Book Title: Adbhut Nityasmaran
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 457
________________ आचार्य गुण माला भ जो पिता म ण पा इच्छित फल पा व पु ण्या ई का था क मा क. हे क में दू में कु मि के प्रमो द दा प रा म डी इ. प्र म क घ र स क ष्ट ट ल स ब त त न क र स र म ति पा वे 2 रू प क व ढे लेखक | मुनि गजेन्द्र (सारोठ) पी लो अ मृ भू से जा म मि गु रू. ती ई स ए या र न्हा ते क्र र ह द ध सी रख इस दो के र 8 के र ता है की ती क ह [1] व पू. 04 वि अरू र ज कूं वि आ व सुधा से वा जी हो ल रा र तेरे गुण पूज्य श्री में गुण पणा मेरे अ म णा वा र अगाध अ त झ र पू पु ज द. 1 श्री या में की न मु रू सु धा र शि व मा ज ब ता था प भु दि ल टा का हो सु रच शा ता खु के भागथाज पर अविला री नो था विश्व की च अ म प अ प रा स य स ध ह र ले ता २ र है ता ६ ते व्र का र तिमि कल्प वृक्ष धिन्ता म गु रु की म हो मा से मु धपि त ज त्रिह र मि देख ब्रा प हूँ णि से अ था न रा मा पा पत्र पा ता है र का ज हो वे Q व व जी ओ व की मि त्या घ ज ब रं त म म घ म दा धा रो सु रच सा से जा जा जी का र्ण ज्ञा जी का 4 क ति धा से पा व ना आ जं र का री ह मो अ में श्री श्रद्धा से हो तो स र स ज न क त्तका की र्ति र य न का र का ता र जाता है स युक्तं मु क्त र हे क है तत्र नि की का ज जी का ना ॐ भु जि प्रकाशक त क्या सु रक र वे म हो 12 मुख एक जवान, वालकर शरणम शोध करो कम्माण |

Loading...

Page Navigation
1 ... 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478