-तज्जातदोसे त, दोसे एगट्ठिते ति त । कारणे त पहुपन्ने, दोसे निच्चे हिअट्टमे ॥ अत्तणा उवणीते त, विसेसे तित ते दस " ॥ १६२ ॥ दसविधे पन्नत्ते, तंजहा -“चंकारे, मंकारे, पिंकारे, सेतंकारे, सातंकारे, एगत्ते, पुधत्ते, संजू, संकामिते, भिन्ने” । ७४५. दसविहे दाणे पण्णत्ते, तंजहा - "अणुकंपा संगहे चेव, भालु ति । ज्जाते गारवेणं च, अहम्मे उण सत्तमे । धम्मे त अट्टमे वुत्ते, काही ति त कतं ति त ॥ १६३॥ दसविधा गती पन्नत्ता, तंजहा निरयगती, निरयविग्गहगती, तिरियगती, तिरियविग्गहगई, एवं जाव सिद्धिगती, सिद्धिविग्गहगती । ७४६. दस मुंडा पन्नत्ता, तंजहा सोतिंदितमुंडे जाव फासिदितमुंडे, कोहमुंडे
लोभमुंडे, सिरमुंडे । ७४७. दसविधे संखणे पन्नत्ते, तंजहा परिकम्मं ववहारो, रज्जू रासी कलासवन्ने य । जावंताव ति वग्गो, घणो त तह वग्गवग्गो वि ॥१६४॥ कप्पो त । ७४८. दसविधे पच्चक्खाणे पण्णत्ते, तंजहा -“अणागतमतिक्कंतं, कोडीसहितं नियंटितं चेव । सागारमणागारं परिमाणकडं निरवसेसं । सएयगं चेव अद्धाए, पच्चक्खाणं दसविहं तु ॥ १६५ ॥ ७४९. दसविधा सामायारी पण्णत्ता, तंजहा -“इच्छा मिच्छा तहक्कारो आवस्सिता य निसीहिता । आपुच्छणा य पडिपुच्छा, छंदणाय निमंतणा । उवसंपिता य काले, सामायारी दसविधा उ " ॥ १६६ ॥ ७५०. समणे भगवं महावीरे छउमत्थकालिताते अंतिमरातितंसि इमे दस महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे, तंजहा एगं च णं महाघोररूवदित्तधरं तालपिसायं सुमिणे पराजितं पासित्ताणं पडिबुद्धे १ । एगं च णं महं सुक्किलपक्खगं पूसकोइलगं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे २। एगं च णं महं चित्तविचित्तपक्खगं पूसकोइलं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ३ । एगं च णं महं दामदुगं सव्वरतणामयं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ४ । एगं च णं महं सेतं गोवग्गं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ५ । एगं च णं महं पउमसरं सव्वतो समंता कुसुमितं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ६ । एगं च णं महासागरं उम्मीवीचिसहस्सकलितं भुयाहिं तिण्णं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ७ । एगं च णं महं दिणकरं तेयसा जलंतं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ८ । एगं च णं महं हरिवेरुलितवन्नाभेणं नियतेणमंतेणं माणुसुत्तरं पव्वतं सव्वतो समंता आवेढियपरिवेढियं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ९ । एगं च णं महं मंदरे पव्वते मंदरचूलिताते उवरिं सीहासणवरगतमत्ताणं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धे १० । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं घोररूवदित्तधरं तालपिसातं सुमिणे परातितं पासित्ताणं पडिबुन्दे तं णं समणं भगवता महावीरेणं मोहणिज्जे कम्मे मूलओ उग्घातिते १ । णं समणे भगवं महावीरे एगं महं सुक्किलपक्खगं जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे सुक्कज्झाणोवगते विहरइ २ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं चित्तविचित्तपक्खगं जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे ससमयपरसमयियं चित्तविचित्तं दुवालसंगं