Book Title: Adhyatmagyan Praveshika
Author(s): Atmanandji Maharaj
Publisher: Shrimad Rajchandra Sadhna Kendra Koba

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Page 39
________________ अध्यात्मज्ञान-प्रवेशिका प्र. ७ : समाधिमरणका फल क्या है ? उ. ७ : मरण साधककी वास्तविक परीक्षा है । यदि समाधिमरण न हुआ तो, साधना मुख्यरूपसे निष्फल गई - ऐसा जानना। समाधिमरणसे रत्नत्रयको अन्य भवमें भी साथ ले जाया जाता है, जिससे सद्गति सहित अल्पकालमें मोक्षकी प्राप्ति होती है । ऐसे समाधिमरणके लिए योग्य पूर्वतैयारियाँ और सतत सत्पुरुषार्थ कर्तव्य है । ** Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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