Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Part 02 Sthanakvasi Author(s): Sudharmaswami, Hemchandraji Maharaj, Amarmuni, Nemichandramuni Publisher: Atmagyan Pith View full book textPage 6
________________ समर्पण जिन की साधना की निर्मल पवित्र ज्योति जन-मन में व्याप्त अज्ञान, कषाय के अन्धकार को दूर करने में सतत प्रज्वलित रही जिनकी समता, फक्कड़पन और त्याग भावना हजारों श्रद्धालुओं के मन को अभिभूत किया, उन स्थविरपद भूषित परम श्रद्ध य, तपोयोगी स्वामी श्री जयरामदासजी महाराज की पावन-स्मृति में सविनय, सभक्ति -अमर मुनि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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