गणिपिडगं आघवेति पण्णवेति परूवेति दंसेति निदंसेति उवदंसेति, तंजहा आयारं जाव दिट्ठिवातं ३ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं दामदुगं सव्वरता जाव पडिबुद्धे तं नं समणे भगवं महावीरे दुविहं धम्मं पण्णवेति, तंजहा अगारधम्मं च अणगारधम्मं च ४ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं सेतं गोवग्गं सुमिणे जाव पडिबुद्धे तं णं समणस्स भगवओ महावीरस्स चाउवण्णाइण्णे संघे, तंजहा समणा समणीओ सावगा साविगाओ ५ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं पउमसरं जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे चउव्विहे देवे पण्णवेति, तंजहा भवणवासी वाणमंतरे जोतिसिते वेमाणिते ६ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं उम्मीवीची जाव पडिबुद्धे तं णं समणेणं भगवता महावीरेणं अणातीते अणवदग्गे दीहमद्धे चाउरंते संसारकंतारे तिने ७ । जं णं समणे भगवं महावीरे एवं महं दिणकरं जाव पडिबुद्धे तन्नं समणस्स भगवतो महावीरस्स अणते अणुत्तरे जाव समुप्पन्ने ८ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगेणं च महं हरिवेरुलित जाव पडिबुद्धे तं समणस्स भगवतो महावीरस्स सदेवमणुयासुरे लोग उराला कित्तिवन्नसद्दसिलोगा परिगुवंति 'इति खलु समणे भगवं महावीरे, इति खलु समणे भगवं महावीरे' ९ । जं णं समणे भगवं महावीरे मंदरे पव्वते मंदरचूलिताए उवरिं जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे सदेवमणुयासुराते परिसाते मज्झगते केवलिपन्नत्तं धम्म आघवेति पण्णवेति जाव उवदंसेति १० ।। ७५१. दसविधे सरागसम्मद्दंसणे पन्नत्ते, तंजहा - " निसग्गुवतेसरुती आणारुती सुत्त बीतरुतिमेव । अभिगम - वित्थाररुती किरिया-संखेव धम्मरुती ॥ १६७॥ ७५२. दस सण्णाओ पन्नत्ताओ, तंजहा -“आहारासण्णा जाव परिग्गहसण्णा ४, कोधसण्णा जाव लोभसण्णा ८, लोगसण्णा श्री आगमगुणमंजूषा १७४
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(३) ठाणं १०.अ. दसटाणं [1] ९, ओहसण्णा १० । नेरतिताणं दस सण्णातो एवं चेव, एवं निरंतरं जाव वेमाणियाणं"।७५३. नेरझ्या णं दसविधं वेयणं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तंजहा सीतं, की उसिणं, खुधं, पिवासं, कंडं, परज्झं, भयं, सोगं, जरं, वाहिं । ७५४. दस ठाणाई छउमत्थे णं सव्वभावेणं न जाणति ण पासति, तंजहा धम्मत्थिगातं जाव वातं, अयंई जिणे भविस्सति वा ण वा भविस्सति, अयं सव्वदुक्खाणमंतं करेस्सति वा ण वा करेस्सति । एताणि चेव उप्पन्ननाणदंसणधरे अरहा जाव अयं सव्वदुक्खाणमंतं करेस्सति वाण वा करेस्सति। ७५५. दस दसाओ पन्नत्ताओ, तंजहा कम्मविवागदसाओ, उवासगदसाओ, अंतगडदसाओ, अणुत्तरोववातियदसाओ, आयारदसाओ, पण्हावागरणदसाओ, बंधदसाओ, दोगिद्धिदसाओ, दीहदसाओ, संखेवितदसाओ। कम्मविवागदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा मियापुत्ते त गोत्तासे, अंडे सगडे ति यावरे । माहणे णंदिसेणे त, सोरिय त्ति उदुंबरे । सहस्सुद्दाहे आमलते, कुमारे लच्छती [ति] त ॥