Book Title: Adhyatmagyan Praveshika
Author(s): Atmanandji Maharaj
Publisher: Shrimad Rajchandra Sadhna Kendra Koba

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Page 29
________________ अध्यात्मज्ञान-प्रवेशिका ज्ञान (ज्ञानमार्ग) है ऐसा जानो । प्र. ५ : सच्चा ज्ञान हुआ है यह कैसे ज्ञात हो ? उ. ५ : जिसे सच्चा ज्ञान प्रगट हुआ हो उसकी वृत्ति बाह्यमें जाती हुई रुके, संसारकी प्रीति सचमुच कम हो, सत्य को सत्य जाने, जिसके द्वारा आत्मामें गुण प्रगट हों उसका नाम ज्ञान । ऐसा जीवन बने तो समझना कि ज्ञान प्रगट हुआ है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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