Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 223
________________ 9. 130. 173. 304. 320. 344. 376. 391. 564. 6. 10. 30. सक्ति का अश उड् अहे तिरियं च । उपाध्यायान् दशाचार्य: । उग्गं महव्वयं बंभं । उलूक- काक- मार्जार । कसं जणं मं । उद्देसो पासगस्स नऽत्थि । उट्ठिए नो पमायए । उड्ढं सोया अहे सोया । उपदेश: शुभो नित्यं । एक रात्रौषितस्यापि । एयं खु णाणिणो सारं । एगग्गचित्तेणं जीवे । 41. 61. 62. 87. 94. 174. एवं धम्मंपि काउणं । 175. 251. 286. 306. 326. 346. 371. उ एगे मरणे अंतिम सारीरियाणं । एगे अहमंसि, न मे अत्थि कोइ । गागिणमेव अप्पाणं । ए एवं धम्मं अकाऊण । एगे मोक्खे | गोऽहं न त्थि मे कोइ । एक भक्ताशनान्नित्य । एसा जिणाणआणा । एवं उवट्टियस्सवि आलोए उ । अभिधान राजेन्द्र कार 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 6 43 251 295 510 724 732 743 748 1191 3333 34 43 एत्थ मोहे पुणो पुणो सन्त्रा । एस वीरे पसंसिए । एत्थवि बाले परिपच्चमाणे । अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6 • 215 83 108 127 127 137 137 295 295 431 457 510 727 733 742

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