१६८|| उवासगदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा - “आणंदे कामदेवे त, गाहावति चुलणीपिता। सुरादेवे चुल्लसतते, गाहावति कुंडकोलिते। सद्दालपुत्ते महासतते, णंदिणीपिता लेतितापिता" ||१६९|| अंतकडदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा -" णमि मातंगे सोमिले, रामगुत्ते सुंदसणे चेव । जमाली त भगाली त, किंकसेविल्लते ति त || फाले अंबठ्ठपुत्ते त, एमेते दस आहिता" ||१७०|| अणुत्तरोववातितदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा इसिदासे य धण्णे त, सुणक्खत्ते कत्तिते ति त । संठाणे सालिभद्दे त, आणंदे तेतली ति त ॥ दसन्नभद्दे अतिमुत्ते, एमेते दस आहिया ॥१७१|| आयारदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा वीसं असमाधिट्ठाणा, एगवीसं सबला, तेत्तीसं आसायणातो, अट्ठविधा गणिसंपता, दस चित्तसमाधिट्ठाणा, एगारस उवासगपडिमातो, बारस भिक्खुपडिमातो, पज्जोसवणाकप्पो, तीसं मोहणिज्जट्ठाणा, आजाइट्ठाणं । पण्हावागरणदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा उवमा, संखा, इसिभासियाई, आयरियभासिताई, महावीरभासिताई, खोमपसिणाइं, कोमलपसिणाइं, अद्दागपसिणाई, अंगुठ्ठपसिणाई, बाहुपसिणाई। बंधदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा बंधे य, मोक्खे य, देविड्डि, दसारमंडले ति त, आयारियविप्पडिवती, उवज्झातविप्पडिवत्ती, भावणा, विमुत्ती, सातो, कम्मे । दोगेहिदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा वाते, विवाते, उववाते, सुखते, कसिणे, बायालीसं सुमिणा, तीसं महासुमिणा, बावतरिं सव्वसुमिणा, हारे रामगुत्ते त, एमेते दस आहिता । दीहदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा चंदे, सूरे त, सुक्के त, सिरिदेवी, पभावती, दीवसमुद्दोववत्ती, बहुपुत्ती मंदरे ति त, थेरे संभूतविजते, थेरे पम्ह, ऊसासनीसासे | संखेवितदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा खुड्डिया विमाणपविभत्ती, महल्लिया विमाणपविभत्ती, अंगचूलिया, वग्गचूलिया, वियाहचूलिया, अरुणोववाते, वरुणोववाए, गरुलोववाते, वेलंधरोववाते, वेसमणोववाते । ७५६. दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणीए। दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो उस्सप्पिणीए।७५७. दसविधा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा अणंतरोववन्ना, परंपरोववन्ना, अणंतरोगाढा, परंपरोगाढा, अणंतराहारगा, परंपराहारगा, अणंतरपज्जत्ता, परंपरपज्जत्ता, चरिमा, अचरिमा । एवं निरंतरं जाव वेमाणिया। चउत्थीते णं पंकप्पभाते पुढवीते दस निरतावाससतसहस्सा पन्नत्ता १ । रयणप्पभाते पुढवीते जहन्नेणं णेरतिताणं दस वाससहस्साई ठिती पन्नत्ता २ । चउत्थीते णं पंकप्पभाते पुढवीते उक्कोसेणं णेरतिताणं दस सागरोवमाई ठिती पण्णत्ता ३ । पंचमाते णं धूमप्पभाते पुढवीते जहन्नेणं नेरइयाणं दस सागरोवमाइं ठिती पण्णत्ता ४ । असुरकुमाराणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई ठिती पण्णत्ता, एवं जाव थणियकुमाराणं १४ । बादरवणस्सतिकातिताणं उक्कोसेणं दस वाससहस्साइं ठिती पन्नत्ता १५ । वाणमंतराणं देवाणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई ठिती पन्नत्ता १६ । बंभलोगे कप्पे उक्कोसेणं देवाणं दस सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता १७ । लंतते कप्पे देवाणं जहन्नेणं दस
सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता १८।७५८. दसहि ठाणेहिंजीवा आगमेसिभद्दगत्ताए कम्मंपकरेंति, तंजहा अणिदाणताते, दिट्ठिसंपन्नत्ताते, जोगवाहियत्ताते, खंतिखमणताते, का जितिदियताते, अमाइल्लताते, अपासत्थयाए, सुसामण्णताते, पवयणवच्छल्लयाते, पवयणउब्भावणताए । ७५९. दसविहे आसासप्पओगे पन्नत्ते, फु तंजहा इहलोगासंसप्पओगे, परलोगासंसप्पओगे, दुहतो लोगासंसप्पओगे, जीवितासंसप्पओगे, मरणासंसप्पओगे, कामासंसप्पओगे, भोगासंसप्पओगे,
555555555555555555555 श्री आगमगणमंजषा - १७५५55555555555555555OLORI
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(३) ठाणं
१०.अ. दसवाणं [७८]
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लाभासंसप्पओगे, पूयासंसप्पओगे, सक्कारासंसप्पओगे । ७६०. दसविधे धम्मे पन्नत्ते, तंजहा गामधम्मे, नगरधम्मे, रट्ठधम्मे, पासंडधम्मे, कुलधम्मे, गणधम्मे, संघधम्मे, सुतधम्मे, चरित्तधम्मे, अत्थिकायधम्मे । ७६१. दस थेरा पन्नत्ता, तंजहा गामथेरा, नगरथेरा, रट्ठथेरा, पसत्थारथेरा, कुलथेरा, गणथेरा, संघथेरा, जातिथेरा, सुतथेरा परितागथेरा । ७६२. दस पुत्ता पन्नत्ता, तंजहा अत्तते, खेत्तते, दिन्नते, विन्नते, ओरसे, मोहरे, सोडीरे, संवुड्ढे, ओववातिते, धम्मंतेवासी । ७६३. केवलिस्स णं दस अणुत्तरा पन्नत्ता, तंजहा अणुत्तरे णाणे, अणुत्तरे दंसणे, अणुत्तरे चरित्ते, अणुत्तरे तवे, अणुत्तरे वीरिते, अणुत्तरा खंती, अणुत्तरा मुत्ती, अणुत्तरे अज्जवे, अणुत्तरे मद्दवे, अणुत्तरे लाघवे । ७६४. समतखेत्ते णं दस कुरातो पन्नत्ताओ, तंजहा पंच देवकुरातो पंच उत्तरकुरातो । तत्थ णं दस महतिमहालया महादुमा पन्नत्ता, तंजहा जंबू सुंदसणा, घाततिरुक्खे, महाघाततिरुक्खे, पउमरूक्खे, महापउमरुक्खे, पंच कूडसामलीओ। तत्थ णं दस देवा महिड्डिता जाव परिवसंति, तंजहा अणाढिते जंबुद्दीवाधिपती, सुंदसणे, पियदसणे, पोंडरीते, महापोंडरीते, पंच गरुला वेणुदेवा १०।७६५. दसहि ठाणेहिं ओगाढं दुस्समंजाणेज्जा, तंजहा अकाले वरिसति, काले ण वरिसति, असाधू पुजंति, साधू ण पुज्जंति, गुरुसु जणो मिच्छं पडिवन्नो, अमणुण्णा सद्दा जाव फासा । दसहि ठाणेहिं ओगाढं सुसमं जाणेज्जा, तंजहा अकाले ण वरिसति, तं चेव विवरीतं जाव मणुण्णा फासा। ७६६. सुसमसुसमाए णं समाए दसविधा रुक्खा उवभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, तंजहा मत्तंगतात मिंगा, तुडितंगा दीव-जोति-चित्तंगा। चित्तरसा मणियंगा, गेहागारा अणितणात ॥१७२।। ७६७. जंबूदीवे दीवे भरहे वासे तीताते उसप्पिणीते दस कुलगरा होत्था, तंजहा - "सयज्जले सताऊ य अणंतसेणे त अजितसेणे त । कक्कसेणे भीमसेणे महाभीमसेणे त सत्तमे" ||१७३|| दढरहे दसरहे सतरहे || जंबूदीवे दीवे भरहे वासे आगमेसाते उसप्पिणीए दस कुलगरा भविस्संति, तंजहा सीमंकरे, सीमंधरे, खेमंकरे, खेमंधरे, विमलवाहणे, संमुती, पडिसुते, दढधणू, दसधणू, सतधणू। ७६८. जंबूद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं सीताते महानतीते उभतो कुले दस वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा मालवंते, चित्तकूडे, बंभकूडे जाव सोमणसे । जंबुमंदरपच्चत्थिमेणं सीतोताते महानतीते उभतो कूले दस वक्खारपव्वता पन्नत्ता, तंजहा विज्जुप्पमेजाव गंधमातणे। एवं धायइसंडपुरत्थिमद्धे वि वक्खारा भाणियव्वा जाव पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धे । ७६९. दस कप्पा इंदाहिट्ठिया पन्नत्ता, तंजहा सोहम्मे जाव सहस्सारे, पाणते, अच्चुए। एतेसुणं दससु कप्पेसु दस इंदा पन्नत्ता, तंजहा सक्के, ईसाणे जाव अच्चुते। एतेसिणं दसण्हं इंदाणं दस परिजाणिता विमाणा पन्नत्ता, तंजहा पालते, पुप्फतेजाव विमले, वरे, सव्वतोभद्दे। ७७०. दसदसमिता णं भिक्खुपडिमा एगणे रातिदियसतेणं अद्धछटेहिं य भिक्खासतेहिं अधासुत्ता जाव आराधिता वि भवति । ७७१. दसविधा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तंजहा पढमसमयएगेदिता, अपढमसमयएगेदिता, एवं जाव अपढमसमयपंचेंदिता । दसविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा पुढविकातिता जाव वणस्सतिकातिता, बेतिदिता जावपंचेदिता, अणिदिता । अधवा दसविधा सव्वजीवा पन्नत्ता, तंजहा पढमसमयनेरतिता, अपढमसमयनेरतिता जाव अपढमसमयदेवा, पढमसमयसिद्धा, अपढमसमयसिद्धा। ७७२. वाससताउयस्सणं पुरिसस्स दस दसाओ पन्नत्ताओ, तंजहा - "बाला किड्डा मंदा, बला पन्ना य हायणी। पवंचा पब्भारा, मुंमुही सातणी तधा' ॥१७४।। ७७३. दसविधा तणवणस्सतिकातिता पन्नत्ता, तंजहा मूले, कंदे जाव पुप्फे, फले. बीये। ७७४. सव्वातो विणं विज्जाहरसेढीओ दस दस जोयणाई
विक्खंभेणं पण्णत्तातो। सव्वतो वि णं अभिओगसेढीओ दस दस जोयणाई विक्खंमेणं पण्णत्तातो। ७७५. गेवेज्जगविमाणा णं दस जोयणसयाइं उड्डेउच्चत्तेणं के पण्णत्ता । ७७६. दसहि ठाणेहिं सह तेतसा भासं कुज्जा, तंजहा केति तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासातेज्जा, से य अच्चासातिते समाणे परिकुविते तस्स तेतं
निसिरेज्जा, सेतं परितावेति, सेत्तं परितावेत्ता तामेव सह तेतसा भासं कुज्जा १ । केति तधारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासातेज्जा, से य अच्चासातिते समाणे देवे म परिकुविए तस्स तेयं निसिरेज्जा, से तं परितावेति, सेत्तं परितावेत्ता तामेव सह तेतसा भासं कुज्जा २ । केति तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासातेज्जा, से यम
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________________ GRO%%%%%%%%%%%%% (3) ठाणं १०.अ. दसवाणं [79] 听听听听听听听听听听听听听听听CN C虽明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐乐乐东5 म अच्चासातिते समाणे परिकुविते, देवे वि त परिकुविते, दुहतो पडिण्णा तस्स तेतं निसिरेज्जा, ते तं परितावेत्ता तामेव सह तेतसा भासं कुज्जा 3 / केति तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासादेज्जा, से य अच्चासातिते परिकुविते तस्स तेतं निसिरेज्जा, तत्थ फोडा संमुच्छंति, ते फोडा भिज्जति, ते फोडा भिन्ना समाणा तामेव सह तेतसा भासं कुज्जा 4 / केति तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासातेज्जा, से य अच्चासातिते देवे परिकुविते तस्स तेतं निसिरेज्जा, तत्थ फोडा तहेव जाव तामेव सह तेतसा भासं कुज्जा 5 / केति तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासाएज्जा, से त अच्चासातिते परिकुविए देवे य परिकुविए, ते दुहतो पडिण्णा, ते तस्स तेतं निसिरेज्जा, तत्थ फोडा संमुच्छंति, सेसं तहेव जाव भासं कुज्जा 6 / केति तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासातेज्जा, से त अच्चासातिते परिकुविते तस्स तेतं निसिरेज्जा, तत्थ फोडा संमुच्छंति, ते फोडा भिज्जंति, तत्थ पुला संमुच्छंति, ते पुला भिज्नति, ते पुला भिन्ना समाणा तामेव सह तेयसा भासं कुज्जा 7 / एते तिण्णि आलावगा भाणितव्वा 9 / केति तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासातेमाणे तेतं निसिरेजा, सेत तत्थ णो कमति णो पक्कमति, अंचिंअंचिं(अंचिअंचिं ?)करेति, करेत्ता आताहिणपयाहिणं करेति, करेत्ता उर्ल्ड वेहासं उप्पतति, उप्पतेत्ता से णं ततो पडिहते पडिणियत्तति, पडिणियत्तेत्ता तमेव सरीरगमणुदहमाणे अणुदहमाणे सह तेतसा भासं कुज्जा जहा वा गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवे तेते 10 / 777. दस अच्छेरगा पन्नत्ता, तंजहा . "उवसग्ग गब्भहरणं, इत्थीतित्थं अभव्विया परिसा / कण्हस्स अवरकंका, ओतरणं चंदसूराणं'||१७५|| "हरिवंसकुलुप्पत्ती, चमरुप्पातो व अट्ठसतसिद्धा / अस्संजतेसु पूआ, दस वि अणंतेण कालेणं" // 176 / / 778. इमीसे णं रयणप्पभाते पुढवीते रतणे कंडे दस जोयणसताइं बाहल्लेणं पन्नत्ते / इमीसे णं रयणप्पभाते पुढवीते वतिरे कंडे दस जोयणसताई बाहल्लेणं पण्णत्ते / एवं वेरुलिते 1, लोहितक्खे 2, मसारगल्ले 3, हंसगन्भे 4, पुलते 5, सोगंधिते 6, जोतिरसे७, अंजणे 8, अंजणपुलते 9, रतते 10, जातरूवे 11, अंके 12, फलिहे 13, रिढे 14 / जहा रयणे तहा सोलसविधा वि भाणितव्वा / 779. सव्वे विणं दीवसमुद्दा दस जोयणसताइं उव्वेहेणं पण्णत्ता / सव्वे विणं महादहा दस जोयणाई उव्वेहेणं पण्णत्ता / सव्वे विणं सलिलकुंडा दस जोयणाइं उव्वेहेणं पण्णत्ता। सीतासीतोतातो णं महाणतीतो मुहमूले दस दस जोयणाइं उव्वेहेणं पण्णत्ताओ। 780. कत्तियाणक्खत्ते सव्वबाहिरातो मंडलातो दसमे मंडले चारं चरति / अणुराधानक्खत्ते सव्वभंतरातो मंडलातो दसमे मंडले चारं चरति / 781. दस णक्खत्ता णाणस्स विद्धिकरा पण्णत्ता, तंजहा मिगसिरमद्दा पुस्सो, तिन्नि य पुव्वाइं मूलमस्सेसा / हत्थो चित्ता य तधा, दस विढिकराइं णाणस्स // 177 / / 782. चउप्पयथलचरपंचेदियतिरिक्खजोणिताणं दस जातिकुलकोडिजोणिपमुहसतसहस्सा पण्णत्ता। उरपरिसप्पथलचरपंचदियतिरिक्खजोणिताणं दस जातिकुलकोडिजोणिपमुहसतसहस्सा पण्णत्ता। 783. जीवा .णं दसठाणनिव्वत्तितेपोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसुवा 3, तंजहा पढमसमयएगिदियनिव्वत्तिए जाव अपढमसमयपंचेदियनिव्वत्तिए। एवं चिण उवचिण बंध उदीर वेय तह णिज्जरा चेव / दसपतेसिता खंधा अणंता पण्णत्ता, दसपतेसोगाढा पोग्गला अणंता पण्णता, दससमतद्वितीता पोग्गला अणंता पण्णत्ता, दसकुणकालगा पोग्गला अणंता पण्णत्ता, एवं वन्नेहिं गंधेहिं रसेहिं फासेहिं, दसगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता / / || दसट्ठाणं समत्तं // छ। समत्तं च ठाणमिति // 555 GO步明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐明明明明明明明明明明劣明明明明明明明明明明明明明明感 (D Education international 2010-03 Holidata-LDoconoLLOnly wwwjainelibrary xerc $ $$$$$$$$$ // श्री आगमगुणमंजूषा - 177 155 5 5555555HONOR